00:00करीब 15,500 करोड रुपए की हेरा फेरी में फंसे संदेशरा ब्रदर्स के खिलाफ
00:05E.D. और C.B.I. के जो मामले चल रहे थे उसमें सुप्रिम कोट से उन्हें जबरदस रहात मिली
00:10और इस रहात के बाद एक और नई चर्चा शुरू हो गई है जब विजय मालिया
00:14ऐसे ही मामलों में जो भारत में फ्रॉड करके विदेशों में चले गए हैं
00:18इन आरोपों के आरोपी विजय मालिया ने भी लिखा कि उन्होंने ट्वीट किया है
00:23और ये कहा है कि ऐसी ही अपॉर्चनेट जब उन्होंने सुप्रिम कोट के दरवाजे खट-कटाए थे
00:27तो उन्हें ऐसी रहात नहीं मिली जैसे संदेशरा ब्रदर्स को मिली है
00:30ऐसे कई सारे अक्यूज हैं जो आरोपी हैं जो यहां पर भारत में जिन्होंने गपले गोटा ले कियो
00:37और हजारों करोड रुपे के गपले गोटा ले करने के बाद वो फर हो गई यानि विदेश चले गए
00:41और वहां से अब वो रहात भरी उम्मीदों से सुप्रिम कोट की और देख रहे हैं
00:45हलाकि सुप्रिम कोट ने अपने जज्जमेंट में साफ कहा है कि ये संदेशरा बरदर्स के मामले तक ही सीमित है
00:50इसे प्रिसिडेंट ना माना जाए लेकिन क्या यहां पर आने वालों की लाइन नहीं लग जाएगी
00:57और हमारे खानून के नज़रिये में इस जज्जमेंट के बाद आगे क्या हो सकता इसका इसका असर कैसा हो सकता इस बारे में हम बात करें
01:05सुप्रिम कोट में वकील खानून के जानकार आरके सिंग जी हमारे साथ है
01:09सिंग साहब इसका सीधा सीधा असर क्या होगा
01:12क्या विजय मालिया जिस तरह से ट्वीट कर रहे हैं
01:15तो क्या निरो मोदी, विजय मालिया, ललित मोदी
01:17ये सारे लोग क्या सुप्रिम कोट का दर्वाजा खट-खटा सकते हैं
01:20कि उन्हें भी ऐसी ही रहात दी जाएं
01:22इस देश के हर प्रबुद नागरिक के दिमाग में ये बात आ रही थी
01:26कि इस जेज्मेंट के बाद ऐसा कुछ होगा
01:28तो अगर विजय मालिया ने ऐसा ट्रीट किया है
01:31तो ये कोई अतिशोक्ती नहीं है
01:33ना बहुत सर्प्राइज होनी की ज़रत नहीं है
01:35और बाकी जो 14 फ्यूजिटिव हैं
01:38जो फैनेशल फ्यूजिटिव हैं भागे हुए हैं
01:40वो आज ने तो कल वो भी इसी टाइप की बात करने वाले हैं
01:43क्योंकि जब ये जज्मेंट आया सुप्रिम कोर्ट का
01:45तो मैं ये नहीं बोलूँगा कि
01:47जो लॉयर्स थे या जो प्रबुद्द लोग हैं पड़े लिखे लोग हैं
01:52जो जज्मेंट के कॉंसेक्वेंस को समझते हैं
01:55वो शॉक्ड हो गया है
01:57हाँ लेकि वो सर्प्राइज जरूर थे
01:58वो सर्प्राइज जरूर थे
02:00क्योंकि एक नया क्रिमिनल जुर्स्पूर्टिंस
02:01क्रेट किया जा रहा है इस जज्ज्मेंट के थो
02:03और जो इसकी
02:06मतलब पैर भी कर रहे हैं
02:08इस टाइप की जज्ज्मेंट के हुए कहते हैं कि
02:09हम ग्रोइंग एकॉनमी हैं
02:12और ग्रिंग एकॉनमी में पैसा कमाना
02:14और डूपते वे पैसे को निकालना
02:16हमारा प्राइमरी कंसर्ण होना चाहिए
02:18तो उसी के तहत आप देखिए
02:2014,000 करोड लेकर के
02:22दो फ्यूजिटिव
02:22इस मुल्क को 2017 में छोड़के भाग गए
02:25अब उस 14,000 करोड से
02:28पता नूनों कितने हजार करोड बनाए होंगे
02:30अब जब उन पर प्रेशर बड़ा अजेंसी का
02:34तो अजेंसियों ने उनके बहुत सारी संपतियां
02:36बिदेशों में और इस मुल्क में
02:37सीज कर दी
02:39वो कोड में आते हैं
02:42वो कहते हैं साहब कि हम
02:43पांच हजार एक सो करोड देने के लिए तयार है
02:46प्रीज आप ले लीजे और हमें बरी कर दीजे
02:48और यूनिन ओफ इंडिया कहता है कि भाई
02:51ये दौर जो है पैसे
02:53से इमान खरीदने का दौर है
02:56तो हम ऐसा करते हैं कि
02:58पैसा डुबा हुआ पैसा ऐसे भी डुबा हुआ था
03:00हम इसको ले लेते हैं
03:02और इनके अगेंस में जो भी चार्जेज उसको हम ड्रॉप कर देते हैं
03:05अब ये अजीब सी बात हो गई
03:07ये हमारे पूरे क्रिमिनल जूरिस्पूडेंस को उल्टा कर देने के बराबर है
03:12हमारा जो क्रिमिनल लॉइ है
03:14वो कहता है कि
03:15रिट्रिब्यूटिव नहीं हो आची है
03:17बदला नहीं लेना है
03:18हमें रिस्टोरेटिव होना है
03:20उसको स्थापित करना है
03:21और हमें उस पे दुश्मनी नहीं साधनी है
03:25तो आप एक किस तरीके से उसको रिस्टोर कर रहे हैं समाज में
03:28और जिस तरीके का आपने ये फैसला दिया है
03:34वो फैसला दो तुनी चीजों को बहुत परिशान करेगा
03:36इस मुल्क में प्ली बारगेनिंग का एक प्रोविशन है
03:39लेकिन प्ली बारगेनिंग इतने बड़े ओफेंस के लिए होगा
03:42ये किसी ने नहीं सोचा था
03:44यहां पे प्ली बारगेनिंग के तुट पुझिया अपरादों के लिए प्ली बारगेनिंग है
03:49प्ली बार्गेनिंग इस मैमेथ अपराट के लिए नहीं है
03:51क्योंकि किर्मिल जुरुस्पूडेंस में डिटरेंस बहुत इंपॉर्टेंट है
03:54तो इस टाइप के आप जज्जमेंट्स दे कि उसको डिटर नहीं कर सकते हैं
03:59क्योंकि कल को कोई दूसरे जो फिजिटिव हैं
04:01वो आके बोलेंगे ये सहाब हमारे चेहरे में इसी कौन सी धूल जमी हुई है
04:04हम भी दुबारों समाज में रिस्टोरिटिव होना चाहते हैं
04:08हम भी पैसा देने के लिए तयार हैं
04:11और आपने उस जज्जमेंट को उन लोगों तक फिक्स किया है
04:14लेकिन हम में सही कौन सी बुराई है
04:17हम भी तो पैसा ही लोटाने के लिए आ रहे हैं
04:19तो फिर आप क्या कहेंगे उनको मना कर देंगे
04:21नहीं कर पाएंगे
04:22क्योंकि जूडिशल मॉरालिटी भी एक बात कहती है
04:25कि जो एक्जूज है
04:26जबकि जूडिशल प्रिंस्पल से वो कहते हैं
04:31कि अपराद के दुनिया में राइट ओफ एक्वालिटी नहीं चलता है
04:34ये कोई अपरादी क्लेम नहीं कर सकता है
04:37साहब कि उसको आपने ये सुविदा दी ती तो मुझे भी दीजिएगा
04:40लेकिन एक जूडिशल मॉराल वैल्यू का परादी का भी एक राइच होता है
04:44वह आके कहता है कि साहब जूडिशल मॉरालिटी को वोक करके
04:47कम से कम हमें वो भी तो सुविदा दे दीजिए जो आपने उनको दिया है
04:50तो फिर वैसे वक्त में इस इंस्ट्यूशन के लिए बात एक मुस्किल का सबब बन जाएगा
04:56या फिर यह भी हो सकता था कि आप एक बड़ी किस्त आप दे दें और बाकी किस्तों में चुकाएं और उस नहीं चुकाएंगे तो आपके खिलाप पिर कारवाई हो तो यह भी अभी आपने एक तिहाई पैसे कहें कुछ दिन के बाद ऐसी सिच्वेशन आई गया बोलेंगे
05:2624 साल के प्राक्टिस में मैं नहीं देख पाया था ऐसा मैंने नहीं सोचा था मैं मैं जानता हूं कि हमारी जूडिशरी इवाल्फ करती है लेकिन ऐसे इवाल्फ करना है मुझे मेरे यह से वकीलों को तोड़ा वक्त लगेगा समझने में यानि इस फैसले ने एक बड़ी चर
05:56करोड के घोटा ले करके फुर रोकर विदेश चले गए हैं क्या वो भी ऐसी ही मांग करेंगे हला कि सुप्रिम कोट ने यह तैय कर दिया है कि यह सिर्फ इसी मामले के लिए है लेकिन अब लोग यह भी सवाल उठा सकते हैं सिर्फ इसी मामले के लिए सिमित क्यों तो क्या �
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