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  • 4 days ago
RELOS डिफेंस एग्रीमेंट: भारत-रूस के बीच हो गया दुनिया को झकझोर देने वाला समझौता!
 

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00:00जो R���os समझोटा है इसे जो रूस की संसद है Duma उसने कल पास कर दिया है और इसके बाद अब ये समझोटा प्रभाव में आ गया है
00:09इससे भारत को जो फाइदा मिलेगा इस रेलो समझोते से कि भारत की जो रीच है वो आर्क्टिक जो रुषियन आर्क्टिक शेत्र है उसमें और बढ़ जाएगी
00:25ये रेलो समझोता है भारत और रूस के बीच में जो हुआ है इससे जो भारत का आल वेदर फ्रेंड है रूस उससे हमारे डिश्टे में मजबूत होंगे और बहतर होंगे
00:40नमस्कार दोस्तों आज बात करेंगे एक इंपोर्टन डेवलप्मेंट पर और वो डेवलप्मेंट ये है कि भारत और रूस के बीच में एक डिफेंस समझोता रेलोस समझोता हो गया
00:56तो आईए विस्तार से इसको जानकारी प्राप्त करते हैं और जाननी कुशिश करते हैं कि आखिर ये समझोता क्या है और इससे पहले जो भारत और अमेरिका के बीच में हुआ था लेमुआ समझोता उसमें और इसमें क्या अंतर है इससे भारत को क्या फायदा होगा और दो
01:26इस समझोते को हाला कि किया गया था 18 फरवरी 2025 को लेकिन अब तक ये रूसी संसर्थ से प्रतिक्षा कर रहा था उसके पास्क होने की जो कि कल हो गया है तो अब इस समझोते कि क्या प्राओधान इसका क्या मतलब है पहले वो देख लेते हैं तो देखिए रेलोस का पूरा आर्
01:56अब गस्ते के जो सन हवाइड हैं उनका इस्तमाल कर सकती है मिलेटरी बेस का इस्तमाल कर सकती है बंदर गाहों का
02:19इसके अलावा शांति और युद्ध के समय दोनों देश एक दूसरे की जो सन फैसलिटी हैं
02:26कर सकते हैं joint military exercise के समय भी दोनों देश एक दूसरे के
02:31military exercise का इस्तुमाल कर सकते हैं इस से भारत को जो फाइदा मिलेगा इस
02:35प modelo समझे वारत की जो रीच है वो आर्क्टिक जो रशियन आर्क्टिक शेतर है उसमें और बढ़ जाएगीजीच और
02:43रूस को क्या फायदा होगा तो रूस को जो इंडियन ऑशन है उस शेतर में भाता रूस की भी पहुँच बढ़ जाएगीच और
02:50इन्त इस समझवते से दोनों देशों के सम्मंदे भी बहुत।
02:54अब हम देखते हैं कि आखिर्ष भारत ने जो 2016 में अमेर्का के साथ लेमुआ समझवता किया था वह क्या है।
03:02तो पहले तो हम देखते हैं फुल फॉर्म क्या है लेमुआ की तो लेमुआ की फुल फॉर्म है लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेवुरंडम ऑफ एग्रिमेंट यह भारत और अमेरिका ने वर्ष 2016 में किया था इसमें भी लगभग आल्मोस्ट सिमलर सी ही सुविधाय मिलती हैं �
03:32ले सकते हैं तो इस तरह के आल्मोस्ट सिमलर सा ही एग्रिमेंट है लेमुआ भी जो भारत ने अमेरिका के साथ 2016 में किया था और रेलोस अभी अभी यह पास हुआ है दिसंबर में यानि जब पुतिन भारत आएंगे आज तब यह समझोता पूरी तना से प्रहा में आ जाए
04:02टक्नीकी रूप से उसमें सुविधाय दी गए हैं जब कि जो रूशी वेलोस समझुता है यह ज्यटा लॉजिस्टिक बेस है मतलब लॉजिस्टिक पर ज्यादा इसमें फोकस किया गया है तो इस तरह से
04:13सब्सक्राइब अगर हम इस पस्ट रूप से समझें तो इस लेम हुआ
04:23समझोते से भी और अगर हम यह समझोते की भी बात करें तो दोनों से भारत की जो रीच है वो लगबग पूरी
04:32दुनिया में के में हो जाती है इस तरह से एक नदे म्राट से चरह वहां का पांच लीच हो जाएगी
04:494199 सब्सक्राइब हो और सबसे बड़ाई चीज है कि शॉलता है जो भारत का ऑल वडिन है
04:56रूस उस से हमारे रिष्टें में वहने मजबूत होंगे और बहतर होंगे तो कि ने मुआ के बाद भी भारत औरूस भारत और अमेरिका के बीच वह ट्रस्ट डेवलप नहीं
05:05हुआ उस तरह का ट्रस्स डेवलप नहीं हुआ तो इस तरह से अगर हम कुल मिलाके के इस policiesign
05:15देखें, तो रेलो समझोता भारत रूस के संबंदों को बहतर करेगा, अच्छा करेगा, भारत की आर्टिक शेतम है, रीच बढ़ाएगा, और सबसे बड़ी चीज है कि भारत को अभी जिस तरह से अमेरिका, पाकिस्तान की तरफ जुका हुआ दिख रहा है, उस बहतर संबं�
05:45इन सब परिस्तिती में भारत को एक विश्वशनी दोस्त के रूप में रूस के साथ भारत के संबंद और बेटर हो।
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