00:00और विपक्षी बीज तक्रार का एक और मुद्धा पीमो के नाम में बदलाव भी है पीमो का नया नाम सेवा तीर से रख दिया गया है विपक्षी कह रही है कि नाम बदलने से क्या होता है
00:08नाम बदलने का शौक किसी को रहा है रिकार्ट किसी ने बनाया है तो मोदी सरकार ने
00:15सलकों के नाम भावनों के नाम और यह छोड़िये जो सरकारे गई हैं उनकी योजनाएं तक्की हुए है नाम बदल दिया है
00:29तो एक नाम बदलने का शौक, मैं इतनी कह सकता हूँ, सिर्फ नाम ना बदला जाए, कुछ काम बदला, आपको कौन साधिकार है, कि इसे लोग भामन बनाएं या सेवातीर्थ भामन बनाएं?
00:46सदन के अंदर आये थे तो माथा टेका था, और अपने को सेवक कहा था, शौकिदार कहा था, लोगों ने गाली भी दी, लेकिन देश ने गले लगाया, आज दुनिया में भारत दोनों तरफ से बढ़ रहा, बिरासत भी और विकास भी आज उचाई पर जा रहा है,
01:15आज जो नामा करन है, ये भारत की अस्मिता के साथ है, भारत के बिरासत के साथ है, और भारत के विकास के साथ है.
01:30जैसे राजपत से कर्टब्व्य पत्की जो यात्रा है अब वो सेवा तीर्थ तक पहुंच चुकी है जो यह सावित करती कि भारत का लोकतंत्र अब सत्ता के प्रदर्शन से उपर उठकर सेवा का प्रतिक बन गया है यह बदलाव हमें याद दिलाता है कि हर सज्द कारी संस्�
02:00आखिर सेवा तीर्थ नाम रखा गया सेवाएं क्या हुई सवाल यह है सवाल यह है कि 2014 में जर्मानी परदान मंतिजी ने इस दफ्तर को समाला था उस समय डॉलर के मकाबले पे रुपए की हैसित क्या थी और आज क्या है सवाल यह है उस समय महगाई के नाम पर डीजल पेट
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