00:00अक्षा अनुसंधान विकास संगठन ने तेजस विमान के पाइलिट के आपातकाली निकास सीट का सफल परिक्षिन किया
00:06चंडीगर्ड में ये परिक्षिन किया गया जो पूरी तरह से सफल रहा है
00:10चंडीगर्ड की टर्विनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लिबाटरी और तेज रफ्तार में दौरती ये रॉकेट स्लेच
00:34यही वो जगए है जहां डियाडियों ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया
00:38पलग जपकते ही रॉकेट में आग लगती है और पाइलेट हवा में उड़ जाता है
00:53लडाकु विमान में अगर कोई इमर्जेंसी हो तो पाइलेट सुरक्षित कैसे निकले ये उसी का सफल परिक्षण है
00:59आपात काली निकास के सिती में पाइलेट की जान बचाने वाले एसकेप सिस्टम को
01:08800 किलोमेटर प्रति घंटा रफ्तार से परिक्षण किया गया और ये परिक्षण पूरी तरह से सफल रहा
01:14रख्षा छेतर में आदम दिलवर्ता को लिएक डियार्टियों ने एक नई उड़ान भरी है जब किसी लड़ा कुलमान में किसी अमर्जनसी के दौरान अगर पाइलेट को जेक्षन करना होता है उस दौरान जो जेक्षन सीट या सूट होता है वो अभी तक भारत विदेश
01:44जोकेट स्लेड टेस्ट किया गया उसमें आट सो किलोमेटर की रफ्तार का यह सफर टेस्ट रहा है और भारत उनकुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास इस तरह की तक्नीक है कि जब किसी लाकुमान में उडान के दौरान अगर को इमर्जनसी के दौरा
02:14इस रॉकेट स्लेड परिक्षण का मकसद होता है असल उडान जैसी परिस्थितियां तयार करना जहां तेज रफ्तार हवा का दबाव और जटके सब कुछ वैसा ही होता है जैसा पाइलिट को किसी आपात स्थिति में जेरना पड़ता है
02:27DRDO की ये टेस्टिंग इसलिए भी एहम है क्योंकि ये स्वदेशी तक्रीक ना केबल एरफोर्स के मौझूदा बेड़े की सुरक्षा बढाएगी बलकि भविश्य के लवाकू विमान कारिक्रम जैसे तेजस MK2 और AMCA के लिए भी बेहत कार्जर साबित होगी
02:44रक्षा विश्यशग्यों की माने तो मौझूदा वैश्विक मानकों के स्तर पर इतनी सटीक गती नियंतरण वाली स्लेज टेस्ट सीमित देशों के पास है
02:53भारत का ये परिक्षण बताता है कि हम न केवल आत्म निर्भर हो रहे हैं बलकि हार्ड एंड एविएशन सेफटी टेक्नॉलोजी में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल होते जा रहे हैं
03:03डियाडियो की सुपलब्दी से भारतिये पालिटों की सुरक्षा में एक और मजबूत परत जूड़ गई है
03:12अगले चरण में इस सिस्टम को अलग-लग उचाई, तापमान और वायू दबाव की परिस्तित्यों में भी परिक्षणों से गुजारा जाएगा
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