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5 Real Churail Horror Stories – True Scary Encounters You Won’t Forget
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00:00असलामलेकम मेरा नाम है अद्नान और मैं आपलों की भीजी कई होरर स्टोरीज को नरेट करता हूँ
00:06अगर आप भी मुसे अपनी स्टोरीज शेयर करना चाहते हैं
00:08तो डिस्क्रिप्शन में एक वाटस अप नमबर है और एक एमेल अडरस है
00:11अपनी स्टोरीज लिख कर या वाइस मेसिज के जरीए मुसे शेयर का सकते हैं
00:14मैं बैस स्टोरी सेलेक करके उस पर नरेट कर दूँगा
00:16चलते हैं आची स्टोरीज के तरफ
00:18स्टोरी शुरू करने से पहले आयतल कुरसी का सार कर लें
00:20क्योंके का जाता है जब हम इन मखलुकात का जिकर कह रहे होते हैं
00:24तो ये बड़े इंटरस्स से हमारे करीब आचाती है
00:26और अपनी बाते सुनने लगते हैं
00:28आपको डर ना लगए आयतल कुरसी पढ़ लें चलते हैं अपनी स्टोरीज के दरू
00:31असलाम लगवदान भाई कैसे हैं उमीद खैरियत से होंगे
00:43मेरा तालुख अजाद कश्मीर से मैं अपना नाम नहीं बताऊंगा
00:47क्योंके मेरे बहुत से जाने वाले हैं आपकी स्टोरी सुनते
00:50मैं आपको जब आपके 15 सबस्क्राइबर थे तब से सुन रहा हूँ
00:55अब मेरा फर्जी नाम रख सकते हैं
00:58अद्दान भाई स्टोरी थोड़ी लॉंग होगी और ये मेरी जिन्दी के कुछ सचे वाग क्या था
01:02अब चलते हैं स्टोरी की तरफ
01:04इस्टोरी आज से तीन साल पहले की है जब मेरे वाली साब की वफात को छे महीने हुए थे
01:10अब हम वाकेंट में रहते हैं और मेरे तमाम सुनने वालों से गुजारिश है
01:15इस्टोरी में खुद को तसवर करके सुने
01:18मेरे वाली साब हमारे गाओं के इज़त और वकार वाले आदमी थे
01:22मतलब गाओं के फैसले वगारा करते थे
01:25उनकी वफात के छे महीने बाद गाओं के एक आदमी ने खुदकुशी की
01:30जिसकी विज़ा से हमें अज़ाद कश्मीर अपने गाओं जाना पड़ा
01:34वहां जनाजा वगारा पढ़ने के बाद मैंने फैमली को वापिस भेश दिया और खुद वहां रुक गया
01:39एक तो गाओं माले मिलने आ रहे थे
01:41दूसरा पसल कटाई का वक्त था
01:44तो मैंने सोचा चलो एक ही दफ़ा सब काम खतम करके वापिस जाओंगा
01:48तीन दिन गुजरे जिसाथ में ने खुदकुशी की थी वो प्रोफेसर थे
01:52तो उनके भाई और गाओं के कुछ लोगों ने एक मीटिंग रखी
01:56जाहरा मेरे वाली साब गाओं के बड़े थे तो गाओं के लोगों ने मुझे भी बुलाया
02:01वहाँ जो मीटिंग थी वो उस बंदे के डिलेटर थी जिसका कतल हुआ था
02:05उसने हुदकुशी नहीं की थी
02:06वो एक खुशमिजाज इंसान था
02:09सब अपनी अपनी राय देने लगे
02:10और वे फैसला ये हुआ कि पुलीस के साथ मिलकर
02:13इस हुस्टल जिदर उसने हुदकुशी की थी
02:16वहाँ जा कि जायजा लिया जाए
02:18और मामले की तहकी की जाए
02:20और उन्होंने मुझे से बूला कि अभी साथ चलेंगे
02:23खैर केस के जो मामलात होते हैं वो हुए
02:26और हम सुमवार वाले दिन सुबह दस बज़े निकल पड़े
02:29अब जब मैं अपनी गाड़ी लेकर निकला
02:31मुझे घर से निकलते ही तबियत अजीब सी हो गए
02:33और ऐसा कभी मेरे साथ नहीं हुआ था
02:36खैर मैंने इसे इगनूर किया
02:38और इनके भाई और तीन बंदे मेरे साथ थे
02:40हम निकल पड़े
02:41जब आप पहुँचे तो इस हॉस्टल वाली बिल्टिंग को देकर
02:44खौफ आ रहा था
02:46वो जगा दिन में सुरज की रोशनी से भी
02:48अंधेरी राच ऐसी लग रही थी
02:51मैंने दिल में सोचा
02:53इधर किसी ने हुदकुशी की है
02:54इस वज़े से मुझे भी खौफ आ रहा होगा
02:57जब हम अंदर गए पुलीस वालों ने एपनी रिसर्च शुरू कर दी
03:00और मैं एक साइट पर होकर सीक्रेट पीने लगा
03:02वक्त गुजरता गया और रात के नो बच गया
03:05फिर उन्होंने बोला कि एक हिस्सा रह गया है
03:07वो चेक कर लें मुझे वाश्रूम आ गया
03:10तो मैं हॉस्टल वार्डन से वाश्रूम का पूच के साइट पर चल दिया
03:14वाश्रूम एक कोरे में थे
03:16सोरी मैं बताना भूल गया
03:18वो हॉस्टल बिलकुल खाली था
03:20किसी वज़ा से
03:21अब सीधा गुजर के मुझे वाश्रूम की तरफ जाने लगा
03:24और वहां से होकर मैं तंडी हवा का लुट लेते हुए
03:27सिगरेट पीने लगा
03:28अभी थावड़ी देर गुजरी ही थी कि
03:31मुझे खुश्बू आने लगी उदर रूम में से
03:33अदान भाई आप यकीन करें
03:34मेरी चकह आप भी होते तो आप उस खुश्बू के पीछे चल पढ़ते
03:38फिर मैं और डर किया
03:40कि हॉस्टल तो खाली है और ये खुश्बू समझ नहीं आ रहे
03:43फिर मैंने सोचा शायद कोई और सर हो या वार्डन
03:47मैं जाकर उससे खुश्बू का नाम बोचाता हूँ
03:50मैं उस तरफ चल पढ़ा
03:51जैसे जैसे मैं उस रूम की तरफ बढ़ रहा था
03:54मेरे दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी
03:56और मैं वहां पहुँचा ही था
03:58कि मुझे नीचे से आवाज आ गई
04:01कि चलो काम हो गया है
04:02मैं वापस चल पढ़ा
04:04मैं भी सीड़ों के पास ही था
04:06कि मुझे ऐसा लगा कोई उदर उस रूम से
04:09बाहर निकला है
04:11और मेरी तरफ आ रहा है
04:12मैं बहुँट डर गया
04:13और भाग के नीचे गाड़ी में मैट गया
04:16और गाड़ी स्टार्ट करके इनको बिठाया
04:18और वापस चल पढ़ा
04:19अब रास्ते में सब बात कर रहे थे
04:22कि क्या वज़ा हो सकती
04:23समझ नहीं आ रही
04:24अब अदनान भाई मुझे
04:25वो खुश्बू गाड़ी में भी आने लगी
04:27मैंने इग्नोर किया
04:29कि हो सकता है मेरे दिमाग में
04:31इस वज़ा से
04:32अब बात उस बंदे की चल रही थी
04:34यहां मैं बताता चलू जिस जगा उसने अटैम्ट किया था
04:37उसकी गले में रसी डाली
04:39वहां वो जगा ऐसी थी कि
04:40अराम से बंदे के पाउं समीन पन लग सकते थे
04:43मैं इक दिल में सोच रहा था
04:45अब हम एक जगा रुके चाय पी और वापस घर की तरफ रवाना हो गए
04:49मेरे पास हाई लग स्वीगो गाड़ी थी
04:51मैं बैक मिरर में देखता हूँ
04:53कि कोई पीछे केविन में बैटा हुआ है
04:55मैंने गौर नहीं किया
04:57मेरे सर में बहुत धर था
04:58मैंने सोचा शायद उन बंदों में से कोई हो
05:01फैर हम वापस पहुँच गए
05:02और उनको मैंने नीचे उतार दिया
05:04क्योंकि आपको पता है के कश्मीर एक पहाड़ी लाक है
05:07और वहाँ घर भी ऐसी तरह होते है
05:09उपर नीचे
05:10हमारा घर उपर टॉप पे था
05:11जहां रास्ता घूम के जाना पड़ता था
05:14मैं अब घर की तरफ चल दिया
05:16अब जैसे ही मैं थोड़ा आगे पहुँचा
05:18मुझे लगने लगा कोई और भी गाड़ी में मौशूद है
05:21अब मुझे बहुत डर लगने लगा
05:23मैंने आयतल कुरसी पढ़ी और गाड़ी में तिलावत लगा दी
05:27दान भाई तिलावत लगने की देर थी के
05:29गाड़ी की टेप बंदो गए
05:31और गाड़ी के पिछले तोनों टायर हवा में
05:34मैं बहुत डर गया
05:36मुझसे जितनी उची आवाज में आयतल कुरसी पढ़ी गई
05:39मैं पढ़ता रहा
05:41प्रे जैसे ही नॉर्मल हुआ
05:42मैंने गाड़ी जितनी तेज चला सकता था चलाई
05:44और जो लिंक हमारे घर की तरफ जाता
05:47वहां पहुँँच किया
05:48आगी कबरिस्तान था
05:49जैसे ही गाड़ी कबरिस्तान के बास से गुजरी
05:52तो मुझे फिर लगा गाड़ी में कोई दूसरा भी मौचूद है
05:56और मैं देखता हूँ पीछे वाली सीट पर कोई था
05:59मैं तुबार हाई तल कुरसी पढ़ी
06:01और फिर नॉर्मल हो गया सबकुछ
06:03मैं लाला करके घर पहुँचा
06:05आगे जो लड़का था जब हम वाकेंट होते
06:08वो पीछे घर और फसल की देख बाल करता था
06:11वो आ गया
06:12मैं डरा हुआ था उसको सारी बात बताई
06:14उसमें होसला दिया और मैं नॉर्मल हो गया
06:17तैसे फिर तीन चार दिन बुखार से बुरा हाल रहा
06:20फिर मैं ठीक हुआ तो दोस्तों ने मिल कर बुलाया
06:22क्या और नीचे दुकान पर कुछ बताते है
06:24अब जो लोग कश्मीर के मेरी स्टोरी सुन रहे है
06:28वो ये चीज अच्छी तरह समझ सकते है
06:30वहां लड़के मिल कर रात को खाना बनाते है
06:32आउटिंग भी करते है
06:34वहां बैठे बैठे रात काफी हो गई
06:36टाइम देखा तो एक बच रहे थै
06:38मुझे डर लग रहा था
06:40तो मैंने एक दोस्त को बोला
06:41तुम मेरे साथ मेरे घर चलो
06:42उसाथ चल दिया
06:44हम बाते करते करते पैदल जा रहे थै
06:46कि अचानक मुझे वास आई
06:48मेरे नाम पुकारता है
06:49इदर आओ
06:50उदर कहा जा रहे हो
06:52वास मेरे दोस्त की थी
06:54मैं उस साइड चल पढ़ा
06:55अभी दो कتم पीशे ही हुआ कि
06:58वास कबरिस्तान से आना शुरू हो गए
07:00ऐसे तीन चार दफ़ा हुआ
07:02मेरे साथ चो लड़का था उसने मुझे बोला
07:04ये नहीं हो सकता
07:06यह मामला कुछ और है
07:07इतनी दूर हमारा दोस्त एक दम कैसे आ जा सकता है
07:10कबरिस्तान से दूसरी जगा का फासला
07:13तकरीमन एक किलो मिटर था
07:14ये बात उसके बोलते ही
07:16हम भागना शुरू हो गए
07:17पीजे जद्नान भाई एक ही आवाज आ रही थी
07:20वो भी इतनी खौफनाक तरीके से
07:22के तुम कहां तक भागोगे
07:25हम आयतल कुरसी पढ़ते पढ़ते घर पहुंचे
07:27और पूरी रात वो जो कोई भी था
07:30बाहर आवाजें देता रहा
07:31कि दर्वाजा खोलो मैं तुम्हें खुछ नहीं कहूंगा
07:34उसकी आवाज इतनी खौफनाक थी
07:36हम पूरी राज जाकते रहे
07:38सो नहीं सके
07:39जैसी वजर की अजान होई
07:41खामोशी हो गए
07:42हम उठे नमाज पढ़ी और सो गए
07:45दिन को तकरीबन तीन बज़े मेरी आँख खुली
07:47उसके बाद फिर रात को बारा बज़े
07:49वही आवास कभी वो तरवासे को नौक करे
07:52कभी खिड़की को
07:53मैं और जो मेरा दोस्त था
07:55और जो लड़का घर का ख्याल रखता था
07:58हम तीनों ने फैसला किया
07:59कि एक दफ़ा देखें तो सही
08:01यह है कौन
08:02हमने हिम्मत करके दिल को मस्बूत किया
08:04और खिड़की से परता अटाया
08:06बाहर का मनज़र देखकर
08:07हम बहुत ढर गए
08:08बाहर कोई चीज जो सफेद रंग के कपड़ों में थी
08:12और वो हवा में उट रही थी
08:14हम में और हिम्मत नहीं हुई के कुछ करें
08:16सुबह होते ही
08:17मैं बाह केंट की तरफ निकल गया
08:19लेकिन उस चीज ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा
08:22वो उधर भी मुझे डरा थी
08:24कभी बातरूम के शीशे में खून लगा होता
08:27कभी मेरे रूम में बैटके नीचे
08:28किसी के रोने की आवास
08:30खैरत्दान भाई एक दिन मैं नॉर्मल शोरूम से
08:33घर की तरफ जा रहा था
08:34मैंने देखा कि मेरी गाड़ी के साथ
08:36कोई चीज हवा में उट रही है
08:38और वो इतनी बड़ी थी
08:39कि जहां तक मेरी नज़र चाती
08:41वहां तक वो नसर आ रही थी
08:42मुझसे गाड़ी आउट आफ कंट्रोल हो गई
08:45और मैं भी होश हो गया
08:46जब आँ खुली तो अस्पताल में था
08:48और एक ट्रक ड्रावर मुझे वहां लेकर गया
08:51जैसे तैसे करके मैं घर गया
08:53और सब बात बताई
08:54कि ये ये मेरे साथ हो रहा है
08:56तो घर वालों ने मुझे किसी आलिम के पास लेकर गए
09:00उधर उन्हें ताविज दिया और पीने और बांदे को बोला
09:03दो मुएने सब ठीक चलता रहा
09:05मुझे दोबारा किश्मी जाना बढ़ा
09:07किसी काम के सिलसले में
09:09वहाँ दो दिन तक सर्ब नॉर्मल
09:11फिर दोबारा वही एक्टिविटी स्टार्ट हो गए
09:14एक दिन जो सबसे ज़्यादा खौफनाग था
09:16मैं रात को सोया हुआ था
09:18कि मुझे लगा मेरे पास कोई है
09:20और मेरी आँख खुल गए
09:21जो मैंने देखा एक औरत जिसका चेहरा बिलकुल जला हुआ
09:26और उसके हाथ में गोश का बड़ा सा टुकड़ा
09:29जो बिलकुल मेरे उपर छुक के खा रही थी
09:32जैसी मेरी नजर उसमें मिली
09:34वो मुझे देख कर हसने लगी
09:35और बोलने लगी
09:37तुम्हें क्या लगा
09:38तुम्हें मैं छोड़ दूँगी
09:39तान भाई शायद ये सुनने में असान लग रहा हूँ
09:43लेकिन आप इसको इमेजिन करें
09:45और जो सुन रहे हैं वो भी
09:46मैं लिख रहा हूँ
09:48मेरे जैन में वो सीन दुबारा आ रहा है
09:50मेरी रूख आप कई है
09:51अचानक वो लड़का आ गया
09:53और वो चीज एक दम वहां से गायब हो गई
09:55मेरा जिसम जबान मेरा साथ नहीं दे रहे थे
09:58उसने मुझे हिलाया तो मैं होश में आया
10:01अब मुझे इस आलिम के पास दुबारा लेकर गया
10:03उसने उधर उस चीज को हाजर किया
10:06और पूचा क्यों तंक करी इसको
10:08तो उसने सारी बात बताए कि उस दिन
10:11ये उस हॉस्टल में गया था
10:13और उधर किसी के उपर मुझे पाबंद किया था
10:16लेकिन इसने वो बोतल खोल कर सारी मेहनत साया कर दी
10:20अब मैं इसको कभी नहीं छोड़ूँगी
10:22फिर सालिम ने एक तरीका बताया
10:24कि उस जगा से बकरा लो और उसका खून किसी बरतन में ढाल कर
10:28कही दूर रख तो
10:29हमने वैसा ही किया उसके बाद उसने तंक तो नहीं किया
10:32हाँ अगर मैं कोई तावीज वगरा
10:34या दम ना करवाओ तो मुझे जिसम में ऐसा लगता है
10:37कोई मार रहा है और अगर कोई तिलावत सुनू तब भी ऐसा ही होता है
10:40ये थी अद्धान भाई मेरी स्टोरी
10:42अगर आपको उपसंदायत हो
10:44अपने यूट्यूब चैनल पर लाजमी शेयर की जगा
10:46बहुत शुक्रिया आपने अपनी स्टोरी हमसे शेयर की
10:48बढ़ते हैं एक और स्टोरी की तरफ
10:50असलाम लेकिम भाई मेरा नाम ओनी है
11:01और मैं कराची में रहता हूं
11:03कानी शुरू करने से पहले मुझे कुछ बाते बताना जरूरी
11:06क्योंकि वो वाकिय से जुड़ी हुए है
11:08हुआ कुछ यूँ के मेरे सबसे छोड़े चचा जिनका नाम
11:12मैं यहां जाहर नहीं कर सकता
11:13उनका इंतिकाल 2011 में हुआ था
11:16उसक्स शायद मैं 5 ये 6 साल का था
11:19हम लोग पढ़ाने और हमारे हाँ
11:21फून थोड़ा गरम होता है
11:23गुस्सा भी जल्दी आता है
11:24मेरे वालिद भी उसी मिजाच के हैं
11:27और मेरे चचचा भी थे
11:28उनी चचचा ने हमारे घर की तीसरी मंजिल पर
11:31खुद को शूट कर लिया था
11:33उनकी लाज तकरिबन
11:3422 से 23 घंटे वहीं पड़ी रही
11:36गर में एक अंकल ने उपर जाकर देखा
11:40और फिर आकर बताया कि चचच पर कोई बेहोश पड़ा
11:43कुछ साल बाद 2020 में मेरे दूसरे चचचा की शाधी हुई
11:46उनका कमरा उसी तीसरी मंजिल पर बनाया गया
11:49जाएं वाक्या हुआ था
11:51शाधी खैरियत से हो गई
11:53लेकिन शाधी के एक दो हफते बाद
11:54एक अजीब वाक्या पेश आया
11:56मेरी चचची जिन्दाथ वगयरा से बहुत डरती थी
11:59एक सुबात अकरीबन 6 बज़े चचा
12:01दफ्तर चले गए और चचची कमरे में
12:03बेट पर लेटी हुई थी
12:04बेट के सामने ड्रेसिंग टेर्विल रखा था
12:07जिसमें आयने लगा था
12:09चची आँखे बंद किये सीधी लेटी थी
12:11जब इन्होंने आँखे खोली
12:13तो आयने के पास बेट के बराबर रखे
12:16आइरन स्टेंड के साथ एक लड़की को खड़ा देखा
12:19उसके बाल खुले हुए थे
12:21और वो आयने की तरफ मूँ किये खड़ी थी
12:24चेरा वास्या नहीं था
12:25पस पीट और बाल नजर आ रहे थे
12:27जची ने सोचा शायद वो मेरी मेहन है
12:29इन रदाएं तरफ करवट लेकर आँखे बंद कर ले
12:33थोड़ी दिर बाद उनकी आँख लग गई
12:35तकरीबें पंदरा बीस मिनट गुजर गए
12:38उन्हें एक लड़की के कहकी की आवास आई
12:41निन्वे आँखे खोली तो देखा
12:43उनके पाउं के पास
12:44बैट के कौने पर एक लड़की बैटी हुई है
12:47वो उनी की तरफ देखकर
12:49हस रही है और ऐसे हिल रही है
12:51जिसे बच्चे मुद्रिसे में हिलते हैं
12:54और इसके कपड़े भी बिलकुल
12:56वही थे जो चचची ने पहने हुए थे
12:57चचची के बकौल उनका गला
13:00बंद हो गया था
13:01वो चीखना चाहती थी
13:02लेकिन आवास नहीं निकल रही थी
13:04उन्होंने कलमा पड़ा
13:05और फौरन उठकर अब्बो और अम्मी के कमरे में जा पहुँची
13:08उन्होंने सारा वाक्या बताया
13:10तो वालदाया ने सोचा कि शायद नही है
13:12नया घर है शायद डर गई हो
13:13क्योंके वैसे भी
13:15वो इन चीज़ों से बहुत घबराती थी
13:17कुछ दिन सब बिल्कुल मामूल के मताबिक रहा
13:20फिर एक रात ऐसा हुआ कि जिससा नाइट शिफ पर थे
13:23और जची अपने कमरे में सो रही थी
13:25रात के दो से तीन बज़े के तरम्यान
13:28जची को ऐसा महसूस हुआ
13:30कि जैसे कोई बहुत बड़ा भारी वजूद
13:33बैट पर छलांग लगा कर आया
13:35पूरा बैट जोर से हिल गया
13:37जची खबरा कर उठी
13:39दर्वाजा बंद किया और कमरे से बाहर भाग गई
13:41वो आयतल कुरसी बैट कर पढ़ती रही
13:43थोड़ी दिर बाद कमरे के अंदर से किसी ने दर्वाजे पर दस्तक देना शुरू की
13:48जची ने कमरे की तरफ देखा तो दस्तक रुक गई
13:51तो थोड़ी दिर बाद थोड़ी जोर से दुबारा दस्तक हुई
13:54जची ने फिर कमरे की तरफ देखा
13:57तो दस तक जारी रही
13:58चची ने पूचा कौन है
14:02तो दस तक रुक गई
14:03और अचानक दर्वाजा अपने आप खुल गया
14:06चची ने अंदर देखा
14:07तो कोई नहीं था
14:08वो भागती हुई नीचे आई
14:10और दादी के कमरे में जाकर
14:12उनके साथ लेट गई
14:13वो फिर सो गई
14:14सोबा जब आँख खुली तो सब उनके बाज बैठे हुए थे
14:18चचा भी आ चुके थे
14:19चचा ने पूचा
14:21तुम क्या क्यूं सो रही थी
14:23चची ने सारा वाक्या बता दिया
14:26इसके बाद घर में और कमरे में पढ़ाई वगरा कराई गई
14:29तो सब मामूल के मताबिक हो गया
14:31फिर अक्तूबर दो हजार चुबिस में
14:34तुबारा वोही अरकाज शुरू हो गई
14:36इस बार चची को भी महसूस हुआ
14:39कभी अलमारी अपने आप खुल जाती
14:41पैसे गाइब हो जाते
14:43रात को तीन से चार के दरमयान
14:45किसी ने दरवादे पर दस्तक दी
14:47फिर चचा ने कहा कि
14:48हम दूसरे फ्लूर वाले कमरे में शिफ्ट हो जाएंगे
14:51चचा दूसरे फ्लूर वाले कमरे में शिफ्ट हो गया
14:54और तीसरे फ्लूर वाला कमरा
14:56तीन चार माँ से खाली था
14:57मैंने सोचा कि कमरा
14:59मैं अपने लिए सेट कर लेता हूँ
15:01क्योंकि कमरा नया नया बना था
15:02साफ सुतरा था और हाली में पूरे घर में नया पेंट हुआ था
15:06तो उस कमरे में भी करवा दिया था
15:08जब सचा वहां थे तो मैंने अपना कमरा सेट कर लिया
15:11नया बैड, नया टीवी और कुछ लाइटिंग भी
15:14मैंने बारा जनुरी को अपना कमरा सेट कर लिया
15:16सब ने मना भी किया लेकिन मैं इन चीजों से नहीं डरता
15:20मानता हूँ कि इन मखलुकात का कुरान में सिकर
15:23और ये वाकी होती
15:25लेकिन मैंने सूचा कि फिर भी अल्ला ने हमें अश्रफलमखरुकात बनाया
15:28और कमरा वगरा सेट करने के बाद सब मामूल के मताबग रहा
15:32अब जो दो हफ़ते से मेरे साथ जो कुछ हो रहा है
15:35इसके बाद मैं इस कमरे में नहीं चारा
15:37मेरे साथ ऐसा हुआ कि रात का खाना वगरा का कर कमरे में गया
15:41टीवी पर मूवी लगा कर बैट किया
15:43मेरे यादत है कि मैं पूरा अंधेरा करके सोता हूँ
15:46थोड़ी भी रोशनी होता हूँ मुझे नीन नहीं आती
15:48मैंने लाइट बंद की पर्दे लगा दिया और लेट किया
15:51रात के ग्यारा बच चुके थे मूवी भी खतम हो गई
15:55लेकिन मुझे नीन नहीं आ रही थी
15:57मैंने सोचा एक मूवी और देख लेता हूँ
15:59जब मैं दूसरी मूवी लगा रहा था
16:02कमरी के दर्वाजे पर दस्तक ہوई
16:04और दस्तक ऐसा था जैसे वाकिक कोई मौवी मॉझे नहीं आ उटकर दर्वा खोला
16:10लेकिन बहर कोई नहीं था
16:12मुझे लगा मेरा च्होटा भाई या च्होटी बहन शरारत कर रहा है
16:15मुझे डरा रहा है
16:17मैं वापिस दर्वाजा बंद करता हूँ
16:18लेकिन जैसे ही लेटता हूँ दुबारा दस्तक होती है
16:21मैंने फिर खोला कोई नहीं
16:24थोड़ा सा डर लगाल फिर दर्वाजा बंद करके पास खड़ा हुआ
16:27फिर जैसे ही दस्तक कोई फोरण दर्वाजा खोला
16:30दान भाई मेरी तो सांसे रुख गई थी
16:33जो मन्जर मैंने देखा
16:34मेरी कमर में एक सर्द लहर दोड़ गई
16:37मैंने देखा एक लड़की मेरे सामने खड़ी है
16:40और मुझे देख रही है
16:41उसको चेरा इतना खौफनाक था
16:43अस्तग्फिर ल्लाह
16:44और वो मुझे देखकर मुझकुरा रही है
16:46मेरे दर्वाजा बंद कर दिया
16:49लॉक किया लाइट साउन की
16:51और टीवी पर तेज आवाज में सूरा रहमान लगा दी
16:5415 मिनट बाद मैं कमरे से बाहर आया
16:56वो कोई नहीं था
16:58फिर उसके बाद वोई सब होता रहा
16:59दर्वाजे पर दस्तक होती रही
17:01मैं कोई रध्यमल नहीं देता
17:03कल ऐसा हुआ कि मैं अपनी पूरी रिजाई उपर ढखकर
17:06पंखा ओन करके लेटा हुआ था
17:08और रिजाई के अंदर फोन इस्तमाल करा था
17:11मुझे महसूस हुआ कि पंखा शायद बंद हो गया
17:13मैं रजाई से अपना मूँ निकालता हूँ
17:16और पंखा बिलकुल मेरे मूँ के सामने है
17:18तान भाई यकीन करें मेरे रॉंटे खड़े हो गया
17:21मैंने देखा वोही औरत पंखे से उल्टी लटकी हुई
17:24मुझे देख रही है
17:25मुझे लगा कि अब ये मुझे पर जपट पड़ेगी
17:28ये आमला करतेगी
17:29मैं अपना मूँ वापिस जजाई के अंदे करता हूँ
17:32और आयतल कुर्सी पढ़ना शुकर देता हूँ
17:34मुझे उस औरत की चीज़ सुनाई देती
17:36जैसे हूँ बहुत तकलीफ में हो
17:38और एक जोरदर धमागी की वाद आती
17:40मेरा अब इस तर पूरा हिल जाता है
17:42फिर सब आवाजें खतम हो जाती
17:43और सब मामूल के मताबिक हो जाता है
17:45मैंने अपना मुझ बाहर निकाला
17:47वो वहाँ से जा चुकी थी
17:49में उटकर लाइट्स अन करता हूँ
17:50पंका आउन करता हूँ
17:52तो पंका जोर जोर से हिलने लगता है
17:54मैं पंका आफ करके देखता हूँ
17:56तो उसका एक पंक टूटा हुआ था
17:58फिर लाइट बन करके नीचे आता हूँ
18:00और दादी के साथ सोता हूँ
18:02मैंने पंके की वीडियो भी बिनाई है
18:03जो मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ
18:05तो दोस्तों इस ताम स्क्रीन पर आपको एक वीडियो नज़र आ रही होगी
18:08ये इनकी तरफ से भेजी गई वीडियो है
18:10जो बकॉल इनक है कि जब वो चुडायल इस पर लटकी वी थी
18:15उसके बाद जो धमाका हुआ था तो ये पंक उसी की वज़े से तूटा था
18:19आगे की अपडेट मैं आपको देता रहूंगा
18:21अमीद है कि आपको मेरी स्टोरी पसंदाई होगी
18:23और आप अपने चैनल पर जरूर अप्लोड करेंगे
18:26अपना बहुत ख्यार रखिएगा
18:28अपने अपनी स्टोरी हमसे शेयर की
18:32बढ़ते हैं एक और स्टोरी की तरफ
18:33असलाम लेकि में अपनी नाम जाहर नहीं करना चाहती है
18:48इसलिए मेरा फ़र्जी नाम अरीज रख ले
18:50हम दो भाई और दो बेहने हैं
18:53हमारे घर में अक्सर चीज़ें अजीब तरह से गुम हो जाती है
18:56हम बार बार देखते हैं मगर वो चीज़ नहाजर नहीं आती
19:00फिर कुछ वक्त वाद वही चीज़ें उस जगह से मिल जाती है
19:03जिसे कभी गाय भी ना ही हो
19:05एक रोज मन धाजुद की नमास पढ़ने के बाद कुरान पाग पढ़ने लगी
19:09सरदी की विज़े से मैं अमी के कमरे में उनके पास ही बैटी थी
19:13अभी मैंने तिलावस शुरू की ही थी
19:15कि अचानक मुझे एक आवास सुनाई देने लगी
19:18ऐसी आवास जैसे बच्चों के खिलोनों से कोई खेल रहा हूँ
19:22वो टक टक जैसी आवास थी और मेरे बहुत करीब से आ रही थी
19:27मैं डर गई
19:27कुछ दे कुरान पढ़ा और फिर अमी के पास जाकर लेट गई
19:31सुबह जब अमी को बताया तो उनने खा
19:33अगर आज रात भी ऐसी आवास आई
19:35तो मुझे जगाते ना
19:37मैं वैसे भी थोड़ी डर पोकूँ
19:39जैसे बच्चों को लगता है कि वाश्रूम जाते वक्त कोई साथ हो
19:42तो बेहतर होता है
19:43वैसे ही अब मैं अपनी छोटी भेन को भी
19:46जबरदस्ती अपने साथ ले जाती है
19:48फैर अगली रात फिर वैसा ही हुआ
19:51मैंने अम्मी को चगाया तो उनने खा कि कुछ नहीं
19:54कोई आवास नहीं आरी
19:55लेकिन जैसी अम्मी उठी
19:57वो आवास अचानक बंदो कई
19:59खड़की के पास से वो आवास आ रही थी
20:02मकर उस वक्त वहां कि इस बच्चे का होना नामुम्किन था
20:06कुछ दिन बाद एक रात में मैं पढ़ाई कर रही थी
20:09मेरे जामा और कॉलिज दोनों के अम्तिहान खरीब थे
20:12इसलिए मैंने रात जाकर पढ़ने का राता किया
20:15मैं अबू के कमरे में चली गए
20:16क्योंके वो भी उस वक्त जाक रहते और मुबाइल देख रहते
20:20थोड़ी देर बाद वो सो कै
20:22मैं अभी सोने ही वाली थी कि अचानक मुझे लगा जैसे
20:26हमारे घर के साथ वाले घर से
20:28वो ही टक टक की आवास आ रही है
20:30अवास हलकी थी तो मैं उस तरफ जाकर लेट गई
20:34अब मैसूस हुआ कि अवास दिवार के उस पाहर से आ रही है
20:38अलगे उस घर में कोई चोटा बच्चा नहीं था
20:41अभी मैं वापस आई ही थी कि अचानक जूरतार आवास आई
20:44जैसे कोई भारी चीज गिरी हो
20:47मसलम बाइक
20:48अबू की जाक गए
20:49हमें लगा शायद भाई की बाइक गिरी है
20:52अबू फॉरान उटकर गए लेकिन वहां कुछ भी नहीं था
20:56सब कुछ ठीक था यकीन जाने
20:58अबूने का शायद बाहर से आवास आई हूँ
21:01मगर हमें यकीन था कि
21:02आवास हमारे घर के अंदर से आई थी
21:04अबदान भही ऐसा हो सकता है
21:06कि अतनी लौड आवास आए
21:08और कुछ गिरावा भी ना नज़र आए
21:10तो ये अजीब था
21:12मैं खामोश रही और वाबिस आकर सो गई
21:14उसके बाद अक्सर मुझे दिवार के अंदर से
21:17जीब सी होाजी आने लगी
21:18एक रात मैं और मेरी बैंट
21:20अपने कमरें में लेटे हुए थे
21:22वो मुबाइल पर ड्रामा देख रही थी
21:25हम दोनों को अचानक महसूस हुआ
21:27जैसे बिस्तर के पास कोई खड़ा है
21:29मुझे लगा शायद अबू आया हुँगे
21:31हमें सोने के लिए कहने
21:33मैंने फॉरन लाइट आन की
21:35मगर माँ कोई नहीं था
21:37वस्तिल हमें ऐसा महसूस हुआ जैसे
21:39खिड़की बार से सफेद रोशनी
21:41तेजी से गुजरी हो
21:43हम दोनों खौफ सदा हो गई
21:45और भाग कर अमी के पास चली गई
21:47अमी ने कहा शायद बास सड़क से
21:49कोई गुजराओ
21:50बाइक या गाड़ी की लाइट अंदर आ गई हो
21:52लेकिन हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा
21:55क्योंकि हमें यकीन था
21:56वो रोशनी आम रोशनी नहीं थी
21:58बलके कोई और चीज़ थी
22:00जो हमारे बिलकुल करीब से गुजरी थी
22:02कुछ दिन बात की बात है
22:04मैं और मेरी कजन जो मेरी तरह ही दिखती है
22:07एक ही कमरे में सो रहे थी
22:09सब लोग हमें अक्सर जोड़वा बेहने समझ लेते हैं
22:13क्योंकि हमारी चेहरे और अंदास बहुत मिलते हैं
22:16हम दोनों आपस में बहतरी इंदोस भी है
22:18रातों को हम अक्सर डौ़वनी फिल्में यह होर कहानिया देखते हैं
22:22और सुनते रहते हैं
22:23लेकिन उस रात
22:24ना हमने कोई फिल्म देखी ना कोई कहानी सुने
22:27बस इधर उधर की बाते करते हमें नीद आगई
22:31मैं गहरी नीद में थी कि अचानक मेरी खजन ने मुझे जोर से जिंजोडा
22:35पुटेरी हुई थी और बोली तुम मुझे क्यू तंग कर रही थी
22:39तुमने मेरी टांग जोर से खेची है
22:42मैं हरान हो गई और का
22:43मैंने तो कुछ नहीं किया
22:46अभी तुमने खुद मुझे उठाया
22:48वो नरहा सोकर चूप हो गई
22:50और फिर सो गई
22:51कुछ दिर बाद उसमें मुझे दुबार उठाया
22:54इस बार उसके चेहरे पर खौफ साफ नजर आ रहा था
22:57वो कांपती हुई बोली
22:59अरीज जब मैंने तुम्हारी सर्फ मुझ ए
23:02तो तुम मुझे इचीप तरह से
23:04मुस्कुरा कर देख रहे थी
23:05तुम्हारे चेहरे पर एक रोशनी थी
23:07और तुमने एक हाथ
23:09अपने सर पर और दूसरा चेहरे के पास
23:11रखा हुआ था
23:12मैंने तुम्हें हाथ लगाने की कोशिश की
23:14कि तुम्हें हिला दू
23:16मगर मेरा हाथ तुम्हारे चेहरे से यूं गुजर गया
23:19जैसे तुम वहाँ हो ही नहीं
23:21मैंने दुबारा कोशिश की
23:23फिर हो ही हुआ
23:24और जब मैंने दुबारा देखा
23:26तो तुम अपनी जगा सोई हुई थी
23:27इतने में फचर का वक्त हो गया
23:29मैंने का मुझसे मज़ाग मत करो
23:31तो वो रोने के करीब होकर बोली
23:33मैं सच कह रही हूँ
23:34और तुम्हारा दुबटा भी वो नहीं था
23:37जो तुमने अप पैना हुआ है
23:39बलकर तुमने हिजाब की तरह दुबटा ओड़ा हुआ था
23:42और तुम्हारे चेहरे पर इतनी चमक और रोशनी थी
23:44कि मैं तुमें साफ साफ देख सकती थी
23:46उसके चेहरे पर इतनी रोशनी थी
23:48कि मेरे कसन उसे असानी से देख सकती थी
23:51वो कहने लगी
23:52वो तुम ही थी एरीच
23:53फिर उस रात हमारा इराता था
23:55कि हम फजर की नमाज के लिए उठें
23:57हम दोनों अक्सर नमाज पढ़ने के बाद सोती थी
24:00इसलिए हमें लगा शायद उसी वज़ा से
24:03हमें सोने नहीं दिया गया
24:04हम दोनों ने नमाजे फजर अदा कि
24:07और पिर जाकर सो गए
24:08मेरी कजन के साथ एक मसला ये था
24:10कि वो अकसर डरी डरी रहती थी
24:12जब अम्मी को सारा वाक्या बताया
24:14तो उनोंने यही का
24:15शायद ये सब उसी के वहम की वज़ा से हुआ हूआ
24:19लेकिन सच तो ये है कि
24:20वो रात आज तक हमारी यादों में तासा है
24:22कभी कभी मैं अकेली सोचती हूँ
24:24क्या आखिर वो क्या चीज़ थी
24:25मैं एकसर दिन के बगद घर में अकेली रहती हूँ
24:27तब कभी कुछ नहीं होता
24:29पता नहीं वो सब क्या था
24:30कभी खुआप कभी है कीगत
24:32कुछ समझ नहीं आता
24:33एक बात जरूर बताना चाहूंगी
24:35हमारा चुग घर है
24:36उसमें हमसे पहले एक वारत अकेली रहती थी
24:38उसका कतल हुआ था
24:40लेकिन आज तक ये नहीं पता चला
24:42कि कातल कौन था
24:44काफिर से बात हमने वही घर खरीदा
24:47और उसे दुबारा तामीर करवा कर रहने लगे
24:50पता नहीं उस वाके का
24:52हमारे साथ जो कुछ हो रहा है
24:53उससे कोई तालुक है या नहीं
24:56लेकिन कभी कभी लगता है
24:57जैसे यहां पर कोई है
25:00अगर मेरी यह कहानी आपको पसंदाए
25:02तो बराय करम इसे अपने चैनल पर जरूर शेयर करे
25:05मैंने कोशिश की है कि
25:07सब कुछ साफ और सच्चाई के साथ बियान कर सकूँ
25:09हमारी फैमली की एक और कहानी भी है
25:12जो काफी तवीर है
25:13उसमें जिनात, काला जादू, हसल और कतल सब कुछ शामिल है
25:17हमारे बड़े और इस बारे में ज्यादा बात नहीं करते है
25:21मगर मैंने उन से बहुत कुछ कुछ सुनाय और कुछ अपनी आँखों से भी देखा
25:24मैं कोशिश करूंगी कि वक्त मिले वकानी भी आप तक बिंचाओं
25:29बहुत शुक्रे आपने अपनी स्टोरी हम से शेयर की
25:32बढ़ते हैं एक और स्टोरी की तरफ
25:33असलाम लेकिम आप कैसे हैं
25:45हमीद है आप खेरियत से होंगे
25:46और आपके आले खाना भी खेरियत सौंगे
25:48अद्दान भी में अमरा पर गया था
25:50वहां आपको याद रखा और दौाओं में शामिल किया
25:53अल्लापाक आपको बेश्मार कामियाबिया अता फरमाए
25:56जज़ा कर लाब बहुत शुक्री
25:58सीधा असल बात की दरफ आते हैं
26:00भाई पहले भी मेंने आपको बताया था
26:02हमारे घर में क्या क्या होता रहा है
26:04कैसे मेरा चोटा गजन फरिज के पीछे फ़स किया था
26:07और भी बिमार हो गया था
26:09एर उन सब वाकियात के कुछ ही इरसे बाद
26:11वे अपने दोस्त के साथ उम्रा करने चला गया
26:13मेरी वाँ मौझूदकी के दुरान पीछे घर मेरी वालदा के जिवरात गायब हो गए
26:17उन जिवरात की माल के तकरीवन बीस लाक रुपे थी
26:21अमी ने जब इसाब लगवाया तो
26:23मेरी खाला ने बताया ये सब उसी चीज़ का किया थरा
26:25जो हमारे घर के आखरी कमरे में रहती है
26:28और पिर कुछ दिन बाहत बार अब बिलवल के दिन
26:30अमी के कान से सोते हुए
26:32उनके सोने की एक बालिग गायब हो गई
26:35उसी तरह अबू की अजेब से एक लाग रुपे गायब हो गई
26:38अलागे वो वही रिकम थी जो
26:41अबू ने चंद घंटों बाद किसी को अदा करनी थी
26:44ये सब उसी चीज़ के काम है
26:46इन्शाला जल्द ही उसका बंदोबस हो जाएगा
26:49किल रात में बहुत स्यद्ध ठका हुआ था
26:51क्यूंकि कुछ काम के सलसले में आउट स्टेशन गया हुआ था
26:54इसलिए नीन भी अजीब सी हो रही थी
26:56मैं अचानक उठा कपड़े तबदील की
26:58और आकर सोफ़े पर बैट किया
27:00रात के तीन बज़ रहे थे
27:02मुझे महसूस हुआ कि मेरे कमरे में
27:04कोई हल चलो रही है
27:05एक अजीब सी कैफित थी जो
27:07सिर्फ महसूस हो रही थी
27:09नजर कुछ नहीं आ रहा था
27:12फिर मुझे लगा जैसे कोई मेरे पास
27:14से गुजरा है
27:15बहुत सर्द सी लहर्स महसूस हुई
27:17और अजानक यू लगा
27:19जैसे किसी ने मेरी टांग को पकड़ लिया
27:21और जलन शुरू हो गई
27:23जैसी मैंने फॉरन रियक्ट किया
27:25तो बाहर से मेरी बिल्ली भागती हुई
27:27कमरे में आई
27:28और मेरी गोद में चुप गई
27:30बिल्कुल ऐसी जैसे
27:31बहुत डरी हुई हो
27:33फिर उसके बाद मैंने कोई खास चीज नोट नहीं की
27:35लेकिन जब
27:36मैं सहर में गया और रोश्री मेरी टांग पर पड़ी
27:39तो देखा कि वहां बहुत सारा खून लगा हुआ है
27:42जैसे कोई गाड़ा सा जमाओ
27:44और इसके नीचे खून बहराओ
27:46मैं डर के अपनी पूरी बाड़ी चेक करने लगा
27:48तो वही खून मेरे कमर पर भी लगा था
27:51और इसी तरह मेरे बगल के खरीब भी
27:53मैंने फॉरन अम्मी को जगाया
27:55उन्होंने मेरा खून साफ किया
27:57मुझ पर दम किया और मैं लेट किया
27:59कुछ दिर बाद मैं दुबारा बाहर गया
28:01तो घर के पिछले हिस्से से
28:03कोई पूरी सी चीज चांकर
28:04मुझे देख रही थी
28:05उसका चेरा जुरियों से भरा हुआ
28:08और एक अजीब सी चोड़ी मुस्कुराट थी
28:11मैंने जटके से सर मोड़ा
28:12तो मेरे कान में एक भारी सी
28:14औरत की सरगोशी मुझी
28:16एक बार पीछे मुड
28:18मैंने तुझे देखना है
28:19एक बार इतरा जा
28:21मैं तुझे छोड़ूंगी नहीं
28:23फैर मैंने जोड से आहतल कुछ सी पढ़ना शूरू करती
28:26ताके मेरी हवाज वहां तक पहुँचे
28:28जहां वो दिवार के पीछे से जहां करही थी
28:30फिर मैं किचन में गया पानी पिया
28:33और जैसी बाहर निकला
28:34तो दिवार पर एक साय की शकल बने हुई थी
28:37जैसे कोई छुकी हुई कमर वाली ओरत
28:41खड़ियो
28:41और मेरा साया बिल्कुल उसके साथ हो
28:43वो मेरी तरफ बढ़ रही थी
28:45मैंने फौरण अपनी साइट पर देखा
28:47तो वहां कोई नहीं था
28:48और जैसे ही दुबारा दिवार की तरफ ड़़ डाली
28:51तो साया भी खाइब था
28:52मैंने फिर से आयतल कुरसी पढ़ना शूर कर दी
28:55और जो कलिमात आ रहे थे
28:57वो सब पढ़ता गया
28:59और अपने कमरे में आ किया
29:00मैं आकर लेट गया
29:02मेरे साथ मेरा ब्रदन लौ भी सो रहा था
29:04वो बिल्कुल बेखबर नीम में था
29:06मैंने उसकी तरफ से मूँ मोड़कर दूसरे रुख किया
29:09और अचानक मेरे सामने वो ही औरत का चेहरा था
29:12बहुत ही चोड़ी मुस्कुराट के साथ
29:14मेरी जिस्मानी हरकत रुख गई
29:16मैं बिल्कुल हिल ना सका
29:18वो मेरे कान के करीब आई और सर्गोशी में खा
29:21तू हमेशा बच जाता है
29:23और अब तू वहां से भी होके आगया है
29:27जहां से मैंने तुझे रोग रखा था
29:29लेकिन कब तक बचेगा
29:32मैंने ये सब अपनी अम्मी को बताया
29:35और फिर खाला को बताया
29:37वो कहने लगी कि आखें बंद करके
29:39मुझे सब दिख रहा है
29:51मगर फिर भी तंग घर थी
29:53अब इने का कि सबसे पहले इसका हलाज करेंगे
29:56और सबसे जरूरी ये है कि
29:57इसी घर में कैद किया जाए
29:59क्योंकि हम लोग चल्दी ही
30:00अपने नए घर में शिफ्ट होने वाले
30:02जो जेरे तामीर है ताकि ये हमारे साथ
30:05वहां ना जा सके
30:06खाला ने यहां तक बताया कि
30:07जब हम कराची गए थे तो वहां ठहरे थे
30:10वहां कितने कमरे थे
30:12उनमेंसे कितने बैट रूम थे
30:13और जब तक हम कराची में थे
30:15उनने हमारे पीछे पिंडी वाले घर में
30:18क्या-क्या नापाख रगतेंगी
30:19औरनिनी बातों के तकरीबने एक हफ़ते बाद मेरे असाथ भी वही वाक्एा दोबारा पेश आया
30:24मेराद के दो बचे ह-11 कबरिस्तान वाले सड़क से गुजरा था
30:29जो मेरा रोस का रासता है
30:31जैसे ही मैं कबरिस्तान के गेट के आगे से गुजरा
30:34तो मेरी बाइक ने जोर लेना शुरू कर दिया
30:36अलागे वो 300 CC है
30:38मगर मैं 120 की स्पीश से अचानक 90 पर आ गया
30:42जैसे बाइक पर कोई भारी वजन बैट गया
30:44और वो रफतार नहीं पकड रही थी
30:47पीछे से यूं महसूस हो जैसे कोई बैट गया हो
30:51जैसे कबरिस्तान खतम हुआ तो अचानक बाइक पर से वो भजन हट गया
30:55और एक दम जटके के साथ बाइक बंद हो गई
30:57मैंने स्टार्ट करने की कोशिश की
31:00वगर सेल्फ ही नहीं ले रही थी
31:01पूरी सड़क पर मैं केला खड़ा था
31:04बाइक बंद थी और सामने कबरिस्तान से
31:06अवाज से हा रही थी
31:08जैसे कोई हस रहा और मेरा मजाख उड़ा रहा
31:11खैर मैं बाइक को गसीट कर आगे
31:13पंप तक ले गया जो थोड़ा ही फासले पड़ता
31:15आप उचकर जैसी मैंने सेल्फ दी तो बाइक स्टार्ट हो गई
31:19मैं किसी तरह घर आ गया
31:20लेकिन इसके बाद वही सब कुछ हुआ
31:22जो मैंने उपर बेहान किया
31:24खैर अभी यह सब मामलाद चल रहे
31:26परशानिया बढ़ती जा रही है
31:28मैं कर्ज में भी डूब रहा हूँ
31:30अल्ला पाक पर एकीन है इन्शाला सब ठीक हो जाएगा
31:32अल्ला ताला असानी फर्माए
31:34बहुत शुक्रिया आपने अपनी स्टोरी हमें सेहर की
31:36बढ़ते हैं एक शॉर्ट स्टोरी तरफ
31:38मेरा तालुक उत्तर परदेश से है
31:49लेकिन मैं अपने गाओं का नाम जाहर ने करना चाहता
31:52मेरा नाम सेहवाग है
31:53मैं आपको एक सचा वाक्या सुनाना चाहता हूँ
31:56जो आज से तकी बें दो साल पहले पेश आया था
31:58हमारे गार बहुत खुश्चूरत और बड़ा है
32:01लोग हमारे इज़त करते हैं
32:02और अबू पत्रों के काम का कारोबार करते है
32:05हम तीन भाई और दो बहने
32:07ज़्यादा वक्त ज़्या किया बग्यार
32:08आपको असल कहानी सुनाता हूँ
32:10दो साल पहले हमारे घर में टीवी था
32:12एक दिन वो टीवी चलते चलते खराब हो गया
32:15अब उसे ठीक कराने के लिए दुकान पर ले गया
32:18दुकान वाले ने देखकर कहा कि ये टीवी अब ठीक नहीं हो सकता
32:22अब वोई खराब टीवी वैसे ही वापस घर ले आए
32:25उसी रात खाने के बाद सब लोग सो गए
32:27रात खरीपन डेड़ बजए मेरी आँख खुली
32:29मैं वाश्रूम किया जब वापस आया तो अदनान भाई आप यकीन नहीं करेंगे
32:34वोई खराब टीवी हमारे घर में चल रहा था
32:37मैंने ये मनजर देखा तो मेरे हाथ पाउँ कामने लगे
32:40वजी डर की बात एक थी कि उस टीवी के सामने एक औरत पैटी हुई थी
32:45मुडर के मारे फॉरण बिस्तर पर जाकर लेड़ गया
32:48दुबारा उटकर देखने की हमत ना कर सका
32:51कुछी लंबे बाद है चाना पागलों की तरह चीकने चलाने की आवाजे आई
32:56जर्दी का मौसम था मगर मुझे पसीना आने लगा और गर्मी महसूस होने लगी
33:00उसी दुरान बावची खाने में बरतन गिनने और एक दूसरे से टकराने की आवाज आने लगी
33:05ऐसा लग रहा था जैसे घर के अंदर ड़ाई हो रही है
33:08लकिन उस वक्त खरके किसी भी फर्द की आँख नहीं खुली
33:12छोटा भाई मेरे साथ ही लेटा हुआ था और पहने अंदर वाले कमरे में सो रही थी
33:17में डर के मारे कुछ बोल ना सका
33:20जब सुबह होई तो मैं सब को बताना चाह रहा था
33:23लेकर अजीब सा खौफतारी हो गया
33:25और मैं जबान से कुछ बोल ना सका
33:27ऐसा लग रहा था जैसे मुझे रोक दिया गया
33:30कुछ दिन बाद फिर रात को जो मेरी आँख खुली
33:33मैं वाश्रूम के लिए गया तो कमरे से बाहर निकल दी
33:36मैंने देखा कि वावरत हमारे बरामदे में खड़ी है
33:40उसने परांदा पहना हुआ था और वो गोल गोल घूम रही थी
33:44जैसी मैं उसके करीब जाने की कोशिश करता हूँ अचानक खायब जाती
33:48सुब जब मैंने घरवालों को बताया तो किसी ने यकीन नहीं किया
33:52सबने कहा ही ये वहम है
33:53इसलिए मैंने आज तेंगे बात किसी को नहीं बताई
33:56मैं पिछले चार में�оль mommyसे आपकी कहानिा सुनता आ रहा हूं
34:00इसलिए आज हमत करके अपनी कहानिया आपके साद साrauen शेयर किये
34:03मेरी ये गुजारिश है कि आप ये कान ही अपने चैनल पर लाजमी शेयर कीज़ेगा
34:07बहु शुक्रिया आपने अपनी स्टोरी हमसे शेयर की
34:10तो दोस्तो ये थी मेरी आज की स्टोरीज बताइएगा
34:12कि इन में से कौन सी स्टोरीज थबसे ज़्यादा खौफनाक लगी आपको
34:16अपनी राय का इसहार कमिट में ज़रूर दीजेगा
34:19दोस्तो अमीद करता हूँ आज की स्टोरीज आपको पसंद आई होगी
34:21स्टोरीज पसंद आई हैं तो वीडियो को लाइक करना ना भूलेगा
34:23और अगर आप चैनल पे नहीं थे चैनल भी सब्सक्राइब कर लें
34:26बेल आइकन प्रेस करके और को नोटिफिकेशन ओन कर लें
34:28इसे आप मेरी यूटिव फैमली का हिस्सा बन जाएंगे
34:30मेरी स्टोरीज के नोटिफिकेशन आप तक पहुंचते रहा करेंगे
34:32अब ड़ा बहुत ख्यार रखीगा दौाओं में आद रखीगा
34:35मुझे दे इजाज़त मिलते हैं किसी और इंटरस्टिंग स्टोरी में
34:37अलाहाफिस
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