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  • 2 hours ago
દ્વારકા, જે ભગવાન શ્રીકૃષ્ણની પ્રાચીન નગરી તરીકે વિશ્વભરમાં જાણીતી છે, તેના ઇતિહાસ અને પૌરાણિકતાને સમજવા માટે ASIની આ કામગીરી ખુબ જ મહત્વપૂર્ણ ગણાય છે.

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00:00इसितर स्थास्कर के बहुत जिननक्स बाद मंदिर के बीनकुल नज्णिक डस 15 bonLE Schrite county similarly had
00:09और आगे की कार्य महीं क्या काम हूँ आगे की कारी वही क्या कामुई देखे गुज्रात में समुद्र के किनारे
00:16ुपरतविक महत्व है उतना ही एतिहासिक और पुरातत्विक महत्व है और इसकी प्राचिन्था को जानने के लिए लगभग 100 साल से ज्यादा से विद्वान लोग प्रियास करते रहे हैं
00:32साहित्य के आधार पर पुरातत्व के आधार पर पहले कई प्रियास हुए हैं लेकिन जितने भी प्रियास थे वो बहुत छोटे इस्तर पे बहुत लिम्टेट थे और 2005 से लेके 2007 तक भारती पुरातत्विक्षन की Underwater Archaeology Wing ने भी यहाँ पे कारे किये थे
00:52लेकिन वो एक बहुत सीमित छेत्र में थे और उनसे जो प्राप्त परियोजना के रूप में इस कारे को पराम्ब किया है
01:13जिसमें इस प्राचीन नगर का जो यह प्राचीन जमाव है उसकी प्राचीनता को जानना उसके अलावा समुद्र में जो अवशेश हैं पानी के अंदर उनको गोता खोरी करके उनका पूरा अध्यन करना
01:28और साथी बेटद्वारी का जो है वहाँ पर भी जो प्राचीन अवशेश हैं उनका भी विस्तरत रूप से अध्यन करना
01:35तो भारती पुरातत सर्वेक्षन की और से इन इस्थलों पर विवस्थित रूप से कारे किया जाएगा
01:42जिसे की यहां से प्राप्त प्रमानों को आपस में जोड कर इस इस्थल की प्राचीनता यहां पे प्राचीन काल की गतिविधियों को जानना और यह जो इस्थान है इसके महत्व को जो है जानने का यह प्रयास है
02:00यह एक विज्ञानिक और एकेडमिक एक्टिविटी है जिसमें हमारे आर्केलोजिस्ट हैं कई छेत्रों से आई हुए भारत भर के वो लोग यहां काम करेंगे पानी के अंदर जो हमारे गोता खोर हैं वो लोग और जो आधुनिक यंत्र हैं उन सभी की साहता से हम लोग यहां
02:30जो प्राचीन नगरी है वो एक एंशेंड माउंड के उपर बसी हुई है जो लगभग 10 मीटर उचा है तो हम लोगों ने जब पहला उत्खनन किया था वो मंदिर के बिलकुल प्रांगण में था और उसमें यह होता है कि जब आप उपर से खोथते हुए नीचे जाते हैं त
03:00विस्तत रूप से प्राचीन जो जमाव हैं उनका अध्यन किया जा सके और हम आभारी हैं इसके लिए कि महानिदेशक भारती पुरातत सर्वेक्षन के हैं यदुवीर सिंग रावज जी कि उनसे हमको पूरा सहयोग मिला और जो है जो शंकराचारिक जी का मठ है उनकी तरफ
03:30कितना समय लगेगा और उनसी टीम और कितने मेंबर्स लगे हुए गया जाता है और इसके बारे में कोई भी अनुबान लगाना संभव नहीं होता है क्योंकि ये निर्भर करता है कि उत्खनन में क्या अवशेश प्राप्त होंगे और वो किस प्रकार के होंगे
03:56लेकिन ये जो कार्य शुरू हुआ है ये एक परियोजना के रूप में है एक विशाल परियोजना और जब तक इसमें हम लोगों का जो उदेश है उनकी पूर्ती नहीं होती तब तक ये कार्य चलेगा
04:09Mool Roof
04:10Underwater Archaeology Wing
04:13Dillie
04:13That's why we have here
04:15But here we have here
04:17Rajkot Mandel
04:18That's why we have here
04:20That's why we have here
04:21The village of Patna
04:22That's why we have here
04:23Naakpur
04:24That's why we have here
04:25Dakshin Bhairat
04:26That's why we have here
04:26And
04:27Bharti Pratat
04:29Sarwakshanek
04:29Vishal Sanstha
04:30Which has every
04:326-3
04:33Vishyashagy
04:33That's why
04:34We will have here
04:36We will have here
04:38And
04:39Bharat bharat se
04:39Saree loog
04:41Ake
04:41Yahaan pe
04:42Is
04:42Joghjani
04:43Kadhyin
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04:44Who
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