Guru Tegh Bahadur: सिखों के नौवें गुरु, 'हिंद की चादर' श्री गुरु तेग बहादुर जी (Guru Tegh Bahadur Ji) का 350वां शहीदी दिवस (350th Shaheedi Diwas) पूरी दुनिया में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक मौके पर खालसा पंथ की जन्मस्थली श्री आनंदपुर साहिब (Sri Anandpur Sahib) में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। गुरु साहिब की शहादत को नमन करने के लिए संगत देश-विदेश से यहाँ पहुँच रही है। इस वीडियो (Video) में हम आपको श्री आनंदपुर साहिब में चल रही भव्य तैयारियों की एक झलक दिखाएंगे। 23 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक चलने वाले इन कार्यक्रमों की रूपरेखा क्या होगी, इसे विस्तार से समझाया गया है।
This video provides detailed coverage of the preparations at Sri Anandpur Sahib for the 350th Martyrdom Day (Shaheedi Diwas) of Guru Tegh Bahadur Ji. The special programs are scheduled from November 23rd to November 25th. Watch the full report to know about the religious events and arrangements made for the devotees.
00:00शिरी अनंद्पुर साब की धर्ती पर मौजूद है और भाई मती दास के परिवार की नौमी पीडी जो हमारे साथ मौजूद है वहेगुरू जी का खाल सा वहेगुरू जी की पते दास चरंजी सिंग परिवार पाई मती दास वंशच पाई परागा जी पाई परागा जी तो
00:30जहां हमें सिक्ख धर्म के अंदर जो उनको याद किया जाता है,
00:34ये हमारे सारे देश के अंदर याद किया जाना चाहिए,
00:37क्योंकि ये शहादते थी जिन्होंने भारत वर्ष की किस्मत लिखी,
00:41साल 1675 चांदनी चौंक की धर्टी ने उन शहादतों को देखा,
00:45जिनका दुनिया के इतिहास के अंदर, इंसानियत के इतिहास में जिन्हें सुनहरे अक्षरों के अंदर लिखा गया,
00:52जिस वक्त भारत वर्ष में औरंगजेव की जो कटर वादी नीतियां थी,
00:56यहां की सत्ता खत्रे में पड़ी हुई थी,
00:59ऐसे समय के अंदर धनगरू तेग बहादर सहाब जी ने भारत वर्ष के दबे कुचले हुए लोगों की बांख पकड़ी,
01:06इसमें एक बड़ा सुन्दर शेर किसी ने कहा है,
01:10उसने कहा है कि सिर दे के तरम बचावा अंगाम है,
01:14सिर दे के तरम बचावा अंगाम है,
01:17ताहियो पारत वर्ष दा बाग आज फल रहा है,
01:34लोगोरू तेग बहादर दा बल रहा है,
01:36बिल्कुल जी होना शहादानी जो चान्नी चोप पे जो वो शहादते हुए,
01:39उनकी बदूलत धर्मों की रकशा हुई,
01:42धन्गुरू गोबिन सिंग महराजी ने इन शहादूतों के वाज़ों उनके बचन थे तिलक जंजू राखा प्रब ताका कीनो बड़ो कलू मह साका साधन हेत इती जिनकरी सीज दिया पर सीना उचरी धन्गुरू तेग वहादर साफ जी के बचन थे की कल्यू के अंदर धरम क
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