00:00इस वक्त जैसे कि आप सब जानते हैं धर्मेंद्र देरल हमारे बीच में नहीं है और उनके सान जो है हमारे साथ तो आप सबसे पहले तुम जबने नाम अटाइए असुक सेनियों में और धर्मेंद्र जी कितने बड़े सान है अभी अगर उनसे कुछ नाता रहा है कुछ भी �
00:30मारते थे और रात में ठंडी में चले जाते थे फिर वह साब बागते आगे खर्चा बेचते थे उनको थोधरों काम मिला और काम बेंद्र सुपह मिलते थे उनको टायम पर तो साब आशक्रीम बहुत पसंद्धी और अपने मरुज़कों आशक्रीम कहाते थे और खुश रह
01:00कर दो कर � kah isона जानी जाना थे जाना घंडी और अपने अनकी फोधरों काशना थे और का अफ़े वह साथ अनकी गरमे काम किने IT कि तो
01:19कितने सालों कर देते मौल कर देते अपना आदमी है अपना दी काम को रोज खाने के कितने बड़े शौकिन थे भार का नहीं है
01:41अब जादा देते अब जादा लोगों को नहीं कि वह सबसे खुले दिल से मिलते हैं और मांसमात देते और यहीं जिंदिकी में
02:10और मतवेद नहीं है सबको जित देते हैं कापी जित देते हैं और रस्ता ही बताते हैं आगे का बीच में नहीं रहें क्या याद करेंगे और किस चीज को लेके सबसे ज़्यादा नहीं आद करेंगे अभी यहीं
02:40अभी इसाब नहीं है ऐसा तो अभी नहीं लग रहा है और यह लगेगा और मैं और मैं से निकल जाओंगा क्योंकि क्योंकि
02:47क्योंकि यहां रहेंगे काफी मुझे दुख होगा अब कुछ हम अब करेंजिंदी की कि अन्दी कि अलकी जिंदी कुछ आना साथ है राजस्तान जैपूर में आप क्योंकि यहां दुख ही होगा काफी काफी
02:57काफिक दुख्य वह लग रहा है कि सब अभी है देशल रहा है देशल पिछाइब बीदा हो गए और काफिक जादू थे युद्ट थे अनुकि टेव था और और पिचर में बहुत पिचर में उनके टाइल लोग हराम जाते तेमें तेरा उमें तरह फुन पीजाओंगा
03:23कोते ते यह अपलोब रहा है कापी तापी साप वह ऐसा लग रहा है साप कहीं तो कि अधरी खड़े हुए उपते ही मतरफ जादू था टैलेंट भोता असने का कैसे मुश्कराते कैसे थे कैसी चलते थे कैसे बैठते थे कुछ और लोगों में इतना रहा रही है नहीं है साथ क
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