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नई दिल्ली, 24 नवंबर 2025: भारत के रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने पाकिस्तान के सिंध पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “सीमा बदल सकते हैं… Pak को सोने नहीं देगी भारत।”

रक्षा मंत्री का यह बयान भारत की सुरक्षा और सीमाओं के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने सीमा सुरक्षा, देश की ताकत और रणनीतिक स्थिति पर भी जोर दिया।

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00:00बोली आयो लाल चो जे जूले लाल डाडो सुटो
00:07बिश्व सिंदू फाउंडेशन किया देक्स्री गुर्मुक्ष ज्यागवानी जी
00:17लोक्सवा सांसत और हमारे बहुत ही डाइनेमिक सांसत
00:21त्री शंकरलालवानी जी और डॉक्टर राजू मनमानी जी त्री बाउस्देव देवनानी जी
00:35कि स्पीकर त्री शंजी क्रिपलानी त्री भगवान्दाष जी श्रव्नानी त्री अशोग जी रोहानी त्री कुमार जी एलानी डॉक्टर पायल कुकरानी त्री किशौर अजमानी और यहां
01:01मौझूद अमरे शिंदी समाज के सभी सम्मानित बेहनों यों भाईयों
01:07बेहनों भाईयों जिस समय मुझे आमंत्रत किया गए इस कारक्रम के लिए
01:12तो मैं सच कहता हूँ कि मुझे बहुत खुशी हुई है
01:20सिंदी समाज का आज से नहीं वरसों से मेरा बहुती नजडी की रिष्टा रहा है
01:33अपना अपन का रिष्टा रहा है
01:36क्योंकि हमारा जो संसरीय नर्वाचन छेत्र है
01:41संसरी नर्वाचन छेतर लखनव में भी
01:43बड़ी संख्या में हमारी सिंधी समाज के लोग रहते है
01:46मैंने लखनव में देखा है कि
01:52जब भी कोई
01:54रास्ती अस्तर का कोई कालक्रम हो
01:57आयोजन हो
01:58अत्वा कोई अभियान हो
02:00बढ़ चड़कर उसमें अपनी भागीदारी
02:03कोई कोई सुनिश्चित करता है
02:04तो हमरे सिंधी समाज के लोग करते है
02:06आज मैं जब आप सब के वीच यहां पर खाड़ा हूँ
02:13इस मंच पर आते ही मुझे याद आई
02:17फ्रदे संथ
02:19आसुरा रामजी भाराज के
02:21हमारे लखनवों में रहते थे
02:24प्रायह मैं जाता था तो उनका दर्शन करता था
02:28लेकि वीडे काविधान है
02:31जो आया है
02:32उसे सरी त्यागना ही है
02:35अब वो हमारे बीच नहीं रहे
02:37मैं आप सब के बीच
02:39अपनी तरफ से भी उने
02:41प्रद्धान जली अर्पित करता हूँ
02:42साथ योग
02:46आप सब के बीच इस कारकम में उपस्चित होकर
02:50सच मुझे
02:52मुझे बहुत खुशी हो रही है
02:54और आप सब जानते होंगे
02:57कि रामायन
02:58में एक स्लोक है
02:59जिस इस लोक में
03:02राजा दफरत जी कहते हैं
03:04प्राचिना सिंद सौवीरा
03:07सौरास्टा
03:09लक्षिना पता
03:10इस इस लोक से
03:13साफ हो जाता है कि
03:14सिंद प्रदीश राजा दफरत के
03:16राज्य का हिस्सा था
03:17और इस इस लोक से
03:23यह भी साफ हो जाता है
03:25कि सिंद प्रदीश
03:27राजा दसरत जी के राज्य का हिस्सा था
03:30और सिंदव च्छत्र भी है
03:32यहां वेद ग्यान सबसे पहले आया
03:35ओम का ओम का उच्छार भी
03:41यहां सबसे पहले हुआ है
03:42यही इसकी विशेष्टा है
03:45भारत देश की सनातन संस्कृति में
03:48मैं जानता हूँ कि हमारी शब्यता की सुरुआत
03:51सब्ध सिंदु के रूप में जानी जाती है
03:55जहां मां गंगा को हमारी संस्कृत में सबसे पूज्य यमान आ गया है
04:00वही सिंदु नदी तो भारती अस्थमिता की सबसे बड़ी प्रतीक माली जाती है
04:06और आप मेंसे कई लोग इस बात को जानते होंगे
04:13कि दूसरे देशों में भारत की पहचान ही सिंधु नदीशे की जाती है
04:18जिसे रोमन लोगों ने इंडस्री भर का है
04:25भारत के बारे में जिस पश्वी इतिहासकार ने लिखा है
04:31उसका नाम है मेगस्थनीश और उसकी किताब का नाम है इंडी का
04:38यानि भारत की कलपना आप सिंधु नदी के बिना तो कर ही नहीं करते
04:43भारत के विभाजन के कारण मेरे साथियों सिंधु नदी का एक बड़ा हिस्ता
04:51आज तो पाकिस्तान में चला गया है पूरा सिंध प्रांत ही आज पाकिस्तान में है
04:57मगर इसका अर्थ यह नहीं है कि शिंधु सिंध है और सिंधी समाज का महत्व हमारे लिए आज कम हो गया है
05:05इसका यह मतलब नहीं है हमारे लिए उनका महत्व आज भी उतना है यतना हजारों साल पहले था
05:13और यही कारण है
05:15कि साल 2005 में सुप्रीम कोट ने
05:20हमारे रास्ट गान से सिंध सब्द निकालने की याचिका को खारिज करते हुए कहा था
05:25कि सिंध सब्द केबल
05:28सिंध सब्द केबल एक भौगोली का अफ्थान से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए
05:33क्योंकि यह शब्द भारत और सिंधी समाज की तांस्कितिक पहचान से पूरी तरह जुड़ा हुआ है
05:42आज भी हम लोग बड़े गर्व से गाते हैं
05:46पंजाब, सिंध, गुजरा, मराथा
05:49और आगे भी गाते रहेंगे
05:51सदैव गाते रहेंगे
05:52जब तक हमारा स्दित्व है
05:54तब तक हम गाते रहेंगे
05:55और साथियो
05:59आज हम जब हिंदी
06:01सिंधी समाज की बात करते हैं
06:04तो हम के बले एक समुदाई की बात नहीं करते हैं
06:07बलकि एक ऐसी
06:08विरासत की बात करते हैं
06:10जो सनातन का
06:12अटूट हिस्सा है
06:13जिसकी चड़े भगमान राम से युड़ी हुई है
06:17जिसने हमारी संस्कृति और
06:19सब्यता को
06:21संब्रिद्ध करने में
06:23अपना बहुत बड़ा योगदान किया है
06:25ऐसी विरासत को
06:27मैं हरदय से प्रणाम करता हूँ
06:30देवियोवार सज्जनों
06:34आज सिंधी समाज भारत और विश्व भर में
06:36अपनी महनत और प्रतिभा के लिए जाना जाता है
06:39सिंधी समाज ने
06:41अपनी महनत से
06:42अपनी प्रतिभा से
06:44भारत में ही नहीं बलकि
06:46विश्व में एक अपनी पहचान बनाई है
06:48और सिंधी समाज
06:50ने अपनी अनूठी पहचान को बराबर बनाये रखा है यह सिंधी समाज की सबसे बड़ी विशेश्था है चाहे वो सिंधी भासा की मिठास हो या संत काब्ब्य हो या फिर सिंधी कला की जीवन तता हो यह हमारी साजहा परमपराओं को दर्शाते है और साथियों विभाजन क
07:20पलायन करना पड़ा था मैं मानता हूं तब भी आपने हम्मत नहीं हारी थी यह आपकी विशेश्था है आपने नौकियबल अपने लिए एक नई शुरुआत की बलकि ब्यापार शिक्षा कला और सामाजिक शेवा की शेत्र में जो आपने अभूत पुरी योगदान दिया ह
07:50के संतों और महान आत्माउं ने मानवता को भुमुले संदेश दिये हैं इस सच्छाई को भी कोई नकाल नहीं सकता है
07:58मैं आज महाकभी शैनराई स्वामी, संत कमर्राम जी, संत रामदाश शाहिप, स्वामी लीला शाह, स्वामी शांती प्रकास सहित सभी सिंधी संतों को शीष युगा कर नमन करता हूँ
08:13और मैं आज सादू टील बास्वानी जी को भी याद करना चाहता हूँ
08:22जिन्होंने अपने प्रियासों से शिक्षा के शत्र में एक अमिट शाप छोड़ी है
08:30और साथियों उन्होंने वेजिटेरियन लीविंग के विशार को बढ़ावा देने के लिए
08:36और एनिवल जलसेर के दिशा में महत्पूर्ण जो कार किये हैं उसे यह भारत देश कभी भूल नहीं सकता है
08:44मेरे बहनों भाईयों जैसा कि मैंने पहले भी कहा है
08:50इस कारक्रम में आकर मुझे बहत खुशी हो रही है
08:54और इस प्रसंता का एक और कारण है
08:57वह है इस कारक्रम का प्रायोजन
09:01आज हम नागरिक्ता संसोधन विध्यक के संबंध में यहां एक अत्रत हुए है
09:05जैसा मुझे बतलाए गया है
09:07बरस 2019 में मैंने ही लोकसभा में इस नागरिक्ता संसोधन विध्यक को पेश किया था
09:14यह बिशार ग्रह मंत्री रहते हुए मेरे मन में कैसे आया था
09:22यह बैठे हैं हमारे लखनओ के लोग सब सारे लोग यहां
09:25इन लोगों ने उसकी जानकारी बुझे दी थी
09:28और बताया था ऐसा कुछ होना शायए
09:30और मुझे इस बात की भी जानकारी मिली कि कुछ
09:34सिंधी समाज के और बिवन वरगों के लोग जो की नान-मुस्लिम है वह दिली में भग कर आए हुए हैं और जोपड़ियों में बड़ी दैनीज सिटी में रह रहते हैं मैं स्वेम उनको देखने गया था
09:49और वहां से लोटने के बाद मैंने फैसला किया कि इनको समचित नागरिक्ता देने के लिए जो भी कानूना आवश्यक होगा हम बनाएं
09:56प्रधान मंतरी मोदी जीशे मैंने बात की मैंने कहा मैं इस दिशा में अब आगे बढ़ रहा हूँ पर बिल तैयार हुआ
10:05लोग सभा मैंने प्रेज किया लोग सभा में पारिद भी हुआ लेकिन वह 2011 का अंतिम दौर था कुछी महीने से इस बचे थे राज्य सभा में बहुमत नहीं था
10:18मैंने कई बिपक्षिये लोगों से भी बात की लेकिन लोगों ने समर्थन देले से इंकार कर लिया
10:24तो मैंने का चलिए इस साल नहीं होगा तो अगले साल तो पास होकर ही रहेगा पर फिर जो ग्रेह मंत्रिया में जीवेले तब मैंने उन से कहा और नोंने फिर सुकाम को आगे बढ़ाए
10:36डेवियो तज्ज्रो यह बात ध्यान देने वाली है
10:44कि हमारी सरकार ने कई पडोशी डेशों से धार्मी कुद्पीर्ण से बचने के लिए बरस दोहजार चौबिस तक भारत आये अलशंक्यक समुदायों के सदश्यों
10:54को बिना पासपोर्ट के भारत में रहने की अनुवती दी
10:59आज मैं कह सकता हूँ कि हमारे पडोशी डेशों के इन भाईयों और भाईयों को सम्मान सही जीने का अधिकार भारत में मिल रहा है
11:10और इस अधिकार को दुनिया की कोई ताकत चीन नहीं सकती है
11:13और मैं यह भी कहना चाहूँगा पडोश के कई डेशों में अलब शंकक शंगदा है वरसों से यातना लेलता रहा है
11:25उनके घर जलाए गए उनके बच्चों को मारा गया बेटियों के साथ जल्म अत्याशार किये गए
11:32लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराए गया
11:36उनमें से कई लोग जब किसी तरह अपनी जान बचाकर भारत आए तो तुस्टी करने वाली पुर्व की कई सरकारों ने भी उन्हें जो राहत देनी शाहिए
11:47राहत देने की बात तो दीद दूर उनके साथ जिस तरीके का व्योहार किया गया उसकी जितने भी निंदा की जाए वो कम है
11:55एक खास समुदाए को ओट बैंको के बल खुश करने के लिए उन्हें अपना अपमानित किया गया जलालत उन्हें जहल नहीं पड़ी परोज के देशों से आने वाले एक विशेश वर को सरण दी गई लेकिन इस हिंदू समाज के लोग जो वाकई में इसकी हक्दार थे उन्
12:25वो नहीं समझा गया लेकिन इस पीडा को किसी ने समझा तो हमारे प्रधान मंतली नरंदर मोडी जी ने समझा
12:33हमने उस पीडा को समझा उस दर्द को महसूस किया और हमारी सरकार ने कानून बनाकर मेरे चातियों यह सुनिश्चित किया
12:45कि हम उनके गाव पर मलहम लगाएंगे
12:48और हमने उस गाव को भरने का काम किया है
12:52जो गाव हमारे बहनों भाईयों को कफ्ट दे रहा था
12:56पीड़ा पूंचा रहा था
12:58इसलिए हम नागरिकता संतोधन बिलेक लेकर आए
13:01अगर मैं सिंधी समाज की बात करूँ यहां पर
13:04तो सिंधी लोग सिंधु घाटी सब्विता के बंसज हैं
13:08जिसे इतिहास का आज विश्व की सबसे प्राचीन सब्विताओं में से एक मानते हैं
13:15ऐसे लोग लंबे समय तक सेकंड क्लास सिटियन
13:20दोयम दर्जे के लागरी की तरह जीवन जीएं
13:24यह अन्य किसी को मन्जूर हो सकता है
13:27लेकिन हम लोगों को किसी भी सुरत में यह मन्जूर नहीं था
13:30भागवान जूले लाल जी ने
13:33इस शौभाग्य को हमें दिया मेरे बहनों भाईयों
13:38कि हम अपने बहनों और भाईयों के लिए यह सुब कारे कर पाए
13:42और एक बात मैं बहुत अस्पस्ट कर देना चाहता हूँ
13:46यो इनिविटेशन लेटर मुझे मिला था
13:51उसमें कहा गया था
13:52कि सिंधी समाज के लोग बेरा आभार विक्त करना चाहते है
13:55यह लिखा हुआ था
13:57धन्यवाद देना चाहते है
13:58लेकिन मेरा मत यह
14:00कानून
14:03कोई आप के उपर हसान नहीं था
14:06आप के उपर यह कोई उपकार नहीं था
14:09यह हम सब की नईतिक जम्मेदारी थी
14:12हमारे सरकार की नईतिक जम्मेदारी थी
14:15यह एक यह मानवीय कारे था यह एक मानवीय कारे था यह एक संबेदना का कारे था जिस कारे को हम लोगों ने किया है ऐसा समाज जो देश के लिए और अपनी मात्री भूम के लिए हमेशा खड़ा रहा है
14:34जिसके नियत के उपर सवालिया निसान कभी नहीं लगा है इसने स्टाडिंता संग्राम में अपना अनबोल योगदान दिया है
14:47जिस समाज के पुरसों और वहिलाओं ने भारत की सतंतरता के लिए संगर्ज किया है
14:54जिस समाज के बहुत से व्यापारियों ने निताजी शुबाश चंद्रबोस और इंडियन नेस्नल आर्मी को अपना समर्खन दिया था
15:02उस समाज के लोगों के प्रत्य हमारा दाईत तो है चाहे जैसे भी हो जो भी करना हो वह सम्मान के साथ अपनी जिंदगी जीएं
15:13यह हम सब की जिम्मेदारी बनती थी और उसी जिम्मेदारी का हम लोगों ने रवा किया है
15:18मेरे बहनों भायो मैं जानता हूँ सिंधी समाज के लोगों ने बहुत सारे कस्ट सहे हैं
15:25और सिंधी समाज के लोगों ने हमेशा अपनी मात्र भूम के लिए बलिदान दिया है
15:31मैं आज हीमू का लानी जी को भी यहाँ याद करना चाहता हूँ
15:37जिन्हें भारत छोड़वान दोलन के दोड़ान गिरफतार किया गया था
15:41उन्हें माउट की सजा सुनाई गई थे
15:55अपने साथ के करांतिकारियों के नाम उयागर करने पढ़ेंगे
15:59लेकिन हीमू का लानी जी ने इसे साफ इनकार कर दिया था
16:03यह थी एक नेशनल स्पिरिट यह थी एक रास्ट भक्त की प्रकर भावदा
16:07और हीमू का लानी जी को 21 जनौरी 1903 को फांसी दे दी गई
16:15आप कर पना कीजिए कि उस समय वक्त के अबल 19 वर्स के थे
16:2019 वर्स के यह आके अंदर किस प्रकार से प्रकर रास्टी स्वाहिमान की भाववना थे
16:27क्या देश वक्त का जज़वा था उस जवान का
16:33क्या मात्र भूम के लिए उस नाज़वान का प्रेम था
16:38यह दुरभागी की बात है कि उस करांतिकारी के बारे में लोगों को जिस हद तक की जानकारी होनी चाहिए
16:45उस जानकारी नहीं है
16:47और बहुत कम लोग हैं जिनों ले उनके बारे में पढ़ा है
16:51बहुत कम लोग हैं जिनों ले उनका नाम सुना है
16:54मैं हीमू जी को सादर नमन करता हूँ
16:58जिन्होंने भारत के सुतंता संग्राम में अपना योगदान दिया है
17:02साथ योग बर्च उनिश्व सैंटालीस में
17:10जब भारत सुतंता का उस्सव मना रहा था
17:13तब विभादन की त्रासिडी की वजह से बहुत बड़ी जनहानी हुई थी
17:18और लाखों लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा था
17:22इस कारण सिंधी समाज को भी बहुत कुछ खोना पड़ा है
17:25साथ ही उन्हें एक शल का भी सिकार होना पड़ा
17:29वा चल किया उस समय की सरकार ने
17:34पार्टीशन के समय कांग्रेस ने सिंध के लोगों को भारत आने के लिए मना किया
17:39पार्टीशन के समय सिंध के लोगों को आने के लिए उन्होंने मना किया
17:46जबकि उन लोगों को पता था
17:48सिंध में हिंदू माइनार्टी इसको कितना खतरा था
17:52भारत की विभाजन की घोशना के तुरंट बार
17:55अकिल भारती कांग्रिस समित ने 14 जून को डिली में एक बैठक बुलाई
18:00और उस बैठक में सिंध बंजाब और मंगाल के हिंदूं और शिकों ने विभाजन के बarnya का विरोध किया था
18:07उन्हों ने इस बैठक में विभाजन के खिलाब मत्रा मत्दान भी किया था
18:12और यह भी मांग की थी कि उसकी स्टरक्षा के लिए पराविधान की जाएं
18:17हाला कि कांग्रेश के उच्छ नित्पृत ने उनकी मांगों को अन देखा कर दिया था उसमें
18:22ऐसे समय में रास्टी स्वेम शेवक्त संघ ने सिंधी समाज की बेहद मड़त की थी
18:28मैं सुवजता हूँ कि सिंधी समाज उसे नहीं भुला सकता है
18:32संग ने हिंदू समाज के लोगों को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग भी दी थी
18:39और 1943 से लेकर 1947 तक संग के ततकाली सरसंग चालग तरी गुलवलकर जी ने कई बार सिंद का दौरा भी किया था
18:50वे सिंद के सभी प्रबुक सहरों में गए थे
18:54और वहां के प्रबुक हिंदूस और सिंदी नेताओं ब्यापारियों वकीलों और सिक्षाविदों से मिले
19:02और जब अगस्त 1947 के प्रारम में उन्होंने कराशी का दौरा किया तो लाखों की संख्या में सिंदी हिंदूों ने उनका स्वाधत किया था
19:12इस दौरान संग से सिंदी जुडाव स्वाभावी कुरूब से बढ़ा था और साथियों भारती जनता पार्टी हमेशा से सिंदी समाज के लोगों और उनकी संस्क्रत के पक्ष्य में खड़ी रही है और भविश्य में सरई वो खड़ी रहेगी
19:29और बहुत कम लोगों को यह बात याद है कि सिंदी भासा को आठवी अनुसूशी में सामिल करने के लिए तरदे अचल विहारी वाजपई ने बहुत ही प्रयास किये थे
19:44और वर्स 1997 में जब अठल विहारी वाजपई पहली बार लोक सभा के सलस्य चुने गए थे तो उन्होंने एक गैर सरकारी विधेज़क भी संस्द में पेश किया था जिसमें उन्होंने सिंदी भासा को संभिधान की आठवी अनुसूशी में सामिल करने की मांग की थी
20:02लेकिन लेकिन प्रदे अठल विहारी वाजपई पही जी के दोरा पेश किया गया यह बिल संसद में बिरोध के कारण पारिद नहीं हो पाया था
20:12पर सौनीशो सरसट में जब लोगसभा में सिंदी भासा को आठवी अन्सूशी में सामिल करने के लिए बिल आया तो प्रदे अठल जी ने इसका स्वर्थन करते हुए कहा था
20:24मैं उनका कोट आपके स्वत्व के सामने रखना चाहता हूँ योटल विहारी वाज़ पेई जी ने कहा था
20:30सिंधी में सिंधी में भारत की आत्मा बोलती है सिंधी में भारत की आत्मा बोलती है
20:38सिंधी का रक्षन और विकात हमारे देश के सांत्कृतिक विकास का ही एक अंग है
20:44मैं हिंदी भासी हूँ लेकिन सिंधी मेरी मौसी है
20:49और मैं सिंधी का उतना ही यादर करता हूँ
20:52और मैं सिंधी का उतना ही यादर करता हूँ
21:02जितना की मैं हिंदी का आदर करता हूँ
21:05यातल जहारी बाज पेई जी ने कहा था
21:07यह स्टेटमेंट इस बात का सबूत है
21:12कि हम हमेशा से इस हिंदी लोगों के सम्मान के लिए खड़े हुए है
21:15उनके हक के लिए खड़े हुए है
21:17और सिंदी समाज के अधिकार के लिए बहले भाई यो खड़े हुए है
21:22और वविश्य में भी जब भी जरुवत होगी खड़े होते रहेंगे
21:25और हाल ही में महारास की अंडिय सरकार ने सिंदी विस्थाप्टों को
21:31उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिहाज से
21:34एक विशेस अभे योजना दो हजार पच्चिस लागू की है
21:38और यह योजना सिंदी समडाई के लिए सम्मान और सुरक्षा की प्रतीक है
21:43जिससे तीन पीडियों को न्याए मिल रहा है
21:48इस पहल के कारणा
21:49और मैं यहाँ पर आदर्णी लाग कीशी अडवानी जी का भी जित्र करना चाहता हूँ
21:56हमारे नेता थे आज हैं
22:00अडवानी जी ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है
22:03कि सिंदी हिंदू और विशेस कर उनकी पीडियों के लोग
22:08अभी भी भारत से सिंद को अलग करने की बात को स्विकार नहीं कर पाये हैं
22:13ना कि अबल सिंद में बलकि पूरे भारत में
22:17हिंदू सिंदू नदी को पवित्र मानते थे
22:20सिंद के कई मुसल्मान भी मानते थे
22:23कि सिंदु का जल्ब मक्का के आबे जमजम से कम पवित्र नहीं है
22:29यह मैं उनका कोट पतला रहा हूँ
22:34या ड़बाने जी का कोट
22:35आज सिंद की भूमी
22:37मेरे बहनों भाईयो
22:39यह भारत का हिस्ता भले ही नहो
22:42लेकि सब्वेता का तुरूप से
22:45सिंद हमेशा भारत का हिस्तार रहेगा
22:48और यहां तक जमीन की बात है
22:50तो बार्डर्स तो बदल सकते हैं
22:53क्या पता कल को सिंद भारत में फिर से वापस आजाए
23:15लेकिन सिंद के हमारे लोग लेकिन सिंद लेकिन सिंद के हमारे लोग
23:31सिंद के हमारे लोग जिन्होंने सिंदु नदी को पवित्र वाना है
23:36हमेशा हमारे वो अपने रहेंगे वो चाहे कहीं भी हो
23:42हमेशा अपने रहेंगे
23:44मेरे बैनों भाइओं अगर हम इतिहास को देखें तो पाते हैं कि सिंधी लोगों ने भारत की अर्थ वे उस्था में बहुत बड़ा योगदान किया है
23:53अभी लालवानी जी कह रहे थे ना कौन नहीं जानता है सच्छाई को
23:57सिंधी भारत की ओरिजिनल ट्रांसलेशनल बिजनेस कम्यूटी है ओरिजिनल ट्रांसलेशनल बिजनेस कम्यूटी है जिन्हों ने अपने इस्किल से कॉलोनियल रूल के बावजूर बिजनेस को अपने ब्यापार को सफलता पूर्बक्त तंचालित किया है
24:13अंग्रेजियों के हकूमत होने के बाउजू
24:15modern banking methods
24:18जैसे बिल
24:19discounting
24:21और साथी साथ
24:22प्रामिजरी लोंड्स की उत्पति
24:25सिंद्ध व्यापारियों दोरा सुरू की गई
24:28हुंडी और पर्ची
24:30प्रडालियों से जो सुरू हुई है
24:32partition के बाद
24:37सिंद्धी समाज ने भारत में
24:40जीरो से सुरूआट किये
24:41बेरे बहन बाईयों सभी जानते है
24:43जीरो से आप लोगों ने सुरूआट की है
24:45लेकि उन्होंने सफल्ता के
24:47नए आयाम गड़े है
24:48और आज भारत
24:51सही दुनिया के देसों में
24:53सिंद्धी समाज के लोग
25:07आनी तरनेम का कोई व्यक्ति नत्रत करता न मिल जाए साइद ही देश में ऐसा कोई शेकर हो
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