00:00जहारकन की उप्राजधानी दुंका की ग्रामीन छेदर की महलाएं सिर्फ चूला चौका और घर के कारियों तक ही सिमित नहीं हैं, बलकि अब वह आर्थिक रूप से आतनिर्वर बन रही है।
00:18इसका लाब उनके परिवार के साथ साथ गाउवालों को भी मिल रहा है।
00:25इस उपलब्धी का पूरा सरे दुंका उपायुक्त अभिजीत सिन्धा को जाता है जिनोंने दुंका की लगभग चार हज़ार महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने का काम किया है।
00:40दरसल अभिजीत सिन्धा ने कुछ महिने पहले एक योजना सुरू की थी उसका नाम था दीदी की दुकान।
00:49इसके तहट ग्रामेन छेतर की महिलाओं को आर्थिक मदद दे कर उन्हें उनके ही घर में किराना, इस्टेशनरी जैसी रोज मर्रा काम आने वाली समानों की दुकाने खुलवाई गई।
01:06पूरे जिले में ऐसी चार हज़ार से अधिक दुकाने खुल चुकी हैं। इसमें वैसी महिलाओं को चुना गया जिसमें कुछ करने का हौसला था।
01:20ऐसे ही कुछ महिला दुकानारों ने हमें बताया कि कैसे दीदी की दुकान के तहट जो आर्थिक मदद मिला उससे उनकी इस्तीती सुधर गई, उनका जीवन अस्तर उपर उठा, उनके बच्चों का जो पठन पाठन है वो जादा बहतर हुआ है।
01:39समाज में उन्हें काफी सम्मान भी मिल रहा है।
02:09समाज में बच्चों को इस्कूल में बढ़ी हां से पढ़ा रहे हैं।
02:17पहले हम से लाइग करते थे तो उसे मतलब अपना अमदनी नहीं होता था, अभी दीदी के इसे सम्मू से पैसा मिला तो उससे हम दुकान खोले, अब दुकान खोले और डी क्रीक भी रखे और ना सब भी रखते हैं। तो अच्छा मतलब अभी पैसा सब हो रहा है।
02:37अमदनी अच्छे हो रही है।
02:41दीदी की दुकान खुलने से दुकान खोलने वाली महिलाओं को तो लाव हुआ ही, साथी साथ ग्रामिनों को भी लाव हुआ, अब गाउं में ही उन्हें जरूरत के सारे सामान मिल जाते हैं।
02:58पहले तो यहां से चार किरिमेटर दू जाना पड़ता था, अभी यहां दीदी दुकान खोली है तो ज्यादा पास में ही है, तो यहां सारा समान मिलता है, राच्छल, पानी, सैंपू, सब कुछ मिलता है यहां पे।
03:13यहां खास बात यहां भी है कि दीदी की दुकान योजना की सराना भारस सरकार के निती आयोग ने भी किया है और उन्होंने अभी जीद सिन्धा को समानित भी किया है।
03:30दीदी की दुकान एक प्रयास था लोगों को और महिलाओं को अपने पैरोपर खड़ा कराने के लिए, उनको आत्म निर्भर बनाने के लिए, उसी के लिए प्रयास है था कि ऐसी चीजें जो कम पैसे में जो हर गाउं की महिला कर सकती है, जिसके लिए बहुत ज़्यादा स्
04:00that in every village, a shop will be opened in such a way.
04:03And the grameen mahillahs will be filled with it.
04:06After that, 4,000 shops are opened in the Domka Jila.
04:10And I am happy that people have a benefit from such a shop.
04:15The mahillahs are getting rid of it.
04:17The people who are responsible for their rights,
04:19are getting rid of it in their village.
04:22So, this is why it is a purpose for this.
04:26Sir, tell me,
04:27I think that you have awarded the award in the new A.C.A.R.
04:30Which award was the award and what was it?
04:32This is a new initiative in the entire B.C.A.R.
04:36which is the financial inclusion and women empowerment
04:39which is the first prize for the women's people in the country.
04:43I've told this to give you the team to the D.C.A.R.
04:46It's been started again. How did you feel this journey?
04:51People are watching their faces and watching their faces.
04:56I am very happy to see you on the faces of the faces.
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