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  • 4 months ago
हजारीबाग के आदिवासी किसानों ने गेंदे की फूलों की खेती शुरू की हैं. उनकी इस पहल को देखने दूसरे किसान यहां पहुंच रहे हैं.

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00:00हजारी बाग एक ऐसा सहर जो सबजी उत्पादन के लिए पूरे जारखंड में जाना जाता है अब वह दिन दूर नहीं कि हजारी बाग फूल के लिए भी जाना जाएगा हजारी बाग जिले के बरकठा प्रखंड के चामू दोहर गाउं में किसानों ने अनोखा प्रयास किया
00:30से लहला रहा है फरवरी में किसानों ने मिलकर खेती सुरू किया महज चार महिने में फसल तयार हो चुका है करीब दस जगह अलग-अलग छेत्र में लगभग दो एकड के प्लॉट में फूलों की खेती की गई है अब किसान 40 रुपे परती कीलो के दर से इसका वैपार भी क
01:00में लगाये हैं कि किसान को दिये यहाँ जगा जगा पर इसका विक्री हो रहा है हजारी बाग और बरकठा में भी हो रहा है इकाट 40 रुपय किलो के हिसाब
01:14से हम लग होता है सब्सक्राइब
01:17ुचाइब दूहर गाउं मूलता अदिवासी बहुल छेत्र है यहां पूरू में प्रामपरिक खेती होती आती रही है गेंदे की खेती ने किसानों को एक नई दिसा दी है किसान अप्रामपरिक खेती के साथ साथ अन्य चीजों की खेती पर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं
01:44दूसरे गाउं के किसान प्रिर्थ होकर ट्रेनिंग लेने के लिए भी यहां पहुँच रहे हैं किसान को मानो विकास संस्था के द्वारा संचालित क्रिशक गुरुकुल में प्रशिक्षन दिया गया जिससे किसानों की आय में इजाफा हुआ है
02:14कि महनत तो है बहुत तब से मतला मुनाफा आपका जो है ना बदल अब सही है अच्छा बदलते जमाने में खेती के तरीकोई को भी बदल दिया है यही कारणे कि जिस गाउं में पहले परंपरागत खेती होती थी अब वहां फूलों की खेती हो रही है गौरों प्रकास एट
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