00:30जली कुट्टे के बात कर रहे थे वे कोवीड के समय जो कठनाई या हुई उसकी चर्टा कर रहे थे लेकिन मैंने रभी जी को कहा है कि मुझे पांजियन जी के भाशन को हिंदी अंग्री जी में तयार करके भेजे मैं इसे पढ़ना चाहूंगा लेकिन मैं उनकी भावना को प
01:00तो मैं देख रहा था काफी किसान भाई बेन वो अपना गमचा गुआ रहे थे तो मुझे लग रहा था कि बिहार की हवा मेरे आदे से पहले पोच गई है
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