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  • 6 hours ago
मूवी '120 बहादुर' की क्या है कहानी? एक्टर फरहान अख्तर ने बताया

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00:00दिलों में अपनी बेताबिया लेकर चल रहे हो तो जिन्दा हो तो यह लाइन आपको याद आ गई होगी और कुछ बेताबिया मुझे लगती है कुछ पता ठिकाना पर्मनेंट इंसानों में ढून लेती हैं क्योंकि उनको पता है कि वहां से कुछ क्रेटिव और अच्छा नि
00:30आपके साथ शिरुवात करते हूं क्योंकि आपकी इस तमान फिल्में हमने देखी आपने भी पहले भी वर जॉन्र को आपने लक्ष के जरिये साधा था और अब फिर से आप उसी जॉन्र में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं क्या वज़ा है कि आपको यह लगा कि यह कहान
01:00एक तो बहुत अफसोस था जब मैंने कहानी सुनी तो मुझे बहुत अफसोस था कि यह कहानी जो कहते हैं तो बोरो फ्रॉम एन अदर फिल्म इतियास के पन्नों में कही खो गई थी तो उसका दुख था लेकिन ताजुब भी हुआ उसके बारे में क्योंकि यह इतनी एक पा
01:30जाता है लेकिन अगर आप किसी से सिवल सुसाइटी में पूछेंगे तो बहुत कम लोग होंगे जो जानेंगे कि उस राच को रिजांगला में क्या हुआ था तो I felt it was an important story to be told, a meaningful story to be told about the armed forces and I was immediately on board.
01:48अगला समाल जो मेरा आने वाला है वो तुरंत ही एक आरोप से जुड़ेगा कि आजकल राष्ट्रवाद और हाइपर राष्ट्रवाद की एक बहस चड़ गई है, फिल्मों में लोग उरी के दौरान भी चर्चा हुई और भी फिल्में लेकिन आपने लक्ष की है, so you have that to put forth
02:18यह हमारा एक परमपरा रही है, फिल्म इंडस्ट्री की, कि कोई भी फिल्म अगर बहुत चल जाती है, हिट हो जाती है, तो बहुत से लोगों को लगता है कि आप ऐसी फिल्में चलेंगी और ऐसी फिल्में बनानी चाहिए, तो इस इस दौट न्यू लेकिन वही फिल्में �
02:48तो इस डिरेक्टर का नजरिया बहुत इंपॉर्टन होता है, और किस इंटेंशन से फिल्मेकर ने फिल्म बनाई है, मेरे खियाल से थी इस बेरी इंपॉर्टन थिंग्स, तो मेरा ये मानना है कि राष्टरबाद पे फिल्में बननी चाहिए, आइम नोड इंस्पान पे फ
03:18अब मैं बाकी दोनों के पास जाती हूँ, समाज का रिफ्लेक्शन आपको देखता है, आज के समाज का इस फिल्म में डालोग्स में या डिरेक्टर साह भी इसको आंसर करें तो जादा इंट्रेस्टिंग रहेगा, आपने भी कुछ लोगों से इंटराक किया क्या समझने के
03:48आता है अकबारों में या सोचल मीडिया पे कि नो सरब पे हमारे जवान, वाइद देनने आमी, तो मैं फादर वसने आमी, 64 ही जोइन आमी, 65 उनको वार में भेज़ दिया गया, फिर 71 उने लड़ी, तो जब मैं बड़ा उरा था तो मैं इन सब कानियों के साथ ही जुड़ा
04:18इस डीटेल में, तो मैंने ठालिया था कि यह तो बनानी पड़ेगी, यहां पर एक सेंटिमेंट है, 120 जवान वर्सेज टीनजार चीनी सोल्जर्स बट बड़ी बात है, और पीछे कोई नहीं आठा, और एक ऐसे युद में जहां पर भारत को एज नहीं मिला, लेकिन इस एक
04:48मैंनेज करना, पुट तोगेदर करना है?
05:18अब जब आप एक देखर परोषाओ कि अपर आप से प्रिपर से, स्क्रीन पे लाइफ पर, बताई गिविन लाइफ तो इस प्रिवाद आप से जए प्रिटूर्स, आप एक तो बडूचे पर आप एक अपर नहीं पर आप लिए फिल्में टोट आप, तो यह तो आप प्रि
05:48से टू शूट इट एंड गेट उन स्कीन कम से कम देट दो साल लग जाते हैं फुल ट्रेडिट आप इसमें को चिंदा लगा है हैं तो जब तक आप दो साल में फिल्म लाओंगे तब तक और बढ़ बदल जुक हैं यह बोल के चलिए कि भाईया एक फॉर्मुला है अगर आप
06:18और कुछ चला जाएगा
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