- 2 days ago
Episode 159 of Mohabbat Ek Saza brings intense emotions, unexpected confrontations, and heartbreaking decisions. As the truth slowly comes to light, relationships are pushed to their limits. Will love survive the storm, or will misunderstandings destroy everything forever?
In this gripping episode, watch how the characters struggle between love, trust, betrayal, and destiny. The drama reaches a new peak with powerful performances and unforgettable moments.
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Mohabbat Ek Saza
Mohabbat Ek Saza Episode 159
Episode 159
Pakistani Drama
Romantic Drama
Emotional Drama
Family Drama
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Love Story
Today Episode
Urdu Drama
New Episode 2025
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FunTranscript
00:00झाल लग्ट शुष्षब्स
00:30झाल झाल
01:00झाल झाल
01:30झाल
01:40झाल
01:42झाल
01:44झाल
01:48झाल
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02:31झाल
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02:35झाल
02:43झाल
02:45आजा वेट कर रहाँ तुमारा
02:47झाल
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03:05झाल
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03:25झाल
03:35झाल
03:37झाल
03:39झाल
03:41दूर, हरकिस से ही चुड़ोंगी.
04:11और देखें, अब जाकर बेटे को कुछ मत कहिएगा, खामोंगा टेंशन लेगी वो.
04:15आखिर हमारी बच्चियों पे क्या मुसीबत आ गई है, यह जेल तक पहुंच गए उसके बीचे, हफीजा की अमानुत के साथ आखिर हमनी यह क्या कर दिया?
04:22अरे अमा जान, आप तो चुप हो जाएए, खुदा के वास्ते एकनट चुप हो जाएए, वैसे ही मेरे हाथ पाउं काप रहा है, पता नहीं, टेक्सी भी का रहा रहा गई है.
04:27क्या वो मर गई है, यह जिन्दा है, सज पस रहो मिचे.
04:30ऐसे मत कहें, अमा जान, अल्ला न करेंगे उसे कुछ हुआओ, या अल्ला वो खेरियस तो रहम करना या दो है.
04:35अल्ला वो मिचे वुआओ, कचिन में अल्ला वो खेरियस सोरी जान से खार वी रहा हुआओ, बैसे ही मूँ करना रहा वीज Zus,ल रहा है, स다 अल्ला वो मग!
05:05झाल झाल
05:35मुझे फौरान उस कैदी कि तमाम मालूमाद चाहिए समझे तुम
05:44पूरी रात उसकी इन्वेस्टिकेशन करो के तुम
05:46मालूमाद के बगार उसे नहीं छोड़ेंगे
05:48पता लगाओ कि उसे किसके अशारे पर ये काम किया है अभी के भी
05:51पाते सच बताओ बिटा वो जिन्दा है ना अल्ला के वास्त मुझे बताओ वो जिन्दा तो है
05:57पाते सच बताओ वो जिन्दा वो जिन्दा वो जिन्दा है
06:27अखिर ऐसा कैसे हो सकता है मुझे समझ में नहीं आ रहा जेल में यह सब कैसे हो गया वहाँ होते हुए उसकी इफाज़त नहीं हुई
06:36हमसे घलत यूई है नहीं अगर आप खबराएं नहीं आराम से तरह के बैठ जाए आजए यह बैठ यह दर
06:42या ला परिशान मत हो
06:45सुनो एमर्जंसी फॉरन बी पॉजिटिव ब्लड चाहिए हमें उस कैदी औरत के लिए चाहिए यार वो ही औरत ना जिसका मैंने चेहरा तो नहीं देखा लेकिन वो ही औरत जिसने बच्चे को कुचल दिया था
06:58बात सुनो अब वो ब्लड ब्लड किसको चाहिए नूर कोजान को चाहिए क्या अली कोजान किसे ब्लड चाहिए बताइए देखे मैं भी बी पॉजिटिव हूँ मैं देदेता हूँ
07:09सोचके रहे यूँ चलो ना
07:28सुना किसरी बात स्थाच्च किसे बात स्थाच्च को चाहिए नूर के रातागा हूँ
07:43झाल झाल
08:13झाल झाल
08:43झाल
09:13झाल
09:43झाल
10:13ट्राइड में तो तुन कि आरे प्राइड 슈
10:17तुम्हारा भी से फ्रजी रख्राश्ट
10:19तुम्हारा पेटा हमारा दिन तुम्हारा दर्फ द्रौने थुका हुट到底
10:20तुम्हारा बेटा अमारे दर में ने ठुका होट है उसकी वजह से हम तो रच तक अलगे
10:50अमारी बच्ची अब आप पर अमानत है बेटा बहुत नज़र रखिये गस्पर हम मजीद कोई मुसिबत बरदाश करने की हिमत नहीं रखते अमानत है प्लीज सर
10:59ये यहां कहां गया
11:06क्या आपने कुछ कहा
11:08नहीं नहीं नहीं
11:10शुकर है खुदा का उपरेशन कामियाब रहा और मुझे पूरी उमीद है कि वो मजीद जल्दी बेतर हो जाएंगी फिर आप उनका स्टेट्मेंट ले लीजीगा ओफिसर
11:19ये क्या कर रहा है
11:22शायद आप अली गोजान को नहीं जानते है
11:25देखा जाए केश तो इन ही कए
11:27लेकिन हीरत की बाथ ये है कि मलीज को खुन भी इनू नहीं दिया है
11:39कौसान, कौसान तुम यहां क्या कर रही है
11:40जिस काम के लिए आया था भू करके जा रहा हूँ
11:45तुमने नूर को खुन दिया है
11:47इंसानियत के नाते फर्जादा किया है
11:49वो बिचारी यहां क्यूं है
11:50और उसके साथ क्या कुछ हुआ है जानते भी हो तुम
11:52तुम्हारा काम है ये जानना
11:54इसलिए मुझे बार बार रोके वक्त जाया मत करो मेरा
11:56जाके काम करो अपना
11:57तुम जानते हो कि मैं अपना काम कर रहा हूँ
11:59अगर वो आज बच गई तो कल सुबाव से इंसाफ मिल जाएगा
12:02चाहे मेरी बातों में कितनी ही बुरी क्यों ना लगे
12:08अगर तुम अभी उसकी इस हालत में मदद ना करते
12:11तो कल नूर को आजादी नहीं मिल पाती
12:13फजूल की बातें मत किया करो या
12:16फिकर मत करो यहापर मेरे और तुम्हारे लावार कोई नहीं
12:20अगर तुमने चुपकर उस वक्त मेरी मदद ना की होती
12:23तो फिर फिकरत का रास भी इतनी जल्दी नहीं खुलता
12:25तो फिर जाओ और जाकर उस पागल औरत को ढूंडो फॉरण
12:28अली मैं उसे तलाश करने की खाहिश रखता हूँ
12:31और करूंगा भी
12:32लेकिन अब हमारे पास बात के निकली स्यादा आहम टॉपिक है ली
12:35तुम चाहे मानो या फिर ना मानो लेकिन कल सुभा बहुत इंपॉर्टेंट है ली
12:39हमारे लिए भी और नूर के लिए भी
12:41क्योंके कल सुभा नूर को असादी मिलेगी
12:43एकी बात बार बार बोलने की ज़रूत नहीं है
12:45यकीन है मुझे
12:47तुम्हारी कोशिश है बिल्कुल भी जाया नहीं जाएंगी
12:50असल में हिरो तुम ही हो
12:53मैं हट जाओंगा रास्ते से
12:54तुम भी अपनी मंजिल तक पहच जाओगे
12:57इतने अर्से से
13:00तुम्हारी जिंदगी के सबसे मुश्किल दिनों में तुमने उसके लिए
13:03सबसे छुपकर
13:04उसे बचाने की इतनी कोशिश की
13:06और अब यहां खड़े होकर कह रहे हो के रास्ते में नहीं आऊँगा
13:09यह ठीक है
13:11क्यों अली जबके तुम जानते हो के
13:14वो बेकसूर है उसे बेकसूर साबित करने की कोशिश के बाद ऐसा क्यों
13:17मैं सिर्फ सही जवाब की तलाश में था
13:19और जवाब वो पता है किस के लिए चाहिए था
13:23अपने दिल के लिए
13:23तुम सबज़ रहे हो
13:24बस मुझे तना ही साबित करना था कि मेरा दिल अब उसके लिए नहीं धड़कता
13:27याद रखना मेरी ये बात तुम
13:28लेकिन उससे भी कुछ नहीं बदलेगा
13:31तुम्हारे बेटे के साथ होने वाले वाके के बाद भी
13:35नूर अब भी नहीं बदली
13:37और तुम भी
13:39दोनों नहीं
13:42और ना बदलने का चाहां से है ना
13:53तुम उस पर यकीन ना करने को कबूल ही कर सकते
13:55क्योंकि वो मर जाएगी
13:56पता है जब भी मैं उससे मिलने जाता हूँ तुम्हें समझकर दोड़ाती है
14:02लेकिन मुझ पर नजर पड़ते ही उसके चेहरे पर एक मायूसी चाह जाती है
14:06कभी कभी तो मेरे लिए उस खूफिया डिल पर काइम राना मौत से भी बत्तर हो गया है
14:12मैंने तुम्हारे लिए हर आंसू को रोका है ये जानते हुए के
14:17तुम्हें उस पर यकीन नहीं लेकिन उसे तुम पर यकीन है मैंने खुद को रोका है
14:20लेकिन कब तक
14:23क्योंकि मैंने खुद को इसलिए रोका है क्योंकि उसे तुम्हारी जरूरत है
14:28मैंने इसलिए रोका है क्योंकि मैं जानता हूं से मायूसी होगी
14:32अगर तुम यहाँ आकर उसे खुन देकर
14:38अगर तुम छुप छुप कर उसके लिए इतना सब कुछ कर रहे हो तुसे छोड़ नहीं रहे ली
14:42तो फिर वो तुमें कैसे छोड़ देगी
14:45अब फाइदा नहीं सब कुछ खत्म हो चुका है
14:49क्या सब खत्म हो गया ली
14:53मुझे ज़र अपने मूँ से कहकर बता
14:58हिमत है तो साफसाफ कहो
15:00कहो कि अपनी पसंदी दौरत के खाबों को जब मैं अपने हाथों से तोड़ा हूं तो पच्चता हूं का नहीं
15:05क्या तुम नूर को छोड़ा हो अली
15:13जवाब दोना कि तुमने से छोड़ दिया है
15:18अली
15:23मुझे बोलो कि तुमने उसे छोड़ दिया है
15:26अली
15:28क्या वाके तुमने नूर को छोड़ दिया है बोलो
15:31अली
15:35मैं जानता हूं मुझे क्या करना है अच्छी तरह से जानता हूं
16:05नूरब भी नहीं बदली और तुम भी दोनों नहीं और ना बदलने का चाहां सहला
16:35क्या तुम नूर को छोड़ा है यो अली जवाब दोना कि तुमने उसे छोड़ दिया है
16:52अली मुझे बोलो कि तुमने उसे छोड़ दिया है
16:55अली अली अली अली अली अली अली
17:02अली
17:07अली
17:10अली
17:15अली
17:18अली
17:29मच्चा मच्चा चौर कर
17:33मच्चा मच्चा चौर कर अली
17:59अली
18:09अली
18:13अली
18:17अली
18:21अली
18:23अली
18:25अधिए कि अच्छी ख़ब आयोगी हाँ?
18:27अली
18:29अली
18:29अली
18:31अधिए कि अधिए कुछा रहे हैं, तुम भी जाकर अपने कमरे में आराम करो
18:32मैं थोड़ा वॉक करूँगी
18:33उसके बाद मैं मर्द को थेरफी के लिए ले ले जाओँगी
18:36ले, देखे
18:37जो ख़बर आपको चाहिए वो यहाँ है
18:40आपके सवाल से पहले ही आपको बता देता हूँ मैं
18:48जान जाने का खत्रा टल के
18:51बाबा
18:52मैंने आपको मना किया था अंटी
18:54मैंने भी उसे मना किया था
18:56उस नाकिन को
18:57शुरू दिन से ही मना किया था
18:58जिस दिन वो इस घर में आई थी
19:00मैंने उस नाकिन को जहर पारो कलने से मना कर दिया था
19:03शुरू दिन से ही
19:04और फिर उसने क्या कि मेरे नवासे के साथ
19:22इसकी वज़ा कुछ और है अंटी
19:25कि मैं अपने ही अंदर एक गुसा और दर्द महसूस कर रहा हूँ
19:30यह तुम कह रहे है अली
19:31कि हमें यकीन कर लो
19:33उस नागे में तुम्हारी उलाद को मौताज बना दिया
19:36क्या तुम अभी उसकी इफास्थ नहीं कर रहे
19:38उसे बचा नहीं रहे हो अली
19:40आखरी दफ़ा आपको माफ कर रहा हूँ मैं अटी
19:43और उमीद करता हूँ कि यह गलती आखरी बार हो
19:45वरना क्या
19:45तुम्हारा माफ नहीं करूगा
19:48बड़ा बोल मत बोलो
19:50पहले पूछ लो मैंने तुम्हें माफ किया यह नहीं
19:52जो कि हना ताव मैंने क्यादिया
20:22तु फिर बच गई दाखिन
20:37अन्या पर बात करें तुम्हें फिससे बच गई
20:41अम्मी
20:44क्या हुआ
20:47क्या बहस हो रही थी आपके और अली की सुबह सुबह
20:52अम्मी आप रो रही है क्या हुआ
20:57क्या किया है आपने जो वो दुबारा आपको माफ नहीं करेगा
21:01मैंने एक मा की हैसे से अपने जिम्मदारी पूरी की थी बस
21:05अम्मी क्या हुआ है बताएं
21:08चलें कुछ बताएं तो
21:18नहीं
21:18क्या मजा किये
21:19अम्मी क्या आपका इस हादसे से कोई तालुक है?
21:24मैंने सिर्फ एक मा की हिस्से से अपने जिम्मदारी पूरी की थी और बस
21:27समझ गई?
21:41नहीं नहीं फिकर मत करें दादी आप
21:43मैं यहाँ आया हूँ तो बाबा थोड़ी दिर सो गए है
21:45नूर बहतर है बस भी डॉक्टर का वेट कर रहे हैं देखते हैं
21:50नहीं नहीं वो सो रही है बात नहीं कर सकती
21:54देखें आप अलमास का ख्याल रखेगा बस
21:58अच्छा सुनें दिहान रखेगा कि वो इंटरनेट ना देखे और नहीं अखबार पड़े
22:02बिलावज़ा परिशान हो जाएगी
22:04बहुत ज्यादा ख्याल रखेगा इस बात का
22:06कुछ पता नहीं लगना चाहिए
22:08आप लोग बहार जाएं हमें ड्रेसिंग करनी है
22:10ठीक है
22:11मेरी बात भूलिएगा नहीं आप प्लीज
22:14कदीब से तो और भी हैंडसम लगता है
22:27अखबार वाले से फरिश्टे चहरे वाली शातान लिखते हैं
22:30सही लिखते हैं बिलकुल
22:31सुना है कल ये बरी हो जाएगी
22:33ये बाते हैं और कुछ नहीं
22:36पुरानी मॉडल है किसी फैन वगारा ने ये खबर पहलाती होगी
22:39तुम्हें पता है कल जब इसे बलड की नीट थी तो इसे किसने बलड दिया था
22:42किसने अली कुजान
22:45क्या तुमने क्या कहा
22:55कौन अली उसने खुन दिया मुझे
23:00क्या अली ने खुन दिया मुझे
23:02नहीं वो आपने गलत सुना
23:05नहीं, मैंने खुद सुना आपको, मैंने खुद अली का नाम सुना है
23:09डॉक्टर भी थोड़ी देख में आ जाएंगी
23:10नहीं, रुक जाएं, मैंने खुद सुना है आपके मूँ से
23:13मज जाएं, मैंने कहा न, मैंने सुन लिया है
23:15इधर आए मैंने कहा मैंने सुन लिया है यहाँ है
23:18क्या हो गया नूर
23:23मैंने उनकी सारी बाते सुन ली फाते
23:26अली आया था
23:28मैंने तो खाब में भी देखा था उसे
23:30उसे उसे खून दिया मुझे
23:45इतने अर्से से
24:06तम्हाली जिन्दकी के सबसे मुश्किल दिनों में तुमने उसके लिए
24:09सबसे छुपकर उसे बचाने की इतनी कोशिश की
24:13और अब यह खड़े हो कर कह रहे हो के रास्ते में नहीं आउगा
24:16यह ठीक है
24:17क्यों अली जबके तुम जानते हो के
24:20वो बेकसूर है उसे बेकसूर साबित करने की कोशिश कबाद ऐसा क्यों
24:43बाबा
24:53गुड मॉर्निंग
24:56गुड मॉर्निंग बाबा
24:58मेरी जान
24:59मेरा शेर
25:02नूर अनस्थीजिया के लोगों पर ऐसे असरात हो सकते है
25:08इंसान जो देखना चाहता है वो ही उसे नदर आता है
25:11तुम समझ नहीं रहे
25:12मैंने कहा मैंने अपने कानों से उसका नाम सुना है फाते
25:14उन्होंने भी यही कहा के तुमने गलत सुना है
25:18फाते
25:19मैं जानती हूँ कि मैंने क्या सुना है
25:21मैं कसम खाती हूँ मैंने उसे महसूस किया
25:23हाँ
25:24मैं उस वक्त होश में नहीं थी
25:26लेकिन उसके होने का हैसास किया मैंने
25:28उसकी खुश्बो
25:31उसका हैसास
25:33उसने खून भी दिया है मुझे
25:36अच्छी तरह पैज जानती हूँ मैं
25:38इस सब का क्या मतल़ मैं जानते हो ना फाते
25:40वो वो मुझे
25:43नूर मैं तुम्हें आखरी बार क्या रहा हूँ
25:45कि तुम अनस्थीसिया कैसर में हूँ
25:46मैं तुम्हारे खाबों को तोड़ना नहीं चाहता लेकिन
25:48पुरी रात मैं
25:49अमीन, तुम्हारे सुस्राली, वो सारे पुलीस ओफिसर
25:52हम सब मिल का सारी रात यहां जाग रहे थे
25:54और यहां बाहर शक्ष जो नहीं था वो अली था
25:56तुम कुछ भी कहो
25:58मुझे पूरा यकीन है वह यहां आया था
26:01काश
26:04मैं अपनी आँ agre कर देख सकती
26:06तुमने अपनी आँखे नहीं खोली
26:07होश में आओ और सम्हालो खुद को
26:10वो यहां नहीं आया था
26:11क्योंकि वो कभी भी यहां नहीं आएगा दूर
26:13ना तो जेल में कभी आया था
26:14और ना यहां आएगा यह बात अपने दिमाग में बढ़ा लो
26:16क्या हो रहे यहाँ
26:18तुम मत बोलो
26:19चलो
26:22आज अमारे पास केस जीतने का मौका है
26:44वाँ वाँ वाँ अमारी फरिष्टा चेहरे वाली शैतान तुम मौत के मूँ में जा पहुंची
26:47क्या
26:48पर मरी नहीं बेवकूफ
26:50यकीन नहीं आ रहा
26:55आखर इसे मारने की किसमे कोशिश की
26:58ऐसे लोगों के साथ कभी भी कुछ बुरा नहीं होता है
27:02बात तो नुमे
27:04सोच समझ कर बोला करो तो बहतर हैगा
27:06और हैजल साहबा बनने की कोशिश ना करो सूट नहीं करा तुम
27:10कुछ ज़्यादा ही तवज्ज़ नहीं देने लगी हो तुम आचकल मुझे पर
27:13मुझे अंदाज़े है कि तुम्हें मालूम है कि इस टॉपक को लेकर میरे खायलात मु� 잡아
27:23तुम ने हिमत की और..
27:25इस छट के नीचे रहने वाले किसी भी शक्स के सामने अपने ख्यालात का इजहार नहीं किया
27:28तुम यह सब जाकर अपने भई को क्यों नहीं बताते
27:31बलके वो एक आदमी था, क्या नाम था उसका?
27:33हाँ, फाति है
27:34उसके पास फिक्रत के बारे में काफी सारी कहानिया थी
27:37तो तुम जाकर ये कहानिय अपने भाई को बताओ
27:39और हाँ एक काम करो तुम अपनी ये इंट्रस्टिंग कहानिया लेकर
27:43मर्द के पास जा और जाकर उसे भी सनाओ
27:45मर्द को बेच में मत लाना
27:46मेरे खाल से मर्द को नूर ने शामिल किया है और ये तुम भी जानती हो
27:50वैसे मैं सोच रही थी ये खायालाद अपने वाइफरेंट को भी बताती हो तुम
27:54हाँ हाँ जो तुम्हारे दिल में है बोलो बोलो बोलो ना कहां दर्द हो रहा है तुम्हें बताओ मुझे नजर नहीं आ रहा
28:00अरे नहीं तुम लोग अपनी नभेली मुहबत को खांदानी मसायल कर शिकार नहीं होने देते हैं
28:05दर असल तुम जैलिसी से मर रही हो, तुम्हारी जैसा कोई बेवकूफ नहीं है
28:09और मेरे सामने ये सब शो करके तुम्हें जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा, किसे दोका दे रहे हो
28:15मैं नहीं सुन रही
28:17तुम सुनोगी मानूर
28:19बदकिस्मती से जब तक तुम इस घर के छट के नीचे हमारे साथ रहोगी, तुम मुझसे सुनती रहोगी, समझी?
28:24हट्तर के तुम ये भी देखोगी
28:25मुझे यकीन है कि तुम खुद अपनी आँखों से देखोगी, कि तुम किस तरह हमेशा पागलों की तरह महबबत करती रही हो
28:31लेकिन मैं क्या जाना चाहते हूँ, तुम जानती हो
28:34आखिर तुम खुद को इस अजाप में कितनी दिर तक रखकर बरदाश कर सकोगी
28:38क्या हुआ, अब जवाब क्यों नहीं दे रही, कहांगे तुम्हारी जुमान
28:45क्या हुआ जब तुमने कहा था कि मैं अपनी चीजे समीट कर चली जाओंगी
28:50और तुम्हें खुशियों की दुआ दूँगे, कहांगी वो फिर मगरू लड़की हां
28:53या फिर तुमासाईशों की यादी हो गई हो यहां पे
28:55शायद इस कोजान खंदान की च्छाओं में रहकर तुम यहां की इतनी यादी हो चुकी हो
29:00कि ये जगा तुम्हें वापस उनकोने खुजरों में जाने से रोक रही है
29:03मुश्किल हो रहे ना तुम्हारे लिए हां
29:05बात सुनो मेरी, अच्छी तरह जानती हो कि मैं यहां क्यों रुकी हुई हूँ
29:08बाते मत बनाओ जादा, ऐसा नहीं होगा
29:11समझ गई? मैं जानती होगे तुम्हारी नीक नियती की महबबत अब भी कहीं बाकी है
29:15और हां मर्द की सिरफ एक ही भूपी है
29:18और वो हूं मैं ये बात तुम अपने दिमाग में अच्छी तरह बिठा लो
29:21नाईला, तुम्हारी इस किसम की बात उससे कोई फर्क नहीं पढ़ने वाला
29:25क्योंकि मर्द की ठीक होने तक मैं यहां से कदम में नहीं उठाऊंगी
29:28तुम अपनी इस दोखली शक्सियत के जरीए कभी भी काम्याब नहीं हो सकोगी
29:31और नहीं मैं ऐसा होने दोगी
29:32मानूर, जुबान संभाल के बात करूँ मुझसे
29:35और अमीन की दिल में तुमारे लिए क्या फिलिंग से जिर्भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
29:38मैं अच्छी तरह जानते हूँ कि तुम उसे भी दोगा दे रही हो
29:41अब मेरी बहन होने के नाते मुझे तुम कर रहम करना ही पड़ेगा
29:45चाहे तुम कुछ भी करो
29:46और मेरी जिन्दगी में अमीन की कोई जगा नहीं ये बात तुम याद रखो
29:49असल में तुम मझे उसकी जिन्दगी से निकालने के लिए यूस कर रही हो से
30:04हम देखेंगे
30:05देखेंगे के कौन किस पर रहम कर रहे है देखेंगे बेवकोफ आखिर तुम वोती कौन हो मुझे इस सब बताने वाली हद होती है किसी बात की
30:12काश के तुम मढ़ जाती नागे
30:16मढ़ जाती
30:19पीछे ही चूप जाता
30:21क्या हुआ
30:25हाँ हॉस्पिटल जा रहे हो या अदालत में मिलने वाले हो उससे आची
30:29सामिस
30:30बात सुनो मैं हेरिंग में आने वाली नहीं ठीक है
30:33ये सारी सासिश प्लैंड हुई है सब ठीक चल रहा है
30:36एक बली के बकरे की जरुवती और वो मिल गया
30:38अच्छी तरह जानती हूँ वो कोई और नहीं फिक्रित है
30:40लेकिन कौन उस पर यकिन करेगा
30:42हाँ बिलकुल फाते साहब के बनाए हुए जूटे सबूतों के आगे तो पूरी अदालत ही यकिन करेगी
30:47सामिस सेटो
30:48तुम चुपचाप का ही महीनों से इस दिन के अदिजार करे थे ना
30:51तुम बोलो न जूट, इंकार करो न
30:53मैंने तुम्हें अमी से बात करते भी सुन लिया है
30:57तुम्हें भी पता था ना
31:00ओ, जबर्दस्थ
31:01जबर्दस्थ, अब मुझे इलजाम दो कि मैं उसे बचाने की कोशिश करें
31:05तुम्हें पता था या नहीं ये पूछ रहा हूँ मैं तुमसे
31:07नहीं पता था
31:08लेकिन काश मालूम होता
31:09काश मेरे बच्चे की खून से आलूदा उस नागिन का भी खून पहता
31:14गुड़ मॉर्णिग
31:24अली
31:25अली
31:29तुम उसे बचा नहीं सकोगे कुछ भी करो लेकिन तुम नहीं बचा सकोगे अली ये प्याय दूल साहब का काम है ना तुम जल्दी जाओ काम पर अपने कम सी कम मुझ से तु बात करो क्या के छुपाओगे तुम
31:40देखो मैंने अलीना की बात सुने हमारे दर्म्यान ये सब क्या होता जा रहे तुम तो नूर का नाम भी चला खुदाफिस मैं इसलिए तुमसे बात का दीओ अली ये किस किसम का भी है अब तो ऐसे बिएव करते हो जैसे मैं हूँ ही नहीं तुम्हारे सामने तुम्हें अप
32:10बिचारा अली
32:22तुम्हें चुपचाप कहीं महीनों से इस दिन ते इंबजार करे थे ना तुम बोलो ना चुप इंकार करो ना मैंने तुम्हें अमी से बात करते भी सुन लिया है
32:37तुम उसे बचा नहीं सकोगे कुछ भी करो लेकिन तुम नहीं बचा सकोगे
32:42हाँ बोलो
32:47गर बारनेंग अली साहाब फैक्टरी से कुछ लोग आया है तो सोचा आपको इंफॉर्म कर दो
32:51हलो अली साहाब
32:54हाँ ठीक ठीक है सुन लिया
32:56वो आपका इंबजार कर रहे है आप कब तक आ रहे है
32:59जाय से कैदो यार वो दिख लेगा
33:01लेकिन सर वो लोग
33:02बस इस हस्पिताल में तो मैं इंटेनेट भी इस्तमाल नहीं कर पारी हूँ
33:18फोन ही तोड़ दूँगी अपना
33:19हर चीज से घुस्सा आता है
33:21मुझे बहुत परिशानी हो रही है
33:22सोच्रीयों के अदालत में बता नहीं क्या चल रहा होगा इस वक्त
33:25खैरियत तुम्हें क्या कर रहा है
33:27बस एक दो दिन की बात है उसके बाद केस खत्म हो जाएगा
33:31हक और सच्चाई की जीत होगी इंशालला
33:33आमीन या ला इंशालला आमीन
33:36वैसे शर्म की बात है
33:37मुझसे पूछो मैं तो कुछ बोलता ही नहीं और नहीं कुछ कहना चाता हूं
33:40लेकिन आप लोग तो माशालला
33:42क्यों क्या हो गया ऐसे क्या कहती है हमने
33:44बस ये कहा है कि अला इंसाफ करे
33:45सही बात है
33:46चलो अलमास चलो
33:49देखो हमें अपने बेबी पे नज़र रखने चाहिए
33:53आज ये काम हो जाए बस
33:55यही दुआ है
33:56अला ताला उन लोगों की दिलों और दिमाहों में सब कुछ अच्छा डाल दे
33:59और आज बाइसत रहाई मिल जाए
34:01हो जाएगा
34:01हो जाएगा
34:02हो जाएगा ना
34:03मेरा पीटा
34:12ये मंजर देख कर ही मुझे हसी आ रही है
34:15मुझे तो ये पुरा खांदान ही अजीब लगता है
34:17इतना मॉटर्ण होना भी अच्छी बात नहीं है
34:19ये लोग बड़े लोग है तो इसलिए कुछ भी कर सकते है
34:22दाहिताज अच्छा मैसूस कर रही हूँ मैं
34:24अज सब कुछ बहुत अच्छा होगा
34:25एक खुबसूरत दिन होगा आज देखना
34:27अच्छा मैने तुम्हे बताया था क्या
34:29अम्मी जो है ना मेरे खाब में आई थी कुछ दिन पहले
34:32बेटी कहकर पुकार रही ही थी मुझे
34:34ओ अम्मी कशेर अपनी आखे खोलकर मुझे देखो
34:39मेरे प्यारे बेटे मेरी चान के दुखड़े
34:43मेरी चान
34:45आज मैं तम्हें यहीं दफन कर दूँगी तुम देखना
34:51रुको ज़र
34:52अलमास बस ठीक है अलमास।
34:53आज मरेगी मेरे हाथ।
34:54अलमास।
34:55अपने हाथों को मेरे बच्चे से दूर लखो।
34:57मैंने कहा इधर दो ऐसे कि तुम्हारा बच्चा नहीं है।
34:59अराम से यार ये क्या कर रहा है हो तुम लोग।
35:01मास सुनो मेरी जुबान मत खुलवाओ।
35:03मैं तुम्हारी जुबान खेच लूँगी।
35:05क्या बेवकूफी कर रहे हो तुम लोग।
35:06तुम्हारे हाथों में कोई खिलोना है क्या।
35:08मेरा बच्चा मुझे दो इधर।
35:10हट जा।
35:11मत डरो मेरी जान।
35:13मत डरो।
35:14अम्मी तुम्हारे पास है।
35:15मत डरो मेरी बच्चे।
35:16मुझे डरने की जरूरत नहीं।
35:17सच का हूँ तो तुम्हारे आने से पहले
35:19मेरा बच्चा मुझे मुझे मुझे मुझ्करा मुझ्करा कर देख रहा था।
35:21क्या मतलब है तुम्हारा बच्चा की तुम्हारा बच्चा नहीं मेरा बच्चा है।
35:25नाजान तुम जाओ।
35:26मैं कहीं नहीं जा रहे।
35:27नाजान तुमसे कहा के जाओ।
35:29शुकर करो कि मेरे हाथ में बच्चा है वरना तुम यहां से जितना सलामत नहीं जा सकती थी
35:35अल्ला तुम से हिसाब ले
35:36अल्मास बस करो तुम भी होश करो यार
35:39जाहे तुम क्या कह रहो ये
35:40वो औरत हमारी आखों के सामने हमारे बच्चे को गोट में उठा लिए खड़ी थी
35:44अगर हम नहीं आते तो क्या होता
35:45अल्मास बस ठीक है मैं कह रहा हूँ ना चलाओ मता
35:48ऐसे नहीं चलेगा इस हरकत का हिसाब लोगी मैं सबसे
35:51शिकायत करूँगी
35:52हस्पतार में रिपोर्ट करूँगी कि तुम लोगों ने क्या किया है
35:55सुनो तुम दोनो
35:56ये बता मुझे
35:58ये जासत देनी की हिमत कैसे हुए कि कोई औरत बाहर से आकर मेरे बच्चे को गोट में उठाए
36:01इजाज़त हमने नहीं जाहिट साबने दीती इस पे हमारी कोई गलती नहीं
36:14ओ, चलो शाबश, अपनी अम्मी के हाद से एक और ने वाला खालो शाबश
36:18अम्मी बस करे मेरा पेट भर गया और नहीं खाना
36:21बस एक ने वाला और खालो मेरी जान
36:24हम चलो चीक है मेरी जान नाष्टा हो गिया तो फिर तुमारी फुपो आज तुम्हें लेद लेकिन के लिजिए मेरी फुपो दो काम पाइ कहली है वो मुझेकल ले जाने वारी थी
36:34में भी तुम्हारी फुपो vibesriends ॐ ले जाओंगी तुम्हें तुम मर्द को गारी में ले जाओ मैं थोड़ी देर ने आती हूं build
36:50देखा आपने उसने मर्द को भी भर दिया है
36:54वो कल की आई हुई लड़की और ये सब
36:57कसम से मुझे समझ नहीं आरा कि वो चाहती क्या है
37:00कभी रात को चुपके से इसके कमरे में जाती है
37:02उसे चॉक्ले देती है और मुझे इसके
37:03वो सिर्फ और सिर्फ इसका खियाल रख रही हो
37:05अलीना
37:05ठीक है मैं कुछ नहीं कहरी इस बारे में
37:11वैसे भी मैं तुम्हारे सरवाईये पर हैरां नहीं होंगी
37:13क्या हम इसे कोई नहीं चाहरा समात में
37:17उसकी बात भी मत करो मेरे सामझे
37:18मैंने अमीन से बात की थी
37:21वो लोग कल रात बहुत खुशबाश लग रहे थे
37:23और आज तो खुशे-खुशे समात में जा रहे होंगे
37:25शायद उनके सबूर भी बहुत मस्बूत है
37:26काफी भरूस है उनको खुट पर
37:28ना इला
37:28मैं तुम्हे किस जबान में समझाऊं गया
37:31ठीक है
37:33जा रहे हूँ मैं
37:36सी यू लेटर
38:03अब जा रहे हैं का मैडम
38:10जा रहे हूँ क्या हूँ क्यों नहीं जाओ नहीं जाओ नहीं तो मैं क्या करूँ क्या मैं अम्मी की जासूसी करूँ
38:17नहीं मैडम वो अदालत गई हूई है ना
38:19तुम्हें अदालत से क्या है
38:21तुम्हारा सारा काम अदालत में हो गया है क्या
38:23सवाल पूछ रही है किस कदर नालाइक और बत्तमीज हो गए हो तुम लोग या
38:27हद हो गई है बत्तमीजी
38:29इनका रवाया तो बिल्कुल ही बदल गया है
38:33हमारी गवाही की बतौलत ही वो जेल में गए और आप हमें यह गलत हो गए
38:36अलमास देखो यानि अलमास यह सिर्फ एक अलत फैमी है
39:02देखो हमारे बच्चे की हलत अब बहतर है
39:04हम कल डिस्चार्ज हो रहे हैं
39:06तो फिर तुम क्यों ऐसा कर रही हो मुझे समझ नहीं आ रहा
39:09यही तो मैं भी नहीं समझ पा रही हूँ
39:11जाहिद वाकई में मैं इस वक्त तो कुछ भी नहीं समझ पा रही हूँ
39:14अच्छा तो कहा है वो नर्स
39:15उससे मेरे सामने आकर ये बताना चाहिए ना
39:17यहां हमारे सामने आकर बताये ना कि नाजान को मैंने बुलाया है
39:19बोले ना
39:20हाँ तो उसने तुम्हारे सामने ही खड़े होकर कहा है
39:22ठीक है मैं दुबारे से उसे ढून कर लाती है तुमसे फिर से बात करे
39:24अलमास क्या कर रही है, कहां जा रही है, खुदा के लिए एक मिनट रुख जाया
39:27पहले ही तुमने मुझे काफी शर्मिंदा कर दिया है
39:29जाहिद तुम क्या कह रहोगे
39:31मैंने उस औरत को अपने बच्ची को गोद में उठा देखा है
39:34अब तुम क्या इस बात को भी जुटलाना चाते हो
39:38ये सब होने के बाद तुम किस मुझे से मुझे से मिदा ठहरा रहे हो
39:42ठक चुका हूँ वाकई, हर कदम पर लोगों के सामने शर्मिंदा होने से ठक चुका हूँ
39:46अलमास सब और बंदाश नहीं कर सकता
39:47तुम्हारी शर्मिंदे की खतम कर देती हूँ
39:49तुम मुझे वसाहत दो इस बात की कि वो औरत यहां पर क्या कर रही थी
39:52यर मैं, मैं नहीं जानता कि वो क्या कर रही थी
39:54मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि तुम इस वक्त सोच क्या रही हो
39:57यही तो सारा मसला है जाहत
40:00मैं तुम्हें बताओ
40:01मेरे साथ
40:03जब से वो वाक्या पेश आया
40:05तब से मैं नहीं जानती
40:06कि मेरे साथ ये क्या हो रहा है समझ नहीं पा रहे हूं
40:09और ना ही मैं कुछ ठीक से सोच पा रहे हूं
40:11देखो ठीक है
40:12ठीक है अलमास ठीक है प्रीज बस करो
40:15देखो, हम दोनों बहुत मुश्किल दोर से गुजरे हैं, मतलब तुम मौत के मूँ से बचकर आई हो, अलमास, हम अपने बच्चे को भी तक्रीबन खो चुके थे, देखो, हम कई महीरों से अस्पताल में हैं, हम दोनों ही बहुत ठक चुके हैं, अलमास
40:27तो सोचो किसली है, किस की वज़ा से, उस औरत की वज़ा से हो रहाएगे, उस रात, जब मेरे पैरों के नीचे से जमीन निकल रही थी, तो मैंने क्या बात सुनी थी आख़ी, उस देखा, कि जब तुम्हारी अम्मी को नहीं बख्षा, तो तुम क्या चीज़ हो, सुना तुम
40:57हर एक लम्हा, एक एक लम्हा, जिस लम्हे से मैंने अपने बच्ची को गोद मिलिया है, क्या तुम्हें लगता है कि मैं भुला पाई हूंगी कि उसने क्या किया था मेरी मां के साथ, तुम्हें समझने आ रही ये बात?
41:07अलबास देखो, मैं…
41:08तुम सुनो मेरी बात, तुम मेरी बात सुनो, जाहिद हाता कि मेरी आखों में देख कर बात सुनो, वो नाजान फिर से कोई चाल चल रही है, उसके पास यकीनन कोई न कोई प्लान है, बरबात कर दूँगी उसके खेल को, कोई मसला नहीं, मैं उसके खेल को बरबात कर दू�
41:38करें तुम जितना चाहों मैं एक लफस नहीं कहूंगी लेकिन वो अरत वरना वरना क्या और वो कहते ला और तभी हमारे बच्चों के करीब नहीं सकते हैं सुन्डो साहिद
41:48और बरना क्या गोलो ना वर्ना मैं अपने बच्चे को ले जाओंगी तुम्हरी न्जर से त Bow
41:58कि चलो साहिद चलो बाब ही चाओ साहिद
42:12देखो साहिद मुझे एक लफ़ भी मत कहना मैं तुम से कई बार कह चुकी थी कि मैं अपने बचे से मिलना चाहती हूँ
42:26झाल
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