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  • 2 hours ago
विशेष: शेख हसीना पर बड़ा फैसला, कोर्ट ने दी सजा-ए-मौत

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00:00नवस्कार विशेश में स्वागत है आपका मैं हूँ आपके साथ अर्पितार है
00:03आज विशेश में बात बांगलादेश की पूवप्रधान मंतरी शेक हसीना की
00:09जो इस वाक्त भारत में राज़नितिक शरंड लिये हुए है
00:12आज बांगलादेश की एक अदालत ने शेख हसीना को फासी की सजा सुनाई है
00:16कोट ने उन्हें चात्रों की हत्याओं का दोशी माना
00:18लेकिन अब इस फैसले के बाद बांगलादेश का अंतरिम सस्कार का प्रमोख
00:24मौहमद यूनिस एक बाद फिर से भारत विरोध पर उतर आया है
00:27मौहमद यूनिस की तरफ से मांग की गई है कि भारत शेख हसीना को उन्हें सौब दे
00:32और शेक सीना को बंगलादेश भेजने का मतलब है, सजाय मौत
00:50क्या शेक हसीना को मौत की सजा मुकदमा चलने से पहले ही तै था?
00:56क्या शेक हसीना को मौत की सजा दिलबाकर मोहमद यूनुस ने अपना बदला पूरा किया?
01:02ऐसा लगता है कि सब कुछ पहले से ही तै था
01:10पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना ढाका छोड़ कर भागी थी
01:14क्योंकि वो समझ गई थी कि अगर वो वहां रही तो उन्हें फांसी के तखते पर चड़ा दिया जाएगा
01:19पिछले एक साल में साज़िश के तहट भांगलादेश पाकिस्तान के नजदीक और भारत से दूर हो गया
01:25शेख हसीना को भारत ने दिल्ली में शरण दी हुई है और अब वही हो रहा है जो पहले से तै था
01:32ठाका के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिबिनल ने पांच में से दो मामलों में शेख हसीना को मौत की सजा दी है
01:39ये दो मामले हैं हत्या के लिए उकसाना और हत्या का आदेश देना बाकी मामलों में उन्हें उम्रकैत की सजा सुनाई गई है
01:47ट्रिबिनल ने शेख हसीना को जुलाई दोहजार चॉबीस के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टर माइंड बताया
01:53वहीं दूसरे आरोपी पूर्व ग्रहे मंतरी असदुजमा खान को भी बारहे लोगों के हत्या का दोशी माना और फासी की सजा सुनाई
02:01जैसे ही सजा का एलान हुआ, कोट रूम में मौझूद लोगों ने तालियां बजानी शुरू कर दी
02:07शेक हसीना को सजा देने वाले ट्रिबुनल का नाम भले ही इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिबुनल हूँ
02:30लेकिन इसमें इंटरनेशनल जैसा कुछ नहीं है, ये नाम का ही इंटरनेशनल है
02:35इसमें ना तो यूएन की तरफ से किसी जज को न्यूक्त किया गया है
02:38और ना ही किसी और देश का कोई जज इसमें तैनाथ है, इसे बांगलादेश में ही बनाया गया था
02:432009 में विरोधियों को सजा दिलाने के लिए इसकी स्थापना की गई थी
02:48इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिबुनल एक स्पेशल कोट है जिसमें कोई अंतरराष्ट्रिय जज नहीं है
02:53ये कोट मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध की सजा देने का अधिकारी है
02:581971 में वांग्रदेशियों पर अत्याचार में पाकिस्तान सेना का साथ देने वालों के खिलाफ इसमें मुकत में चलते रहे हैं
03:05कंगरू कोट का फैसला है ये बिलकुली किसी भी इंटरनाशनल या नाशनल जुडिशल काईदे के अनुसार नहीं किया गया है
03:15अब देखिए ये जो अंकड़े दे रहे हैं कि 14 सो लोग मरे थे और 11,000 जेल में कर दे थे
03:24उनके नाम हैं किया उनके नाम भी पेशनी किया है ये भी एविडिन्स पेशनी की कि कौन से ही 14 सो लोग हैं जिनके लिए कह दे हैं कि ये मरे हैं
03:32और ये भी नहीं कह रहे हैं कि ये जो 11,000 जो कुछ हैं जो जेल में जाएं वो कौन है
03:38तो इसलिए एविडेंस की पेशी हुई ही नहीं है एविडेंस की सुनाई हुई ही नहीं है
03:43और ये मौकाई नहीं दी गया कि evidence जो प्रिजेंट कर रहे हैं उसका opposition उसका वो जो opposition lawyers हैं वो उसके खिलाफ जो कहना चाहें वो कहें जाएंगा
03:52वैसे शेक हसीना के बेटे को भी पहले से ही ये अंदेशा था कि फैसला फासी का ही होगा
03:58फैसले से पहले ही उन्होंने कह दिया था कि यूनुस सरकार मेरी मा के साथ कुछ नहीं कर सकती मेरी मा भारत में सुरक्षत है भारत उन्हें पूरी सुरक्षा दे रहा है ऐसे में वो ठाका में सिर्फ आदेश दे सकते हैं इसके अलावा कुछ नहीं कर सकते वो उनकी गयर मौ�
04:28ये पूरी तरह से पक्षपात्पूर्ण और राजनीति से प्रेरित हैं।
04:31मौत की सजा देकर उन्होंने ये बता दिया कि बांगलदेश की मौजूदा सरकार में बहुत से कट्टरपंथी और हत्यारे उद्देशों वाले लोग मौजूद हैं।
04:39जनोंने बांगलदेश की आखरी चुनिवी प्रधार मंतरी को हटाया और अवामी लीग को एक राजनितिक ताकत के तौर पर अमान ने ठहरा दिया।
05:09मद्यूनस साब चाहते हैं। देखें दूसरी बात है जो जहां तक एविडेंस की बात है कोई भी इसमें एविडेंस जैसे अब शेख हसीना ने भी अपने कुछ इंटर्वियूस में ये बताया जो बड़ी खेद की बात है जो इतने सारे लोग मारे गए और बहुत ही ये �
05:39उन्हें शेख हसीना आरूपी नंबर बन थी और पूर्व ग्रहिमंत्री असदुद्जमा आरूपी नंबर दो थे उन्हें भी मौत की सजा सुनाई गई है इस फैसले के बाद उनकी भी प्रतिक्री आई है
05:49हम प्रतिक्रोण की बनु़े में फचलीक लगें है वेँ में फिर प्रतिक्राइएं लोग में ने सिर्जाएं लोग मौत की
06:12You see, who are the behind this?
06:16All the people who fought with Pakistan against us.
06:22There is the Islam who created Al-Wadar Bahini and Adar Bahini to fight against us.
06:42फैसले के खिलाफ बांगलदेश सुप्रीम कोट की अपिलेट डिविशन में अपील की जा सकती है.
06:46लेकिन ICT खानून के अनुसार अपील फाइल करने के लिए शेख हसीना को फैसले के 30 दिनों के भीतर या तो गिरफतार होना चाहिए या फिर आत्म समर्पन करना चाहिए.
06:57अगर ऐसा नहीं होता तो अपील फाइल नहीं की जा सकती.
07:00अपील फाइल करने की आखरी तारीख 17 दिसंबर 2025 है.
07:05सुप्रीम कोट को अपील पर फैसला 60 दिनों के भीतर सुनाना होगा.
07:08लेकिन जिस तरह से शेख हसीना ने इसे धांदरी वाले ट्रिबिनल का फैसला बताया है, उससे ऐसा नहीं लगता कि वो गिरफतारी देंगी या आत्म समर्पन करेंगी.
07:17क्योंकि अगर शेख हसीना वापिस बांगलदेश गई, तो फिर उनका वापिस आना बहुत मुश्किल होगा.
07:23आज तक व्योरो.
07:47इसलिए अब शेख हसीना के समर्थक भी सड़कों पर उतर आये हैं और हंगामा कर रहे हैं.
08:08बांगलदेश में तो हंगामा पहले से ही हो रहा था, भले ही कम बचे हूँ, लेकिन पूरे बांगलदेश में शेख हसीना के समर्थक अभी भी.
08:17जब ये तैह हुआ कि शेख हसीना को 17 नवंबर को सजा दी जाएगी, तभी से पांगलदेश में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के समर्थक जमा होने शुरू हो गए थे.
08:31और आज जैसे ही मुहमद यूनुस की कंगारू पोर्ट ने शेख हसीना को मौत की सजा देने का एलान किया, तुरंत बाहर हंगामा शुरू हो गया.
08:42अवामी लीग के कारेकरता लगातार हंगामा कर रहे हैं, प्रदर्शन हो रहा है. ठाका की सडकों पर यही तस्वीरे हैं. पुलिस लाठी डडनों से शेख हसीना की पार्टी के कारेकरताओं को पीट रही है.
08:59शेक हसीना की पार्टी अवामी लीग ने फैसले के खिलाप 18 नवंबर को यानि कि कल देश भर में बंग का एलान किया है
09:11लेकिन बड़ा सवाल ये है कि अब शेक हसीना का क्या होगा
09:16शेक हसीना पिछले साल 5 अगस्त के बाद से भारत में ही है
09:20भारत में उन्हें राशनितिक शरण दी हुई है
09:23बांगलदेश लगातार भारत से मांग करता रहा है कि शेक हसीना को डिपोर्ट कर दिया जाए
09:28आज शेक हसीना को सजा होने के बाद बांगलदेश ने फिर से ये डिमांड कर दी है
09:32बांगरदेश की तरफ से शेक हसीना और पूर्व ग्रही बंत्री असदुच जमाखान को वापस सौपने की मांग की गई गई है
09:39दोनों इस वक्त भारत की राजनितिक शरण में हैं
09:42भारत की तरफ से कहा गया है कि नईदिल्ली को प्रत्यरपन संधी के तहट दोनों को सौपना होगा
09:48भारत की तरफ से सदा हुआ जवाब दिया गया है
09:51विदेश मंत्राले ने बयान दिया है कि शेक हसीना पर दिये गए फैसले को हमने नोट कर लिया है
09:56जानकार मानते हैं कि शेक हसीना को वापस बंगरदेश को सौपने का मतलब है
10:01कि उनका मारा जाना क्योंकि ये बात तय है कि यूनुस की सरकार शेक हसीना को जिन्दा नहीं छोड़े की
10:07शेक हसीना की जान को खत्रा था तभी वो वहाँ से निकल कर 5 अगस 2014 को भागी थी
10:26नहीं है कोई अप्शन नहीं है जो शेख हसीना को यहां से कहा जाए जो आप वापस चले जाए देखे भारत ने हमेशा से जो भी प्रत्यारिवित लोग होते हैं जिनके ओपर जुल्म किया जाता है उप्रेशन किया जाता है चाहे इस होलिनस दलाई लामा हो या और जगह से �
10:56मिटाने के सुपारी लेकर आए हैं इसी लिए तो जैसे ही शेख हसीना के खिलाफ मौत की सजा का एलान हुआ तुरंत कट्टरपंथी बांगलदेश की धानमंडी में शेख मुझीबुर रह्मान के मेमोरियल को बुल्डोजर से तोड़ने के लिए पहुँच गए
11:09इन कट्टरपंथियों को बांगलदेश की सेना ने रोका है याद कीजे आज से 15 महिने पहले अगस्त 2024 में जब शेख हसीना अपनी जान बचा कर भारत भागी थी तो इन कट्टरपंथियों ने पूरे बांगलदेश में मौझूद बंग बंधू शेख मुझीब की मूर्तियो
11:39बांगलदेश में यही हो रहा है वैसे ये भी कहा जा रहा है कि शेख हसीना को मौत की सजा देने के लिए जान बूच कर 17 नवंबर की तारीख चुनी गई क्योंकि ये तारीख उनके लिए बहुत नीजी माईने भी रखती है इसी दिन 58 साल पहले 17 नवंबर 1968 को उनकी शाद
12:09आज तार तेश का सर्वश्रेष्ट न्यूस चनल
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