बिहार चुनाव 2025 में बड़े-बड़े दावे करने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और उनकी पार्टी जन सुराज का खाता भी नहीं खुल सका। यह नतीजे कई सवाल खड़े करते हैं, क्या पीके को पहले से अंदेशा था कि उनकी पार्टी इतनी बुरी तरह हारने वाली है? वर्षों तक बड़े नेताओं के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर अपनी ही पार्टी के लिए जीत का फार्मूला क्यों नहीं बना पाए? क्या जमीन पर पकड़ कमजोर थी या जनता का मूड गलत पढ़ लिया गया? इस वीडियो में जानिए पीके की हार के असली कारण और उनका संभावित बैकअप प्लान।
00:00बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सबसे चर्चित तीन चार चेहरों की बात करें तो उसमें प्रशान किसोर का नाम जरूर आएगा
00:07पीके 2022 में बिहार पहुषते हैं पहले वो जनसुराज के नाम से पदियात्रा करते हैं फिर दो अक्तूबर 2024 को जनसुराज पदियात्रा को एक राजनितिक दल का रूप दे देते हैं यानि अपनी पार्टी बना लेते हैं और फिर वो एलान करते हैं कि वो 2025 का बिहार विधान
00:37कोई जनाधार बचा नहीं है असली लड़ाई जो बिहार में इस बार होगी वो जनसुराज और NDA के बीच में होगी ये सभी दावे पीके के चलते रहे उनके इंटरव्यू चलते रहे लेकिन नतीजे जो आए जो भी कल ही आए हैं उनमें जनसुराज का खाता तक नहीं खुल
01:07उचा भी नहीं है उनसे बहतर परदर्शन AIM ने किया है जो अस्दुदीन OEC की पार्टी है जो माज 28 सीटों पर लड़ी थी और 5 सीटे जीत ली है इसके साथी बसपा तक का भी बिहार में खाता खुल गया है लेकिन जनसुराज पूरी तरह नाकाम रही है प्रशान किसोर �
01:37जीत में मदद की थी इसके बाद 2014 का पूरा चुनावी कैंपेंट समाला था पीम मोदी का इसके बाद 2015 के महागडबंधन में भी जो जीत मिली थी 2015 में उसमें भी अपनी हिस्सेदारी बताते हैं और फिर दक्षिड से लेकर उत्तर तक पूरब से लेकर पश्चिम तक तमाम
02:07कुछ करने के बावजूद PC को क्या यह नहीं पता था कि बिहार में वो इतनी बुरी तरह हार दे जा रहे हैं क्या उनकी रातनितिक समझ यह कह नहीं रही थी उनको दिख नहीं रहा था सब
02:17कुछ कि क्या उनका खाता भी नहीं खुलने जा रहा है तो यह सवाल उठ रहा है और इस सवाल का जवाब भी कुछ लोगों के द्वारा दिया जा रहा है
02:24हला कि पीके को ही अब यह जवाब देना है वो तो भी कैमरे के सामने नहीं आये हैं लेकिन उनके पार्टी के राष्टिया जवाब आ रहे हैं जो सियासी जानकार जवाब दे रहे हैं
02:46वो यह कह रहे हैं कि पीके को पहले से ही पता था कि वो भीहार में इस बार कुछ कमाल नहीं दिखाएंगे उनको भली भात पता था कि उनका खाता भी नहीं खुल सकता है
02:56कैसे नहीं पता था ये वुस वक्त आप याद कीजिए जब बिहार में चुनाव अपनी पीक पड़ था यानि अपनी चरम पड़ था प्रचार अभियान सब पाइटियों ने तेज कर दिया था उसी वक्त पीके पहुशते हैं रागोपूर और कहते हैं कि मैं यहां से चुना�
03:26उनके मन मताबिक नहीं जा रहा है उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रह सकता है जैसी वो उम्मीद कर रहे थे या जैसा वो दावे कर रहे थे इसलिए उसी वक्त पीके को यह हैसास हो गया था और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और पीके को पता था कि ऐस
03:56अंदर से पता था कि इस बार के चुनाव में वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाएंगे अब बात उठ रही है कि पीके करेंगे क्या भविश्य में उनकी क्यारा निती रह सकती है क्या वो बिहार में डेरा जमाए रहेंगे क्या बिहार में फिर से वो कोई ऐसी पध्यात्रा क
04:2610-10 سال کے हिस्सों में जीते हैं
04:28पहले 10 साल उन्हों ने सहिवंगतो राश्प में नुकरी की
04:44जन्सलाज फिर से अपनी जायवेदरी पेस करेगी
04:47तो ये रही उनकी बिहार को लेकर रणेती
04:48और दूसरी उनकी एक और बात है
04:50चुनावी रणितिकार की भूम का चोड़ने की दावे जरूर करते हैं लेकिन वो ऐसा कुछ कर नहीं रहें वो दक्षिड भारत में एक पार्टी है जो दक्षिड भारत की फिल्मों को सुपरिश्टार विजय हैं खासकर तमिल इस्टार हैं उनकी जो पार्टी है टीवी के उ
05:20लोग प्रिये मैं भी बनने वाला हूँ क्योंकि विजय को मैं जीत दिलाने जा रहा हूँ ऐसा कुछ पीके ने कहा था और प्रशान किसोर चुनावी रणितिकार का भी काम करेंगे यानि वो जो भूमका 2011 से 2021 तक थी उनकी वो भूमका भी भी जारी रहेगी इसके साथ ही वो �
05:50या कह लें उनके पास बैक अप प्लान पहले सी था उनके पास एक प्रोजेक्ट पहले सी था 2026 में जो तमिल नाट का विधान सबाचिनाव होगा उसके लिए वो विजय की मदद कर रहे हैं और इसके साथ ही वो बिहार में अभी साथ साल अपने और देने वाले हैं
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