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The Great Seljuk Season 1 Episode 02 Urdu/Hindi Dubbed
,سلجوقوں کاعروج قسط نمبر 1 اُردو ہندی ڈبنگ میں
#Great_saljug #ATV_Serial

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00:00:00तीर, खंजर और ये कपड़े ये सब हमारी फौचके हैं
00:00:12कोई निशान तो जरूर होगा
00:00:19हम अच्छी तरह जाश पर्ताल करेंगे
00:00:30कि अजर उाईफ उपर मौत समारा णी के सब दो ध
00:00:46और ये लेखेंगे, तिर्ण मौत drastic करेंगे
00:00:50इसको किए अएवे पर्षेम किरो पाफ़े है Tamam
00:00:57कैसा निशान दो सर्वाला उकाब
00:01:22ये एनादुलो के तुर्कमानों का निशान है
00:01:25कितनी शर्म की बात है
00:01:29अब उन्होंने सुल्दान को जान से मारने की कोशिश की
00:01:32लगता है उनका तिमाः खराब हो गया है
00:01:35उन्हें मौका में लात उक्रीच अरस्दान को चुरुवाने आ जाएंगे
00:01:37इतनी जल्दी इतना वसूक से कैसे कह सकते हो ताज उल्मुल्क
00:01:44जब तक सब वाजे नहीं हो जाता हम कोई फैसला सादिर नहीं कर सकते
00:01:49सब कुछ तो रोजे रोशन की तरह आया है मौतरम हाजी
00:01:51ये उन्हीं लोगों का निशान है
00:01:54जो तुम कहा रहे हो उससे भायों के दरम्यान जंग छड़ चाएगी
00:01:57क्या तुम यही चाहते हो
00:01:59अगर हमने हिसाब बराबर नहीं किया
00:02:02तो रियास्त की साख क्या रहे जाएगी
00:02:04अगर ये निशान उनका हो तब भी
00:02:06मैं इस मौामले के गहराए में जाने से पहले ऐसा नहीं होने दोगा
00:02:10आप इस रियास्त के आहम अधिदार हैं
00:02:18लेकिन हत्मी फैसला मजल से शूरा ही करेगी
00:02:48क्या होता हुआ
00:02:52क्या हुआ है
00:03:02वह क्या हुआ और सुल्टान मेलक शा ने कलीच अरसलान को अपना कहदी वना लिया
00:03:07पहले उनोंने kutul M wish bin suliman-chah को कितल किया
00:03:11और अब हमारे सरदार Klich अर्षिलान को कैथ कर लिया
00:03:14अपने सरदार की इन्तिकाम लेने के करुछ को चाहिए
00:03:16इन्तिकाम !
00:03:34कि नीचे करो तलवारे मेरा भाई कले चर्सलान कहा है मैलिक शाह की कैद में है हमने बहुत मुझार्मत की लेकिन नाकाम रहे
00:04:01मैलिक शाहनि हमें बेटाने की कसम खाई एलचन बीभी क्या हम भैड़ बकरियों की तरह अपनी किसमत कबूल कर लेंगे हम अब तक उनकी ताबय थी लेकिन अब बहावत का वरत आ चुका है या इंतिकाम या मॉट या इंतिकाम या मौट या इंतिकाम या मौट मैं मेरा फु�
00:04:31क्या हम अपने सर्दार का बदला नहीं लेंगे एलचन बीबी
00:04:38हमारी अकल पर पढ़दा डाल देता है घुस्ता
00:04:42और अकल के वगएर सर किसी कांग का नहीं होता
00:04:46अब मजीद कोई मौत बढ़दाश नहीं कर सकते हम लोग
00:04:50क्या आप सब नहीं जानते कि हर चीज़ का एक वक्त होता है
00:04:54तलवारे अब मयान से बाहर निकल चुकी है अलचन बीबी
00:04:57अगर हमने अपने सर्दारों का बदला ना लिया तो बहादूरी हम पर हराम हो जाएगी
00:05:01चाहे आप जितनी मर्जी खौफ जादा हो जाएगी लेकिन हम अपने मकसर से दस्वरदार नहीं होगा
00:05:05इंतिकाम
00:05:12कुतल मुझ सुलिमान चाह की तलवार से ही लिया जाएगा तुम्हें मालूम होना जाहिए
00:05:17और वो तलवार इस वक्त मेरे हाथ में है
00:05:22हमें कब उन से इंतिकाम लेना है यह मैं बताउंगी तुम्हें क्या समझाए मेरी बात
00:05:28मेरा हुकम मेरे भाई क्लेच असलान का हुकम होगा
00:05:48जो मेरे खिलाफ होगा वो उनकी खिलाफ समझा जाएगा अपनी तलवार सबच से तेज करने का वक्त है यह
00:05:59जिस दिन इंतिकाम का वक्त आएगा उसी दिन दुश्मन का खुन सबसे पहले मेरी तलवार से वहेगा
00:06:07जाओ अपने काम पर
00:06:14इस दिन इंतिकाम की आख तुम्हे जला कर रख देगी मेलिक शाह
00:06:32ना खुस्ताखों की हुकमरानी ना शैतान का हुकम ये दुनिया आपके लिए तरस रही है अजीम इमाम
00:06:52आपकी अदम मौचूदकी ने हमें माजूर कर दिया है
00:06:56मजीद नहीं
00:07:00इस दुनिया में आपकी हुकमरानी करने का वक्त आ चुगा है
00:07:07ऐसे लोग भी हैं जो बात्निया के अकीदे को नहीं मानते वो खत्म हो जाएंगे
00:07:17सलजूकी हमेशा के लिए फना हो जाएंगे
00:07:23उनकी दबाशुदा जमीनों पर हमारा शानदार जंडा लहराएगा
00:07:37कर दो कर दो खत्म है
00:08:07इजत माददा ये बने अटाश
00:08:37मैंने शेतानों की सर्जमीन पर हमला करके उनका सारा गुरूल मटी में मिला दिया
00:08:44इजत मौब हम कामियाब रहे
00:08:48हमने अपने मकसद के लिए शेतानों के रहनुमा मेलक शाह के दिल में खौफ डाल दिया है
00:08:58हमारी अकीदत मन्द शहीद हो गए
00:09:03हुकम दीजी और मैं भी अपने खौन का हर कत्रा बाह कर शहीद हो जहूँ हिज़त मौब
00:09:10अभी जमीन पर तुम्हारी जरूरत है हसंसभा
00:09:12अभी जमीन पर तुम्हारी जरूरत है हसंसभा
00:09:16अभी जमीन पर तुम्हारी जरूरत है हसंसभा
00:09:36तुम्हारे मकसद के खातिर शैतान की घर में घुसके ए
00:09:48उपर आस्मानों में इमाम जमान की महबबत के लिए
00:10:00और पातनी तख़ पर हमारी मासूम हवा की महबबत के लिए
00:10:04महर लगाता हूं हमारे खौन और दुआउं की
00:10:18तुम्हारा सर गुर्बानी की तरह मुकदस है
00:10:37हसं
00:10:48हुआप से जलकी तरह में भुछ के लारे खरे कि तरह में जलकी तरह में घजगा हुआपल आस्मानी की तरह में बड़ुआपल
00:11:06कर दो झाल, कर दो दो जो हुआ हो जाथ, उप आयकता हुआ हा जाइ, प्रुटेर रहा है, हम अवादी पर दिटाने को हम उलिए पला को चिक आयकता है
00:11:18मैंने तुम्हे एक खास मकसद दिया था
00:11:44ताके तुम और तुम्हारे सिपाही उनके खत्रे से आहगा हो सको
00:11:47लेकिन तुमने तो हमला कर दिया
00:11:50मैं मजबूर था हाजी
00:11:51जिन लोगों को मैंने तर्वियत दी थी
00:11:54वो दरसल उनकी तालिमात से बढ़क रहे थे
00:11:56मैंने महसूस किया कि कुछ गड़ बढ़े
00:11:58तो फिर कैसे पता चला
00:12:00वो इस तरह की बातें आम दोर पर सब के सामने हरकिस नहीं करते
00:12:04सिर्फ आला सता पर करते हैं
00:12:06गतल की साज़िश के पीछे उनका हाथ है
00:12:09इतने वुसूक से आखिर किस बुन्यात पर कह रहे हो तुम
00:12:13जब मैं वहाँ था तो मैंने एक कासिद को आपे देखा
00:12:16वो भूरे रंग का कमरबान पहने आया था
00:12:19लेकिन जाते हैं वक्त उसका रंग कुछ और था
00:12:20जब मुझे कमरबन मिला और अलामत हैं देखी तो अंदाजा हुआ
00:12:23कि वो सुल्तान को नुक्सान पहुंचाएंगे
00:12:25तुमने पीछे को निशान तो नहीं छोड़ा
00:12:30वहां सब जमी बोस होगया है
00:12:32फिकर ना करें
00:12:37सुआए आपके आपके आपके
00:12:40तुम बाहर कैसे निकले बहां से
00:12:48आपने जो परिंदे की तरह उड़ना और मचली की तरह तैरना सिकाए
00:12:56हमलावर उन अपने आपको हमारे सिपाहियों का रूप धार कर हमला किया
00:13:03उन पर अनादोलो तुरकुमान के निशान पाए गए
00:13:08उनका ये कदम जंग चेर सकता है
00:13:13वो हमें एक दूसरे के खिलाव करना चाहते है
00:13:17मुझे इस बात का अंदेशा था कि ये सब एक फरेब है और जो कुछ तुमने कहा
00:13:22उसके मताबिक ये जाहर है कि
00:13:24इस चाल के खिलाड़ी सिर्फ और सिर्फ बाती नहीं है
00:13:28असल खत्रा तो यह है हाजी
00:13:30वो किसी का भी रूप धार सकते हैं
00:13:35कमर बंद लाए हो क्या है
00:13:38बदकिसमती से नहीं
00:13:40वो कमर बंद हमारे लेक मजबूत सुबूत हो सकती थी
00:13:44अब ये सब मजब से शूरा को समझाना बहुत मुश्किल होगा
00:13:49तुम्हारा ये जखम फदा की निशानी है हमारे लिए
00:13:55तकलीफ नहीं देगा बलके ये फखर की अलामत है
00:14:01इस अजीम मकसद का हिस्सा बनना मेरे लिए बाइस शर्फ वह जदमा
00:14:07दरसल हमारा मकसद सुल्तान निशामल मुल्क के एत्माद को ठेस मुचाना था
00:14:15जब उनका एत्माद हासिल कर लोगे तो और बड़ा रुदबा पाऊगे
00:14:19महल में वक्त आ चुका है
00:14:24अपनी मुखलिसाना महनत का फल हासिल करने का हसंसबा
00:14:29मजलिस से शूरा अनादूलो तुर्कमानों के साथ जंग का फैसला करेगी
00:14:37इस से वो एक दूसरे के खिलाफ हो जाएंगे
00:14:41सल्चुकों का जबाल हमारा अरूच साबित होगा
00:14:46अजीम इमाम का मकसद इस पूरी सरजमीन पर पहल जाएगा
00:14:53मैंने सुल्तान का इतिमाद जीत लिया है
00:14:56हमने उन शैतानों को एक दूसरे के खिलाफ करने की राह भी हमार कर दी
00:15:02लेकिन एक और मामला है जो मुझे परिशान करता है
00:15:05वो क्या हमारे आत्मी सल्चुकी सिपाईयों के भेस में थे
00:15:13मेरे लावा किसी और का इस बारी में जानना नमुम्किन था
00:15:18लेकिन किसी ने आगे आकर इस हमले का परदा फाश कर दिया
00:15:32बाहर से किसी का इस बारे में जानना मुम्किन नहीं
00:15:35वो जो भी है यकीन उसने हमारे बीच दरंदाजी की
00:15:42वो शक्स सल्जोगों को आपस में लड़ाने के लिए हमारी मनसूबों को भी बरबाद कर सकता है
00:15:47मैं इजाफे एक दामाद को यकीनी बनाऊंगा और सिपाईयों से भी बूचकच करूँगा
00:15:52जिसने अंदर से दरंदाजी की है
00:15:55वो यकीनी तोर पर सामने आ जाएगा
00:16:00तो बताओ मुझे
00:16:10हमारे दख्त के साय तले चुपे खदार कौन है
00:16:16निशानाद बताते हैं कि यह अनादॉलों तर्कमानों की ही साज़श ए सुल्तान
00:16:20क्या वो कुतल मुझ सुलिमान शाह और कलिच अर्सलान का बदला लेना चाहते है
00:16:28कुतल मुझ सुलिमान शाह को हमने
00:16:33अनादॉलों की फटुहाद का हुक्म दिया
00:16:36उसने वापा साकर बगावत की
00:16:39हम नहीं चाहते थे कि उसकी किसमत ऐसी हो
00:16:41लेकिन अगर हमने उससे हिसाब ना लिया होता
00:16:44तो मस्तक्बिल में सब बागी हो जाते
00:16:47इसलिए हमने उसके बेटे किलिच अड़सलान को गैद कर दिया
00:16:51ताके वो अनादोलों के दुरकमानों को बगावत की तरगीब ना दे सके
00:16:54और भाईयों का खून ना बहे
00:16:57वो अब भी ऐसे हमले की जुरत कैसे कर सकते हैं
00:17:01उस गिनावने हमले का बदला
00:17:03ऐसा होना चाहिए कि हमारी रियास्त की ताकत को थाबित किया जा सके
00:17:07कुसूरवार जो भी है
00:17:09उसे सब के लिए वरत का निशान बनना चाहिए
00:17:13आपकी क्या राए हाजी
00:17:19जो लोग अनादोलों के तुरकमानों के साथ हमारे इखतलाफात को जानते हैं
00:17:25वो उन्हें इस जुर्म में फसाने की कोशिश कर सकते हैं
00:17:30उनका मकस्द हमें एक दूसरे के खिलाफ करना है
00:17:32अगर धुन छटने से पहले हम वहाँ गए
00:17:36तो एक चाल में फस जाएंगे
00:17:38मौतरम हाजी साहब अपने गहरे तजर्बे की बादालत मौताद तज्जिया कर रहे हैं
00:17:43मैं इनकी बहुत इज़त करता हूँ
00:17:44ताहम सुबूत बिलकुल वाज़ है सुल्तान
00:17:48ताजल मुल्क का कहना है के हदफ वाज़ है
00:17:56लेकिन आपके मताबक धुन्द चाही हुई है
00:18:00तो फिर कौन उस धुन्द का सिम्मेदार है
00:18:04मुझे शुबा है के ये बातनियों की साज़िश है
00:18:09उनका हुआरी साथ क्या मसला हो सकता है
00:18:15क्या ये हमला बहुत बढ़ा नहीं
00:18:17उन जैसे छोटे ग्रोहों के लिए
00:18:22बजाहिर तो वह हमें बहुत कम लगते हैं
00:18:24लेकिन उनके जड़ें बहुत कहरी है
00:18:27और इसके साहसात मुझे ये भी शुबाए है
00:18:29कि उनका तालुक फात्मियों से हो सकता है
00:18:31महतरम हाजी साहब हमारी रियास्त की तीसरी आंख और कान है
00:18:37कानून के मताबक इन्हें अपने सुबूत मज्जिस शुरा के सामने पेश करने होंगे
00:18:42ताके दूंद छट जाए
00:18:45मेरा जरिया मालुमात फिलहाल एक राज है ताजल मुलक
00:18:50एक राज जिसे रियास्त बहुत इतियात से रखती है
00:19:15अगर शिकारी यू सरयाम खूंग रहे हैं
00:19:23तो यकीनन उनकी लगाम किसी के हाथ में होगी
00:19:27और हमें उस हाथ तक किसी भी तरह पहुचना होगा
00:19:33हमने क्लेच अरसलान की वहन को गैद नहीं किया
00:19:46हम उसे यहां लाकर पूछेंगे
00:19:50अगर अनादोलों के तुलक इस हमले के पीछे हैं
00:19:54तो यकीनन वो जानती होगी
00:19:55इस दौरान धुन्द भी चड़ जाएगी
00:19:58और सब वासे हो जाएगा
00:20:00देख लीजिएगा
00:20:02वो क्लेच अरसलान की बहन हमारे हवाले करने के खलाब मज़ाह मत करेंगे
00:20:08अगर आपकी इजासत हो तो
00:20:09मैं साथी तोर पर ये फर्ज़ अदा करना चाहूँगा
00:20:12तपर के साथ हमारे काबिल जबचु रवाना होने चाहिए
00:20:20आपका हुकम सराखों पर
00:20:32सेंजर
00:20:48मैं चाहता हूँ के वो भी तपर के साथ रवाना हो
00:20:54अपनी मजबूत कलाई हो
00:21:00और दलवार जैसी तेज अकल से उसने थाबित कर दिया है
00:21:04कि वो किसी भी मुहिम को अंचान तक पहुचा सकता है
00:21:07वो इस फर्स को भी निभाने की सलाहियत रखता है
00:21:11फर्मान पर अमल होगा सुल्तान
00:21:18तुम मेरे रास्ते में रुकावट की सिवा कुछ नहीं बूरे फिर ये
00:21:28लेकिन आखिरकार कोई मेरी बात का यकीन कर लेगा
00:21:34मेरे मौत्रम अमीर आपका दिर्वासा खुला था
00:21:47आपका गुस्सा सुनकर मुझे तजस्स हुआ
00:21:51अंदर आजाओ हसाई
00:21:58अमीद करता हूँ सब खेरियत होगी इंशालला
00:22:03जनाब अगर मेरे लाइक कोई खिदमत है तो मैं आजिरू
00:22:06तुम्हारी सोच से बालतर है
00:22:09सुल्दान के गत्र की साधिश का मामला है
00:22:14मुझे अमीद है कि मुझरमों का पता चल चुका होगा
00:22:18सुबूत मिल गए हैं
00:22:21लेकिन हाजी निजामmes अगर मुलक के मताबिक यह किसी और का काम है
00:22:24वो जो कोई भी है उसकी खिलाब हाजी साब के पाथ जरूर कोई सुबूत होगा
00:22:31उनका भी यही कहना था लेकिन ये एक राज है
00:22:36यकίν ने किसी बड़े गरूलों का काम है
00:22:37हाजी साहब यकीनन उससे वाकिफ होंगे
00:22:41वो महज एक छूटा सा फरका है
00:22:42वो किसी का क्या बिगार सकते हैं
00:22:44मैं हाजी के रादों को जानता हूँ
00:22:47उसे उनसे बूस है
00:22:49हमारे सुल्तान अदल पसंद है
00:22:53जो भी सुबूत पेश करेगा
00:22:55वो उसी की बात के यकीन करेंगे
00:22:56बिल्कुल ऐसा ही होगा
00:23:00एक बार किलिच रसलान की बहन यहां आ जाए
00:23:07उससे पूछकेश के बार सारी हकीका ताशकार हो जाएगी
00:23:25सुक्रिए
00:23:41सुक्रि एख
00:23:49आजसे सरदार ने तमाम बहुदरों को इकठा किया
00:24:06उन्होंने कहा कि शेर की एक दिन की जिंदगी
00:24:09कि दड़की सौ साना जिंदगी से बेतर है
00:24:12पहले उसने बैत-ुल-मुकदस को फता किया
00:24:15और फिर सजुद जंडा गुलत किया
00:24:19उसके बाद उसने दमिश्क में जंडा लहरा है
00:24:33उसने दमिश्क से मिसर तक बहुत सी जमीने फता की
00:24:38यूँ उस शेर में जहां भी गदम रखा
00:24:43बहुत जमीन उसका घर बन देने हमेशा की तरह
00:24:48ये बस्ती भी उन्हीं की बस्ती है
00:24:54खैर आपने कहानी सुन ली इसे अपने दिल में बिठा लें ताके
00:25:00आप भी उन जैसे शेर बन सके मस्तक्बिल में
00:25:03सेंजार कोरको तता
00:25:13तो तुम सब बच्चे भी हमारी तरह कोई कुटाता की कहानियां सुनकर बड़े हो रहा है वहां तुम सब भी बड़े होकर बहादूर जंग जू बनोगे देखना इंशालला
00:25:39जलो बच्चो अब जाओ शाबश जलो शाबश जलो शाबश जलो शाबश
00:25:44मेरे भाई हमने बहुत इंतजार किया तुमारा यास मेरे भाई असलाम अलेकूं वालेकूं
00:26:08खुशी है कि तुम दोनों को पहले से बहतर पाया
00:26:11मेरे बहादूर और शेर दिल जवानों
00:26:14आपकी नज़र रखने वाले जंजूओ
00:26:16अपनी बस्ती और घर में खुशाम दी
00:26:18खुशी हुई देख कर
00:26:19हमें भी आकर खुशी हुई
00:26:21असलान तर्शिक बहतरीन जंगजू और वफादार दोस्त है
00:26:27हम इसे छोड़ कर यहां नहीं आना चाहते थे
00:26:31अब से यहीं हमारे साथ बस्ती में रहेगा
00:26:36उमीद है अपने नाम की लाज रखोगे तो
00:26:39हम तुम्हें खुशामदीद कहते हैं और अपनों में शुमार करते हैं
00:26:45अल्ला आपसे राजी हो
00:26:48सेंजर
00:26:59अगर लोगों को पता चल जाए कि मैलक शाह ने तुम्हें यहां छुपा कर रखा है
00:27:09और उनसे तुम्हारी एक उलाद है
00:27:11तो तुम जानती हो कि क्या होगा
00:27:13बेशक मैं अपने बेटे को तपर महल छोड़ कर आई
00:27:16लेकिन मैं अपने होने वाले बच्चे से खुद को अलग नहीं करूँगी
00:27:20अगर कपचाकों ने तुम्हें ढूंड लिया
00:27:22और उलाद लड़का हुई तो
00:27:24वो तक्त का दावा करेंगे
00:27:26इसका पुसूरवार मलक शाह ठहराया जाएगा
00:27:29और ये बच्चा उनकी फांसी का सबब भी बन सकती है
00:27:32और मेरा बच्चा?
00:27:36अगर मलक शाह को लगे कि तुम मर चुकी हो
00:27:38तो वो बच्चे को महल नहीं ले जा पाएगा
00:27:41क्योंकि वो जानता है कि
00:27:43वो एक सजा याफ़ता औरत के बच्चे को गतल कर देंगे
00:27:47इस वज़ा से मैलक शाह उसे मेरे हवाले कर देगा
00:27:53और मैं उसे तुम्हारे पास ले आऊँगा
00:27:56एक बच्चा अपने खांदान के लिए खजाना होता है
00:28:00चाहे भी नहीं लेकिन बगत आएगा जब उसे तसलीम कर लिया जाएगा
00:28:06अगर तुम मर जाओ
00:28:09तो सब जिन्दा रह सकेंगे
00:28:11लेकिन अगर तुम जिन्दा रही तो तुम्हारा बच्चा और
00:28:17जिससे तुम महबत करती हुमारे जाएगे
00:28:33अमी जान
00:28:34बेटा
00:28:36मेरे प्यारी
00:28:38मेरे जिगर का टुक्रा मेरा बेटा
00:28:47मा कुर्पान जाए तुम पर
00:28:49तुम्हारी जिदाई के दर्ड ने एक पल चैन नहीं लेने दिया
00:28:59लेकिन अब जब तुम्हें सीने से लगाया है ना तो
00:29:01हर दर्द हवा हो गया बेटा
00:29:04मैं जब भी किसी मुहिम पर जाता हूँ आप इसी तरह मेरा इंतिजार करती है वालिदा
00:29:08ऐसे परेशान होती है जैसे कोई बच्चा हूँ और गुम हो जाऊंगा मैं
00:29:13मेरे बेटे तुम ही तो मेरे दिल का सुकून हो
00:29:17मेरा अकलोता फखर मेरा वाहिद सहारा
00:29:22मुझे तो तुम्हारी राह में आने वाले पत्थर से भी ड़ड़ लगता है
00:29:27देखो कितनी दूर से सफर करके आये हो तो
00:29:31चलो अपने खेमे में चलते हैं
00:29:33आज तुम्हें अपने हाद से खाना खिलाऊंगी लसी पिलाऊंगी
00:29:37चलो मेरे बेटे चलो चलो
00:29:40कुछ बताए मुझे
00:29:44अबाई वतन कैसा है मेरा
00:29:47बहुत याद आता है मुझे
00:29:49सब ठीक है सुलताना
00:29:50जमीन फल दे रही है
00:29:52अपने खबर भेजी
00:29:57तो हम फॉरण यहां चले आए
00:29:59पहला बच्चा जो मैंने खोया
00:30:05वो लड़का था
00:30:06माहल की दाईयां अजीब बढ़ताओ
00:30:09करने लगी थी मुझे
00:30:10उनके इसी रवाई की वज़ा से
00:30:13मैं
00:30:14खुद अपने और अपने बच्चे के लिए
00:30:16उन पर भरोसा नहीं करना चाहती हूँ
00:30:18आप मेरे अपने हैं
00:30:23मेरे अबाई वतन से हैं
00:30:24इसलिए मुझे ऐसा इंसान चाहिए
00:30:26जिस पर आखे बंद करके भरोसा कर सको
00:30:28आपने खबर भेजी तो
00:30:29हम फॉरण आगए सुल्ताना
00:30:31आप लोग यहां मेरे महमान है
00:30:34कोई परिशानी हो तो आगाह कीज़ेगा
00:30:37बादाब
00:30:39सफर यह सुल्ताना तश्रीफ ला रही है
00:30:41यह खवातीन कौन है
00:30:47दाइया है यह वालिदा महत्मा
00:30:53आप तो जानती हैं कि जच्ची की तारीख करीब है
00:30:57इसलिए मैंने इन्हें अपने अबाई बतन से बलवाया है
00:31:00जबके सल्जूक रियास्त की बेहतरीन दाइया तुमारी खिद्मत ने
00:31:05तो कारहान दाइया बुलाने की क्या ज़रूरत थी
00:31:08मैं पहले ही अपना एक बेटा खोच चुकी हूँ वालिदा
00:31:14मैं बस अब महताद रहना चाहती हूँ
00:31:17इस बेचैनी से बास आजाओ
00:31:20इस माहर में और भी बच्ची पैदा होई
00:31:22क्या मेरी सेहत और आपके पोटे के जिन्दगी आहम नहीं है
00:31:29यकीना आहम है
00:31:31लेकिन ये सल्जूक की सरजमीन है
00:31:33यहां एक से एक काबिल और माहर दाईया मौजूद है
00:31:38एक दाई जो सल्जूक नहीं
00:31:41वो सुल्तान के बच्चे की पैदाईश में किरदार अदा नहीं कर सकती
00:31:45महल में नए रिवाज लाना बंद कर दो
00:31:51विलादत ने महल की दाईया ही तुम्हारी खिदमत करेंगी
00:31:55और इन खवातीन को जल्द जल्द वापस भीश दो
00:32:04तुम्हारी आखे बता रही हैं तो मुझसे कुछ चुपा रही हो
00:32:27जल्दी बताओ मुझे क्या हुआ है
00:32:30अस्वाहन के मरकजी चौक में हमारे सुल्टान को गतल करने की कोशिश हुए
00:32:35उन्हें बचाते हुए मुझे ये जखमा है
00:32:42बेटा तुम्हें उनका सामना करने की क्या सरूरत थी
00:32:46अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो
00:32:48मजबूर था अमी
00:32:50अगर मैं आगे ने बढ़ता तो सुल्टान को कुछ भी हो सकता था
00:32:56और ऐसा मैंने सिर्फ सुल्टान के लिए नहीं किया
00:33:03अपने बाबा के लिए भी किया
00:33:08बेटा
00:33:12बेटा मैंने इतने सालों ये राज अपने दिल में क्यों चुपा कर रखा
00:33:17तुम्हारी जान बचाने के लिए मैंने कितना कुछ परदाश्ट किया है
00:33:22कितनी आसमाईशें जीली
00:33:24मैं अपना एक बेटा माहल में छोड़ाई हूँ
00:33:32कौन जानता है कि वो कैसा बहात और नौजवान शेहसादा बंके निकला हूँ
00:33:40मैंने पूरी सिंदगी उसकी जुदाई बरदाश्ट की
00:33:47पर अब मैं तुम्हें नहीं खोना चाहती बिटा
00:33:58तुम्हारे इलावा इस दुनिया में अब मेरा कोई सहारा नहीं है
00:34:04अपने दिल को फिकर से पाक रखें
00:34:12जब तक मौत का वक्त नहीं कोई कुछ नहीं कर सकता
00:34:17और वक्त कब आएगा यह सिर्फ अल्ला जानता है
00:34:21बस उसी की जात के बरूसे हैं हम
00:34:24मेलिक शाह तरकेन आप बखूर और इन चड़ी बूटियों का पीछा नहीं चुड़ेंगी
00:34:45जानते तो हैं किस मुसीबत से गुजरे हैं
00:34:49डर है कि दुश्मिन फिर से वो कदम अठाकर मुझे नकसान न पहुचा दे
00:34:54तरकन खातूं अपनी उमीदें उनसे मत लगाओ
00:35:00अल्ला ही असमाईश में डालता है निकालता भी वही है
00:35:04अगर मुसीबत सिफ हम पर इसर अंदाज होती तो हम बरदाश कर जाते उसे
00:35:10लेकिन बात अब हमारी ऑलाद की है
00:35:15हमारी ऑलाद इस दुनिया में आने वाली है
00:35:24और तमाम कोशिशें उसी के लिए हैं
00:35:28अपनी बिसाद भाय कोशिश तो मैं पूरी करती हूँ
00:35:32लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिने करने की मुझे अजासत ही नहीं है
00:35:36तो क्या करने से कासे रहां
00:35:45बच्चे को खोना दू इस टरकी वज़ा से
00:35:49मैंने एहदियात के तार पर खुसूसी दाइयां बलवाई थी
00:35:53लेकिन वालिदा ने इसकी इजासत ही नहीं दी हमें
00:35:56किस बन्याद पर
00:35:58उनका तालुक आला खानदान से हैना
00:36:04इसलिए वो उन्हें इस महल में नहीं जाती
00:36:08जानती हूँ र्यास्त की बड़तरी और हृँए और खानदान के रृस्मा रिवाज के देख्भार करती है वो
00:36:15जमेधार भी है
00:36:16लेकिन क्या मैं ऐसे लोगों को बलाऊंगी जिनें महल में नहीं रखा जासकता
00:36:20तहकीकात करके बलाया था
00:36:22लेकिन मैं पर भी
00:36:24कि ना फार्मानी नहीं कर सकते ही आगर हमारी रियास्त के सरबराख खातून है वो
00:36:29दोनों महताद रहना चाहती है
00:36:35अम्मी महल के लिए और आप मेरे बच्चे के लिए
00:36:41अल्ला आप दोनों में से किसी को खोने का गम ना दे
00:36:45अब सुर्दा होने की जरूरत नहीं है
00:36:53वो दाया यही रहेंगी
00:37:00लेकिन वालिदा महतर्मा
00:37:04मैं नहीं चाहती कि वह मुझे ना राज हो
00:37:08यह मेरा हुक्म है
00:37:09अल्ला का शुक्र है कि उसने मुझे आपके नसीब मे लिखा मेरे सल्टान
00:37:24आप दुनिया पर हुकूमत करते हैं
00:37:29लेकिन मैं वो खुश नसीब जो आपके दिल पर राज करती है
00:37:33जो हजार चाहानों से बहतर है
00:37:36अल्ला करते है
00:38:06तुम लग जाओ, मुझे एक ज़रूरी काम नपताना है
00:38:36लगता है कुछ ज़्यादा ही ज़रूरी काम है
00:38:49खुदा हाफिज तबीव
00:39:03आपको लगी तो नहीं
00:39:04ठीको ठीको मैं
00:39:05हाचे लगचे लगचे
00:39:06चाव
00:39:35दूझे लग काम है
00:39:36लगचे लगचे बादी
00:39:37प्रूपब से लगचे लगचे
00:39:40कर दो कर दो
00:40:10मेरा पीछा क्यूं कर रहे है
00:40:27मुझे नहीं मालुम था कि अस्पहान की गलिया मेरे शहर की बेटी की मल्किया थे
00:40:38सेंचर
00:40:39उस दिन मेरा नाम पूछाता ना
00:40:42सेंचर है मेरा नाम
00:40:43क्या चाहते हैं मुझे
00:40:46मेरा पीछा क्यूं कर रहे हैं
00:40:49मैं कभी किसी का पीछा नहीं करता
00:40:51लेकिन पता नहीं क्यों तुम मेरे रास्ते में आ जाती है
00:40:55कौन मैं
00:40:57जाहर है तुम और कौन
00:40:58क्या मतलब
00:40:59मेरा क्या लेना देना आपसे
00:41:01यह तो तुम ही बता सकती हो मुझे
00:41:03बताती हो लाए
00:41:05वो गौर से सुने यह
00:41:08मैं आपको जानती तक नहीं हूँ
00:41:10पीछह करने वाले आप है
00:41:12आप पेछह मताईए का
00:41:15तुमसे यह गिर गया था
00:41:18और अगर गौर करो तो पीछह आने वाला हर मर्द बुरा इनसान नहीं होता
00:41:48तुम दोनों अब तक यहां हो
00:42:08कर क्या रहिए अब तक इस माहल में
00:42:11हमें कहा गया है कि हम यहीं रहेंगे सुल्ताना
00:42:14किसने हो गुंदिया
00:42:16किसने हमारे फैसले के बाद यह हुकम दिया है
00:42:21हमारे सुल्तान मैलक शाह के हुकम पर
00:42:25क्या मतलब है इस बात का
00:42:42तुम मेरा फैसला लेकर सुल्तान के पास गई थी
00:42:45मैं आपका फैसला सुल्तान तक पहुचाने के हिम्मत कैसे कर सकती हूँ
00:42:49उन्होंने मुझसे इनके बारे में पूछा था तो बस मैंने वजाहत कर दी
00:42:54मतलब हमारे सुल्तान ने इतनी मस्रूफियत के बावजूद भी तुमसे दाईयों के बारे में पूछा
00:43:02उन्होंने कहा तुम इस बच्चे की माँ हो तुम जो चाहो कर सकती हो
00:43:05अब मैं समझी हूँ तैरकन बीबी हम सुल्तान के फर्मान को नजर अंदास नहीं कर सकते
00:43:19क्योंके रस्म और रिवाज का यही तकाज़ा है कि अपने सुल्तान की इताद की जाए
00:43:25और जो सर ऐसा नहीं करता वो कट जाता है
00:43:31दुश्मनों की खो में तुमने क्या देखा और क्या सुना जहां तुम हमारी आँखें और कान थे
00:43:58मजले से शुरा को बलाया था हमने अपने शहीज सिपाईयों पर जो निशानात लागा है वो काम कर गए
00:44:05उन्होंने उसे सुबूत के तौर पर शुमार किया यह अना दूलों तुर्कमानों की साज़श है
00:44:10लेकिन निजामल मुल्क नामी भीडिये को यह शक्ता कि इस जुम के पीछे किसी छोटी से फिरके का काम है
00:44:19और इस से मुराद हम हो सकते हैं
00:44:21हमारे किसी भी शहिद पर हमसे मताल reaction में ही था
00:44:27जो इस करवाई में शामल थे
00:44:28वो कीसे कह सकते हैं कि यह हम है
00:44:30उसके मताब्ब विलाल यह एक राज है
00:44:33उसने हमारे बारे में खुफिया मालौत घासिर की होंगी
00:44:36बेलेन में हमारे खुफिया मकाम से खबर आई
00:44:39वहां के हमारे दाई और रकिदत मन्द शहीद हो गए है
00:44:41लेकिन ये मालूम नहीं कि एक इसने किया
00:44:44किसी जासूस का काम है
00:44:48निजामल मुल्क का कोई जासूस हमारे दर्मियान है
00:44:51वरना उसका ये सब जानना बिल्कुल नमुम्किन है
00:45:07ऐसा भी क्या सरूरी है?
00:45:09क्लिच अरसलान से पूच गश करने का फैसला किया गया है
00:45:12सुल्तान उन से पूच गश करने के बाद हत्मी फैसला करेंगे
00:45:16ये जानते हुए भी कि एक चाल है हम अनादोलों के तुर्कों को क्यों परिशान कर रहे है
00:45:21परिशान नहीं
00:45:23हम अनादोलियों को बेगुना थावित करने के कोशिश कर रहे हैं
00:45:25अगर हम क्लिचर सलान की बहन को यहां लाए तो अफरा तफरी पहल सकती है
00:45:29क्या रियासत को उसका अंदाजा नहीं है
00:45:31कुछ भी कहने से पहले तोल लिया करो
00:45:38अगर रियासत किसी भी इन फिरादी सोच के हिसाब से चलने लगे
00:45:42तो हर कोई रियासत बन कर घूम रहा होगा
00:45:44तो फिर रियासत की क्या बसीरत है मैं ये जानना चाहूंगा
00:45:48मैं उनमें शामल था
00:45:50मैंने सब कुछ देखा
00:45:51क्या रियासत को महल की दिवारों के बाहर कुछ दिखाई नहीं देता
00:45:56समझ गया
00:46:03अब तुम्हीं ये सिखाने की जुरूरत है कि देखने का असल मतलब क्या होता है
00:46:08चलो
00:46:10दाईयों को हमारा पैगाम भेचो
00:46:15कि हिफाज़ती एक्तामाद बढ़ा दिये जाए
00:46:17निजामुल्मुल्क को जो कोई भी हमारे बारे में मालूमाद दे रहा है
00:46:22हम उसका खुछ शिकार करेंगे
00:46:24हसन महल के अंदर और तुम बाहर
00:46:28मुहतरम दाईय बनिया अताश
00:46:32अगर वो शैतान हम लोगों पर हमला आवर होते है
00:46:36तो हम आपके हुकम से
00:46:37उन दोनों सुल्टान और निजामुल्मुल्क का इस दुनिया से नामों निशान मिटा देंगे
00:46:43निजामुल्मुल्क और मेलक शाद जिन्दा रहेंगे
00:46:47ताके हसन सबा महल में अपना मकाम हासिल कर सके
00:46:52हमारा असल मकसद
00:46:55रियास्त की बाग दोर संभालना है
00:46:58हमारे पास तीर अभी तक खतम नहीं हुए
00:47:01हमारे पास अब भी एक और हमला करने का मौका है
00:47:22ये कौन सी जगा है
00:47:25ये वो दुनिया है जिसे हम अपने हाथ में रखते हैं
00:47:32आओ
00:47:46बढ़ो
00:47:47क्या लिखा है इसमें
00:47:52इसनिक के बजार में ताजिर जिसके बारे में बात करते हैं
00:47:56आओ
00:47:58बढ़ो
00:48:08गस्तुन दुनिया में बाजन्दीनी सिपाईयों की बेचेनी
00:48:17और तुम्हारे ख्याल में रियास्त महाल के अंदर से ही मुशाइदा करती है
00:48:21देख लो के रियास्त के हजारों आखे हैं जो सब पर नजर रखती हैं
00:48:26आओ
00:48:33मश्रिक में इतिहाद को यगीनी बनाएं
00:48:53फिर मगर्ब की तरफ रवाना हूँ
00:48:57बैत-ुल्मकद्स को दुश्मनों के हमलों से बचाएं
00:49:01हरमैन में खिलाफत के परच्चम के इस्तकाम को यगीनी बनाएं
00:49:06और उसके बाद कुस्तंतुनिया की फताह की राह हमवार करें
00:49:10तो यह है दुनिया को निजाम देने का रास
00:49:15आपने मुझे यह सब कुछ सिखाया
00:49:18अनादूलों वो तलवार है जिससे बाजंतीनियों पे हमला होगा
00:49:25और जब भी यह तलवार मगरिब की सरजमीन का रुख करती है
00:49:30एक हाथ हमें पीछे खींचने की कोशिश करता है
00:49:34और अब यह हाथ है बातीनी मलूण
00:49:38और मजलिस शूरा वो ही करती है जो वो चाहते है
00:49:43और यही बात मुझे परिशान करती है
00:49:46जो तुम अब कह रहे हो वो पिछले चालिस सालों से हम जानते हैं
00:49:51तुमने जो आज देखा उस हिसाब से हिकमत अमली बनाना चाहते हो
00:49:54लेकिन व्यासा सौ साल माजी को देखते हुए
00:49:57अगले सौ सालों की हिकमत अमली तैयार करती है
00:50:00तो फिर अनादोलिय की बेचैनी कैसे खतम होगी
00:50:06जब कलिच अरसलान के बेहन से पूर्श गच होगी और उन्होंने ये काम नहीं किया होगा
00:50:12तो असल मसला वाज़ हो जाएगा
00:50:14और इस मसले का हल उन्हें यहां खीच कर ला रहा है
00:50:17बातिनियों से जान चुड़ाने का यही बाहित रास्ता है
00:50:21सुल्तान मेलिक शाने तपर को यहां लाने के जिम्मेदारी सोबी है
00:50:25तुम भी उसी के हमरा गवाना हो गए
00:50:28मैंने तुम से कहा था कि वो तुमें अपने जहन में रखेंगे
00:50:32देख लिया आपने हाजी
00:50:40आप जतना मुझे दूर करने की कोशिश करते हैं
00:50:47किसमत मुझे मेरे वाले और भाई के उत्रा ही करीब तकेलती है
00:50:51तुम कभी उनके करीब नहीं चाओगे
00:50:57क्योंकि तुम्हारा आखरी फर्स होगा जो तुम अंचाम दोगे
00:51:01मना जो होगा वो तुम्हें हर्गिस पसंद नहीं आएगा
00:51:04वो अकले चारसलाम की बेहन को यहां लाएंगे ताकि उससी पूछगच की जा सके
00:51:12अगर आपकी अजाज़त हो तो हमें इससे फाइदा उठाना चाहिए
00:51:16तुम्हारे जहन में क्या है
00:51:19अनादोलो के तुर्कों की बस्ती में हमारे कुछ सिपाई है
00:51:24हम उनको पैगाम बेजेंगे
00:51:28और वो सिपाईयों के लिए जाल बिचा देंगे जो के क्लिच अरसलान की बेहन के पास जाएंगे
00:51:34अनादोलिया के तुर्कमान पहले ही बहुत खवा है
00:51:40हमारे सिपाई चाहें तो उनमें से भी कुछ पैरुगार तलाश कर सकते है
00:51:45इस तरह मैलक शा को ये लगेगा के उसके सिपाईयों का गतल अनादोलिया ने किया है
00:51:51और एक और बात
00:51:54उन सिपाईयों की सरवराई शेहजादा तपर करेगा
00:52:10सुल्तान मैलक शा ने अपनी जान पर हमला करने की कोशिश पर बड़े इत्मिनान से जवाब दिया
00:52:17देखते हैं कि जब उसका बेटा मारा जाएगा तो वो कितना पुरसुकुन रहेगा
00:52:23शेर ने हमला तो किया
00:52:27ताह उसका पंजग खाली रहेगा
00:52:40सुल्तान आपको इतनी आहम मोहिम पे बेज रहे हैं जिसका मतलब है उन्हें आप पर भरोसा है
00:52:49आपको कोई शक है गैवर
00:52:54बिल्कुल नहीं लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें आपका उरूज पाना पसंद नहीं
00:52:59वो सुल्तान और आपके बीच नफ्रत के बीच बोना चाहते हैं
00:53:03तरकन बीबी ने इस हमले का जिम्मेदार आपको टहराया
00:53:06सुल्तान की मौचुदगी में ऐसी बेबा की
00:53:09उन्होंने कहा आपने जरूरी एक्दमात नहीं किये
00:53:12तरकन बीबी की फिकर हर्गिस ना करो
00:53:14उनके अलफास की कोई अहमियत नहीं
00:53:16मेरे लिए मेरे बाबा का भरोसा अहमियत रखता है
00:53:19तरकन बीबी को हर्गिस कम न समझे
00:53:22वो बिना वारिस के होते होए भी एक्दिदार के पीछे है
00:53:24अगर उनका बेटा हुआ तो वो तूफान बनकर हम सबको घर्प कर देंगी
00:53:28अगर वो ऐसा करने की जसारत करेगी
00:53:30तो उसके खलाफ जवाबी कारवाई की जाएगी
00:53:32जल्दी मैं वो श्यासादा नहीं रहूंगा जो अपने बाबा से हुकम ले
00:53:36बलकि उसके सामने एक अमीरे शेहर खड़ा होगा
00:53:39बहुत जल्द अमीर
00:53:43और जब वक्त आएगा तो एक सुल्तान
00:53:46अल्ला सुल्तान की जंदगी में परकत दे
00:53:50लेकिन जब तक्तीर अपना काम करेगी तो हम अपने हिस्से का काम करेंगे
00:53:54और फिर आप सुल्ताना बन जाएगी
00:54:13तो फिर ठीक है शहजादे तब पर जब मैं तुम्हारी जान लूगा
00:54:41तो बातनी मकसद के उसूल में यह बहुत आहम करदार होगा
00:55:11वो आ चुके हैं सुल्दान
00:55:39तुम्हारे साथ खास जंग्चूरवाना होंगे
00:55:41उनकी रहनमाई करने वाले पर हमें बहुत भरोसा है
00:55:45जैसा आपका हुकम मेरे सुल्तान आप बेफिकर हो जाईए
00:55:48यह काम आसान नहीं है
00:55:50अलबत्ता तुम इसे बहुँ भी अंचान देने की काबियत रखते हो
00:55:54शुक्रिया सुल्तान
00:55:56मैं मजीद ऐसी महिमात के लिए तैयार हूँ
00:55:59फल को पूरी तरह पकने दो
00:56:07हम उसे सड़ने के लिए हरकिस नहीं छोड़ेंगे
00:56:12अल्ला तुमारी इफासद करें
00:56:29तुम हो उनके सरबरा जी है मौतरम शेजादे
00:56:48तुम हो उनके सरबरा जी है मौतरम शेजादे
00:56:55तुम हो उनके सरबरा जी है मौतरम शेजादे
00:56:58हम फौरन रवाना होंगे मजीद एक पल भी जाया किये बगए
00:57:01प्रवार्व भी जाया किये बगए
00:57:03हम पज़र के वक्त रवाना
00:57:33होंगे उसी के मताबिक तैयारी कर लीजी जैसा आपका हुकम ये घुड़ा इतने लंबे सफर के बावजूद नहीं धका ये अच्छी नसल का है मौतरम शहजादे जहांगीर है इसका नाम जहांगीर हर आदम इतना खुशकिस्मत नहीं हो सकता कि उसके पास ऐसका
00:58:03गोड़ा हो और वो इतनी आहम महिम पे मेरे हमरा हो तुमने यकिनन हमारे सुल्टान का इतमाद हासल कर लिया है लेकिन मुझे ताजब है कि तुमने ये कैसे किया
00:58:18हम दो बस सिपाही हैं मौतरम शहजादे जो फर्स सुपा जाता है उसे बहुबी अंजाम देते हैं बागी हमारे सुल्टान की महरबानी है
00:58:32समझ रहा हो मैं तुमें शीखी मानना पसंद नहीं मेरे बाबा मुझे और भाई बेर के अरूब को अपनै साथ शिकार पर ले जाया करते हैं
00:58:46उन्होंने हमें सब सिखाया कि कैसे वो छुपते हैं और कैसे ख्या में लगाते हैं
00:58:53तुम्हारे बाबा ने तुम्हें शिकार करना सिखाय था
00:58:58बाबा अन्होंने मुझे सब कुछ सिखाया
00:59:10रियास्त के बारे में
00:59:14उनकी इंतिकाल के बाद रियास्त मेरा बाप बन गई
00:59:21हमारे रियास्त कितनी ताकदवर है
00:59:29कुछ के लिए बाप की जागिर बन जाती है
00:59:33तो कुछ के लिए मा की कोद
00:59:40तो तुम्हारी वालिदा बाहयात है क्या
00:59:44अल्हम्दुलिल्ल्ह हयात है
00:59:47मैंने रियास्त की कोद में आग खोली
00:59:54रियास्त के हाथों में पला बढ़ा हूँ
00:59:58एक रियास्त का शहसादा बन गया हूँ लेकिन
01:00:02हमेशे एक कमी महसुस होती है
01:00:05और वो है मा की खुश्पू
01:00:10काश मैं अपनी मा की खुश्पू जान पाता
01:00:15पश्पन में ही इंतकाल कर गई
01:00:20इसलिए जब मैं कभी कभी मिट्टी सुंगता हूँ
01:00:27तो उसे मा की खुश्पू समझता हूँ
01:00:29उनके खुश्पू के तोर पर मैसस करता हूँ
01:00:33अल्ला हमेशे इस रियास्त के इफाज़त करे जिसने हमें कभी अकेला नहीं छोड़ा
01:00:43कहावत बेटा बाप की जागीर के बिना कुछ नहीं
01:00:50लेकिन उस माल का कोई फाइदा नहीं जब तक रियासत हमारी इफाज़त न करें
01:00:55अब आप इजासत दें तो मैं तैयारी कर लेता हूँ रवांगी की
01:01:01कर लेता हूँ रवांगी की
01:01:31आपके एक स्यासत नामे का कौल था
01:01:50बेहतरीन हुकमरान वो हैं
01:01:52जिनकी सहानत और अक्रशमा की मानित रोशन हो
01:01:56और वो इस रोशनी से सब की रहनमाई करते हैं
01:02:01अगर वो शमाज बुच जाती तो क्या होता
01:02:08पिछले 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ
01:02:15कि मैंने मौत को इतना करीब से महसूस किया
01:02:20अब मुझे ये बतावाताबे
01:02:27अगर शमा इसी तरह बुच जाती
01:02:34अगर शमा इसी तरह बुच जाती तो तुम क्या करते हैं
01:02:46जब तक इस मौम बत्ती में एक भी चिंगारी भागी है
01:02:52उस वक्त तक रोशनी खत्म नहीं होगी
01:03:03जिस दिन मैं तक नशीन हुआ मुझे अंदाजा था
01:03:10कि मैंने चिंगारी सही शक्स के हवाले की
01:03:14तो सुल्तान मौसम
01:03:18कौन है वो शक्स जिसे आप इस काबिल समझते हैं
01:03:22वक्त आने पर मेरे बेटे बता सकेंगे
01:03:27तपर और बैर के रुक की महारत हैं
01:03:34आप बरसों से देख रहे हैं मेरे सुल्तान
01:03:38मेरे सारे बेटे
01:03:50आप इस देख रहे हैं
01:03:54आप इस देख रहे हैं
01:03:56आप
01:04:00आप
01:04:05आप
01:04:09आप
01:04:14आप
01:04:17आप
01:04:19आप
01:04:21आप
01:04:23आप
01:04:25आप
01:04:27आप
01:04:29चलत समयख प्लिए भी ले घंग नाव
01:04:35लंग
01:04:37लंग
01:04:41लंग
01:04:43उसके बहत से अभीर तो नहीं
01:04:45डिक्सा जानिया तो
01:04:47नहीं विह प्लिए
01:04:51नहीं
01:04:53कर दो कर दो कर दो कर दो
01:05:23कर दो कर दोस्तों कर दो
01:05:30कर दो
01:05:44हमlar
01:05:49कर दो कर दो
01:06:19कर दो
01:06:49कर दो
01:06:51कर दो
01:06:53कर दो
01:06:55कर दो
01:06:57कर दो
01:06:59कर दो
01:07:01कर दो
01:07:03कर दो
01:07:05कर दो
01:07:07कर दो
01:07:09कि अपलोग कि अपलो घजो खुपते हैं।
01:07:39प्रेकर!
01:08:09कर दो कर दो
01:08:39मैं शहजादा तपर्क
01:09:05सुल्तान मैलक शाह के हुकम से आया हूँ
01:09:08ये हम जानते हैं शहजादे
01:09:13आप हमारी बस्ती में ऐसे ही नहीं आते
01:09:15सिवाए महसूल जमा करने और खून बहाने के
01:09:18हम क्लिचर सलांग की बेहन को लेने आये हैं
01:09:25कहा है वो?
01:09:28उनके बाबा को कतल कर दिया
01:09:31और भाई को कैद कर दिया अतना काफी नहीं है
01:09:35अब आप यहां से किसी को नहीं ले जा सकते हैं
01:09:43हम इनसे बात ही क्यों कर रहे हैं शहजादे
01:09:46मजहा मत ना करो तो बेहतर होगा
01:09:49वरना इसकी खीमत का अंदाजा है तुम्हें
01:09:52क्या हमीं भी मार देंगे आप
01:09:55क्या है
01:10:25ये क्या हो रहा है याँ पर तुम बीच में नहीं आओ हम क्लेजर्सलान की बेहन को लेने आए हद में रहो अपनी क्लेजर्सलान की बेहन मैं हूँ
01:10:48कुतल मुश के बेटे सुलिमान शाह की बेटी एलचन बताओ क्या चाहते हैं मुझसे सुल्तान मेलिक शाह क्या चाहेंगे वो आपको भी क्याद कर देंगे
01:11:05अस्वाहान में हमारे सुल्तान पर किसी ने जान लेवा हमला किया
01:11:12और उन पर सुलेमान शह की सिपाहियों के निशानात पाए गए
01:11:16सुल्तान आपसे इस बारे में कुछ पूझगज करना चाहते है
01:11:21ये किस किसिम का बहतान है
01:11:23अगर हमें सुल्तान पर हमला करना होता
01:11:27तो हम बहुत दूरे के साथ मैदान में लड़ते
01:11:29चाहिए नहीं जानते सुल्टान मेलिक्षा
01:11:31जब वो जंग करने के लिए ये खेल खेल रहे है
01:11:34एलसन बीबी
01:11:37ये अच्छी तरह जान ले
01:11:40कि अगर आप ना आई तो जंग छिड़ सकती है
01:11:43हमारे सुल्टान के पास सुबूत होने के बावजूद
01:11:50वो आप से पुछगश के बाद फैसला करना चाहते है
01:11:54अलचिन खातून ये बहुत बड़ी साज़िश है
01:12:01अगर आप वहां गई तो वापस नहीं आएंगी
01:12:06एक और लफज और तुम्हारी जबान काटती जाएगी
01:12:08हमारे सुल्टान भी ये नहीं चाहते के खुण खराबा हो एलचिन खातून
01:12:16इसलिए आपको हमारे साथ आना चाहिए
01:12:19अगर आप वसूरवार नहीं हैं तो ये आया हो जाएगा
01:12:22यहां पर अब किसी का भी खुण बहारने की कोई गुंचाइश नहीं है
01:12:27मैं सुल्टान को यही बताऊंगी कि हमारा कोई तालुक नहीं था उस हमले से
01:12:34बेतर होगा वो यकीन करिए
01:12:38अगर वो ना माने तो फिर जो भी होगा उसके सिमेदार वो खुद होंगे
01:12:44आप सब यहीं रहेंगे कोई भी हमारा ताकुप नहीं करेंगा बुश्यक मेरे साथ चलो
01:12:59अब यह हमारी इज़त का मामला बन चुका है
01:13:17अगर अब खामोश रहे तो यह मजीद दबाव डालेंगे
01:13:21लेकिन चुकर यह हमारी सिर्वरा अपने साथ लेगा है
01:13:25तो वक्त आ गया है कि अब अपना हुकम सादर किया जाए
01:13:30अपना कि अब अपना है
01:14:00कर दो कर दो कर सकते हैं
01:14:30हम पर हमला हुआ है
01:14:45है जिर खातून की इवाजद करो
01:15:00हुआ है
01:15:28कर दो कर दो
01:15:58सुल्तान आपने मुझे याद किया
01:16:26कर दो
01:16:56हाग रहे है, पीछा करा उनका
01:16:58नहीं सहजाद
01:17:26एह लाह हम पर रह्म फर्मा
01:17:53अपनी जहन्नम की आग से बचा
01:17:58यह आगर क्या है
01:18:23पीचे होगा
01:18:32वाला बार
01:18:41या तो हमें उनकी तरफ जाना होगा
01:18:51या हम जिन्दा चल जाएंगे
01:18:53मेरे अंदर एक आग चल रही है हाजी
01:19:02इसरेल के उपर
01:19:06देखे ऐसा बताया जा रहा है कि
01:19:08सौ से ज़्यादा
01:19:09मिजाइल्स जो हैं सेक्रो मिजाइल्स
01:19:12इरान की तरफ से फायर कर दी गई हैं
01:19:14इसरेल के उपर
01:19:15जहां जिन इस अमले में
01:19:18तेल अभीव में
01:19:19बहुत बड़ी तवाई हुई हैं
01:19:21ताइम मिजाइल्स तेल अभीव में बिल्दिंग्स पर गिरी हैं
01:19:24कई इंपोर्टेंट
01:19:25मिलिटरी इंस्ट्रॉलेशन्स हैं
01:19:27इसरेल के जो तबा हो गए हैं
01:19:29इसके अलावाए केरू शिलम के आस्मान में
01:19:31आप देख पर तने तस्विय बहार आ रही हैं
01:19:33एक साथ काई मिजाइल्स जो है
01:19:35वो ट्रावल करते हुए बिखाई दे रही है
01:19:37इसके बाद हाइफ़ में भी
01:20:03शिलम को भी जो देखना जो है
01:20:06और ट्लावा झार है
01:20:07गए हाँ आसे में बहा है
01:20:08आसे में इस जो सित्रेफ़ में
01:20:11आसे में अ俺ा मैं
01:20:14आसे में आसे में
01:20:15चम्यम कहते हैं
01:20:18तो आसे में inclम आ肉
01:20:21जाओ नहीं है такая
01:20:24जास्जिप्स in आख है
01:20:28करया आब आबदों
01:20:29प्रश्राइब नियुक्लियर शाइट्स पर हमला किया
01:20:58उसके बाद अब इरान ने बदला लेना
01:21:01शुरू कर दिया है और बड़ा हमला
01:21:03इरान की तरफ से किया गया है इस्रेज के उपर
01:21:06देखिए ऐसा वताया जा रहा है कि
01:21:08100 से जादा मिजाइल्स जो है
01:21:11सेक्रो मिजाइल्स इरान की तरफ से
01:21:13पायर कर दी गई हैं इसरेल के उपर जहां जिन इस अमले में तेल अभीव में बहुत बड़ी तवाई हुई हैं
01:21:21ताइम मिजायस तेल अभीव में बिल्डिंक्स पर गिरी हैं
01:21:24कई important military installations हैं इसरेल के जो तबा हो गए हैं
01:21:29इसके अलावा एक गेरूचिलम के आस्मान में आप देखतने तस्वीय बहार आ रही हैं।
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