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  • 2 days ago
HORROR SOTRIES जालिम टीचर Bhootiya Teacher | hindi story | bhootiya Story | CARTOON | Horror Story

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00:00लाल मिर्च खिलाने वाली जालिम टीचर
00:03सभी ने होमवग किया है कि नहीं?
00:06हाँ मैडम जी, किया है
00:07ठीक है, मैं एके करके सबकी कॉपी चेक करूँगी
00:11और अकर किसी ने होमवग गलत किया होगा, मैं उसको सचा दूँगी
00:14मंगला मैडम ने अभी अभी स्कूल जोइन किया था
00:18सभी बच्चों ने सोचा था कि मंगला मैडम भी बांकिर टीचर्स की तरह अच्छी होगी
00:23लेकिन जब मंगला मैडम ने बच्चों का होमवग चेक करना शुरू किया
00:27तब सभी को उनकी असलियत के बारे में पता चला
00:31चंचल, मुस्कान और राजू, तुम तिनों को सचा मिलेगी
00:35लेकिन क्यों मैडम जी?
00:37क्योंकि होमवक में गलती है, तुम तिनों यहां लाइन लगा कर खड़े हो जाओ
00:41तिनों लाइन में खड़े हो गए, उन्होंने सोचा कि मंगला मैडम जाद से जाद उन्हें मुर्गा बनाएंगी
00:47या दो थपड मारेगी, लेकिन मंगला मैडम के दिमाग में तो कुछ और चल रहा था
00:52मंगला मैडम ने अपने बैक से लाल मिर्च का पाउडर निकाला
00:56और अपने हाथों में गलफ्स पहन कर उन्ह बच्चों के चहरे पर मल दिया
01:01लाल मिर्च के पाउडर से उनके चहरे में तेज जलन होने लगी, तीनों बच्चे जोड-जोड से चिलाने लगी
01:09मेरे चहरे में जलन हो रहा है
01:12मेडम ची, प्लीज हमें वाश्रूम जाने दो, हमें अपना चहरा धोना है
01:20मेडम, आगे से महोंवक में गल्दी नहीं करेंगे, प्लीज हमें जाने दो
01:24लेकिन मंगला मेडम ने हस्ते हुए कहा
01:28ये सचा तुम लोगों को याद रहीगी, मैं तुमें मूध होने नहीं चाने दूँगी, तभी तो तुम सुधरोगे
01:35और हाँ, ये बात घर पर किसी को बताई, तो और जादा सचा मिलेगी
01:39क्लास के सभी बच्चे बहुत डर गए
01:42वहीं खुश्बू, मुस्कान और राजू, तीनों डरते हुए अपनी अपनी सीट पर बैठ गए
01:48क्लास खत्म होने के बाद मंगला मेडम बाहर चली गई
01:52तब बांकी बच्चों ने खुश्बू, मुस्कान और राजू के चहरे पर लगा लाल मिर्च का पाउडर हटाने की कोशिश की
01:59लेकिन तब ही मंगला मेडम वापस आ गई
02:02जहां ये सब क्या हो रहा है?
02:04ओ, तो तुम सब मिलकर इन तीनों की मदद कर रहे थे, अब तुम सब को सजो मिलेगी
02:10ये बोलकर मंगला मेडम ने सब बच्चों के चहरे पर लाल मिर्च का पाउडर मल दिया
02:15और शाम तक घर लोड़ते लोड़ते, सबी बच्चों के चहरे में बहुत तेर जलन होने लगी
02:21साथ ही उनकी आँखों से पानी भी बह रहा था
02:25राजू की मा मालती उससे कहने लगी
02:28क्या हुआ बेटा, तुम सुभा तक तो ठीक थे
02:31अचानक से तुम्हारी तब्यत खराब कैसे हो गई
02:33राजू सच सच बताने जाही रहा था
02:37लेकिन तब ही उसे मंगला मेडम की बात याद आ गई
02:40कि अगर किसी ने घर पर कुछ भी बताया
02:43तो उसे डबल सचा मिलेगी
02:44ये सोच का राजू डर गया
02:47मा बाहर बहुत गर्मी है ना
02:49उपर से स्कूल आते वक्त इतने तेज धूप पड़ती है
02:52इसलिए मेरी तब्यत खराब हो गई
02:54मैं कल स्कूल नहीं जाओगा
02:55कल स्कूल नहीं जाओगी
02:57पर क्यों बेटा मैं तुम्हें दवाई दे देती हूँ
02:59कल सक ठीक हो जाओगी
03:00नहीं मा पूरी तरह तब ठीक होने के बाद ही स्कूल जाओँगा
03:04नहीं बेटा एक्जाम आने वाले हैं
03:07तुम इसकूल के चुट्टे नहीं कर सकते
03:08He denied him, Randho was 해요
03:13for his sake.
03:16Kindal day, Randho had made his school.
03:20Mrs. Aangli had both school,
03:22as his she could inhale.
03:25He had both arrived and said,
03:29I can not stay.
03:33Kuch dier bade mangla ma'am class ke anndar aoi
03:36Aur boli
03:37Bacchyo, aaj meera pardhanay ka mode bilkul bhi nahi hai
03:40Aaj me aram kariun gi
03:42Raju aur muskkan yaa ao
03:44Aur meere pair daba do
03:45Ah, pair mein boughot tez darh ho raha hai
03:48Jalda dharau doonho
03:50Mangla ma'am kursi par bait gai
03:52Vahe raju aur muskkan
03:54Doonho pair dabaanay lagay
03:56Aray, ache se dabao
03:57Tum doonho ke haato me jan nahi hai kya
03:59Ha, ma'am ji
04:01अच्छा सुनो, मुझे जोर की भूग लगी है, तुम तीनों अपना टिफिन लाई हो ना?
04:05जी मैडम जी, लाई है
04:08हाँ तो एके करके सबी बच्चे मेरे सामने अपना टिफन ले आओ, जिसका खाना मुझे अच्छा नहीं लगेगा, उसे सचा मिलेगी
04:14ये सुनकर डर के मारे सभी बच्चों के हाथ पैर सुनन हो गई, बच्चों ने अपना अपना टिफिन लेकर लाईन बना लिया, लाईन में सबसे आगे खुश्बू थी, उसने मंगला मैडम को अपना टिफिन खोल कर दिया, उसमें पूड़ी सबजी और गाजर का हलवा था
04:44खाना बहुत टेस्टी था, तुम बैठ सकती हो, खुश्बू खुश होते हुए, अपने सीट पर बैठते हुए बोली, उफ, आज तो बाल बाल बच गई, उसके बाद मुसकान टिफिन लेकर आई, उसकी माने पोहा बना कर दिया था, टिफिन खोलती ही, मंगला मैडम ने म
05:14तुम्हें पता है, बहुत कितना सुखा होता है, इसे नदी में फेक दो, तो नदी का पानी ही सुख जाएगा, मुसकान मन ही मन सोचने लगी, ए राम, आज तो मैं मर गई, मैडम को बहुत पसंद नहीं है, मुसकान तुमने मेरा पुरा मोड खराब कर दिया, इसलिए तुम
05:44तो सजा दे कर ही मज़ा आता था, मंगला ने अपने बैक से लाल मिर्च पाउडर का डबा निकाला, और मुसकान जो पोहा लाई थी, उस पर धेर सारा लाल मिर्च छुड़क दिया, फिर वो मुसकान को देते हुए बोली, लो मुसकान, अब जल्दी से ये पोहा खतम करो, �
06:14लेकिन मंगला पर मुसकान के रोने धोने का कोई असर नहीं हुआ, चल जल्दी से ठोसे से, मैं भी देखती हूँ, कैसे नहीं खाती, ये कहते हुए मंगला ने जबरदस्ती मुसकान को लाल मिर्च वाला पोहा खिला दिया, मुसकान का मुझ जलने लगा, वो पानी पानी च
06:44बच्चों को सचा मिलती गई, अंत में मैडम मंगला ने राजू के टिफिन का भी खाना खाया, लेकिन खाना पसंद ना आने पर मंगला मैडम ने राजू के साथ भी बिल्कुल वैसा ही किया, जैसा उसने मुसकान के साथ किया था, मंगला मैडम का इससे भी मन नहीं भरा, �
07:14ुपुखुखुखुखुखुदु
07:44klausins te pangkhe bant kerni lagi
07:46isse sabhi bache petrishan ho gai
07:48eek meina aeasi hi biet gaya
07:50iskool ki principal
07:52madhubala ko kuch bhi peta nahi chala
07:54eek meine se
07:56ye sab sahethe sahethe
07:57klasins ke bache petrishan ho gai
07:59tbhi eek din raju bola
08:02hume kuch karna hooga
08:04aakhir ye sab kub tak chalta rege ka
08:06lakin hum karbhi kya sakti hai
08:08raju, tummeh to pata hi hai
08:09madam kit ni chalak hai
08:10hum bahar kuch bhi bolingi
08:12तो कोन हम पर यकीन करेगा?
08:14हाँ मम्मी पापस सोचेंगे
08:16हम इसकोल ना जाने का बहाना बना रही है
08:18हाँ ये तुमने बिल्कुल सही कहा
08:21हमें अपने दिमाग लगाना होगा
08:22मैं घर जाकर को सोचता हूँ
08:24यहाँ तो मंगला मैडम के सामने
08:26दिमाग ही काम करना बंद कर दीता है
08:28स्कूल की छुट्टी होने के बाद
08:30राजू अपने घर चला गया
08:32उसी दिन राजू के चाचा कैलाश
08:35विदेश से घर लोटे थे
08:36उन्होंने राजू को एक पैन दिया
08:39ये क्या चाचा जी
08:40अब विदेश से मेरे लिए सरफ एक पैन लाई हो
08:43ये ऐसा वैसा पैन नहीं है बेटा
08:46इसमें एक कैमरा है
08:48लिखने के साथ साथ
08:50सब इसमें रिकॉर्ड भी होगा
08:51ये सुनते ही राजू के दिमाग के
08:54घंटी बजने लगी
08:55अगले दिन वो पैन लेकर
08:59स्कूल चला गया
09:00और अपनी शर्ट के जेम में पैन को रख दिया
09:03पैन का उपरी हिस्सा बाहा निकला हुआ था
09:05और उसी हिस्से में कैमरा लगा हुआ था
09:08आज भी रोज की तरह
09:10मंगला मैडम सब बच्चों को
09:12डांटने और मारने लगी
09:13और अंथ में वो रोज की तरह
09:15सब को सचा देने पर उतर आई
09:18इस बार तो मंगला मैडम ने हद ही कर दिया
09:20उसने लाल मिर्च का लेब बना कर
09:23सब बच्चों के चहरे पर
09:24फेस पैक की तरह लगा कर
09:26कड़ी धूप में खड़ा कर दिया
09:28सबी बच्ची बुरी तरह चिलाने लगे
09:30और कुछ तो वहें जमीन पर बिहोश हो गई
09:33इसकूल की प्रिंसिपल मधुबाला ने
09:36तुरंत उन बच्चों को अस्पताल में भर्दी करवाया
09:38सबी बच्चों के माता-पिता भी अस्पताल चले आए
09:42सब बच्चों के माता-पिता आपस में बात करने लगे
09:45यह सब हुआ कैसे? सब एक सथ बिमार कैसे पड़ गए?
09:49मंगला मैडम पास खड़ी, मन ही मन हस रही थी
09:52तब ही राजू ने हिम्मत करते हुए कहा
09:55यह सब मंगला मैडम के वज़े से हुआ है
09:57जूट, सब को जूट है, यह देखे, मेरी पास इस बात का प्रूफ है
10:07राजू ने पैन निकाला और उसे फोन से कनेक्ट करके
10:11सब को मंगला मैडम के सच्चाई दिखाई
10:14यह देख मंगला मैडम की हालत खराब हो गई
10:16सबी बच्चों के पैरेंट, सारी सच्चाई जान
10:19मंगला मैडम को भला बुरा कहने लगे
10:22उसके बाद पुलिस को बुलाया गया
10:24और उन्हें जेल भेज दिया गया
10:26डॉक्टर ने मंगला मैडम का चेक अप करके बताया
10:29कि उन्हें एक मैंटल डिसार्डर है
10:32जिससे उन्हें बच्चों पर टॉचर करके
10:34सुकून मिलता है
10:35कोट ने उन्हें 20 साल की सजा दी
10:37साथ ये भी खोशित कर दिया
10:39कि 20 साल बाद भी उन्हें कभी भी
10:42कोई भी स्कूल नौकरी नहीं दे सकता
10:44इस तरह राजू की होश्यारी से
10:46कई सारे बच्चों की जान बच गई
10:48वही मंगला जेल में चक्की पीछने लगी
10:51प्रियंका गर्मियों की छुट्टियों में
10:55होस्टल से अपनी मा गोदावरी से मिलने घर जा रही थी
10:59सफर बहुत लंबा था
11:01इसलिए प्रियंका को ट्रेन में ही नीन्द आ गई
11:05रात का समय हो चुका था
11:07तभी प्रियंका वाश्रूम जाने के लिए उठी
11:10तब उसने देखा
11:11अचानक बहुत तेज हवाई चलने लगी
11:14तभी किसी के रोने की आवाज प्रियंका के कानों पर पड़ी
11:18और एक भूतिया साया
11:20प्रियंका को उसके बगल से जाता हुआ दिखाई दिया
11:24ओह लगता है मैं कोई सपना देख रही थी
11:27अभी तो रात के दो ही बचे हैं
11:29चलो वाश्रूम जाकर आती हूँ
11:31फिर आकर सोचाऊंगी
11:32ऐसा कहकर प्रियंका अपनी कमपार्टमेंट की सीट से उठकर
11:37थोड़ा आगे गई तो देखा कि अगली सीट पर
11:40चार लड़कियां बैट कर कोई गेम खेल रही थी
11:43तबी उन में से एक लड़की जिसका नाम मधू था वो बोली
11:48अरे जार हमें गेम तो खेल रही हैं
11:51लेकिन एक बर अच्छे से सोच लो
11:53कहिए खेल हम पर ही भारी न पढ़ जाए
11:55मधू तुम तो एक नमर की डर पोखो
11:58चलो जलनी से केंडल जलाते हैं
12:00और इस पेपर के बीचो बीच एक गोल बनाकर उसके अंदर रख देती है
12:04ये सुन प्रियंका से रहा नहीं गया
12:07और वो उन से बोली
12:08हेलो गर्स ये तुम क्या कर रही हो
12:11कौन सा गेम है ये
12:12मुझे भी बताओ
12:13मुझे गेम खेलना बहुत अच्छा लगता है
12:15अरे ये बहुत डरावना गेम है
12:17इसमें जान का भी खत्रा हो सकता है
12:20इसका मतलब
12:22तुम कोई भूतिय खेल खेलने वाले हो
12:24ऐसा कोई गेम नहीं होता
12:25ये सब किस्से और कहानियों में होता है
12:28सुहाना मैं नहीं खेलूंगी
12:30मुझे बहुत डर्लक रहा है
12:31मुझे इतनी जल्दी नहीं मरना
12:33मुझे लाइफ में अभी बहुत कुछ करना है
12:35अरे जार मधू
12:36तुम नहीं खेलोगी
12:37फिर हम सरफ तीन लोग ही रह जाएंगे
12:39और ये गेम हम खेल नहीं पाएंगे
12:41इसलिए तुझे खेल नहीं पड़ेगा
12:42ओ माइ गॉर्ड गॉर्स
12:44वैसे मुझे तुम्हारे बात सुनकर
12:46बहुत हसी आ रही है
12:47लेकिन अगर तुमे कोई प्रॉबलम ना हो
12:50तो मैं तुम्हारे साथ के खिल खिलने के लिए तयार हूँ
12:52तीना, सुहाना और मोना
12:55प्रियंका को अपने साथ
12:57भूतिय गेम खिलाने के लिए तयार हो गए
12:59मधू सीट से उठ गई
13:01और उसके जगा प्रियंका बैठ गई
13:04अब तीना, सुहाना, मोना और प्रियंका चारों मिलकर गेम खेलने के लिए बैठ गए
13:10तब ही सुहाना बोली
13:11इस वाइट पेपर पर मैंने पैन से एक गोला बना दिया है
13:15तीना तुम इसके अंदर एक केंडल जला कर रखो
13:18लेकिन प्रियंका जो के गेम खेलने के लिए बहुत एक्साइटिट थी
13:22वो बोली
13:23ठीक है, मैं चला कर रख देती हूँ
13:26अब सारे एक दूसरे का हाथ पकड़ो
13:28और चलती हुए केंडल की तरफ देखते हुए बोलो
13:31मैं तुम्हें महसूस कर रही हूँ
13:33तुम यही हूँ
13:34और तुम हमें अपनी मौजूद्गी का एहसास कर आओ
13:37सुहाना की बात सुन
13:39प्रियंका हसते हुए बोली
13:41यह क्या नॉंसेंस है
13:44अपने तरफ से कुछ भी
13:46हसो नहीं, जैसा मैंने बोला है वैसा करू
13:49वो भी कंसुट्रेशन के साथ
13:51तभी तुम यकीन करोगी
13:52अच्छ ठीक है
13:54उसके बाद चारों मिलकर
13:56वही लाइंस दोहराते हैं
13:58कई बार दोहराने से
13:59अचानक उस गोले से
14:01काला धुआ सा उपर की तरफ निकलने लगा
14:04और साथ ही
14:05कैंडल की लो का रंग भी बदलने लगा
14:08तभी टीना बोली
14:09देखो गल्स कैंडल की लो का रंग बदल गया
14:12टीना की बात सुन
14:14प्रियंका फिर से हसते हुए बोली
14:16भला कैंडल की लो का रंग भी चेंज होता है
14:21आर यू मैट
14:22लगता है प्रियंका को ऐसे विश्वास नहीं होगा
14:25कुछ और तरीका अपनाते हैं
14:27इस मैटम को विश्वास दिलाने के लिए
14:29सुहाना इस बार बुची हुए कैंडल
14:32गोले के अंदर रख देती है
14:34उसके बाद सुहाना
14:36सबको एक दूसरे का हाथ पकड़ कर
14:39आखे बंद करने के लिए कहती है
14:41चलो
14:42अब मेरे पीछे बोलो सारे
14:44हमें पता है कि तुम यहीं हो
14:46अपनी मौझूदकी का एहसास कराओ
14:48कई बार ये लाइन्स दोहराने पर
14:51अचानक कैंडल
14:52अपने आप चल गई
14:54फिर उन्हें अचानक किसी के गुरहने
14:57की आवास सुनाई दी
14:58कौन है यहाँ
15:00तुम मेंसे कौन यह वास निकाल रहा है
15:02मुझे डराने के लिए
15:04हम यह वास नहीं निकाल रहे थे
15:06बलके यह आत्मा की वास है
15:08जिसे हम बुला रहे थे
15:09प्रियंका मैडम अब तुम यकीन हुआ
15:11या अभी भी हमारा मज़ाक उड़ाओगे
15:13मुझे पता है
15:15तुम तीनों में से किसी ने केंडल जलाई है
15:17जब मेरी आखे बन थी
15:18और यह जरूर मधुने आवास निकाली होगी
15:20मुझे डराने के लिए
15:21ओ मैडम हमें पता है तुम डर गई हो
15:24पर मान नहीं रही हो
15:25सुहाना, मोना और टीना
15:29सभी प्रियंका के उपर हसने लगे
15:31तुम सब हसना बंद करो
15:33मुझे नहीं खेलना तुम्हारे साथ
15:34यह नॉंसेंस के मैं तो जा रही हूं सोने
15:36प्रियंका अंदर ही अंदर डर रही थी
15:39लेकिन वो अपने सीट पर जाकर
15:41सोने की कोशिश करने लगी
15:43तभी प्रियंका को
15:45अपने सामने वाली सीट पर
15:47एक साया दिखाई दिया
15:49कौने वहाँ?
15:51प्रियंका को बहुती अजीबोगरीम
15:54डरावनी आवाजे सुनाई देने लगी
15:56प्रियंका ने डरके मारे
15:58अपनी आखे बंद कर ली
15:59और जबर्दस्ती सोनी की कोशिश करने लगी
16:02उसकी सुभा जब मेन खुली
16:04तो वो स्टेशन पहुँच चुकी थी
16:06प्रियंका घर पहुचकर
16:08अपनी मा गोदावरी को
16:10ट्रेन में हुई सारी घटना बताते हुए बोली
16:13ममी, अब आप ही बताव
16:15इसमें कितनी सच्चाई है
16:16खुदे खेल-खेल कर देख लेते हैं
16:20मुझी भी एक ऐसा खेल पता है
16:21लेकिन मैंने कभी ट्राई नहीं किया
16:24चलो, आज साथ मिलकर ट्राई करके देख लेते हैं
16:27पर हमें अकेले-अकेले
16:29अलग-अलग जगा पर ट्राई करना पड़ेगा
16:31रात होते ही प्रियंका जलती हुई कैंडल लेकर
16:35अकेली बाथरूम में गई और शीशे के सामने जाकर खड़ी हो गई
16:40मुझे पता है तुम्हारी मौत कैसी हुई थी
16:43आओ मेरे सामने आओ और मुझे पूरी कहानी बताओ
16:46आओ मेरे सामने आओ
16:47तभी अचानक शीशे में डरावने चहरे वाली चुड़ैल लजर आई
16:52प्रियंका बेचारी डरावना चहरा देखकर बुरी तरह डर गई
16:57लेकिन प्रियंका हिम्मत बांद कर खेल को पूरा करने के लिए बोली
17:02आओ मेरे सामने आओ और मुझे अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाओ
17:07तभी भयानक दिखने वाली चुड़ैल शीशे में से ही फूक मार कर कैंडल बुझा देदी है
17:13साथ ही बातरूम के लाइट भी जलने बुझने लगी
17:17ये चानक लाइट को क्या हो गया ये सब तुम कर रही हो क्या
17:24तभी चुड़ैल जोड़ जोड़ से हसने लगी और बात टम में पानी अपने आप भरने लगा
17:30धीरे धीरे बात टम में पानी उपर तक भर गया
17:35तभी प्रियंका को महसूस हुआ, बाद टम में कोई नहा रहा है।
17:40कौन है बाद टम में?
17:41तभी प्रियंका को पीछे से किसी ने धपका दिया, और सीधा बाद टम के अंदर चागिरी।
17:48मुझे पता है, ये सब तुम कर रही हो, तुम उससे बात करो, बताओ तुम्हारे साथ क्या हुआ था, तुम मरी कैसे, मुझे अपनी पूरी कहानी बताओ।
17:57इतने में बाहर से प्रियंका की मम्मी गोदावरी की आवाज आई।
18:02प्रियंका बेटी, क्या स्रब ठीक है अंदर?
18:05हाँ, मा!
18:06फिर प्रियंका की मा गोदावरी दूसरा खेल खेलने के लिए माचिस लेकर एक बहुत बुरानी अलमारी में खुस गई।
18:14अम मैं अंदर से अलमारी का दर्वाजा बंद कर लेती हूँ।
18:17कोई है मेरे पीछे, मुझे पता है, तुम अंधिरी दुनिया से आई हो, क्या तुम यहीं हो?
18:23तब ही गोदावरी के पीछे से किसी के रोनी की आवाज आने लगी, फिर एक डरावना साहाथ गोदावरी के कंधे पर अचानक से किसी ने रखा, ये देख गोदावरी के माधे से पसीना आने लगा, फिर हिम्मत कर गोदावरी ने चुडैल से पूछा, तुम इस दुनिया
18:53तुम मुझे अपने साथ इस अल्मारी से बाहर ले चलो।
18:56महीं दूसरी और बात्रूम में प्रियंका चुडैल से बात करने की कोशिश कर रही थी।
19:04क्या हूँ वाथा तुम्हारे साथ? कैसे मोध हुई थी तुम्हारी?
19:08तभी आइने में मुझूद चुडैल बोली।
19:23अब जब भी कोई केंडल लेकर मुझे शीशे के सामने खड़े होकर बुकारता है तो मैं आ जाती हूँ।
19:30अच्छा, तो तुम अब या चाती हूँ?
19:34अब मैं इंसानी दुनिया में रहना चाती हूँ।
19:37पर कैसे? तुम तो एक आत्मा होु।
19:40तुम्हारे शरीर में प्रवेश करके आज तक जितने लोगों ने भी ये खेल खेला, उन सब ने बीच में ही खेल रोक दिया, पर तुमने इसे पूरा किया।
19:53इसलिए अब मैं तुम्हारी आत्मा इस शीशे में क्याद करके तुम्हारे शरीर में घुसकर बाहर रहूंगी।
20:00ये सुनती ही प्रियंका के सिट्टी बिट्टी गुल हो गई।
20:05प्रियंका थर-thर कापने लगी और जोड-जोड से अपनी मा गोदावरी को बुलाने लगी।
20:12इधर गोदावरी अपने खेल को खतम करने के बारे में सोची रही थी कि तभी प्रियंका की चिलानी की आवाज सुनकर गोदावरी ने तुरंत माचिस की तिल्ली जलाई
20:24और अपना भूत्य खेल खतम करके दोड़ती हुई बाथरूम की तरफ गई। चोड़ैल शीशे से निकल कर प्रियंका को बाट टम में डुबो रही थी।
20:35प्रियंका को सास लेने में तकलीफ हो रही थी। वो बुरी तरह छटपटाने लगी और अपने आपको बचाने की कोशिश कर रही थी।
20:53इतने सालों बाट मुझे आजाद होने का मौका मिल रहा है। मैं तुझे कैसे छोड़ दूँ।
20:59प्रियंका की मा गोदावरी बाहर से गेट खोलने की बहुत कोशिश करती है।
21:11प्रियंका बेटी दरवाजा नहीं खुल रहा। मैं दरवाजा तोड़ने की कोशिश करती हूँ।
21:16Mais you know, you can rend your own soul.
21:19Upses guy who went to you.
21:37My father asked him the dollop with help.
21:41I can't even break my soul.
21:44The dollop, I took it on my body.
21:45आ, ऐसी तो इस चुड़ैल के शक्ति में दुगनी हो जाएगी
21:49तभी गोदावरी, बाधरूम के बाहर से चिलाते हुए बोली
21:53प्रियंखा बेटी, तुम बाठ टब से बाहर निकलने के कोशिश करो
21:56उस चुड़ैल के शक्ति स्रफ बाठ टब में दुगनी हो सकती है
21:59तब तक मैं दर्वाचा तोड़ रही हूँ
22:01अच्छा, तो तुम दोनों मिलकर मेरे खिलाफ चाल चलोगे
22:05अच्छा, अभी बताती हो तुम्हे
22:07ऐसा कहकर चुड़ैल, अपनी शक्ति से अपना लंबा हाथ कर बाधरूम से बाहर खड़ी
22:14गोदावरी को दूर फेक देती है
22:16गोदावरी का सिर, दिवार पर जा लगा
22:20जिससे उसके सिर से खून आने लगा
22:23ही ही ही ही ही, अम मुझे आज़ाद होने से कोई नहीं रोख सकता
22:28हाहाहाहाहाहाहाह
22:31उधर गोदावरी ने भी हिम्मत करके हतोड़े से बाधरूम का दरवाजा तोड़ दिया
22:50जिससे बाधरूम का सारा पानी बाहर आ गया
22:54उसके बाद प्रियंका दोबारा से केंडल जलाकर शीशे के सामने खड़ी होकर बोली
23:00तुम अब शीशे में वापर जाने वाली हो
23:02मुझे पता है तुम वापस अब शीशे में कैद होने वाली हो
23:06नहीं मुझे वापर शीशे में कैद नहीं होना
23:09मुझे कमान नहीं तो वापस जाने का
23:12तुम्हें जा नहीं होगा जाओ वापस जाओ
23:16और फिर शीशे ने अपने आपी चुडायल की आत्मा को अपने अंदर खीच लिया और चुडायल चिलाती हुई शीशे के अंदर कैद हो गई प्रियंका ने तुरन्थी कैंडल को बुझा दिया और इस तरह भूतिया खेल का the end हुआ

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