Skip to playerSkip to main content
  • 2 days ago
Thamma, is a 2025 Indian Hindi-language romantic comedy horror film directed by Aditya Sarpotdar. It is written by Niren Bhatt, Suresh Mathew and Arun Falara and produced by Dinesh Vijan and Amar Kaushik. It is the fifth installment in the Maddock Horror Comedy Universe. It stars Ayushmann Khurrana, Rashmika Mandanna, Nawazuddin Siddiqui and Paresh Rawal. The film follows a journalist who, after encountering a mysterious woman, turns into a vampiric creature called Betal and must save humanity from the bloodlust of an ancient sect. The soundtrack album was composed by Sachin–Jigar. Thamma was released on 21 October 2025, coinciding with Diwali.
Transcript
00:00फिल्म धम्मा साल डोसाजनगीस माइव में रिलीज हुई एक रोमांटिक कॉमेडी हॉरर फिल्म है
00:10इसे निर्देशत किया है अदित सर्पोतर ने और कहानी लिखी है नीरन भट सुरेश मैथ्यू और अरुन फलारा ने
00:17फिल्म के मुख्य किर्दार है आयुश्मान खुराना, रश्मिका मंदाना, नवाजदीन सिदीकी और पड़ेश रावल
00:24फिल्म का म्यूजिक दिया है सचिन जिगर की जोडी ने
00:27ये फिल्म दिवाली के मौके पर डिवड अक्टूबर 2000 यूसमाइस को रिलीज हुई थी
00:32ये फिल्म मैडॉक हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स की पांचवी फिल्म है
00:37जिसमें डर हनसी और प्यारतीनों का जबरदस्त मेल है
00:41कहानी की शुरुआत होती है आलोक गोयल नाम के एक पत्रकार से
00:45आलोक एक डरपोक लेकिन दिखावे में बहादूर आदमी है
00:49वह हमेशा अपने आपको बहादूर बताता है ताकि लोग उसका मजाक नोड़ाएं
00:54वह दिली में काम करता है और एक दिन किसी खबर की तलाश में एक जंगल में पहुँच जाता है
00:59वहीं से फिल्म की असली कहानी शुरू होती है जंगल में आलोक रास्ता भटक जाता है
01:05चारो तरफ अंधेरा मने अजीब आवाजेंग और डरावना माहौल होता है
01:10तब ही अचानक उस पर एक भालू हमला करने आता है
01:12आलोक अपनी जान बचाने के लिए भागता है लेकिन भालू उसके बहुत करीब पहुच जाता है
01:17उसी वक एक रहसेमी औरत आती है और आलोक को बचा लेती है
01:22उसका नाम है ताड़का
01:24वह बहुत सुन्दर लेकिन रहसेमी और अलक सी लगती है
01:28उसकी आँखों में कुछ अंजाना सा रहसे चलगता है
01:31धीरे धीरे पता चलता है कि ताड़का कोई आम लड़की नहीं है
01:34वह एक बेताल है
01:36यानी एक ऐसी बराणी जो इनसान नहीं लेकिन इनसान जैसा दिखता है
01:41पुराने जमाने में ये बेताल लोग इनसानों का खून पीते थे
01:45लेकिन वाणिया ऐस्पराजी सेबन के भारत वे भाजन के समय
01:48इन्सानों की खरूर्ता देखी और तैय कि अब वे कभी इन्सानों का χून
01:52नहीं पिएंगे। उनके समाज ने एक नियम बनाया कि अब किसी भी
01:56बेताल को इन्सान को नुकसान नहीं पहुंचाना है।
01:59उनके बीच एक नेता था यकशासंग जिसने इस नियम का विरोध किया
02:04वह कहता था कि बेतालों को फिर से इनसानों का खून पीने की अनमती मिलनी चाहिए
02:09लेकिन बाकी बेतालों ने उसके खिलाब जाकर उसे एक श्रापित गुफा में बंद कर दिया
02:15तब से वह गुफा में कैद है
02:17तारका आलोक को जंगल से सुरक्षित निकालने की कोशिश करती है
02:21वह उसे वापस दिल्ली पहुँचने में मदद करती है
02:24जब वह जाने लगती है तो आलोक कहता है कि उसे अकेले नहीं जाना चाहिए
02:29बहुत मनाने पर वह भी उसके साथ दिल्ली आ जाती है
02:32वहाँ पहुचने पर आलोक के माता पिता उसे देखकर चौंक जाते है
02:37उन्हें ये लड़की बहुत अजीब लगती है
02:39तारका को वे तारिका बुलाने लगते हैं ताकि पडोजी सवाल नं करे
02:43लेकिन आलोक के पिता को उसकी मौजूदगी पर हमेशा शक रहता है
02:49तारका धीरे धीरे आलोक के परिवार के साथ घुलने मिलने की कोशिश करती है
02:53लेकिन उसे सामानी खाना पसंद नहीं आता
02:56उसे कुछ अलग चाहिए होता है
02:58अलोक सोचता है कि शायद उसे बाहर का खाना पसंद आए
03:02तो वह उसे एक पार्टी में लेकर जाता है जहां सब नौन वेज खाना खाते है
03:06वहां ताड़का पहली बार खुले माहौल में आती है और थोड़ी शराब भी लेती है
03:11शराब की नशे में वह अजनबी लोगों के साथ डांस करने लगती है
03:16जिससे अलोक को थोड़ी शर्म आती है लेकिन वह कुछ नहीं कहता
03:20पार्टी खत्म होने के बाद दोनों घर लोट रहे होते हैं
03:24तभी वही लोग जो पार्टी में थे गाड़ी रोक कर तार्का से बत्तमीजी करने की कोशिश करते हैं
03:30आलोक उनसे बात करके मामला शांत करने की कोशिश करता है लेकिन वह काम्याब नहीं होता
03:36तभी तार्का असली रूप दिखाती है
03:38उसकी आँखें लाल हो जाती हैं दांत लंबे हो जाते हैं और वह बेताल बन जाती है
03:44वह उन लोगों पर हमला करती है लेकिन उन्हें मारती नहीं बस डरा कर छोड़ देती है
03:49मगर बाद में वे सब यक्षासन के अन्याईयों के हाथों मारे जाते हैं
03:54कुछ दिनों बाद एक सीनियर पुलिस अफसर आलोक के घर आता है
03:58वह खुद भी एक बिताल होता है
04:01उसे लगता है कि तार्का ने उन लोगों की हत्या की है
04:03वह आलोक को चितावनी देता है कि अगर तारका यहीं रही तो आलोक के लिए खत्रा बढ़ सकता है
04:09डर के मारे तारका शहर छोडने का फैसला करती है
04:13जब वह बस से जा रही होती है तो आलोक उसे रोकने के लिए भागता है
04:18रास्ते में एक हादसा हो जाता है और आलोक की कार पलट जाती है
04:22वह मरने की हालत में होता है
04:24तारका उसे बचाने के लिए मजबूर होकर उसे काट लेती है और उसका खून पीती है
04:29इससे आलोक खुद एक बेताल बन जाता है
04:32जैसे ही आलोक का रूप बदलता है, यक्षासन को इसका इहसास हो जाता है, वह खुश होता है क्योंकि अपनी गुफा की कैद से निकल सकता है, क्योंकि नियम था कि अगर कोई बेताल किसी इनसान को बदल दे, तो उस बेताल को सजा के तौर पर कैद किया जाएगा, यक्षास
05:02उड़ना और इनसानी खून की प्यास को रोकना, ताड़का उसे सब सिखाती है, दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं, लेकिन आलोक का पिता उसकी बदलती शकल देखकर डर जाता है, उसे अपने बेटे के दांत और आंखें अजीब लगती है, जब उसे सच्चाई पता च
05:32पास एक और आदमी आता है, जनारदनुर्फ जना, वह अपने कजिन भासकर के लिए मदद मांगता है, भासकर एक वेर वुल्फ है, यानि आधा इनसान आधा भेडिया, वह एक सरकटा नाम के सिरकटी राक्षस से लड़ते हुए बुरी तरह खायल हो गया है, प्रभाकर कह
06:02कई गुना बढ़ जाती है, वहाँ आधा बेताल, आधा वेर वुल्फ बन जाता है, एक बहुत ही शक्तिशाली रूप, आलोग बुरी तरहायल होता है, लेकिन अभी तारका आकर उसे बचा लेती है, दोनों यश्वनती आदवनाम के एक बेताल के पास आते हैं, जो घाता ह
06:32चली जाती है, अब आलोग अकिला रहा जाता है, लेकिन वहार नहीं मानता, वह बेतालोग की उस जगह पहुंचता है, जहां एक शासनम बन था, वहाँ दोनों में जबरदस्त लडाई होती है, एक शासन बहुत ताकत वर होता है, और आलोग को बुरी तरहा गायल देता है,
07:02अब आलोग नया निता बन जाता है, जो बेतालोग को इनसानों से दूर रखेगा और दोनों के बीच शांती बनाएगा, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती, अचानक सरकटा फिर से लौट आता है और यकशासन को अजाद कर देता है, अब फिर से बेतालों और राक्शसो
07:32आने के लिए उसे और शक्तिशाली बनना होगा और इसके लिए उसे वेर वुल्फ के खून की जरूरत पड़ेगी, उधर भासकर जो अब एक शक्तिशाली वेर वुल्फ बन चुका है, सीधे बेताल मंदिर की ओर बढ़ता है, यहीं से कहानी अगले भाग की तरफ पड़त
08:02चुरू होने वाली है, यह फिल्म डर, प्यार और कॉमेडी का एक अनोखा मिश्रिन है, कहानी दिखाती है कि इनसान और राक्षस में फर्क सिर्फ खून का नहीं, बलकि दिल का होता है, तारका और आलोक का रिष्टा बताता है कि प्यार, जाती, रूप या ताकत नहीं दे
08:32और कभी इमोशनल सीन, सब कुछ बहुत संतुलित लगता है, आयुश्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की जोड़ी कहानी में जान डाल देती है, नवाज उद्दीन सिद्दीकी का किरदार, रहसिमी और शक्तिशाली लगता है, जबकि परेश रावल फिल्म में अपने
09:02और विश्वास की ताकत सबसे बड़ी होती है, चाहे सामने बिताल ही क्यों नहों।
Be the first to comment
Add your comment

Recommended

1:49