ह ‘नमोस्तुते जटाजूट’ सिर्फ एक रैप नहीं—यह महादेव के चरणों में समर्पित एक पुकार है। क्या कभी ऐसा महसूस हुआ है कि जीवन की राहें धुंधली हो जाती हैं और बस एक दिव्य सहारा चाहिए? यही भाव इस गीत में प्रवाहित है। मैं महाकाल की जटाओं से झरते गंगाजल में अपनी सांसें अर्पित करता हूँ, और उनसे विनती करता हूँ—“भोले, मेरा हाथ थाम लो और मुझे मेरे प्रिय नारायण तक पहुँचा दो।” इस रैप में भक्ति है, तप है, प्रेम है, और वो अनकहा विरह भी… अगर आपके दिल में भी शिव के लिए वही पिघलता हुआ भाव है—तो यह गीत आपके लिए है।
🔱 क्या आप भी अपनी आत्मा को महादेव के संग जोड़ने को तैयार हैं? तो सुनिए — ‘नमोस्तुते जटाजूट’
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