00:00बढ़ती हुई उमर के साथ दुआ की शरारतें बढ़ती जा रही हैं जैसे के नमाज पढ़ते हुए बातें करना, स्पारा पढ़ते वक्त सोय रहना, वुजू करते हुए कपड़े भी गोना, किचन में आटे के साथ खेलना, बेहनों का मेकप खराब करना, शैंपू और पेस
00:30चीज वाला शापर तो साइकल पे लटका रहता है, बजार जाने के बहाने बिमार होने का नाटक करती है, बालों का बड़ा ख्याल रखती है, चश्मा लगा के शोखिया मारती है, फिर नजर लग जाती है, मैं दम करता हूँ और दौा की मामा नजर उतारती है