00:56अधिक दमपति अपनी मनों कामनाओं की पूर्ति के लिए स्वयंग उपस्तित रहे। महंत आशुतोस पूरी ने बरंपरागत विद्विधान से अनुष्ठान के शुरुवात की। इस दोरान महिलाओं की कमर में एक विशेश कपड़े में जोड़वा नीमबू, स्रीफल, �
01:26देखे आज कार्तिक सुकुला चदोसी का दिन है। सत्यकु में आज एकी दिन बफदेवासुव संगराम के समय भगवान विश्णु जी ने कमलेश्रम महादेः पे सहस्त्रकमल के पुष्टडाये थे। और यही पूजा जो है एक निष्णतान दंपत्ती भी देख रहे �
01:56संतान का वर्दान दीजिए। भवान श्रीव ने का कि जो भी यहां पर खड़ा दीपक का परत करेंगा मैं उसको संतान का वर्दान दूगा। तब से पर्था चलिया रही है। द्वापर युद में गवान कृष्ण जिनी भी यहां पर जाम बंती कहने में खड़ा दीपक
02:26कर देते हैं राद भर दंपती हातों में जलते दीपक लेकर भगवान कमलेश्वर महादेव की साधना में ली रहे। ऐसा धार्मेगुष्वास है किस अनुष्ठान को करने से भगवान शिव और माता पारुती की किरपा से संतान की प्राप्ती होती है और दंपत्ती जीवन
02:56की रुवात दिया गया जिसके साथ ये पवित्र अनुष्ठान संपन हुआ इटीवी भारत के लिए स्रीनगर गडवाल से विनाई भट की रिपोर्ट
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