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सुनिए शक्तिशाली श्री भद्रकाली महा मंत्र और महाकाली स्तुति, जो जीवन में शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। जय माँ काली 🙏🔥🌺

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00:00ओम् भद्रकाली स्थुतिहे ब्रम्ह विष्णु उचतुहु नमामित्वाम् विश्वकर्त्रीम् परेशीम् नित्यामाध्याम् सत्यवे ज्ञानरूपाम् वाचातीताम् निर्गुणाम् चाती सूक्ष्माम्
00:26ज्ञानातीताम् शुद्ध विज्ञान गम्याम् पूरणाम् शुद्धाम् विश्वरूपाम् सुरूपाम् देवीम् बंध्याम् विश्वबंध्याम् अपित्वाम् सर्वान्तस्थामुत्तमस्थानसंस्थाम्
00:51इडे कालीम विश्वसं पालहित्रीम मायातीताम मायीनीम वापिमायाम
01:03भीमाम श्यामाम भीमनेत्राम सुरेशीम विद्याम सिध्धाम सर्वभूताशयस्थाम
01:16इडे कालीम विश्वसं हारकर्त्रीम नोते रूपम वेति शीलन धाम नोवाध्यानम नापिमंत्रम महेशी
01:35सत्ता रूपे त्वाम प्रपद्ये शरण्ये विश्वाराध्ये सर्वलो कै कहे तुम
01:46द्याउस्ते शीर्षम नाभि देशो नभश्च चक्षूम्षिते चंद्रसूर्यान लास्ते
01:59उन्मेशास्ते सुप्रबोधो दिवाच रात्रिर्मातस्चक्षूशोस्ते निमेशम्
02:11वाक्यम देवा भूमिरेशा नितंबं पादव गुल्फं जानु जंगस्त्वधस्ते प्रीतिर धर्मो अधर्मकार्यम्
02:28स्रिष्टिर्बोधस्सम्रतिस्तेतु निद्रा अग्निर्जिह्वा ब्राम्हनास्ते मुखाव्जम्
02:42संध्ये द्वेते भ्रूयुगं विश्वमूर्तिही श्वासो वायुर्बाह वो लोकपालाह
02:54क्रीडा स्रिष्टिस्सम्स्थितिस्सम्रतिस्ते एवं भूताम देवि विश्वात्मिकाम्त्वाम्
03:06कालीम वन्दे ब्रम्ह विद्या स्वरूपाम्
03:12मातफ पूर्णे ब्रम्ह विज्ञानगम्ये दुर्गे अपारे सार रूपे प्रसीदत।
03:23नमामित्वाम् विश्वकर्त्रीम् परेशीम् नित्यामाध्याम् सत्य विज्ञान रूपाम् वाचातीताम् निर्गुनाम् चाती सूक्ष्माम् ज्ञानातीताम् शुद्ध विज्ञान गम्याम्
03:47पूरणाम शुत्थाम विश्वरूपाम सुरूपाम देवीम बंध्याम विश्वबंध्याम अपित्वाम
04:00सर्वान्तस्थाम उत्तमस्थानसंस्थाम इडे कालीम विश्वसंपाल इत्रीम
04:12माया तीताम मायी नीम वापि मायाम भीमाम श्यामाम भीमनेत्राम सुरेशीम
04:25विद्याम सिध्धाम सर्वभूताशयस्थाम इडे कालीम विश्वसंहारकर्त्रीम
04:38नोते रूपम वेति शीलन धाम नोवाध्यानम नापि मन्त्रम महेशी
04:50सत्ता रूपे त्वाम प्रपद्ये शरण्ये विश्वाराध्ये सर्वलो कई कहे तुम
05:01द्याउस्ते शीर्षम नाभि देशो नभष्च चक्षूम्षिते चंद्रसूर्यानलास्ते उन्मेशास्ते सुप्रबोधो दिवाच रात्रिर्मातश्चक्षुषोस्ते निमेशं�
05:31नितंबं पादव गुल्फं जानु जंगस्त्वधस्ते प्रीतिर धर्मो अधर्मकार्यम हिकोपह स्रिष्टिर बुधस्सम्रतिस्ते तु निद्रा अग्निर जिह्वा ब्राम्हनास्ते मुखाब्यम्
06:01विश्वमूर्तिहि श्वासो वायृर्बाह वो लोकपालाह प्रीडा स्रश्टिस्सम्स्थितिस्सम्रतिस्ते एवं भूताम् देविविश्वात्मिकाम् त्वाम् कालीम् वन्दे ब्रम्ह विध्यास्वरूपाम्
06:27मातफ पूर्णे ब्रम्ह विज्ञान गम्ये दुर्गे अपारे सार रूपे प्रसीदर
06:38नमामित्वाम विश्वकर्त्रीम परेशीम नित्या माध्याम सत्य विज्ञान रूपाम
06:50वाचातीताम निर्गुनाम चाती सूक्ष्माम ज्ञानातीताम शुद्ध विज्ञान गम्याम
07:03पूर्णाम शुद्धाम विश्वरूपाम सुरूपाम देवीम बंध्याम विश्वबंध्याम अपित्वाम
07:15सर्वान्तस्था मुत्तमस्था नसंस्थाम इडे कालीम विश्वसं पालहित्रीम
07:27मायातीताम मायिनीम वापिमायाम भीमाम श्यामाम भीमनेत्राम सुरेशीम
07:40विद्याम सिध्धाम सर्वभूताशयस्थाम इडे कालीम विश्वसं हारकर्त्रीम
07:53नोते रूपम वेति शीलन धाम नोवाध्यानम नापिमंत्रम महेशी
08:05सत्ता रूपे त्वाम प्रपध्ये शरण्ये विश्वाराध्ये सर्वलो कई कहे तुम
08:17द्याउस्ते शीर्षम नाभिदेशो नभष्च चक्षूम्षिते चंद्रसूर्यान लास्ते उन्मेशास्ते सुप्रबोधो दिवाच रात्रिर्मातष्चक्षुषोस्ते निमेशं
08:29वाक्यम देवाभू मिरेशा नितंबं पादो गुल्फम जानु जंगस्त्वधस्ते प्रीतिर्धर्मो अधर्मकार्यम्
08:59कोपह स्रश्टिर्बोधस्सम्हृतिस्तेतु निद्रा अग्निर्जिह्वा ब्राम्हनास्ते मुखाब्जम् संध्ये द्वेते भ्रूयुगं विश्वमूर्तिही श्वासो वायुर्बाह वो लोकपालाह क्रीडा स्रश्टिस्सम्स्थितिस्
09:29एवं भूताम् देवि विश्वात्मिकाम् त्वाम् कालीम् वंदे ब्रम्ह विद्यास्वरूपाम्
09:59नित्या माध्याम् सत्य विज्ञान रूपाम् वाचातीताम् निर्गुणाम् चाती सूक्ष्माम् ज्यानातीताम् शुथ्थ विज्ञान गम्याम्
10:18पूर्णाम् शुथ्थाम् विश्वरूपाम् सुरूपाम् देवीम् वंद्याम् विश्ववंद्याम् अपित्वाम् सर्वान्तस्थामुत्तमस्थानसंस्थाम् इडे कालीम् विश्वसंपाल इत्रीम्
10:42माया तीताम मायी नीम वापि मायाम भीमाम श्यामाम भीमनेत्राम सुरेशेम
10:55विद्याम सिध्धाम सर्वभूताशयस्थाम इडे कालीम विश्वसंहारकर्त्रीम
11:08नोते रूपम वेति शीलन धाम नोवाध्यानम नापि मन्त्रम महेशी
11:20सत्ता रूपे त्वाम प्रपद्ये शरण्ये विश्वाराध्ये सर्वलो कई कहे तुम
11:32द्याउस्ते शीर्षम नाभि देशो नभश्च चक्षूम्षिते चंद्रसूर्यान लास्ते उन्मेशास्ते सुप्रबोधो दिवाच रात्रिर्मातस्चक्षुषोस्ते निमेशं�
12:02नितंबं पादव गुल्फं जानु जंगस्त्वधस्ते प्रीतिर धर्मो अधर्मकार्यम हिकोपह स्रिष्टिर बुधस्सम्रतिस्ते तुनिद्रा अग्निर जिह्वा ब्राम्हनास्ते मुखाब्यम्
12:32विश्वमूर्तिही श्वासो वायुर्बाह वो लोकपालाह क्रीडास्रश्टिस्सम्स्थितिस्सम्रतिस्ते एवं भूताम् देवि विश्वात्मिकाम्त्वाम् कालीम् वन्दे ब्रम्ह विध्यास्वरूपाम्
12:58मातफ पूर्णे ब्रम्ह विज्ञान गम्ये दुर्गे अपारे सार रूपे प्रसीदर् नमामित्वाम् विश्वकर्त्रीम् परेशीम् नित्यामाध्याम् सत्य विध्यान रूपाम् वाचातीताम् निर्गुणाम् चाती सूक्ष्माम्
13:27ज्ञानातीताम शुद्ध विज्ञान गम्याम
13:33पूरणाम शुद्धाम विश्वरूपाम सुरूपाम
13:39देवीम बंध्याम विश्वबंध्याम पित्वाम
13:45सर्वान्तस्थाम उत्तमस्थानसंस्थाम
13:52इडे कालीम विश्वसं पालहित्रीम मायातीताम मायीनीम वापिमायाम
14:04भीमाम श्यामाम भीमनेत्राम सुरेशीम विद्याम सिध्धाम सर्वभूताशयस्थाम
14:17इडे कालीम विश्वसं हारकर्त्रीम नोते रूपम वेत्ति शीलन धाम नोवाध्यानम नापिमंत्रम महेशी
14:35सत्ता रूपे त्वाम प्रपध्ये शरण्ये विश्वाराध्ये सर्वलो कै कहे तुम
14:47द्याउस्ते शीर्षम नाभिदेशो नभष्च चक्षूम्षिते चंद्रसूर्यान लास्ते
15:00उन्मेशास्ते सुप्रबोधो दिवाच रात्रिर्मातष्चक्षुषो स्ते निमेशम्
15:12वाक्यम देवाभूमिरेशा नितंबं पादव गुल्फं जानु जंगस्त्वधस्ते प्रीतिर धर्मो अधर्मकार्यम्
15:29स्रिष्टिर्बोधस्सम्रतिस्तेतु निद्रा अग्निर्जिह्वा ब्राम्हनास्ते मुखाब्यम्
15:43संध्ये द्वेते भ्रूयुगम् विश्वमूर्तिहि श्वासो वायुर्बाह वोलोकपालाह
15:55क्रीडास्रश्टिस्सम्स्थितिस्सम्हतिस्ते एवं भूताम् देवि विश्वात्मिकाम् द्वाप consoles
16:07कालीम् वंदे प्रम्ह विद्यास्वरूपां मातफ्पूर्णे प्रम्ह विज्ञानगम्ये दुर्गे अपारे सारा रूपे प्रसीधत।
16:24दुर्गे अपारे सार रूपे प्रसीद नमामित्वाम् विश्वकर्त्रीम् परेशीम् नित्यामाध्याम् सत्य विज्ञान रूपां
16:42वाचातिताम् निर्गुनाम् चाति सूक्ष्माम् ज्ञानातिताम् शुद्ध विज्ञान गम्याम्
16:54पूर्णाम् शुद्धाम् विश्वरूपाम् सुरूपाम् देवीम् वंध्याम् विश्ववंध्याम् अपित्वाम्
17:07सर्वान्तस्था मुत्तमस्था नसंस्थाम इडे कालीम विश्वसंपाल यित्रीम
17:19मायातीताम मायिनीम वापिमायाम भीमाम श्यामाम भीमनेत्राम सुरेशीम
17:32विद्याम सिध्धाम सर्वभूताशयस्थाम इडे कालीम विश्वसंहारकर्त्रीम
17:45नोते रूपम वेति शीलन्यधाम नोवाध्यानम नापिमंत्रम महेशी
17:57सत्ता रूपे त्वाम प्रपध्ये शरण्ये विश्वाराध्ये सर्वलोकई कहे तुम्
18:08द्याउस्ते शीर्षम नाभि देशो नभश्च चक्षूम्षिते चंद्रसूर्यान लास्ते उन्मेशास्ते सुप्रबोधो दिवाच रात्रिर्मातश्चक्षुशोस्ते निमेशं�
18:38नितंबं पादव गुल्फं जानु जंगस्त्वधस्ते प्रीतिर धर्मो अधर्मकार्यम हिकोपह स्रिष्टिर बुधस्सम्हृतिस्ते तु निद्रा अग्निर जिह्वा ब्राम्हनास्ते मुखाब्यम्
19:04संध्ये द्वेते भ्रूयुगं विश्वमूर्ति ही श्वासो वायुर्बाह वो लोकपालाह क्रीडास्रश्टिस्सम्स्थितिस्सम्हृतिस्ते एवं भूताम देवि विश्वात्मिकाम्त्वाम्
19:28कालीम वंदे ब्रह्म्ह विद्या स्वरूपां मातफ पूर्णे ब्रह्म्ह विज्ञा नगम्ये दुर्गे अपारे सार रूपे प्रसीदर्
19:32इतिश्री महाभागवते महापुराणे ब्रह्म्ह विश्णुक्रता भद्रकाली स्तुतिस्सम्पूर्णा ओम्तत्सत्
19:46महाभागवते महापुराणे ब्रह्म्ह विश्णुक्रता भद्रकाली स्तुतिस्सम्पूर्णा ओमतत्सत्
20:00अपारे स्तुतिस्सम्पूर्णा ओमतत्सत्स
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