00:00दोस्तों हर सपने की सुरुआत एक छोटे कदम से होती है। आज हम बात करने वाले हैं ऐसे इंसान की जिन्होंने सिर्फ पांच लाक रुपई से सुरुआत की। और आज भारत के बैंकिंग सेक्टर को नई पहचान दिलाए। उदय कोटक की कहानी के बारी में दोस्तों इस �
00:30सिर्फ पांच लाख रुपई से शुरू की थी। बात है, 1980 के दसक की उस समय बैंकिंग और फाइनेंस का छेत्र कुछ ही बड़े नामों तक सीमित था। लेकिन उदय कोटक ने सोचा क्यों न एक ऐसा संस्थान बनाया जाया जो आम आदमी की जरूरत को समझे। उन्होंने
01:00पहला बैंक बनि उनका पहला प्रोडक्ट था बिल डिसकाउंटिंग सर्विस यानि छोटी व्यापारियों को लोन देकर मदद करना। शुरुवाती सालों में कई चुनावतियां आएं। जैसे सरकार की कड़े नियम, बैंकों की प्रतिशपर्धा और भरोसे की कमी। लेक
01:30फाइनेंस कमपनी NBFC से फूल फ्लेज्ड बैंक बनने का लाइसेंस मिला। यह भारती इतिहास में पहली बार हुआ था। आज कोटक महिंद्रा बैंक भारत की सबसे भरोसे मन बैंकों में से एक है। उदय कोटक ने हमीशा लंबी सोच रखी। वो कहते हैं साट टर्म गें
02:00नए प्रोडक्ट बनाएं। उदय कोटक का यह सफर हर उस इनसान के लिए प्रेणा है जो छोटा सुरू करके बड़ा सपना देता है। पांच लाग से सुरू होकर अर्वो की कमपनी तक का सफर सिर्फ पैसों का नहीं विश्वास, दूर द्रिष्टी और सच्चाई का भी
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