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  • 7 weeks ago
पाकुड़ में प्राचीन काली मंदिर है, जहां आज भी मसान की रोशनी से मां काली की पूजा-अर्चना की जाती है.

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00:00पाकुर जिले में दिपावली वो काली पूजा भक्तिकुल माहोल में रूम धाम से हुए।
00:05बिते देरातिल को नित्य काली मंदिल, असमसान वासिनी, ग्राम रख्षा क्रिपा काली मंदिल के अलावे कैट पूजा पंडालों में पूजा अर्चना तांतिल्क विधी से पुरोहिते द्वारा कराई गई।
00:16राद भर पूजा पंडालों वं मंदिरों में हजालों की संख्या में काली भक्त पूजा अर्चना वं मा का दर्षन करने पहुंचे थे।
00:24४ुया अर्चरा के बाद PATHLACED
00:27४ाकुर जिला मुखयालाई शहित GDRAMINT
00:31इलाकों के अलावे हिरनपूर ॲिटिपारा ॅमरा पारा महस्पूर पकुलिया प्रखण मुखयालाई
00:35४ाकुर जिलाकों में मा काली की पुया, मंदिरों
00:40even more personal
01:00पूरोहित तुरुंत कुमार पांडे ने बताया कि काली तल्ला इस्तित असमसान काली की पूजा सारे 300 वर्सों से होती आ रही है और यहां आज भी पूरानी परंपरा के अनुसार पूजा अर्चना होती है
01:15यहां पूजा करते हैं और यहां पूजा करते हैं राजबारी के तरफ से राड़ी जोतिर में गादेश पर उस्वार और सब को खना पिना रहने का बिवस्ता किया जाता है
01:40यहां आज भी और को पहले सी समसान का लिए के पूजा होता है और मां को जो लाया आता है बहुत धूम नाउसला लाया जाता है
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