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00:00मनुष्य जंगल से बहार आया है मुश्किल से 10,000 साल पहले
00:02अब evolution के लिए विकास के लिए ये 10,000 साल बहुत कम पढ़ते हैं
00:08तो मस्तिश्क बिचारा अभी इसी भ्रहम में बैठा हुआ है जैसे हम कहां रह रहे हैं
00:12जंगल में रह रहे हैं इसलिए जो चीजें जंगल में उपीयोगी होती थी आज वो क्या है अनुपयोगी
00:17तो यह आपकी पूरी विवस्था को यही मान कर चलाता है कि आप अभी जंगल में हो और जहां जो सर है
00:24माने जो बॉस है वही अभी गलत फहमियों में जी रहा हो उस पूरी संस्था का क्या होगा तो चेतना की ताकत इसलिए आपके पास होते हुए भी नहीं है ये इनसान की सबसे बड़ी तरासदी है जानवर क्या ही समझता है आप अपनी थाली रख दिए थोड़ेर को हड़ जा
00:54आपकी वरियताएं पाशविक नहीं रहीं अब आप उन्हीं सब चीजों को महत्वपूर्ण नहीं मानते जिनको एक पशु महत्वपूर्ण मानता है जो चीज पशु के लिए आवश्यक है वही आपके लिए जरूरी हो गई तो आप पशु और कौन हो
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