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00:00जोज़ जी वह वह जाने बाद कईा है?
00:24जोज़ जी वह नीचे तैह काने वाला कुछ बिमार लज़ता है
00:25क्या हो उसे वो रोटी नहीं खाता जी फल भी नहीं खाता श्वेरे मेरे हाफ लागे तो उसे तलदूर की तरह ताप रहता जी वो अच्छा यह कैदर ही तार दें चाल पहले दर्वाजा कोल
00:39अच्छा मैं अभी आता हूं नियास यह यह इस तैखाने में कौन है
00:47कोई है एक चीज है बताओंगा वकत आने पर कितने इंसाल हो गए जी से यह एस दिसम्बर में पूरे पंजी हो जाएंगे
00:58मियाजी मैं भी मैं भी आओं आपके साथ नहीं नहीं अभी नहीं मेरा और उसका है पर यह आदमी है क्यों मियाजी और जिस दिन वह अपनी हार मान लेगा उस दिन तुम्हें सब पता चल जाएगा
01:17जोनाया कुछ तुम्हार शुमार हो
01:37पर शुमार हो
01:39है
01:42है
01:44अचिर मम्हें भी तक चाहते शेहर ममद
01:49अबजा भूल हो जाएँ से
01:52मैं तुम्हारी खवर लेने आया ममद
01:56वो बख्षू बता रहा था कुछ
01:58भॉह है तो नहीं जादा लगदर
02:02अबदर
02:04अपने नाभाग हाथ मेरे जस्म से दूरात दूराद दूराद
02:07मर जाओ दे शेर ममाद
02:10मर जाओ तो मैं उसी दिन क्या था आश्मक कान
02:15जब ने मेरे तुमाद का खुरूम किया था
02:20अब तो मैं लिखी हुए हुँ पूरी कराल
02:24मुझे तुछसे भीग नहीं जाहिए
02:27तना चोड़ ते
02:29चूड़ दे शेर ममाद
02:30और पंदीस सार में तो तरख तापडी जड़े चोड़ जन देया
02:35रुत आश्मक कान
02:38ये तरख और की जड़े समे Sounds
02:41में होती है
02:43इसमें तरिता पिगहरत नहीं है
02:47हरdaddy Aonkil Etheri
02:51वगर मुकाल में आपके इस्टर्ट फिल्मों वाले बोलता है
02:54तेरी बाद माले शेर महमद
02:58अब ये वकद है
02:59मैं तेरा लाज करा हूँगा
03:02तुझे तुझे तुनिया वर्कीने इंते खरीब दूँगा
03:04तुझे मुझे खरीब कर देगा
03:06तुझे अच्छिस मरसे उत्तों की तरह मेरी तुझेया नोच रहा है
03:14चेर ममद
03:15तेरी तुझे तुझे तुझे तुझे तुझे ना हो
03:27एक दिन मुझे सचछ विश्च पर कुट्दे चड़वाने पड़े
03:31तुझे वो मंसूर है
03:34अच्छा
03:35अगर तेरे यही मर्जी है, तो तेरे यही साहिए।
03:57जो है राग की दुकान पर डाका।
04:00मुसला जाकू मालिक दुकान को जख्मी करके चाट लाक रुपए की मालियत के जिवरात उठा ले गए।
04:09दुकान के मालिक इबराहीम ने शोर मताने की कोशिश की तो उसे बंदू के बट मारे गए।
04:16जिससे उसके जबड़े की हड़ी तूट गई।
04:20ताहाल मुल्जमों का कोई चुराग नहीं मिल सका। पुलीस तफ्तीश कर रही है।
04:25मास्टर जी यह हर ख़बर के अखीर में पुल्स तफ्तीश क्यों करती है।
04:32पुल्स का काम ही तफ्तीश करना होता है।
04:37अब तुम चाहे वाली हो तो चाहे ही बनाओगे। घेतों में ट्रेक्टर तो नहीं चिराओगी।
04:42देखा मास्टर जी यह महिंगा फिर मुझे छेड़ रहा है।
04:45अब बैं महिंगे तुम्हें कितनी मरतमा कहा है कि जमीन का नाम लेकि जीले को मत तताया करो।
04:52पर मास्टर जी इससे यह पूछिए इससे इतनी तकलीव क्यों होती है जमीना होने की।
04:58हमारे पर तो कोई जमीन नहीं है। हमने कभी इसकी तरफ कोड़ कोड़ कोड़ कोड़ किया।
05:02बढ़कूदार्ट हर एक कोई ना कोई कमजौरी है।
05:06अब अगर जीले की कमजौरी जमीन है तो तुम उस पर उतराज क्यों करते हो।
05:11कि इसके तो दिमाग खराब है जी अल्ला का शुकर क्यों नहीं मनाता कि इसकी दुकाम है होटल है कार है और हर वकत इसकी पेट में जमीन की मरोड उठते जाते हैं क्या है जमी में जमीनी में तो है इसत आबरू मकाम सुफेद पगड़ी उच्छी बुच्छे ये सब नाम हिन
05:41में नहीं आएगी मास्टर जी जरा देखना कर इसमें कोई जमीन की भी खबर है मेरा मतबन है अब कोई सस्ती मिल रही हो तो जमीन तो तुभे जिन की तरह चमडी होई है और चया बना आगे पिलाओ आओ आओ चाचा इलम्दीन जी हो बैठो आए तो बड़े टॉर निकाले
06:11आप ठीक जाग है मत उसने वहां दक्तर बनाया है ना निया मुझे बुलाया है अच्छा वो इसके लिए क्या करें आती है ना फोटो पोटो जो रसी काड़ के शुरू करते है कुई अच्छा अच्छा अच्छा ओवे रसमें इतता अच्छा करो जी शेयर की तो रसमें यह
06:41तोदे मुरीद बक्षी खबर आई थी अच्छा भाई ये लमदीन तुम्हें बहुत बहुत मुबारिक हो
06:48मुबारिक जो आप ही को है ना मास्टर जी अखीर शगिरत तो आप ही का है
06:52नहीं है लमदीन नहीं मैं कहां ये तो उसकी अपनी मेहनत है बर्ना अच्छी मैं और बक्षी भी मास्टर साप के शगिरत है
07:01मुबारिक जाओं का इलाका खाली करने का नोखरत बचा मिलने ही वाला है
07:07मैं सोच रहा था कि क्यों ना मुहमद रशीद के पास ही देरा लगा लो यहां भैई ही कौन एक मैं एक मेरी बुटरी अल्ला सब को मुहमद रशीद जैसी साधतमान दौलाद अता फर्माज़ा आमीर उससे नत्फु और यार मुहमद वाली बात जरूर कहजे न दफ़गर हो म
07:37अधर बड़े चौदरी साथ से मेरी बात हुई थी उन्होंने कहा था वो चौदरी अनौर को अच्छी तरह समझा जेंगे एंदा वो कोई ऐसी अर्कत नहीं करेगा लिए इसी समझ में यह बात नहीं आई यह महिए बखशो यह वहीं थे जिस्टों के चौदरी साथ में कहा
08:07कर दो
08:37क्या चौदरी साथ गृलव क्या देख रहीं थेंगा धिलावध। नहीं सुछा थेस्टों देख रहें हुआ।
08:46क्या थे यही क्या थे विदिरी बात का पुरा नहां हुआ हूँ हैं एसी क्या बात ?
08:54मैं इतने जुनों से बेख रहा हूँ, लगता है कि तुम बहुत परिशाद है, हर्वाद खुर कोई से रहते हैं, क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ, लगता है जैसे तुम्हें किसी चीज की तलाश है, तुम ठीक संजयो भाई सहद को, मैं एक आदमी की तलाश मे
09:24मैं आस आद सुबा किसी से बाद को रहते हैं सुट किसी से बन कर तो सुबए युआ से बेले आदे, बदाश जलु आदे यहा पतेशीर बाद है्, बादेशी मैरा तुम्हेर को मैं तुम्हेर जैन को अदमी जह दाना है?
09:43हाँ, मेरे किस आदमी ने बताया है कि उसने फटेशेर को इस इस इलागे में देखा है
09:49कब?
09:50कोई तीन-चार साल पेले की बात
09:54तीन-चार साल तो बहुत होती है
09:56पसमजी यही सुराख मिला है
10:00मुझे, क्या काम है तुम उसे?
10:02काम?
10:04मुझे उसे कटल करना है, भाई साधगुल
10:09अदन?
10:10आँ
10:11मेरे बस में ओ तो मैं हज़ार हो तो उसे सिंदा करूँ और कटल करता चाहूँ
10:17प्या तुम मुझे अपनी कहानी सुराणा पसंदितरो
10:22केरी कहानी
10:24केरी कहानी बहुत मुखतर है, भाई साधगुल
10:28मुझे समीन से एक आदमी के बोज को कम करना है
10:31मुझे क्यों? कौन है जे फतेशेर?
10:34जे फतेशेर के अलावा अब कुछ भी ठीक से याद में है
10:38मैं लाहूर में एललभी में पढ़ रहा था
10:43हम दो भाई थे
10:45तुमारे वालिद साथ हमारे बच्चपनी में फॉत हो गए थे
10:49एक दिन जब मैं कॉलिज से घॉस्टल पहुंचा तो मुझे टेलीग्राम मिला
10:54तो मुझे फ़रन गाउ पहुंचने के लिए कहा गया था
10:57मैं पहली गाडी से गाउर वाला हो गया था
11:01मुझे पता नहीं था कि ये सफर शहर से काउं का नहीं बल्के वकील से मुच्रिव तक गाए
11:10मैं गाउं पहुचा सब लोग हवेली में जमा थे
11:15मेरा बड़ा भाई सिकंदर जखमी पढ़ा था
11:18पहले तो मेरी समझ में कुछ ना आया
11:21सब लोग उन्ची उन्ची आवाज में बातें कर रहे थे
11:24मैंने इसे बहुत रोका था
11:26बड़े वास्ते दिये थे कि मुझे गाउं वालों को खबर कर लेने दे
11:29पर ये तो पुसे से पट्रॉल हो रहा था
11:31मुझे गाने लगा तू भी चला जा ये मामला मेरी जित का है
11:34मैं केला ही जाओंगा पर पुत्तर मुन्सूरे और तुमको चाहिए ता फौर ना कर हमको खबर करते
11:40चौदरी हयात मुहम्मद को इतला देते ये तो अन्हा का शुक्र है कि दोली इसके बाद उपर लगी है
11:47अगर मुंडे का कुछ जाता तो फिर बस चाचा उस वक्त मेरी समझ में यही आया
11:52कि जो कुछ भी हो मुझे चौदरी सिकंदर का साथ नहीं चोड़ना चाहिए
11:55और मेरी के पीठे चला गया है
11:59तुक भाया है बटाप भी पहुंचाओंगे
12:02जखिम कैसा है
12:04पुटर जिलावर तरे भाई पे दुशमनोंने बाहर करती है
12:09जिए उन्दरा पुटर जिए उन्दरा
12:11चाहारी जी हमारी तो किसी से कोई दुशमनी नहीं है
12:14बिश्मनिया को इस मौसम की तरह होती है तुर द्लावर इनका मौसम आता है ऐसे ख़ुद बहुद हो आए
12:23है तीन ही नावर साव चॉषरि-सकंदरा नूरपूर के जंड्रों ने हम्ला है तो तो तो सुय स्वी करें यह यह जय है यह तो छक्कर है किसे च्योडर few
12:37पुतर दिलावर के चौधरी असलम और उसके बड़े भाई के दर्मयान बोल चाल बाई
13:07बंद है कई सालों से मुकदमे बादी चल दें तो इसको जब पता लगा यह सीधा उनके गौव पहुंचे वहां फटेशेर के बाप और भाईयों के साथ सख्कल्खकलामी होगी बात बढ़ गई उन्होंने फारिंग करके इसे दख्मी करें बड़ी गलती की चौधरी सिकंदर
13:37अर्तबा सोचना पड़ता है और मैं तो का तो हम इंतदार किसका कर रहे हैं हो मुतियां वाली सिरकार दी जोद्री फटेशेर के होज़े सारे टबर को अगर फरशना कर दिता तो मेरा ना चीमा माची नहीं आओ मेरे साथ आराम से आराम से चलने को पिसा क्या है कमाल करते है
14:07अब मेरे पास सिर्फ दो रास्ते हैं जाते मैं पेखारत बद कर अपनी इज़त कर तमाशा देता रहूं अपनी इज़त कर जनाजा उत देता हूं यह यह वादेशेर के ठकड़े करता हूं
14:33थो है, मैं, तुम्हीं चौदिय असेँ सहब से भात की है
14:38वह से कादिले गा में चै। इसकी लटकी का उख़ा कर लिया जाएं वो बोलने के पढ़िल आगी।
14:44तो तो अब तुम्हें सोचा है कि नूर पर हमला कर दिया जाए तुम्हारे खाल में क्या करना चाहिए?
14:50मेरे समझ में यह नहीं आ रहा है कि नूर पर हमला करने से में हमें क्या फाइदा होगा?
14:54कमाल करते हो चौदरी दिलावर?
14:56प्याबा मासों में यार चूड़ियां पहन कर बार जा
14:58और इज़त खोड़ें से तो बेतर है कि आदमी आपड़ी जिंदगी लुटा दे
15:02बेलकोल हाँ जुनावर कैसी बातें करते हो यह हमारी आपरू का सवाद
15:07जैंतर जी हमारी दुष्मन यह लड़ाई को उस आदमी से क्या नाम बताया था आपने उसका ओजी फतेशेर फूरे गाउं से तुष्मन लेना कहा किया कर दो तुभारे ख्याल में फतेशेर के लोग इसके हाथ पांबादकर हमारे हमारे हमाले कर दो आदमी फतेशेर भी दू
15:37प्रखा है उन्हें बात की दियों से हमारे हमें कुछ वालम नहीं है लेकिन मुझे यकीन है जिरो सब लोगंदर से बिनी होगा पासिके अदेखो क्या ये बहतर नहीं होगा कि हम जोराभावी के बाप से मिलकर प्लीस में रिपोर्ट कराएं यार अजीब आदमी वो चौद
16:07पर कोई साथ जयाबी हो जंगते हैं ऐसी कौन सी क्यामत हो जाएगी क्यों किस मसले को कानूनी तरीके से हल क्यों नहीं करते हो मैं जाता हूँ नूर पर आजी पुलीस में रिपोर्टर जोगी फिर में देखता हूँ फते शर कैसे बचता रहने तो चोधरी दिलावर इस्तो
16:37को फस्तो साथ जालो
17:07अभी जी खुदा के लिए आप मेरी बात समझते क्यों नहीं है इस तरह बात बहुत बर जाएगी दिलावर ये मर्दों का फैसला है
17:22मर्द जो फैसला करते हैं सोच समस्तर करते हैं कैसे भाई हो एक आदमी तुम्हारे भाई की मंगो ठाकर ले गया है और तुम बैठे हुए हमें कानून के सबख पढ़ा रहे हूँ इसमें मैं कानून पढ़ता हूँ जा मालू मैं कानून को आदमी लेने से सबाए तबाह के क
17:52तान हमारेगी खल रह देगी जी बदला लेने से हमें जोहरा फावी तो वापस नहीं मिल जाएगी उसे लेकर अब हमें क्या करता है बात तो उससे इस्जत की है जो उसके साथ चली गई है मगर इस्जत वापस लाने का यह तरीका बिल्कुल खलत है लावर अब करते यह को�
18:22हमाएंगे तुझे खुद निकालने के असकंदर खुदा के लिए मुझे घलत ना समझो ओहो मेरे बस सई और घलत समझे का वक्त नहीं है बस अपनी सबान को बंद रख तो तेरी बाते सुनके मेरा सर शरम से जुख जाता है तुम मेरा बाई हो तो मुझे माफ कर देना माँ
18:52मुझे तुरा खुदा खुदा खुदा तुम्हे खरियत से वापस दाए है तुआ कर ना माँ हमारी इज़ित का कातिल हमें मिल जाए है जोरा को कुछ ना कहना पतर है अच्छा मुझे जाओ ब्रा ब्रा खार
19:22करना लाओ
19:49क्या हो बाकिसाद लोग किदर है पाशिकंदर का है वो जी चो इसकंदर वो जखीवे में चले गए हैं क्यों पुल्स बहुत थी जी बहां बड़ी नफरी दी पुलिस हाँ जी जैलदारों ने पहले से पुल्स को उतला दी हुई थी अभी हमने दो तीन तीन राउंडी फायर क
20:19नजीरा तो कहें जी तो कहें जी तो तो पहले ही मना कर रहा था था क्या हुआ है खुआ है इस विए जरा सखीरे में चले गए उन्होंने कहा है कि सुबह तरके ही सरुदार अली वकील के बास जाकर सब की जमानतों के इंतरशाम करवाने तो अच्छा अज़ा
20:49अच्छा तुम कहां जा रहे हो मैं आप वहां जा रहा हूं जी बास आपके इतला देने आया था तुम तो बहुत जखमी हो दूरे कोई बात नहीं चोदरी साहब लड़ाई जगड़े में जखम तो लगते ही रहते हैं थोड़ी देर में पुल्स यहां बहुंच जाएगी म
21:19बहुत बढ़ा हुआ है बहुत बढ़ा हुआ है अब ठीक कहते हैं चौदी साहब मगर आप मेरी पूजिशन का भी खायर कीजिए जवाबी परचे में एक नहीं दस करने को तयार पर इस वक्त मुझको सबसे पहले मुल्जबों की ग्रिफ्तारी की ज़िए हैं बीस पी साह�
21:49उसके साथियों के बारे में बात है उसका में कुछ मलिए है जब से सिकंदर और उसके साथियों की जमानत कबल इस ग्रिफ्तारी ना मन्जूर हुई है तो पता नहीं कहा रूपोश हो गए खैर उन्हें सामने आना ही पड़ेगा लेकर नहीं एक सो साथ तक विंजा का केस हो
22:19अगर आपके इल्व में है तो आज शाम तक चौदी सिकंदर को ठाने में पेश्कराइब नहीं तो मैं मजबीद होगा
22:26अब क्या होगा अब कभराने अली कोई बात नहीं है अब अब इस सर्दार अली वकील के पास जाओंगा सारा मसला ठीक हो जाए उसरोज भी कहाता है सर्दार अली वकील अच्छ आदमी नहीं है
22:50और मुकंदर को समेठने की बजाओर फेलाता है ताके पहले भी कहाता है कि पासिकंदर उसके साथ से वो मफ्रूर नहीं होना चाहिए था
22:57मफ्रूर तो बेगुना और तब भी माना जाता है
22:59तो क्या वो सब कुछ अपने सर डाले यह बात तो पह है अमी जी के जगड़ा हुआ था
23:05अब अगर अगर आदालत में पेश होके सारे हाला ठीक तो पेश कर दिये जाए तो बच्चत की कुछ सूरत ने कर सकता
23:10जो दो हमारे मारे का आदी ही वो इसी में तो बच्चत सूरत में जराती है जादा जी
23:15अगर किसी तरह से इसाविस हो जाए कि गोली मरने वालों में इसकिसी ने चलाई थी तो बाकी लोगों पे ज़्यादा ज़्यादा लडाई और तंगे फसाद का केस रह जाता है
23:23ज्यादा ज्यादा ज्यादा चाहं हिर अगयर सर्दार अली पतब्र लाचंव रहा ह। एक्रेशिता बेुमारह ईय्गकों तुमारी उमर से ज्यादा पूतर दिलावर ऀसन एयलाके पूजदारी मुकदमे भीका कोई वकील नहीं है
23:38तुल्टी पटी पड़ा रहा है यही तो हमारी पदकिस्मत ही है
23:42तुल्टी तुल्टी तुम ने शकली ने दिखाए श्याची कुछ समझ में नहीं आ रहा क्या करूं तुम क्यों ने लड़ते अपने भाई का मुकदमा
24:12अब एक इमतान रहते है चैशी आचा अचा वो क्या पी होगे पूतर शहर से अबाबा तुम्हें तो चाय ही पसंद होगी नहीं जाची जी नहीं चाहरा है
24:25अब है हां वो सहीदा भी दो तीन दिन से आई हुई है उसके वो खाली करवाली है जिन में लड़किया रहती है क्या नाम है उसका होटल जैए हां हां हां होई वह वह क्यों आजकल किस बात की चुटी है आए पुतर बड़ी लंबी कहानी सुनाती है उजे तो कुछ समझ में
24:55इसका है शुकर आपकी शकल भी रज़र आई है तो समझी कि आप गाओ में यह हैं नहीं दर असल वो आसकंदर की केस इंदा परिशान होके रखा है कुछ भी समझ में नहीं आता है अँ चाची बता रही है तुमारे होस्पित बंदी जी जे जनाब लगता है आप आपकी ल�
25:25पता नहीं आप मर्दों को क्या मज़ा आता है इन लड़ाई चिकड़ों मैं तो खुद इन बातों के बहुत खिलाफ हूँ मगर तो बदा इसकल सारा गाओ मुझे बुजदल और बिगारत इनसां समझता सिर्फ इसलिए कि मैंनों ने एक गलत काम से उपनी कुशिश की ना �
25:55चाहे मैं बनाती हूँ बेची ना भाबा तुम्हारी बनाई हूए चाहे तो मैं आप दी सकती है ना दूर ना चीनी काली माता तुम बैठो मैं चाहे बना कर लाते हूँ
26:04अब बहुत सी बातीं थी आप से करने वाली मगर अब आप मैंने ने बहुत सी वाते हैं कि तुम मिलोगी तो करूंड़ा मगर अब एकक्तम बुच्सा गया है
26:30मैं तो कहती हूँ जिस तरह भी हो आप भाई से कंदर से मिलें और उन्हें समझाएं आखिर वह सारी जिंदगी के लिए मफ्रूर तो नहीं रह सकते
26:39देखो कुशिश करता हूँ
26:42ओह बात कानून की नहीं इंतकाम की है दिरावन
26:48मैं मर्द का बच्चा हूँ और मर्द का बच्चा पिर दुश्मिन का पीछा उसकी कबर तक रता है
26:55अब इस समीन पर हम दोनों में से सिर्फ एक सिंदा रह सकता है
27:06वागर पासिकंदर और मुझसे बहस मत करूँ
27:09यह बात तुम्हारी समझ में नहीं आएगी
27:13इस काइनात में मुझे फदेश शेर के इलावा कुछ दिखाई नहीं देता
27:21उसकी मक्रो सुरत धर्वक तेरे चारो तरफ खुंती रहती है
27:28मेरा मजा कुणाता है उत पर हसता है मुझे खल लेकता है
27:34अब मेरे जीने का सिर्फ एक ही मक्सद है
27:45फदेश शेर की मौर
27:49अगर फदेश शेर कुमार का तुम खुद भे फासी लग जाओगे पासिकल्दा
27:53फासी महीं होगी
27:55सहरा होगा
27:58हार होगा दिलावर
28:03जो मेरे कले में डाला जाएगा
28:07इससे ज्यादा हिसत की बात और मेरे लिग क्या हो सकती है
28:13और अपनी हिसत की खातिर एक मर्तबह तो क्या मैं दस पार पासी लग सकता हूँ
28:20इससे भी ज्यादा
28:24शायद तुम इसका अंताजा नहीं कर सकते
28:28पर सिर्फ एक एहसान करता हो
28:33किसी तरह मुझे ये बता दो कि फटेशिर कहा चुपा हुआ है
28:38मेंने तुमसे आज सक देखा भी नहीं
28:40हमारी मंगनी में तो शरीक नहीं हुआ था
28:42हैं लेकिन लेकिन तुम जरूर उसे पहचान लोगे जब तुम उसे देखाओगे तो मेरी नफरत तुम्हारी आंकों में आग की तरह बढ़ो कुटेगी इसलिए कि तुम मेरे भाई हो मेरे बाप का खून हो
28:56खून हो
28:57तुम्हारी मान पुत्र दिलावर तु रातो राज शेर निकल जा तुम्हारी मैं सरदार लिवकीन से बात करके सारा मसला तैका दूआए
29:12मगर चाचा जी
29:13पुत्तर जिदनी करते मैंने ये बाई तुम्हें सबैदनी किया पुल्स पाभी को पकड़के थाने लेगी इसका मतलब है कि उपर से सख्ती हो रही है
29:22परना किसी की जुरत थी कि पाभी को को थाने लेके जागा
29:25अगर इस सरा सर ना जाएस
29:27ये तो तेरे लिए नगाए जाला
29:29सिकंदर की मुसल्सल रूपोशी से पुल्स तंग आई जी
29:33अब उन्होंने कोई ना कोई कारवाई तो डालनी थी
29:35अगर तू कार पे होता तो तुझे भी पकड़के लेगा
29:37वकर किस इल्जाम में इस
29:55जो थाने वाले पकड़के लेके जाएं
29:57इसकी यही वज़ा मेरे सामने आती है
29:59और पुल्स के मजदीक यही एक चक्र है
30:02सिकंदर को सामने लाने के लिए
30:04मैं कहता हूँ
30:05कि तू जबान बंद रख किसी से कोई बात ना कर और यह मेरा मशवरा ले और निकल जा
30:10मैंने अर्श किया ना इस्पेक्टर साब कतल मैंने किया है
30:12आप मुझे गरफ्तार कर दें
30:13मगर दिलावर साब
30:14सिकंदर वाइस वाइस वाई जैसे रुपोश हो गया है
30:16कि चौदर याकिम ने पर्चा उनके पनास पर आया
30:18वो दूसरा अपने जख्म के लिए से घर में भी होच पुरे थे
30:22नूर इपर पर हमला में नहीं किया था
30:25आप सोच समझ कर बात करते हैं
30:27ये बातें आपके ब्यान में भी शान है सकती है
30:30मैं ब्यानी तो दे रहा हूं इसका के साथ
30:33आपको पता है कि आप कातल अम्त का अकबाल कर रहे हैं
30:37जी
30:38हम्म
30:41मैं आपको सोचने का एक और मौका दे रहा है
30:44मैं तुझे कैसे समझाओं इस बेवकूफी से बात आजा
30:54बेवकूफी नहीं है बात के अंदर
30:57मैंने बहुत सोच समझ कर ये ख़दम उठाया है
31:00लकिन ब्होटी को फिस्तरा नुझे पपासी भी होसकती है
31:03तुम्हे भी होसकती है
31:05ये बात तो औरैं है
31:24उतावार तो ने सूस कहा था ना के फते शेर से इंतकान तुमारी जिंदगी का सबसे बढ़ा मकसद है
31:31हाँ
31:32और यह भी कहा था के फते शेर को गटी किया बगार तुम इजब के सांस भी नहीं ले सकते
31:37कहा था
31:38तो जाओ
31:40फते शेर को ठूंदो और रखने
31:43मैं अपनी किये की सजात तुझे नहीं भुकत में दूँगा तिलावर नहीं
31:49जिद्ध ना करो पासिकंदर
31:52तक्दीर में यह लिखा था
31:54मैंने सूने के रूपने करीब कोई तद्बीर ना आई लेकिन
31:57तक्दीर के लिखने को कौन मिठा सकता है
32:02अमीजी का ख्याल लखना और कोशिश करना हूं मेरे मिलने ना आई
32:07उन्हें देखकर अपने हाप पर कावणी रहता हूं
32:10मैं एकदम बहुत कमजूर महसूस करने लगता हूं
32:14उनको दूरो कर बुरा हाले दिलावर
32:19अगर मैं बच गया भासिकंदर तो मुझे
32:22फते शेर की मौत की खबर जरूर सुनाना हूं
32:26अधानी क्यों उसके लिए तुमारी नफरत
32:29मेरे दिल में भी चर्म कर गगई है
32:31फिर क्या हुआ भाई जिलावर
32:33यू मुझ से जुदा हो कर पासिकंदर फते शेर की तलाश में निकला
32:39अभी मेरे मुकदमे चल रहा था कि मुझे पता चला उसने फते शेर को ढूंड लिए लिए
32:44लिकन इससे पहले कि वो फते शेर पे वार करता फते शेर दे उसे खुली बाद दे
32:50मुझे दस साल कैद हो गई
32:55सिकंदर की मौत और मेरी किरफ़दारी से माई सी बिस्तर पर पड़ी कि फिर उसे उठ्ञा नसीब नहींगा
33:01वह भी पासिकंदर से जाने लिए
33:06जेज में मेरी जिन्दगी एक हादिश फशां की तरह थी
33:10फशेर से इंतकाम और नफरत कलावा मेरी रगों पे हमें समा गया था
33:14मेरे जीच आता था मैं किस तरह जेल की दिवारे तोड़के
33:17उस फशेर की टुपड़े टुपड़े कत्म मगर
33:20वक्त मेरे इफिया नहीं था
33:23दस साल के पाँच से पने रहा हुआ
33:27सारे दुनिया जैसे बदल गई था
33:30सहीदा की शादी हो गई थी और वो अपने शोहर के साथ पराची ने रहती
33:38जमीनों के इंतजाम सचाहयात महमत के पास था
33:43मैंने सब कुछ मुझे सोगना चाहा लेकिन
33:46मेरी दिल में सिवाए फते शेर के इंतकाव के अपुई खाहिश नहीं थी
33:53फिर मैं भेज बदल की नूर पर पहुंचा था
33:56मुझे युमी वहाँ कोई नहीं जानता था लेकिन
33:59मैं उसे जगए जड़ा तलाश किया था
34:00पागमस तरह उसको ढूँता था
34:02कि वह सुरा कुली के ऐसा गाहिख हुआ था कि उसे पनटके अपने पाप और भाईयों की खबर के लिए
34:07उसे ढूंचा रहा है
34:10कई महीनों बाद मुझे उसके इलाके के अग्ड़ा किया लिए
34:14उसने बदाये कि उसे फटेशेर को चौदरी हश्मत की इलाके सिकंदरपूर में देखाए लेकिन फटेशेर उसे पहचाने संदकात कर दिया था
34:22कि सिकंदरपूर रवादा हुआ था
34:25रास्ते में अचानक मेरी मुनाकात चौदरी याकूब संदे
34:29मुझे पता चला कि बचादरी हश्मत की बेटे हैं तो इनके हम रास पर दिए
34:33इसके बात की तहानी तो तुमें मालूम नहीं है
34:37मगर यहां तो फटेशेर नाम का खुई आद भी नहीं है
34:43तो यह है वह बूज से तस साल थिसीने दिए में तरबर की खाफ चांचो
34:50अल्ला कहने वो तुमें मिल्जे
34:52खुदा तुमारी सबाने वार्ट करें भाई साथबल
34:55पतेशेर के एक हाथ पे मेरे भाई और माँ का खून है
35:01और दूसरे हाथ मेरी जिंदगी के तस साल मुझे इन सब का हिसाब चुकाना है
35:08मुझे लुपता है कैसे मरते हुए पासे कंदर अप्री सारी नफरत मेरे दिए में लिटपी करके आए
35:15मेरी सारी जिंदगी एक पके हुए फोड़ी की तरह है
35:18काश फते शेर मुझे कई मिल जाए अगर तुम उसको शकल से नहीं पैचाने के तूसे दूरों के कैसे
35:29कई निशानी आए मेरे पास और पर पासिकंदर की मंजोरा भी तूसके साथ होगी
35:37तस साल में से बहुत कम जोड़े होंगे जो पाहर से आकर यहां आपास मेरे ख्याल में तुम उसे यहां की बजाए चक 42 में प्रूंडो तो बेतर हो
35:47यहां चौजी थाजी सूर ने बहुत से माडल फार्म बनाए हैं और उनके इलाके में देश्मार लोग बाहर से आई हैं अगर को तो मैं तुम्हे उसके पास लेचे दूँगा ज़रूर
36:01कि आज ही चलते हैं आज मुश्कल है गौण छोने पिस से पहले बड़े चौजी साथ से इजानत भी ले नहीं है अन्ना दरह से बंदवा गयती हैं उल्टा करते हैं वाई शैद्गुल में इस बात किसी इस नी करना करना है तुम फिकर ही ना करो माई दिलावर तुम्हारा �
36:31कि फिलावर रहे हैं यहां माला ला लागर, कि क्वारव शैदादी है कर दो है कि आज है कर दो है गर्यादी ओर चार यहनुर के काम से चाहदिभ पर गया काम नियुन असाग लिटे क्या बचाहिए सारे काम में तुछसे मैरए मलकाद सबसे कंभा है
37:01सबसे पहले तेरा प्याना है
37:04हुकम करो ब्रादर
37:09दो
37:10मज़े कुछ दिनों के लिए
37:14तुम अफ्लोर ना कोई दाए राव
37:17शी तेगा हडाल लगना उसकी टान करो
37:19तुम प्रिकरना करो नाही मालादाद
37:22जैसे वो तुमारा बेटा है वैसे
37:24मेरा भी बेटा है
37:26जी विष्णाद
37:28जी
37:29हाँ
37:32तेज बाभी को मैंने सब्जा दिया
37:35जैसे तुम देरा पाल वो ऐसी उसका भी बादा
37:42ख्याल दो
37:43तुम प्रिकरना करो ये बताओ मामला क्या है
37:47मामला
37:50मामला तुम प्रिकर बताओंका
37:52इस वात कत्रा
37:56फ्रॉग
37:57फ्रॉग
37:58फ्लेश सादे
37:59लाव राका
38:03प्रॉग
38:04प्रॉग प्रॉग
38:05प्रॉग
38:06प्रॉग
38:07प्रॉग
38:08प्रॉग
38:09फ्रॉग
38:10प्रॉग
38:11प्रॉग
38:12प्रॉग
38:13प्रॉग
38:14प्रॉग
38:16प्रॉग
38:18प्रॉग
38:20प्रॉग
38:21प्रॉग
38:22प्रॉग
38:23प्रॉग
38:24अजिसे बिटे
38:25अब तो बहुत से फूल गए हैं
38:26अब अब अको दो कुछ भी नहीं आता
38:28हालो घुसा चड़ा रहता है
38:30बतमाच
38:31आने दे मौला दात को बताओंगा उसा
38:33अब भा को नहीं बताना
38:34क्यों डर लगता असा
38:37तो बड़ा प्यार करता है तो उसे कभी डांसा भी नहीं
38:40पतानी फिर भी डर लगता है
38:42पता है थूरा गौंग उसे डरता है
38:45एक बात बताओं चाचा
38:47मेरे अबबा के पासना इतनी ये बंदूके हैं
38:50अचा
38:51एक दिन ना मैंने बंदूक चलानी सीख ली
38:54सीख ली
38:55सीख ली
38:56सीख ली लेकुल उठाई नहीं जाती
38:58बड़ी भारी है
39:00अचा
39:02अचा
39:03अज अपनी माह से कहना
39:04मैं दरा चौदरी इन्वर की फेली तक जा रहा हूं
39:06मौलादाद को बता करें
39:07अभी बैटा ना
39:08मुझे केलर डर लगता है
39:10मौलादाद के बेटियों के जरते हो
39:12अभी आएंगे तो चले जाना
39:14अचा
39:16चाचा वो तुमने कहाने तो पुरी सुनाई यह नहीं थी
39:19कौन सी
39:20वोही बाट्षा असलामत और जर्बूज वाली
39:23वह वह सुनाएंगे
39:25जरसल दिन के वाट कहानी नहीं सुनाते ना
39:28क्यों
39:29मुसाफिर रास्ते बूल जाते
39:31यह कहते हो सकते
39:32कहानी आब उदे सुनाएगे यह रास्ता मुसाफिर बूल जाएंगे
39:35वो बात यह बचा
39:37के अचा खेट चुआ
39:39तो तुम एक ट्रिक से काएंगे
39:41ठीक है
39:43यह है जनाब लेकंग उठा
39:45है ना
39:46और यह
39:48किजर गया
39:51काए वो गया
39:52है निकालें इसको
39:54उधा
39:56यह कर रखिया था
39:58चलो तुम भी सिखाए
40:00यह रखो, यह हात से
40:02हां रख रहत
40:04इसको नेचे कर दो
40:06यह यह
40:07बस इसको पुश करो
40:10यह
40:12वो आत कुला रखना, जे, जाब बाज
40:18तू कब आया, बड़ी देर से आया हूं मियाँ जी
40:28कुछ गडबड हो गई है जी, वो के बंदा मार दिया है
40:34नहीं, नहीं मियाँ जी, नहीं, बंदा नहीं मारा
40:37तो तेरी जान क्यों निकली जा रही है
40:41अब बता क्या बात है
40:47और तू बात कर पुत्तरों है, ये मेरे बंदे हैं, इनको पता के मेरे
40:55मुखबरी करने वाला आज तक सिंदर नहीं बचा, हाँ, क्या बात है, क्या का रहाया है
41:01तो जी, वो लड़की चौकिदार की लड़की थी नहीं जी जी रहा, वो मर गई है
41:11अच्छा, हाँ, जी, मैंने जी उसकी शादी कराई थी ना, गौस मुहमद के साथ, उसकी बनी नहीं अपने खावंद के साथ, वो कल रात गौस मुहमद से लड़कर अपने बाप की घर चली गए
41:20तो जी, मैंने मौलादाद को भेजा था, उसे संधाने के लिए
41:24शादो ये मौलादाद ने कोई काम दुखाया है
41:28ने, ने, जी, नहीं, मौलादाद ने कुछ नहीं किया
41:31तो जी, बस एक दो आथ लगाये थे नत्व को उसने
41:36बड़ा पारी आथा तेरे इस मौलादाद का, इसको तरा किले से बांद कर रखा कर
41:41जी, वो लड़की को गौस मौम्मद की घर छोड़ गया था
41:44पता नहीं, वहां से वो किस वक्त निकली है, हमें तो उसकी लाश ही उसे
41:49लाश किदर है?
41:51उसका बंदवस्त कर दिया जी, मैंने
41:54तो नत्वू थाने चला गया है
41:58उसको पता है जी, रांके मरने का
42:00मैं जी, मेरे आद्मियों के लावा किसी को नहीं पता
42:04उसने तो मौलादाद के खिलाफ अगवा और इरादे कतल का केस करवाया
42:09मौलादाद किदर है?
42:14उसके भी जी, रातो रात मैंने शैर भिजवा दिया था
42:17उसको वापस मंगवाला है
42:19मौलादाद मेरे बड़े काम का आद्मी है मिया जी
42:31तो मैं कब उसे फाय लगवा रहा हूँ?
42:34उसको वापस मंगवाला है और लाश को वापस को में सब्वा दें
42:38मिया जी, पज़चस बाद का पता निए उसमें मत बोल
42:42अच्छा जी यह गौस ममद किदर है तो किदर अपला मैं हमाल से समझाता हूँ कि क्या करना है
42:49गौस ममद यहीं है जी और गौसे ज़दरा
42:59असलाम चोद्वी जी तु सिद्धा ठाने जला जा और नत्तू के खलाब पर्चा तरच्छक्रा दे
43:05इसने तरी मन्कुअ बेवी को जबर्दस्ती एगवा कर लिया तर मिया जी जी रहा थो
43:10जब मरे बात कर रहा हूं तो पीच में मत बोला कर गौस्या
43:15तो तो को समाल कर रखना प्रासोन तेरी समझ में नहीं आए कि ये बार अन्वर जी मिया जी और अपनवाद को शायर पहज़ के ममूद कराशी वकील को बलुआ ले कराशी साम गारा माँ अच्छा गाते हैं जी में दी असर की घजल ऐसे गाते जैसे हीर पात है आहे बंजे �
43:45जल जल जल के कुटे को अच्छा जी यह हमारे लिए क्रिस्टली शीगे जी कारने वाले कुटे तो
43:55अच्छा जी
43:57अच्छा पुट्र रहे होस्मत खा का पुट्रा है
44:07आप इने समझाईए मास्वजी यह तरह सर्दूर मैंने तो इसे बहुत समझाया है बेटा कोई फाइदा नहीं मास्वजी कोई फाइदा नहीं जाने वाली तो चली गई आप लोग क्यों मेरी वजह से मुसीबत में पढ़ते हैं
44:29यह मुसीबत नहीं है नतुचा जा तुम हमारे बज़र्ग गिराई हो सारी उम रातों को जाकर इस दों की कलियों में पहरा दिया है
44:41लोगों की जान मान इज़त की हिफादत की है इसलिए
44:46कि आज तुम्हारी इज़त लोट लीज़े ऐसा हार्गिस नहीं होगा नतुचा जा बड़े चौई साब के सामने किसकी मिजाल है जो दम मार सके
44:54ऐसी बाते मत करें भाई फजल करेम
44:56तुम लोग अगर इसी तरह बात बात पर जखते रहें तो किसी की भी इज़त सामत नहीं होगा आज जो हात मितुचा जाजा की बेटी पर उठा है
45:07कल को वो गाउं की किसी भी धी बैन की तरह बोड़ सकता है तुम ठीक कहते हो मगर अगर मगर कुछ नहीं
45:14में जीरां का केस लड़ूँगा और मैं देखता हूं कोई मेरा क्या करता है नहीं रहा कि अबाजी अगर जीरां की जगाब की बेटी होती है तो क्या फिर भी आप यह कहते हैं
45:30जहुदरी साब बड़े रसुख वाले आजमी एक उतर मुहमाद रशीर सचाहिस से ज्यादर रसुख किसी का नियुक्त नथुचाजक साथ दुरू हुआ है और कानून कभी किसी के साथ होगा
45:45मुहमद रशीर ठीक कहता है इलमदीन जीरा ने खुद कुछी नहीं उसे कतल किया गया मगर किसकी खिलाफ कराओगे पर जाए भाष्मत खांगे गोंस मुहमद के खिलाफ या फिर मौलादाद के खिलाफ वर्चा चौदर यनवर के खिलाफ हो गया
46:09जीरा को उड़ घुटाया तो उसी ने था ना तो पर्चा भी उसी के खिलाफ होगा
46:17गोस मुहमद और मौलादाद समेब चौदर यनवर के खिलाफ पर्चा कराने का मत्लब को ये हुआ कि तुम चौदरियों से दूश्मनी ले रहे
46:26सवाल चौधरियों से दुश्मनी या दोस्ती का नहीं है भाई फजल करें
46:30बात कानून और इंसाफ
46:33चौधरिय अश्मत बड़ा जालम आदमी है
46:36भाई रम दिन मैं चलता हूं स्वाम आले
46:38वाई यह जो आप आप सही महनों में उस्ताज है मासे
46:49और मेरी बात सुने
46:52बात यह है आप जाए वाले पूने साथ करा है भाई वह तो कहीं बाहर गहीं है
47:09याकुपाई भी नहीं है वह भी आप इस लेको जब वो आए तो उन्हें बताना है कि में आए इस ते का आप बैठें इसकीला वी बी अंदरे में उन्हें बलवारे तो
47:17लगार था वाले बात सुन्हें करता шwowत करता
47:33जाओ क्या हहा है
47:35अगशा लगाँ वह पूज सक्षचर गेंगेंगे तरे
47:37owski भी प्राणी गेंगेट्र मैं लेठीत ब्यागर्ण हादन प्रानी गेस्टी पर्लेम्
47:42पुरानी गैस वाडी प्रॉब्लम कह रही थी नाश्ता हज़म नहीं होता
47:45यह गैस की बिमारी बहुत बुरी बिमारी आजकल जिसको देखो इसका मरीज है
47:51जी हाँ आउंटी दरसल एक तो हम लोगों की फूद हैबिट्स कुछ अजीब सी है
47:56अपर से अडल्टरेशन इतनी है के खुदा की बना हराम है जो कोई चीज खालिस मिल्जा
48:01यह कौने मिल्जा यह मौलादाद है जी कौन से आया है
48:09मौलादाद तुम जरा बाहर बैठो
48:26अजीब सादमी नहीं जी आंटी आदमी तो बड़ा अच्छा है यूँ ही कुछ सीरियस सा रहते है
48:38क्या खौफा है इसके आंकों समझे पर चोड़े से अब यह बताया है पीएंगी क्या कुछ ने बैठा मैं तो आई थी याकुब भाई से मिल्मी बहुत जरूरी बात करने थी उन से काफी दूनों से मेरे पास नहीं आया जी वो कराची गया है कल रात की फ्लाइट प्लाइ�
49:08से खासे फासले पर आया एक दूसर से अलबता उनकी उस दोस से अक्सर मुलाकात होती है कौन से दोसे आपको नहीं पता यह बड़ी क्यूट सी लड़की है फिरसा कंफ्लेक्शन है नाम मुझे याद नहीं आरा फाइन आर्ट्स में पढ़ती है हाँ हाँ वो सीमी की बात कर
49:38अचा मैं चलती हूंगी ना मुझे अंटी यह अचानक ना कुछ खाया ना किया प्लीज मैं आपको ऐसे नहीं जाने कर दोगी नहीं बस आती ही होंगी यह बचा कोई बात नहीं मुफिर आऊंगी कोई तकलुक सोरी मेरा अपना घर है यह हैं अब कैसे जाएंगी अने देख
50:08हुआ है हुआ है अपिर यह यह अपने शोरी अजय हो हुआ है है यह अदर मुझे जाए जाए से ते जाले है तूरी यह दिलावर लेकर आपको जो है
50:38यह क्या शगल लिख लाई यह तेरी वह तुझे तो अच्छी लगती थी दाड़ी दाड़ी नहीं थी चौदरी जी शेव बढ़ गया था जी और
50:47आप कहते हैं तो फिर रख लूँ गई आजा इदर आओ मेरे पास बैंग
50:54और इदर नहीं उपर बैंग
50:58अच्छी मेरा नौकरी नहीं है तो मुझे अबक्षू जी यह दिलावर तुझे चौदरी घुलाम अली नहीं लगता मांदरा तो कुछ कुछ मिलता है जी जड़े जी इसको इसकी आगों में तो मोतिया उतरा हुआ है दिलावर की शेकल तो हूँ हूँ हूँ आपने चौदरी
51:28क्यों फिरकर मेरी नजर तुझी पर बढ़ती है क्यों करें चौदी और जिस सफाई और बादरी से तो क्रिस्टन निकाल कर लाया था ना उसे देखकर मुझे पूदा जखीन है कि तुझे काम भी कर लेगा आप फरमाएं दुसी चौदी तुझे पता है परसों मेर जीवन क
51:58नेजी था आप मकाबला मुल्तवी कर दें चौदी मैं मकाबला मुल्तवी कर दूँ मैं चाउदरी हर्शमत खान और सारी मर के लिए मैर जी मर कर थाले लग जाओ
52:09तू तो बड़ा समयदार था दिलावरा तो तेरी एकल को क्या हो गया है आपने खुझी फरमाएं चाजजी के हमारे कुपे फिट नहीं पर इसका मतलब यह तो नहीं है कि मैं मकाबला मुल्तवी कराके में सारे लाके में अपड़ी बिस्तिक करा लूँ
52:24तेरे ख्याल में मुझको क्या करना चाहिए मैं क्या अर्ज करूं अच्छा कर तू मेरी जगा होता तो क्या हल निकालता इसका बात अच्छी तरह समय लें मैं अपने कुझे लडाना मीं नहीं चाहता और यह भी नहीं आएथा कि मुझे फीची अटा पर
52:48कि मेरी समझ में तो एक ही हलाता है चाहदरी जी मेरे जीवन के कुझों को गोली मार दिशा है
52:57पर आप शावाशी जौन, शावाशी, ओइसे लिए तुम जिता, अच्छा लगता है।
53:05मेरे जहन में भी यही तर्कीव आई थी, पर हम मेर जीवड के कुटों को गोली नहीं मरवाएंगे।
53:11यह मामला जरा खतरनाक है।
53:15फिर चोई?
53:19पर हमारे कुटे बमार है ना?
53:21अगर मेर जी उड़के कुटे भी बमार हो जाएं फेर।
53:30बहुत चख्या रही जी।
53:33अजे काम तू करेगा दिलावरा।
53:37जो हुकम चोदरी जी पर मैं कुटों के बारे में कुछ ज्यादा नहीं जानता जी।
53:42नहीं जानता।
53:44लाव भर्शूब ओए एक काम तू आज़ा जो दिलावर भी नी जानता।
53:48अजी।
53:51मुझे तु लगताता तू दुझे दुनिये का हर काम आता है।
53:58तवाई तुझे मैं दूँगा।
54:00तेरा काम उसे कुटों के रातम में शामल करना है।
54:03यह काम बड़ी उशारी से करना होगा।
54:07मैर जी। उन अपनी विलाद से जैदा कुटों का ख्याल लगता है।
54:12चांद तली पर रहकर जाना होगी तुझे।
54:15आप फिकरने करें चोड़ी।
54:19करेंद तुछाना होगी तुछाओ झाज़ी।
54:31करेंद तुछाओ जुछाना होगी।
54:36तुछाना होगी।
54:40अटिया थिंजे पर जामल क्वेशब पर रहकर
54:44मैर जामल करेंदी।
54:46भीकर होगी।
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