Former India football captain Tarun Roy, now leading the Zinc Football Academy (ZFA) in Rajasthan, shares how the academy is transforming young lives by offering world-class football training, education, and facilities - all free of cost. With both boys’ and girls’ programs, ZFA is nurturing India’s next generation of football stars who are already making their mark in ISL, I-League, and the national team.
"हम फीस नहीं लेते, सपनों को पंख देते हैं!" - यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि Zinc Football Academy (ZFA) का मूल मंत्र है। इस वीडियो में भारत के पूर्व फुटबॉल कप्तान और अब Zinc Football Academy के प्रमुख, तरुण रॉय के साथ एक विशेष बातचीत देखें। वे बताते हैं कि कैसे राजस्थान में स्थित यह अकादमी बिना किसी फीस के बच्चों को विश्वस्तरीय फुटबॉल प्रशिक्षण, बेहतरीन शिक्षा और अत्याधुनिक सुविधाएँ प्रदान कर रही है।
ZFA लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए कार्यक्रम चलाकर भारत के फुटबॉल के नए भविष्य को गढ़ रही है। यहाँ तैयार हुए युवा खिलाड़ी अब ISL, आई-लीग और यहां तक कि राष्ट्रीय टीम में भी अपनी चमक बिखेर रहे हैं। यह कहानी है प्रतिभा को निखारने, सपनों को साकार करने और भारत में फुटबॉल के विकास की। वीडियो देखें और जानें कैसे ZFA भारत के अगले फुटबॉल सितारों को तैयार कर रही है!
00:00मैं तरुन रोय, पॉर्मर कैप्टेन आफ इन टीम, ए लाइसेंस ओल्डर और इंडिन कोच अल्सो, मैं यहाँ जॉइन किया था टू-021 में एज एड कोच, और जिंक फुटबल अकडेमी उसी साल हमने अंडर 18 एज ग्रूप का जो हमारा बॉइस थे, उन्होंने
00:29सीनियर राजस्तन लीग जीता, तो काफी अच्छा बूस्टिंग मिला, उससे काफी आगे आने वाले बच्चे भी बहुत रिक्रूट हुए नेक्स्ट इयर, और लास्ट 3-4 एर्स से हमारे एवरी एर्स एक या दो प्लियर नेशनल लेवल में जा रहे हैं, इंटरनेशनल ले
00:59जुलाई में इसका ओपनिंग हुआ, ग्रैंड ओपनिंग और जिसमें AIFF के प्रेसिडेंट में सख करलान चौबे भी आये थे, और अच्छा टाइफ हुआ है AIFF के साथ और वो भी चाहते हैं जो ग्रास्रूट लेवल में ज्यादा डेवलपमेंट हो, स्पेशली गल्स का, �
01:29हम लास्ट टू यर से हम अंडर 17 फाइनल राउंड के लिए क्वालिफाई किया है, अंडर 15 ने भी किया है, इस साल हम चाहते हैं जो अट लास्ट फाइनल स्टेज में आकर लास्ट फोर में पहुँचे और उसके लिए प्रिपरेशन चल रहा है, अभी कैलेंडर नहीं आया
01:59कुछ अच्छे बच्चे आए, इंजरी लेवल जित से कम हो, उससे हमारे जो एडवाइजर डॉक्टर गगन कपूर जो पहले इंडन टीम के साथ भी थे, वो आये हुए हैं, वो उनको अच्छी तरह अबजर्व करते हैं, बाकी जो फीजियो हैं उनको उनको अच्छी तरह
02:29इंक और वेदानता मिलके और हम उनको सपोर्ट कर रहे हैं, तो डेफिनेटली एक बहुत बड़ा एचिवमेंट है, इसमें किसी भी बच्चे से कोई भी नहीं, एक भी पैसा नहीं लेतेगा, और अल, और देयर गिवन, देयर एजूकेशन, देयर ट्रेनिग, देयर होस्ट
02:59यहां वही फेसिलिटी मिलता है, हमारे पस एफक्यूब जो टेकनोलोजी है, वो वन अप दे बैस्ट यहां पे है, इंडिया में कहीं नहीं है, जो हमारे प्रोजेक्टेट मिश्रा खुद प्रोजेक्ट को उसमें डेवलप किया इसको, और वो एक ऐसा चीज है, जिसमें मे
03:29अपला दिन में हमारे हम चाहते हैं, जो मोर प्रोडूस करें, जो नैशनल लेवल में कहले, और गर्ल्स और बॉइस दोनों में, जिसके लिए हम बहुत जगा मेहनत कर रहे हैं, और मिर को लगता है, इसका रेजल बहुत जल्दी मिलेगा.
03:41So being a former India captain yourself, हमने एक दौर देखा था, COVID के ताइम में, जिसमें काफी precious years, जो यंगsters के निकल गए थे, जैसे भी कुछ केटेगरी में, जो वो खेल सकते थे, जिसके लिए हो eligible थे, वो नहीं खेल पाए थे, उस वक्त में जो खिलाडियों के साथ हुआ, उस age category के प्लेयर के सा�
04:11और बाकी के जो एकाड़मी हैं, किस तरीके से उन अख्रीट को फुटबॉल को मदद कर सकते हैं, और कैसी मदद मिली इस बात में, यह बहुत बहुत बहुत बहुत था, ऐसा चीज हमने तो अपने लाइब में फर्स टाइम देखा, लेकिन एक एडवांटेज हमारे जिंक �
04:41कोबिट में नहीं आया था, तो यह एक बड़ा अडवांटेज था, जो नहीं था, जो आप पूछ रहे हैं, डेफिनिटली एक बहुत बड़ा ड्रॉबेक था, सिरफ प्लेयर्स नहीं, कोचेज भी सफरर रहे हैं, जिनके अपने अपने अकेडिमी स्कोले हुए थे, सब का
05:11अब अब जो आपकेड़ा प्लेयर्स नहीं था, जो पूरा नहीं कर पाई, यह बड़ा एक रासका है, अगर करें इनने टीम की बात करें, आपने अपने अपने और यह प्रोग्रस देखा है, अभी पिलाल में अगर भी देखा है कि रैंकिंग वापस से ड्रॉप हो गई है
05:41तो हमें यह जुना कि विमन्स फूटबॉल के पास एक बहुत अच्छी उप्रोटिनिटी है कि वर्ड कफ में शायद पहले खेल सकती है में फूटबॉल की तुल्ना में तो ठोड़ा इस पर रहाई जो गैप है पहले तो मेंस और विमन्स फूटबॉल में और इंडिन फू
06:11तो दोनों ने अभी जो रिसेंटली पर्फॉमेंस दिया है डिफिनिटली आज मैच भी है सिंगरपूर से तो वो भी हम देखेंगे डिफिनिटली सीनियर कैसे पर्फॉम किल रहा है इस अब के लिए और ये एक प्लस मेंट है मेरे हिसाब से कि उना ये हमारे जितने भी फॉर
06:41मेरे हिसाब से हमारे इंडियन कोच अभी ए लाइसेंस प्रो लाइसेंस बहुत सारे हो गए हैं इनको पार्टली अगर अपने कर्शे से भी जा सकते हैं इवन और इंडिया फूटबॉल फेरेशन में को स्पांसर कर सकते हैं कुछ जो अच्छे हैं उनको फॉरेंग में बे�
07:11इस प्रो लाइसेंस हैं वो पीछे बैठ हुए हैं उनको ऐसे एसे सिस्टेंड का भी पूरा काम ने मिलता कई तो ऐसे हैं सरह मार कर लेके घूमतें पीछे तो यह बहुत ब्रॉबग है उनको सीखनी पारे तो इसका मतलब जो उन्होंने लाइसेंसिंग की जो डिप्लोमा �
07:41ज्यादा करें रिफ्रेशर कोर्स अभी दिली में वा मैं भी उस पर प्रेजन किया कई चीज नहीं नहीं आती है और वो सीखने को मिलता है क्योंना माइंड वो चीज नहीं है जो एक पाज सीख लिया तो वही कॉंटिनू रहेगा तो उसको रिफ्रेश करना जरूरी है और �
08:11तो वह अपना ट्रेनिंग बे उससाब से अपना सेडूल को मिनाया ट्रेनिंग को चेंज किया तो इसका डेफिनिटल आगयाने वाला दिन में जो वह दिखेगा रिजल दिखेगा अच्छा और यह विमन्स फुट्बॉल में कैसे इनके चांसे जादा है वर्ड कप खेलने क
08:41अगर सीनियर टीम एज क्लीट क्वार्टर फाइनल भी खेलेते तो हम बेस्ट एइड में आ जाएंगे और फॉर्टी एट टीम एज वर्ल्ड कप में वह ले रहे हैं जैसे मेंस का है तो हम उसमें क्वालिफाई कर जाएंगे तो यह फर्स टाइम ऐसा होगा जो मेंस वर्ल क
09:11अगर मेंको लगता है नेक्स यर जो मार्च में हो रहा है अश्या कप उसमें दोनों टीमें बहुत अच्छा खेलीगी और हमें अच्छे प्लियर दिखेंगे आने वाले दीम में जैनि पुटबॉल अकाडमी की अधर पांच साल की एक विजन की बात करे तो आप क्या चीज
09:41हमारा कॉमुनिटी जो एंगेजमेंट सेंटर है वहां से वह आ रहे हैं लोकल बॉइस और अनर 18 जो हमारा है वो यूत लीग एलिट के लिए तो इनको भी आगे आने वाला जो है सीनियर टीम में उसमें जाना है यूत लीग हमने लास्ट फोर जैसे मैंने का उसमें अगर प
10:11के लिए है अभी 2011 2012 2013 तीन एज ग्रूप के लिए हमने बच्चे जो अंडर 14 एक्चुल देखा जाए इस से 14 साल की है तो उनको पांस साल अगर हम फुल ट्रेनिंग ले तो अंडर 17 हमने टेक्निकल डारेक्राव और एए फिप से बात किया तो वह 17 आईडवल भी आगे उन्ह
10:41है उसके लिए भी सिलेक्ट हो एक दो लड़किया जिसको ऐसे रोल मोडल देखे दूसरे बच्चे और है और अभी बच्चे आना चारे सबसे पहला था मैं जब गुजरात में था तो वहां गल्स आना नहीं चारी थी जब रिजल्ट आने लगा अच्छा खेलने लगे तब
11:11के हैं तो यह अच्छा जावर लोकल भी बहुत जो सी सेंटर में मैंने कहा हूं वहां पे पहले दस से पंदरा मैक्सिमम बच्चे आते थे पचास बच्चे आते गल्स तो यह बहुत एक अच्छी बात है सेम यह आने के लिए हमारे पास बड़े ओफर आने ट्राइल के लि�
11:41अच्छी सवाल, विमन्स फुटबॉल को राजस्थान में आज से कुछ साल पहले अगर हम देखें तो विमन्स अथलीट को इहां से बाहर निकलने का मौका नहीं मिसकाता तो फोड़े एलीट सेग्मेंट से ही यहां पे अथलीट निकलते आये हैं और फुटबॉल एक बह�
12:11क्या चालेंजिस करनी होती हैं पेरिंट को इकनॉमिकली बीकर से कन्विंस करने के लिए कि वो अपने वच्चों को लड़कियों को भेजें कहीं दूर अपने से ताकि वो खेल सकें और ग्रो कर सकें यहां यह एक प्रॉब्लम बहुत बड़ा इशू है जो स्पेशली गल्स
12:41क्लब लेवल में जब खेलने तो वह जब उनको बताते तो उसका बैग्ग्राउंड जो बड़ा स्टॉंग हो जाता उनको उनको समझ में आता जो हां यह चीज पॉजिटीव हमारे बच्चों के लिए और यह आगे आने वाले दिन में हम चाहते हैं जो हमारे बच्चे भी �
13:11यह कहते हैं तब मुश्किल होया था हमने तो इनको तैयार करना है इस एज में अगर नहीं तो जैसा मौल करेंगे वैसे बनेंगे अब बाकि उनके उपर है कितना वह मैनत करते हैं हाँ पेरिंस का सपोर्ज भी बहुत जरूरी है पीछे से पेरिंस अगर हर बार करें नहीं �
13:41से लुए उसमें दिस्टरव उनका मंटेलिटी कि युए शाइकलिग जिए जितना स्टॉंग होंगे साइकलोजी तक फिसीकलिसे कि आंको स्टॉंग हो झाल होता है मैं ने कि उनको सांटान चेए करने नहीं टूंटान टो यंटिक जिए करने द्गें टो बाल्लोंगे ड़
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