00:00अयोद्या का भवे राम मंदिर आजभारतिय संस्कृती और आस्था का केंदर बन चुका है
00:12मंदिर के भीतर लगी कलाकृतियों को देखकर हर्श रधालू मंत्र मुख्ध हो जाता है
00:18इन कलाकृतियों के पीछे है अजमेर के युवा कलाकार युवराज सिंग की महनत और प्रतिभा
00:24युवराज ने मंदिर के पिलर और रंग मंदब पर 200 से अधिक मूर्तियां उके रही है
00:30जिन में देव कन्याई, नित्य मुद्राई और रामायर के प्रसंगों को बारीकी से दर्शाया गया है
00:37नाचुरल जड़नी रही है
00:41आइडेंटिफाई किया स्कूल टाइम में ही रेलाईज हुआ कि बहुत मज़ा हुआ है इस कर्टिंग करने में
00:47और दूसरी चीज़ों को छोड़के अपने आप द्यान उस तरह जाता था कि अपनी मूर्ति को जाके देखा जाए, जादा स्यादा बैतर बनानी की कोशिश करी जाए
00:57तब रेलाईज हुआ कि अंदर से अच्छा लगता है इस काम को करना
01:02अजमेर के पाल बीचला छेतर से तालुक रखने वाले 31 वर्षिय युवराज ने बच्पन से ही कला को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था
01:30दिल्ली में फाइन आर्ट्स की पढ़ाई के बाद उन्होंने गांधी समारक, शहीदी पार्क, दिल्ली एरपोर्ट और लोकसभा भवन में भी अपनी कला की छाप छोड़ी
01:40राम मंदिर में काम मिलना उनके लिए सिर्फ एक अवसर नहीं बलकि आध्यात्मिक अनुभव बन गया
01:46विवराज कहते हैं कि ये काम उनके लिए साधना थी नकि सिर्फ पेशा
01:51राम मंदर के अंदर हमने आइकोनोग्राफी डिजाइन करी पुराने अपनी जो विदास्त उससे जो अपने इनॉटमी थी उनको
02:02स्टड़ी करके हमने आज के समय के हिसाब से जो मूर्थी बननी चीए उस तरीके से मूर्थे को डिजाइन किया और फिर जो रंग मंदर का बीच वाला उसके अंदर हमारी कार्वरिंग्स हैं जिसके अंदर हमने देव कन्या जो होती है जो भगवान की सार्थी होती है ने त
02:32उसको लेकर हमने वहां पर कार्विंग और स्कॉर्टिंग करिये बीच में कोरोना काल में सिरमिक आर्ट से नई सोच को जनम देने वाले युवराज का सपना है कि भारतिय कला को वैश्विक पहचान मिले उनकी हर रचना भारतिय संस्कृती और प्रकृती के प्रती सम्मान क
03:02तो हर कृति भगवान का रूप ले लेती हैं
03:09एज मेर से उटी बिभारत के लिए प्रियांक शर्मा की रिपार्ट
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