Skip to playerSkip to main content
Diwali Kab Hai 2025: दीपावली का शुभ पर्व हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ 14 साल का वनवास काटकर आयोध्या वापस लौटे थे. और तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे नगर को दीपों से सजाया था. तभी से दीपावली का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है. हालांकि इस साल दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में बहुत कन्फ्यूजन है. कोई 20 अक्टूबर तो कोई 21 अक्टूबर को दिवाली बता रहा है. आइए जानते हैं कि दिवाली की सही तिथि क्या है.Diwali Kab Hai 2025: 20 Ya 21 October 2025,Lakshmi Ganesh Puja Kab Kare,Amavasya Snan Date ?

The auspicious festival of Diwali is celebrated every year on Kartik Amavasya. It is believed that on this day, Lord Rama returned to Ayodhya with his brother Lakshman and wife Sita after spending 14 years in exile. The people of Ayodhya decorated the entire city with lamps to welcome him. The tradition of celebrating Diwali has continued ever since. However, there is considerable confusion regarding the date of Diwali this year. Some are saying it will be October 20th, while others are saying it will be October 21st. Let us find out the correct date for Diwali.

#diwaliphotoediting #diwalicarnival #diwalisong #diwali2025 #diwaliphotoprompt #diwali2025date #diwaliremedies #diwaliladurecipe #diwalileave #diwalibonus

~HT.318~PR.111~ED.120~
Transcript
00:00महा लक्षमेच विदमहे विष्टुपत्नेच धीमही तन्नो लक्षमी प्रचोदयात प्यारे मित्रों जैश्याराम जैमातादी मित्रों आज आज आप से चर्चा करते हैं
00:09दीपावली के पावन पर्व को लेकर के इस बार भी बहुत से विचार आ रहे हैं
00:16कि दीपावली पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाए या 21 अक्टूबर को मनाया जाए
00:22इस बिसे पर कुछ अपने विचार में रखने जा रहा हूँ आप लोगों के सामने
00:26इस बरस 20 अक्टूबर को और 21 अक्टूबर को दोनों दिन ही दीपावली पर्व को लोग मना रहे हैं
00:36अनेक अनेक विद्वानों के नुशार अपने मता रहे हैं
00:41मैं आपको बताओं अमावस्या तिथी के साथ ही प्रदोश और निशीत काल में शुबशयोग दीपावली का बनता है
00:51तो दीपावली रात्री का पर्व बताया गया कि रात्री के समय दीपावली का पावन पूजन करना चाहिए
00:58तो इसलिए दीपावली का जो रात्री का पर्व है यह तो 20 तारिक को हमको प्राप्त होगा और 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथी तो रहेगी
01:12लेकिन प्रदोशकाल का योग उस दिन हमें नहीं प्राप्त हो रहा तो 20 को हम दीपावली मनाएं कहां पर अपने अपने घरों पर मनाएं
01:24अब बात आती है कि प्रदोशकाल में लक्षमी पूजन सुब है तो 21 को अमावस्या पर प्रदोशकाल नहीं मिल रहा है
01:33कार्तिक मास की जो अमावस्याति थी है यह 20 अक्टूबर की साम को अर्था 3 बच करके 44 मिनट से प्रारंब हो रही है और 21 अक्टूबर की साम को 5 बच करके 44 मिनट पर यह पूर्ण हो जाएगी
01:59लेकिन दीपावली तो रात्री का पूजन का विधान बताया जाता है कि रात्री में पूजा करनी चाहिए इसलिए 20 अक्टूबर की रात्री में लक्ष्मी पूजा करना शुब बताया जा रहा है
02:14माननता है कि प्रदोशकाल में मा लक्षमी का पूजन करने से आशिरबात प्राप्त होता है और सास्त्रों में दीपावली की रात्री का पर्वमाना गया है
02:27मा लक्षमी की अराधना विसेत रूपशे आज के दिन करनी चाहिए और इस बर्स यह जो मुहूरत है 20 अक्टूबर की रात्री में अवावस्या तिथी पर आ रहा है जो 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्वमना बीस अक्टूबर को काली 14 की भी रात्री जिससे दीपावली
02:57शुक्षम्रदी का वास बताया गया है अब 21 अक्टूबर को सिर्फ दिन में रहेगा अमावस्या काल तो 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथी पांच बच करके 43 मिनिट तक रहेगी लेकिन इस दोरान प्रदोश काल या निशीत काल में यह तिथी नहीं रहेगी इसलिए दी
03:27प्रतिस्थान होते हैं उन में पूजन करते हैं कार्याले में पूजन करते हैं जो कारिचित्र की स्थाने वहां पर पूजन करते हैं तो यह लोग आज के दिन
03:38आज के दिन का मतलब 21 अक्टूबर को यह लोग हलाकि अपने कार्याले में पूजन करें प्रतिष्ठानों में पूजन करें और 21 अक्टूबर की सुबह अमावस्यातिति के दोरान यह लक्ष्मी पूजन अपने यहाँ पर कर सकते हैं
03:54कहां पर प्रतिष्ठान में आप इसमें का र्याले में व्यापारिस्थान पर जा करके पूजन को शंपन्न करते हैं
04:01परन्त मुख रूप से दीपदान 20 अक्टूबर की रात्री में किया जाना स्रेष्ठ है
04:08वहां पर भी दीपावली के महालक्ष्मी का पूजन आप 21 को कर लिजीगा परन्त दीपदान जो जो दीपक है इनको आप 20 तारिक को वहां पर प्रज्जोलिक जरूर करिएगा
04:17अधिकांस हमारे जो गत परवे तिवहार होते हैं उसमें हम तिवहारों में उदेया तिथी को ही अत्यदिक महत्तुपूर्ण माना जाता है
04:29पर दीपावली के लिए कहा गया गिरात्री का परव है इस वर्स उदेयाति थी 21 अक्टूबर को रहेगी लेकिन अमावश्या के साथ प्रदोश और निशीत काल की जो पूजा है
04:57या 20 अक्टूबर को ही पढ़ रही है
04:59इसलिए 20 अक्टूबर को भी मनाईए
05:02और 21 को भी मनाईए
05:03जब जिसका मन हो
05:05उस हिसाब से आप मनाईए
05:06दीपावली पर्व की आप सभी को बहुत बहुत शुब कामना है
05:09मैंने आपको दूनों ही जानकारी दे दी
05:12कि 20 को कितने मज़े तक हमावस्तिया है
05:1420 को कितने मज़े से हमावस्तिया लग रही है
05:16शंपूर जानकारी आपको प्रदान करा दी
05:19अधिक जानकारी चाहिए तो आप हमसे संपर कर सकते है
05:22जैस्री कृष्णा जैस्याराम
Be the first to comment
Add your comment

Recommended