00:00अंतरास्ट्रिय पुशकर पशु मेला 2025 की तैयारियां युधिस्तर पर जारी है
00:16प्रदेश भर से बड़ी संख्या में पशु पालक पुशकर मेले में अपने पशुओं की खरीद फरोक्त के लिए आते हैं
00:24मेले में आने वाले पशुओं में उट और घोडों की संख्या अधिक रहती है
00:28हालाकि 2013 के बाद पशु मेले से एक ओवन्ष गाया भी हो गए है
00:33पड़ोसी जिले नागाओर के बैलों की उन्नत नसल कभी मेले की शान रहा करती थी
00:38लेकिन अब वो भी नजर नहीं आती
00:41हमने राजय सरकार को प्रस्ताव बेचा है कि जो पशु पित्युक्ताओं की इनामी राशी है उसमें बढ़ोत्री की जाया
00:51जिसे लोगों का रुजान वापिस पुषकर मिले की तरफ हो और ज्यादे से ज्यादा गोवंश पित्युक्ता और पदर्शनेटू पुषकर मिले में लेकर रहा है
01:00सर अभी कितना है और पहले कितना थे लास्टियर के डेटा 114 अनिमल पिछली बार आयते उससे पहले 55 पिछले साल पिछले साल 114 अनिमल आये हैं पिछले तीन साल में बढ़ोत्री होई है हम इस बार उमीद करेंगे इसे भी ज्यादा गोवंश पित्युक्ता में और पदर्
01:30चुकि यहां पर तीन साल से चोटे गोवंश को राजय से बाहर ले जानी यानुमती नहीं है इसलिए उनका रुजान दीमेदी में कम होता गया और चुकि मशिनी करन होने से बेलगारी का उपयोग भी नहीं रहा और खेती में भी ट्रैक्टर के वेज़े से उनका खेती में
02:00गिरावट और घोड़े की संख्या में बरहोत्री हुई है कुल मिलाकर पुषकर पशुमेला अब घोड़े का मेला रह गया है पुषकर पशुमेले में गोवंश की संख्या बढ़े इसको लेकर सरकार उदासीन ही रही है
02:13हाला की पशुपालन विभाग के संयुक निदेशक डॉक्टर सुनील घिया बताते हैं कि विगत तीन वर्षों में पुषकर पशुमेले में गोवंश और गोवंश को लाने वाले पशुपालकों की संख्या में इजाफा हुआ है
02:26दुख्ध और नसल प्रतियोगिता का स्तर भी पहले से उचा हुआ है
02:31प्रतियोगिता में ज्यादा से ज्यादा गोवंश शामिल हो इसके प्रयास पशुपालन विभाग की ओर से किये जा रहे है
02:37इन साल से नीचे के नरगोवंश ही अधिकतर आते थे उसमें
02:43तो इनका राज्या सरकार में अलाव नहीं किया गया दूसरे स्टिक में ले जाने के लिए
02:50तो उसलिए और दूसरा मशिनिक रान के विज़े से केटीबाडी और बैलगाडी में उपयोग काम होता गया
02:56तो इसी वज़ए से दीमें दीमें मेले में लगता था लामाना में लगता था इजारविजय नगैर लगताता था piece हनद मेली लगता था
03:15The budget is quite enough for every thing.
03:18But the budget for the people who are living in the city is not full of budget.
03:23The first thing is quite changed.
03:28The price is higher than the people who are living in the city.
03:32If we take a pickup and take a cow,
03:35it costs 2,000 rupees per unit.
03:37It costs 4,000 rupees per unit.
03:39But the price is less than the price.
03:44इनामराशी कम है प्रोचसांदाशी कम है इस वैसे कई लोगों गर उजान उसमेले से हटा है पशुपाला गणपत सिंग शेखावत बताते हैं कि युवाओं में पशुपालन का क्रेज अब नहीं रहा है यदि कोई पशुपालन करना भी चाहे तो उसे प्रोचसाहन नहीं मि
04:14पशुपालक को लोन मिलता है कुल मिलाकर पशुपालन का खर्च जादा लेकिन मुनाफ़ा कम है अजमेर से एटीवी भारत के लिए प्रियांक शर्मा की रिपोर्ट
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