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  • 2 days ago
दिवाली के त्योहारों में मिट्टी से बनने वाले सामान को बनाने वाले कुम्हार मौसम की बेरुखी की वजह से थोड़े मायूस हैं.

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Transcript
00:00दिपावली आते ही कुमहारों का चाक घूमने लगता है
00:04लेकिन इस वक्त मैं निर्सा बिधान सभा के चिरकुंडा में हूँ
00:08जहां ये पूरा गाउं कुमहारों का बस्ती है
00:13यहां लोग दिपावली का त्यारी में दो माह पुर्फ से ही लग जाते हैं
00:18तेजी से घुमते चाक पर मिट्टी को अकार देता ये शक्स कुमहार है
00:34ये तो आप जानते ही होंगे
00:36इनके बनाय दियों और अन्य सामानों से तेवारों पर आपके घर रौसन होंगे
00:43आपकी खुसियां कई गुना बढ़ जाएंगी
00:47लेकिन इनकी किस्मत नहीं बदलेगी
00:50तेवार तो ये भी मनाएंगे
00:52पर सायद वो उमंग ना हो
00:55वजह तो कई हैं लेकिन मौसम की दगाबाजी सबसे उपर है
01:01हमारा वर्क तो कुछी धूप में तब कि पसीना बाते हैं
01:05खुण जला कर रूटी पकाते हैं
01:06मौसम ने तुमारा ही है
01:28लेकिन सिस्टम ने भी मायूसी ही दी है
01:32कोईलांचल के इन कुमारों का कहना है
01:34कि पूरे परिवार की मेहनत लगती है
01:37दिन रात एक कर देते हैं
01:40लेकिन फायदा कुछ खास नहीं होता
01:43लागत भी मुश्किल से ही निकलती है
01:46पहले दो-तीन मेहना पहले से ही बना वरता है ये सम
01:49और ये सम देख रहे हैं आप जो ये दो-तीन मेहना पहले से था
01:52अब जो दिपावली का जैसे नस्दीक समय आता है
01:54अंतिम रूप इसका स्टार्ट हो जाता है
01:57She's finishinging and finishings are also working on her.
02:01We see that she's only on her face, she's also working on her face.
02:04The face of her face is also working on her face.
02:08As you can see, she's looking at her face.
02:13She's looking at her face.
02:15But she's only working on her face.
02:18In the shape of the environment, the environment can also be affected.
02:22And she gets the light.
02:26
02:56The demand from the beginning of the year, is the demand from the beginning of the year.
03:03The demand from the beginning of the year has been so upset that it will also be difficult to complete it.
03:11What do they do? Who can they tell us?
03:15Thank you very much.
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