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  • 14 hours ago
Watch Episode 133 of the emotional rollercoaster "Mohabbat Ek Saza" – a tale of love, betrayal, and redemption. ❤️💔

In this latest episode, tensions escalate and relationships are put to the test. Will love conquer all, or is this the final breaking point? Don’t miss this heart-wrenching chapter in the story.

🔔 Stay tuned for daily updates and complete episodes in high quality!

Drama: Mohabbat Ek Saza
Episode: 133
Air Date: [Insert Date, e.g., 12 October 2025]
Cast: [Insert Lead Actor/Actress Names]
Written by: [Writer Name]
Directed by: [Director Name]
📺 Watch All Episodes Playlist: [Insert Playlist Link]

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Transcript
00:00फातिसा बें कबरेब अपने
00:11देखो फॉरण फैसला मत करो
00:21हम दोस्त हैना यार दोस्तों के दिर में ऐसी बाते होती है
00:24नहीं ये मुम्किन नहीं है
00:26तीज इसरार करके मुझे पश्टाने पर मजबूर मत करो
00:29कि तुमसे ये बाश्यर की
00:30मुझे तुमारी मदद कर लेने दो नूर
00:32ये सिर्फ एक दोस्त की मदद है
00:34मैं मना कर रही हूं न
00:36जो फैसला अली की वज़े से किया है
00:38उसका हजाना मुझे खुदी अदा करने दो अब तो
00:42तुम्हे मुझे मुझे मुझे नहीं डाल रही हो नूर
00:45मैं तुम्हें डोनेशन नहीं दे रहा
00:47करस दे रहा
00:48और बैंक को अदा करने के लिए जितने पैसे चाहिए उतने ले लो बस मुझ से
00:51तुम समझ नहीं रहे
00:52मैंने यह जानबूच कर किया है
00:54मैंने कुछ नहीं सोचा
00:57यह मेरी बेवकूफी है
00:58मैं यह मदद कबूल नहीं कर सकती
01:00मैं इस मसले में खुद थसी हूँ और खुदी निकलूँगी इससे बाहर
01:03वरना मैं तुम से
01:05कभी भी नज़रे नहीं मिला पाऊंगी
01:08और बहुत शर्मेंदा रहूंगी
01:10मैं समझ गया
01:13तुम नहीं चाहती नहीं कि
01:15अली के लिए की गई तुम्हारी गलती को
01:17मैं दुरस्त करूँ
01:18देखो मैं यह एक हब तक समझ सकता हूँ
01:20लेकि मेरा ख्यार है कि तुम ऐली से भी मदद नहीं माणगो की
01:24कभी नहीं
01:25कभी भी नहीं
01:28और नहीं को तुम तो उसका पता भी नहीं चलना दूँगी
01:29ये मेरी गल्ती है और इसे मैं ही ठीक लूंगी
01:32अली से आज तक एक रुपे की भी
01:35मैंने मदद कबूल नहीं की है
01:36और नहीं आइंदा कबूल करूंगी
01:38ये थोड़ा ज्यादा नहीं हो गया नूर
01:40ये मेरे जमीर के खिलाफ है फाति
01:42कभी नहीं, बलकुल भी नहीं
01:44देखो मुझसे वादा करो
01:46तुम अली को कुछ पता नहीं चलने दो के
01:49ओ, नूर साहबा
01:53मैंने कहीं आपकी मीटिंग डिस्टब तो नहीं कर दी
01:55अली, तुम यह क्या करे हो
02:00ये अच्छा सवाल है
02:03मैं दुरसल चक्कर लगा ही लेता हूँ अपनी कमपनी में
02:07हाँ, बहुत, ये तो बहुत ही अजीब सवाल किया मैं
02:10हमें दर्वाजे की आवाज सुनाईने दे, इसलिए नूर साहबा है रहान हो गए
02:13हाँ, मैंने आने से पहले दर्वाजे नहीं खटखटा है
02:17यही तो इस कमपनी की पॉलेसी है, ली साहब
02:20आप लोग, आप लोग अराम से बाते करें, मैं तो बस जाही रही थी
02:25हाँ, बिल्कुल, बिल्कुल, अपनी ये, नोटबुक लेकर जाओ, जिसमें तुमने आज तक कुछ भी नहीं लिखा
02:30हम, तुम्हें तो, जबानी सब कुछ हिया दो जाता है ना, पकड़ो इसे
02:36हाँ, नोटबुक मेरी, वो तुम्हें
02:38हाँ, वो हम आपके आने से पहले इसी मौज़ू पर बात कर रहे थे
02:41नूर साहब चलीज़े, उसके बाद मैं इसी मौज़ू पर बात करूँगा आपसे
02:45ठीक है, चलती हो अब मैं ठीक है
02:48यार तुम क्यों मेरे सबर के अम्तिहान ले रहे हो, हाँ
02:54यो अचानक मूठा कर नूर के साथ डिनर पर चले जाना है, तुम्हारे कॉंसरमेशन का हिस्सा है
02:59देखो, अगर मैं तुम्हारे डिसीजन्स की रिस्पेक्ट कर रहा हूँ न, तो तुम्हें भी चाहिए
03:03कि मेरे जाती मामलात में घुसने की जरूरत नहीं है, दूर रहो उससे
03:06रिस्पट मुल्क से बाहर चला गया है
03:08मैं तुम से नूर की बात करने आया हूँ या
03:10हमारे पास फजूल बाते करने का वक्त नहीं है, इंपोर्टिंट बात करो
03:14महनूर साहिब का एक पुराना दोस्त
03:44वाँ भाई, वाँ भाई कमाल हो गया है, इसी की तो कमी थी
03:48देखो अलमास, पुराना दोस्त है बस, आ, हराम से करो
03:53ये देखकर दिमाग खराब हो रहा मेरा, दो दिन की आई हूँ लड़की
03:56ठीक है, वो एक अच्छी लड़की है, लेकिन तुम कबसे उसके इतने अच्छे दोस्त बन गए कि उसकी खाथे तुमने अपनी जान को ख़दरे में डाल दिया
04:04वो, उससे परिशान करा था, उसने महनूर को मेरी आँखो के सामने धक्का दिया जोर से, तो मैं क्या करता उस वागे
04:11मतला, पीछे हट जाता, इग्नोर कर देता क्या, मुझ जैसे नौजवान को ये जेब देता है, देखो, अब ये जानमूच कर ना करो, हाँ
04:20मेरे प्यारे भाई, मेरे दिले जंगचु भाई, तुमें क्या दर्द हो रहा है?
04:28बिलावज़े परिशान कर दिया तुमने मुझे
04:30तुम ज़रा रुको, तुम रुको और ज़रा देखो, मैं क्या करती हूँ, रुको तुम
04:34देखो, बिलावज़े उस बिचारी लड़की से लड़ने मत पहुंच जाना तुम, उसका कोई खुषूर नहीं है
04:39मुझ बंड़ खौपना, तुम्हारी बड़ी बहन हूँ मैं, समझाई है?
04:43अल्माज तुम्हें बताने पर पच्टावा ना करने दूँ
04:46वही हुआ
05:04मेरी प्यारी बेटी
05:22मैं जब स्कूल जाता है तो देखो, खुद को कैसे मुश्रूफ रगती है?
05:28खेल में?
05:29असे प्री स्कूल जाना चाहिए
05:30आँ, वैसे मैं भी यही सोच रही थी
05:34लेकिन अभी मैं आ रहा है
05:36यानि तुम्हें लगता है कि यह दो मीने के लिए मुनासिब है?
05:41नाजान, प्री स्कूल लर्निंग सेंटर यह सब गर्मियों में भी खुले रहती है, जानती हूँ?
05:45हाँ, मेरी जान, मैं जानती हूँ
05:47लेकिन अब तो बेल्मियों का मौसम आ रहा है, यानि चुट्टिया वगेरा
05:52क्यों? यह तुम्हारा चुट्टियों पर जाने का कोई मनसूपा है?
05:59इतनी सक्त सर्दिया गुजारने के बाद, क्या तुम्हें चुट्टिय की जरूरत नहीं है?
06:04नाजान, देखो, अगले हाफ़ते हमारी दूसरी पेशी है, याद है न तुम्हें?
06:10मुझे याद है, मैं कैसी बोल सकती हूँ?
06:13तो फिर, ऐसे शो मत करो, जैसे तुम भोल गई हो, यानि ये सब करने का कोई फाइदा नहीं है
06:18मानूर, कहा हो तुम? मानूर!
06:20ये क्या हो रहा है?
06:22मानूर!
06:29दूसरी पेशी है, तुम तुम्हें दिखाऊंगे दूसरी पेशी
06:34मानूर, मेरी ये बास नहीं आ रही क्या तुम्हें?
06:48हाँ, जाहरे अमीन साब ने खबर पाँच चाही दी होगी तो मैं
06:53अलमास, क्या हो रहा है अलमास?
06:56तुम्हारी इस दो दन पहले आई हुई बेहन की वज़ा से मेरे भाई को चाकू मार गया है जाहिए
07:00ते क्या कह रही हो अलमास? क्या मतलब है इसका?
07:02जाहिए मदद करो मेरी, जाहिए मेरी मदद करो जाहिए देखो मेरा भाई मेरी मा की आखरी निशानी है अगर उसे कुछ होगे तो कसम समर जाओगी मैं तो
07:10अच्छा ठेक है रिलाक्स करो और मुझे अराम से बताओ के हुआ क्या है अलमास?
07:14तुम्हारी बेहन की वज़ा से मेरे भाई की जिंदगी खत्रे में है जाहिद
07:17आज तुम्हें एक भाई बनना होगा जाहिद
07:24उन दों के लिए भाई बनना होगा
07:26अब देखो ना वो बिचारा रिजवान
07:31कितनी असानी से तुम्हारे हाथों से निकल गए और घूम रहा है
07:33तुम टेंशन मुझे दे रहे हो
07:34क्या बात है यार तुम्हारी
07:36पता है तुम्हें चाहिए था कि तुम उसके वीज़े के मौमलत भी हल कर लो
07:38तुम्हारी बज़े से खुआर हो रहा है, वो अंदाजह है
07:40मजाक ओडा रहे हो
07:42यार मजाक तो तुमने बनाया हुआ है
07:43मैं समझ यह तुम्हारा सबसे बड़ा शौक पता है क्या है
07:45एक मुझरिम को पकड़ने के बाद दुमारा छोड़ देना उसको पता है मुझे
08:08बाबाद दूँगा जैसे तुम दे रहे हो मुझे
08:10यब रिज्वान दूर है तो ज्यादा खतरनाक है
08:12क्योंकि वो ज्यादा पेवाक होगा
08:14ये बात अपने दिमाग के एक कोने में रखो
08:16और आराम से मत बैठो
08:17यार वो आत्मी अगर मेरा ही दुश्पने तो
08:19अलीना और नूर को किसले लेकर गया था वो वह
08:20और अगर वो इतने ही खतरनाक है तो काम करूँ अपने मिशन पर
08:23बजाए नूर को डिनर पर ले जाने के समझ रहे हो
08:25अहे नहीं नहीं नहीं
08:26नूर को डिनर पर ले जाना भी तुम्हारे किसी मिशन का हिस्सा होगा ना
08:29उसे ले जाने से तो डर कर भाग जाएगा वो है ना
08:31विवकूफ इंसान
08:32देखो अली
08:34अगर तुम नूर के साथ मेरे रिलेशन को बर्दाश नहीं कर सकते हैं
08:37और इसको तोड़ते हो तो
08:38तुम्हें मुझसे ज्यादा नुकसान होगा खाबरतार रहो
08:40यार दरसल बात क्या तुम वो मुझसे सुन लो
08:43ये जो तुम्हारा मिशन है मुझसे से कोई फर्द नहीं परता
08:45अगर नूर के करीब जाना मकसद है तो ठीक है जा सकते हो
08:47लेकिन फायदा मत उठाना
08:48क्योंकि अगर मुझे पता चला कि तुम नूर के कुछ ज्यादे करीब जा रहे हो
08:51तो मैं तुम्हें इतना बड़ा नुकसान नुगा कि उससे समझने के लिए
08:53तुम्हारी जहानत भी काफी नहीं होगी ये तुम जान लो
08:55उफ यार उफ
09:17वो भी क्या देन हुआ करते थे
09:26जब मैं अपनी एक तस्वीर से लाखों रुपे कमा लिया करती थी
09:30अरे हाँ
09:36नहीं बलकुल नहीं दिमाख खराब होगया कि तुम्हारा
09:41ऐसा सुचने में नहीं चाहिए
09:43ये मेरी संपकिया और क्या
09:52मेरी संपकिया
09:53मेरी संपकिया स्पक्राइणा सुचने मेरी स्चने मेरी
10:13हाँ कहें
10:15रूम में आख।
10:16क्या?
10:18रूम में यनुर से बारूम में
10:20ठीक है ठीक है मैं आती हो अब ये लिजा
10:24अराब से
10:31क्या हो क्या
10:33यानि जो तुम करने वाली है वो तुमारे मुल पर थोड़ी लिखा
10:40रिलेक्स
10:42रिलेक्स कोई लड़ाए नहीं
10:45लड़ने की ज़रूरत में है रिलेक्स रहा
10:47ठीक है
10:51सब ठीक है सब ठीक है
11:12रिलेक्स हो जो उससे की क्या बात है रिलेक्स रो
11:17आज़े आज़े ये बुरी जगह
11:29गुसा तो मुझे बिल्कुल नहीं आ रहा है
11:36चले करें सुन रहा है
11:39क्या
11:41यानि
11:44कहा से बात को शुरू कर रहा जाओगी तो
11:48कल राज तुम दोनों डेनर पर गए थे या फिर
11:50वो जबी थोड़ी देर पहले मैंने तुम्हें फाते की कमरे में देखाया वहां से
11:53रिलेक्स
11:57तुम इंसान नहीं बनने वाले लिए
12:16मैं अंदा नहीं वो तुमसे बहुत फ्री हो रहा थिक है
12:21चलो मान लेते हैं कि बाच्पन का दोस्त है लेकिन इसका क्या मतलब
12:24अजीब नहीं ये उसको तुमार इतने करीब आज़ा न मतलब
12:26ये सब कुछ मुझे समझ में नहीं आ रहा है
12:27अब समझाई मुझे
12:29तुमने फात्रे को नहीं बलके मुझे निशाना बनाया है
12:32मैं तुमसे अजाज़त लिए बगए अपने दोस के साथ खाना खाने गई
12:35जब रात को लॉन में बुलाया तुम्हें नहीं आई
12:37यही मसला है ने तुम्हारा
12:39यार मेरे सामने ये दोस फोस नहीं क्या करो
12:41और बात सुरो उस पर ज्यादा भरुसा करने की ज़रूरत नहीं तुम्हें
12:43बच्पन का दोस थे वो अपनी जगा ठीक है
12:45क्यो
12:48इस बात का क्या मतलब है
12:50क्यों भरुसा नहीं करना चाहिए
13:07कोई ऐसी बात है जो मुझे नहीं पता
13:09कहने का मतलब
13:15हिस यानी छेटी हिस मेरी
13:18बहुँ जाए आठी
13:19आली साहब के पास छेटी हिस भी है
13:25समझके
13:27तुम्हारे दिल में कुछ बुराई आ रही है
13:28इसलिए फाते पर इतमाद नहीं करते हो
13:31शायद तुम्हारे और फाते की दोस्ती को
13:34खलत समझ रहे हो और इसलिए ड़ते हो
13:37क्यब तुम बहुँ आखर कर के रहे हो मेरे साथ हाँ
13:39तुम मुझे जला रही नहीं उसके साथ मिलके
13:41नहीं मेरी जान
13:43ये क्या बात कर दिया तुमने
13:45लेकिन बस ये
13:47सिच्वेशन जानी पहचानी लगती है
13:49मसलान
13:51जैसे कल तुम अलीना लीना करते शोर मचाते घूम रहे थे न
13:54जैसे
13:55मुझे लग रहा था कि अलीना को
13:57कोई खलत फेहमी नहीं हो जाए
13:58कि तुम इससे जलस हो रहे हो
14:01तुम्हें नहीं लगता
14:02ये सिच्वेशन जानी पहचानी सी है
14:05समझ गया
14:07समझ गया
14:07चाहे कुछ भी हो जाए
14:09लेकिन तुम्हारा मुझसे बदला लेना ज़रूरी है
14:11और उसके लिए तुम कुछ भी करोगी है न
14:12आई बिलकुल नहीं
14:15बदले का तो सोचा भी नहीं मैंने
14:16यानि मुझे तो तुमसे बहुत हमदर्दी है
14:20और तुम्हे दस बात से खुश होना चाहिए
14:22या तुम करना क्या चाह रही हो
14:25हाँ
14:25तुम मुझसे मजाग कर रही हो
14:27और तुम्हारी ये हरकते आकर है क्या
14:29तुम्हे तो मैंने आज से पहले कभी ऐसी अजीबो गरीब हरकते करते नहीं देखा
14:32अचाना हुआ क्या है
14:32और जिस नूर को मैं जानता हूँ
14:34वो मुझसे लडाई जगड़ा करेगी
14:35बहस करेगी और पिर रोदोकर बैट जाएगी
14:37हूं
14:38तो तुम चाहते हो के मैं तुम से लडाई चखड़ा करू
14:41ऐसा है
14:42मैं चाहता हूँ के तुम मुझे तनक करो
14:45क्योंकि ये अजीबो गरीब हरकते जो तुम कर रहे हूँ
14:47ये सूट नहीं कर रहे है बि़ nogal
14:48मेरा मशवरा है कि
14:50तुम भी अजीबो गरीब से हो जा
14:52मुझे ही देख लो तुम
14:54तुम यह सोचो के
14:56जब मैं नॉर्मल हूँ तब भी अजीब क्यों लग रही हूँ
15:00जहें भी आज आफिस नहीं आ रहा
15:04मैं भी बाहर बिल्कुल बेकारी बैठी हूँ
15:07बॉस होने की हैसिय से जौसत दो कि मैं चली जाओ
15:10थोड़ी लड़के वाली हरकते कर लूँगी
15:13सलॉन चली जाओंगी
15:15हेर कटिंग कर वालूँगी
15:17चलो बाई
15:18यह क्या पागलपन है
15:29वह क्या है
15:37बहुत सबर्दस्तों रहे हैं
15:43बहुत अच्छा किया
15:44हाँ
15:54हाँ मैं समझ गई
15:56मतब अगर मुम्किन हो तो
15:59मैं आज ही अपकी जिंसी में आना चाहती हूँ
16:01मुझे बताया
16:02जी हाँ मैं भी आ सकती हूँ बिल्कुल
16:04क्या मुझे अड्रेस मिल सकता है
16:05हाँ
16:06जी समझ गई
16:09ठीक है
16:14बहुत शुक्री आपका
16:17मैं तो ठक गई हूँ जाहर
16:28वाँ गई
16:29मैंने तुमसे से इतनी से हाई जाहर की
16:32कि मेरे साथ लौन में तासिया बखाने चलो
16:34इस मैंसे कौन से आफ़र डूट गई है तुम पर
16:36मैंने तुमसे इतना कहा
16:39कि अपनी बहन को समझाओ अगर किजी लड़के का मामला है
16:42या कोई और मामला है
16:43वो मेरे भाई का पीछा छोड़े बेशार का कह रही हूँ
16:45अगर इस मैटर के अंदर पुलीस इन्वाल्व हो जाती तो मैं क्या करती किस तहां बचाती मैं अपने भाई को
16:50और खुदारा खास्ता अगर जखम गहरा होता तो मैं तो मर जाती अगर कुछ हो जाता अमीन को
16:55यार अल्ला का वास्ता है अपनी हालत को सामने रखकर मुझसे बात किया करो प्लीस देखो मैं क्या कह रहा हूँ
17:00महनूर और अमीन का मसला है ना हम अली को बता देते हैं वो हल निकाल लेगा ठीक है निमट लेगा इस मामले से
17:06तमाल है
17:07याद देखो, अलीका अमीन और महनूर दुरों के साथ अच्छा तालोग है
17:12हाँ, दुरों के साथ समझी, अब मैं अमीन से जाकर क्या बात करूं याद
17:16क्या अमीन मेरे सामने बैठ कर मुझे सुनेगा, क्या तुम्हे लगता है
17:19हाँ, तो तुम कह रहे हो के, मैं इस मामले में कुछ ना कहूँ, तुम भी कुछ ना कहूँ
17:24और जब वली आएगा तो वो देख लेगा इस मैटर को
17:26यार ऐसा कुछ भी नहीं है, मैं हमेशे तुम्हारी मदद करने को तयार हूँ, मैं ऐसी कोई बात नहीं कर रहा
17:30लेकिन ये मसला मुझे थोड़ा ज्यादा लगता है, यानि अमीर और महनूर का मौामला
17:34ठीक है, ठीक है चलो एक मिनिट के लिए अमीन को साइप पर रखते हैं
17:37लेकिन तुम्हारी अपनी खुद के बहन से भी तो कोई बाच्चिक नहीं है ना, है ना जाहिद
17:41अब उसका क्या तालुक?
17:42बहुत बड़ा तालुक है इस बात से, हम सब लोग एके घर के अंदर मिलकर रहते हैं ना, लेकिन तुम महनूर को ऐसे इग्णोर करते हैं जैसे नज़र नहीं आती वो तुमें
17:50अलमास
17:51बस बात हो गया जाहिद तुम आखिर किसी भी मामले को सीरिस से क्यों नहीं लेते हैं क्यों इसका हल नहीं निकालते अब तुम जो कुछ भी कहलो
17:57लेकिन अमीन मेरा भाई है और जिस लड़की की बचसे से चाकू लगा है वह तुम्हारी बहन
18:01तो ये मामला तुम कबूल करो या ना करो हमारा मामला है
18:05तो इसका हल अली नहीं निकालेगा तुम निकालो के जाहिद
18:08उसके बाद ये पता चलेगा
18:10कि आखिर तुम अपने मुश्किलात का सामना करके जिम्मदारी लेते हो या नहीं जाहिद
18:14अहाँ, अहाँ आ गए, ये लो
18:16खुशी से दिल करता है गले लगा लू
18:18अलमास, अलमास, क्या तुम्हें एक मिनट रुख सकती है अलमास
18:21एक मिनट रुख जो प्लीज अलमास
18:23अलमास, अलमास
18:26सुनो महनूर
18:32ये मुझे ऐसी क्यों देख रही थी
18:34आ, मेरा तो नाम बे मालूम है आपको
18:38तो आपको इंट्रोड़क्शन दो अपना, मैं आपकी बेहन हूँ
18:42और एक रास की बाद में बता दी हूँ क्या आम दोनों एक ही घर में रहते हैं
18:46सही कहा तुमसे, यानि तुमसे मेरी ज्यादा बात्चीत नहीं हुई
18:52मुझे इतना फुजूल वक्त नहीं मिलता कि तुमसे बैठकर मैं बात कर सकूँ
18:56फुजूल मतलब?
18:58दरासल मेरा मेरा मतलब अभी तक तुमसे बात नहीं हुई ना
19:03मतलब कि आप मुझे नजर अंदास करे थे
19:06अरे, नहीं नहीं, इसी कोई बात नहीं
19:08मैं बस थोड़ा सा परसनल तोट पर यानि मैं अली की तरहां रिलाक्स नहीं हो पाता
19:14फैसला नहीं कर पाता
19:15दरसल मेरी कुवत फैसला और सुरत इहाल को हैंडल करने के सलाहियत थोड़ी कम है
19:20चीज़ों और रिष्टों को मैं दरसल एक मुख्तलिफ जाविय से देखता हूँ
19:23वरना तुमसे बात करने में क्या मसला मुझे है न वैसे भी किसी के जाती मौमले से मेरा क्या तालुक है
19:30बिल्कुल मैं यही कह रही हूँ कि आपको मुझसे कोई तालुक नहीं है
19:33इसलिए मैं यह से बिग्नोर करती हूँ
19:35ना ही कोई सलाम और ना ही कोई तालुक है
19:38खेर अब आपको मेरी मौझूद्गी का एसास हो गया है तो मुझार कुछ ने चाहिए
19:42यानि ये वो मैं यानि मैं कहना चाहता हूँ कि हम बैठ कर अरांच से इस मौमले पर बात कर सकते हैं
19:53समझ भी हीच के चाहट होती है आपको
19:56चलिए ठीक है आप थोड़ी तयारी कर लें तयार हो जए तो मेरा इड्रस मालूम ही है आपको
19:59फिर बात कर लेंगे
20:01खुदा आफिस
20:02ठीक है
20:03क्या बात है
20:05क्या शुरुआत किये तुमने जाहित मिया क्या शुरुआत किये
20:08हमेशा ऐसे रहना
20:10जबर्दस्ट जबर्दस्ट
20:12शाबाश
20:13ओ आखिरकार सारे काम खत्म हो गए
20:16मुझे यकीन है वो इन कपड़ों को देखकर बहुत ये घुस्सा हो जाएगी
20:19आप लोग?
20:23मानूर सहबा
20:24खुशांदीब मानूर सहबा
20:26हम सफाई कर रहे थे
20:27इतना गंदा कम रहे था कि साफ करने आप दोनों को एक साथ आना पड़ा
20:30हाँ ऐसा ही समझे
20:32इस घर में सब कुछ निरा लई है
21:02ये मेरे तो नहीं है
21:15और ये साथ ही मेरे नहीं है
21:25क्या है?
21:28कहां से आए?
21:32अच्छा, तो ये सब तुम्हारा काम है
21:39आँ, आ गही तुछ?
21:51अम्मी, वो फराद में मुझे मेसेज बेज़ा है
21:55क्या तुम अभी भी उसाथ में से बात कर रही हो?
21:58नहीं, बिल्कुल भी नहीं कर रही हू
21:59उसने कॉल की थी, मैने नहीं उठाई
22:01तुम्हें मेसेज बेज़ दिया
22:02क्या कहा रहा है वो बेश्यर?
22:04कहता है कि अब कुछ वर्त के लिए गाइब रहेगा
22:05जैसे कि मैने खाहिज जाहर की थी
22:07वो मुझे देख सकता है, लेकिन मैं उसे नहीं देखूंगी
22:10जब तक कि मैं खुद उसे
22:11देखने की खाहिश ना जाहर करो
22:13बहुत अच्छा, हमेशे के लिए गाइब उचाए
22:15अरे अम्मी वो खत्म हो गया ना, चाप्टर चला गया वो
22:19आकर कार बच गई मैं
22:20अलीना, देखो उसादमी का कोई भरोसा नहीं है
22:25तुम्हें मौतात रहना होगा
22:27अगर वो तुबारा बहादरी लिखाए और तुम्हाले सामने आयत
22:30आयतुल साहबा
22:32आखर ये सब क्या है
22:34वैसे डिजाइन तो अच्छा है
22:37लेकिन तुम्हें खुबसूरती देना मेरे लिए थुड़ा मुश्किल काम है
22:41सही कह रही है न अलीना
22:42मेरे साहे कपड़े का है
22:45अमी है, अब तुम्हेरे भी हर मान लिए
22:47मैंने कहा कपड़े का है
22:51अलीना, तुम्हें पता है गर का कच्छा कहा पे का है
22:53क्यों आप ऐसे कैसे कर सकती है जुरत कैसे हुई आपकी किसने का आपसे किसे अग दिया
22:58देखो मैंने तुम्हें हमाले घर के कवादेन पताय थे याद है न ये गलत है आप ना इंसाफी कर रही है
23:06अलीना देख रही हुना तुम इस लड़की को जिसने अपनी जिन्दकी में इन तीन पैसों के चीथोरों के लाबा कुछ नहीं देखा
23:13मैं इसे बेहतरीन लड़की वाली शॉपिंग करके देती हूँ और ये इस तरह इसका शुक्रिया दा करने आई है
23:18अब आप मजाग कर रही हैं मुझसे
23:21सुनो माहनूर तुम भी ऐसे मत करो समझी ना अच्छा तो है
23:25देखो कितना खुबसूरे ड्रेस है
23:26जब तुम ये पहनोगी तुम पर बहुत अच्छा लगेगा यकीन करो मेरा
23:29अगर मैं अपने कपड़ों में बोसीदा भी हो जाओ तब भी
23:32तब भी आपकी जबदस्तियों के आगे कभी नहीं जुकूंगी
23:35ये फूलदार कपड़े तो मैं कभी नहीं पहनूंगी
23:37देख लीजेगा
23:38चलो देखते हैं
23:41अमी कुछ मत कहीगा इसके साथ में बटना वाकरी बहुत मुश्किल है
23:46कसम से बिलकुल नमुम्किन
23:47और आपकी चॉइश तो सच में बहुत अच्छी अमी
23:50मुझे तो ये वही लड़की लगती है तम ही क्या लगता है
24:00फोन पर जब इसमें दमीर कहा तो मुझे समझ नहीं आया
24:03लेकिन ये तो वोही नूर कुजान है
24:04यकीन है यारा हमारी चंसी में
24:06क्या कर सकते हैं देखती जो हो अगे अगे
24:08नूर सहब अगर आप तेगार हैं तो आपको शॉट के लिए बलाये जा रहा है
24:19बहुत शुक्रिया
24:20आप काफी दिवबाद नज़र आई है
24:25आपको यहां देखकर मैं हैरान हो गई
24:27मैंने थरसा ब्रेक लिया था
24:29समझ नहीं आरा आप जैसी बड़ी मॉडल हमारी चोटी से एजंसी में क्या कर रही है
24:33बात ये है कि मैंने ऐसे ही सोचा था
24:37बतल случае आराम से, आराम आराम से करूंगी काम
24:40बस इसे लिए
24:41यानि आपको अमारी इंडिस्ट्री का इताजा है
24:43यह चोटी सी एजंसी, बड़ी सी फैशन एजंसी आराम से बन सकती है
24:47लेकिन वो कैसे?
24:49थोड़ी मेहनद करके
24:50यानि, कोई भी फैशन शो और
24:52कोई न कोई प्रिमोशन इंसान को
24:54कामियाब बना देती है
24:56मैंने सोचा कि अराम से हफते में
24:58कुछ दिन निकाल कर काम करूंगी आपके साथ
25:00बिल्कुल बिल्कुल आप बेफिकर रहे हैं
25:01मापको अराम जूरू देंगी
25:03आईए बहुत शुक्री आपका
25:05वाह
25:19ये लड़की तो
25:21हाँ सही समझे वो ही है
25:23कहीं मैं ख़त नहीं देख रही है हमारी जिंसी में
25:26सच कहूं तो हमारे नसीब कुलने वाले हैं
25:29सही का तुने
25:31मूर साइबा कांट्रेक करने के लिए
25:33कल आप अपने मैनेजर के साथ आ जाईएगा
25:35मेरा मानेजर
25:49तुम्हारा मैनेजर
25:51हाँ
25:52तुम्हारा मैनेजर के लावा किसी का नाम नहीं आया
25:55एक मिलट एक मिलट
25:56क्या तुम वाकि मुझसे ये कह रही हो
25:58कि तुम चाहती हो कि मैं तुम्हारा मैनेजर मनू
26:00उफ मसाथ मत करो न
26:02यानि तुम मैनेजर की तरह बढ़ताओ कर सकते हो
26:05मैनेजर बिंटरनेट पे देखा तो जो मुझे पहली जिंसी मिली में भाच चली गई
26:08यानि मैने कोई तहकीक नहीं की
26:10है तो बहुत छोटी सी जगा लेकिन बिल्कुल नहीं नहीं लगती है मुझे
26:14यानि मुझे लगता है कि अच्छे लोग हैं सादे से हैं बिल्कुल
26:19और फір वो मुझे मैगजिन से जानते हैं तो जैसे उन्हों ने
26:22मुझे बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जैसे मैं कोई और ही हूँ
26:25आ नूर्ष साहिबा उपर आ नूर्ष साहिबा नीचे
26:28जैसे अगर उन्हें पता होता कि मैं आ रही हूँ
26:30तो मेरे सामने रेट कार्पिट बचा देते
26:32सही कह रही हूँ मैं
26:32और अब जब मैंने इस तरह का जोश देखा
26:36तो मैं भी बहुत खुश हो गई थी
26:37तो में खुश हो रही हो
26:38हाँ तो में एक आम पसंद है
26:43हाँ ना कौन नहीं चाहता कि सब उसको तबच्चो दे और इस तरह ऐसे ट्रीट करे
26:48मैंने आज दे कभी क्यामरे के सामने खड़े होकर डर महसूस नहीं किया
26:51क्यामरा वहाँ का महाल
26:54अच्छा आगर वाकर यह ऐसा है
27:07कि तुम्हें मैनेजर के जरूरत है
27:09तो तुम्हें मुझस से बहना ही मिलेगा
27:11शुक्र है
27:12जर वो नूर आजकल बहुत अजीब गरीभर कर रही है
27:15मुझे तो समझ रही आपना चैंज कब हीसा होगई
27:18आज से पहले उसको ऐसा कभी नहीं देखा
27:20पता नहीं कर डिनर करने गई थी ऐसा क्या खालिया जो दिनी अजीब और घरी भरकते कर रही है या जाहिद वो
27:24फुजूल की बाते कर रही थी अपना हशर भी बिगाड़ा हुए उसने
27:28पता है उसको कॉल की और मैंने कहा के रूम में आओ जो कुछ भी हो रहा है सफाया दो मुझे आकर
27:33अगर जैसे ही वो कमरे में आई उसने आते ही पूरा महल बदल दिया
27:35पता उसने मुझसे क्या कहा, नहीं लगाओ न तो मिशाना लगाओ, मैं तुम्हें बता रहू, सुनते रो बस मुझे, लगाओ
27:40अब सुनो से आज रोम में किया किया, बात करते हुए, उसने दो तीन दफ़ा मेरे गाल पर किस्पी की, क्या मतलब हो इसका, और मुझे तो वह आज नॉर्मन लग भी ने रही थी
27:51वह समझाना चाहती है, कि वो बदल गई है या बदलना चाहती है
27:55हा, तो बदल जाएना, बदल जाएना, लेकिन ये कौन सी तब्दिल है, ये तो बिल्कुल भी समझा आई ही नहीं मुझे
28:03लेकिन एक बात कहो मेरे भाई, तुम भी काफी बदल गए हो
28:06बस भी कर दो यार जाये
28:07अरे मेरी बात सुनो तो, तुम वाकरी बदल गए हो, यानि तुम फाते और नूर को एक साथ खाने पर भेज रहे हो, यानि अगर पहले ऐसा होता तो तुम्हारा रियाक्शन कुछ और होता
28:16तुम मैंने बीज़ता हो नहीं, ये लग रहा है तुम्हें, मेरे भाई तुम इस वक्त ज्यादे ही सोच रहो, इतना नेक इनसान तो मैं कभी भी नहीं था, और मैं तो बस इसलिए गया था कि लोग बाते ना बनाएं फुदूल में, यानि नहीं अली नहीं, गले लगने के ज
28:46बुला का, हाँ, तुम ठीक क्या रहे हो, अल्ला ना करे, शेतान तुम्हारे कान न भर दे, ओ, ओ, ओ, ओ, जाहिद, मैं तुम से बात करो इस वक्त, ऐसे क्यों लगने किसी दुश्मन से बात करो मैं, क्या मतलब है, क्या हमारा दिमाग खराब नहीं, मेरे भाई, हाँ, हाँ
29:16गर में तुम्हारी बेहन भी है, देखो यार, मैं क्या गह रहा हूँ और तुम क्या सुन रहे हो कसं से, जाहिद बात सुनो, जब वो लड़की घर आईती ना, तुमने उसके सलाम का जवाब भी नहीं दिया था, अच्छा ठीक है, पहले मैं सलाम नहीं करता लेकिन अब करन
29:46अब क्या बताओ मैं तुम्हें मेरे पास यहां पहनने के लिए कुछ भी नहीं है, साहिव रंग बरंगे है
30:13यार महनूर, तुम्हारी इस रंग बरंगी लिबास से मुझे कोई परवा नहीं है, आपा को सब पता चल गया और वो तुम्हारी खबर लेने आ रही है
30:20आप, शुकर है कि तुमने मुझे बता दिया, अब क्या करूँ मैं बताओ, क्या मैं यहां से डर कर भाग जाओ उन से
30:24यार महनूर, तुम समझ नहीं रही हो
30:27उसकी आखों में तुम्हारे लिए खूर उतर आया है, मेरी बात को समझो
30:30तुम मेरी बहन अलमास को नहीं जानती महनूर, हड़ चीज बड़ा चड़ा कर बताएगी
30:35समझ गयी, समझ गयी, पहले ही बहुत लड़ाईय हो चुकी है
30:39हर बात में कॉल करती हूँ
30:41मेरा एड्रेस मिल गया आपको
30:54हाँ, बिल्कुल, ये एक तवील और ठका देने वाला सफर था
30:58क्या हो रहा है, मौसम के मनास्वत से कप्रे देख रही हूँ, कुछ मदद चाहिए क्या
31:04ज्यादा खुश इखलाग उने की ज़रूरत नहीं है, आप जो कर रहे हैं, ये भी बहुत है
31:08क्या मतलब है इसका?
31:11आप कुछ परेशान हैं, मुझसे बात करना चाहते हैं, लेकिन कर नहीं पा रहे हैं, ये मैं जानती हूँ
31:15हाँ, यानि ये दुरूस था कि मैं परेशान हूँ, लेकिन ऐसे नहीं कह सकता
31:21क्योंकि मुझे मालूम नहीं है कि बात कहां से शुरू करनी है और कैसे
31:26और चुंकि तुम बहुत खुलकर बात कर रही हो तो मेरे मुश्किल और भी बढ़ गई है
31:30तो मैं और ज्यादा खुलकर बात करती हूँ आपसे, शायदी आपके काम को आसान कर दे
31:35मुझे मालूम है कि आपको यहाँ मास ने भेजा है
31:40आप यहां मुझसे अमीन और साथ के बारे में बात करने आया है जानती हूँ
31:45अच्छा, तो उसका नाम साथ है
31:48बिल्कुल, मेरे एक्स बॉइफरेंड का नाम साथ है
31:52उसी ने अमीन को चाको मारा है, लेकिन पकड़ा नहीं किया
31:54बस यही है बताने के लिए
31:56उसने तुम्हारे साथ तो कुछ नहीं किया न
31:59किया आप उसे मारने वाले हैं
32:01शायद, जुरूत पढ़ने पर हो सकता है
32:04मैं तुम्हारा भाई हूं आखिर
32:05देखो मानूर, मैं तुमसे एक मदद चाहता हूं, ठीक है
32:12कौन है यह साथ, और हम उसे कैसे तलाश कर सकते है
32:16वो करता क्या है, कहां रहता है
32:18मैं चाहता हूं कि तुम मुझे सब कुछ बताओ
32:20क्योंकि तुम मेरी बेहन हो
32:22और दूसरी तरफ मेरे होने वाले बच्चे की मा के भाई का मौमला है
32:26तो यह मौमला मैं ही हल करूँगा
32:28ठीक है
32:29तो फिर हम
32:41कल दुपहर की खाने के लिए कंपनी से बाहर निकलेंगे
32:45और एजनसी जाएंगे
32:47मौइदे का काम करेंगे
32:48मुझे काम मिल जाए ताके मैं अपना कर्ज़ अदा कर सको
32:51बस अब को मेरी यही दूआ रह गई है
32:54अच्छा प्लैन है
32:56और अली
32:57अली क्या
32:59उसका क्या तालोग है इससे हाँ
33:02वैसे मुझे नहीं लगता कि जब तुमने पहले मौडलिंग का काम किया था
33:05तो अली उससे खुश था
33:06तुमने बहुत अमीज से का है
33:07नफरत करता था वो
33:09उसे घुटन होती थी
33:10और वाकि मुझे नीचा दिखाया
33:12तो फिर तो वो दुबारा तुमे इस दुन्या में दाखिल होते हुए
33:15खुशी से नहीं देखेगा
33:17तब कि बात और थी अब अजाज़त नहीं चाहिए
33:19मेरी जिन्दगी है
33:20मेरा कर्ज मेरा है
33:21यानि आखिर में तो मुझे ही अपना कर्ज अदा करना है ना
33:25जब मेरे पास अपना कर्ज चुकाने के लिए एक शौटकट है
33:28तो मैं अली की पसंद और नापसंद की
33:30क्यों उत्मी फिकर करने लगोंगी
33:32मैं तुभारी तरह ही सोचता
33:34लेकिन क्या तुम अली को ज्यादा एग्नोर नहीं कर रहे
33:36यानि क्या तुम दुबारा से तालोख खराब करना चाहोगी
33:40नहीं
33:41हमने ये मौडलिंग का बहरान पहले ही जेल लिया है
33:43लेकिन हमने इस बहरान को बहुत अच्छी तरह जेलिया है
33:47और कोशिश करने के कि दुबारा ऐसा कुछ नहीं हो
33:48यानि अब हम एक दूसरे के साथ नहीं है
33:51तो उसका कोई हक नहीं बनता कुछ कहने का
33:53समझ गया
33:55यानि कि तुम अली से जाज़त लेकर काम शुरू करने वाली हो
33:58ठीक लेकिन कर्जा वापिस करने के लिए
34:01अली से एक्स्टा काम की अजाज़त लेना मुश्किल नहीं होगा
34:03अजाज़त? अजाज़त की क्या ज़रुत है मुझे?
34:06मैं अजासत नहीं लूँगी उससे
34:08यानि मैं अली को उस मौइदे के बारे में बताऊंगी यह नहीं कुछ भी
34:11उसकी जरूरत नहीं
34:12पहले मैं अपने काम का मौइदा करूँगी
34:14फिर उसको बताऊंगी
34:16उसका काम मिलने के बार अपना कर्श भी बता दूगी उसे
34:18इस वक्त मेरे लिए सबसे ज़रूरी है अपना कर्श उतारना और किसी चीज़ की फिकर नहीं
34:22फिर तो तुम उसे री शौक दोगी
34:25शौक? किस बात का शौक?
34:27नहीं, एक दफ़ा पहले भी उससे छुपकर ये कर चुकी हैं
34:30तो कयामत बर्पा हो गई थी
34:32कोई हैरत नहीं, वो इजास्थ नहीं
34:35याद रखो, मेरी जिंदगी अब अली के गिड़ में घूमती है
34:57बहुत मस्रूफ हो शायद
35:19मैं तो डर ही गई थी आए
35:23बस काम में कुम थी
35:24क्या तुम्हें कोई काम था मुझसे?
35:25बैटो बैटो, नहीं नहीं मुझे कोई काम नहीं था
35:28मैं बस तुम्हें देखने के लिए आया था
35:29वैसी ही क्या है?
35:32अभी तो खत्म नहीं हुआ, मत देखो
35:34लगता है कुछ बड़ा करने वाली हूँ तुम हा?
35:38यानि इंशाल्ला
35:40अगर वक्त पर पहुँच गई तो
35:42वो अली हमारी तंजीम की बाहर के निलामी है
35:44बस उसी के लिए काम कर रही हूँ
35:46हलाके मेरे पास कुछ चीजे थी
35:48लेकिन मैंने सोचा कि कुछ खास तैयार करूँ
35:50क्योंकि शोल स्टॉपर मैं हूँ ना
35:52तो मैं ऐसे देखकर मुझे वाग़ी बहुत अच्छा लग रहा है
35:55ये बड़ी बात है तुमने खुद को समभा लिया
35:56हाँ बस मैं कोशिश कर रही हूँ
36:00वो काम में मसरूफ रहना मुझे अच्छा लगता है
36:02दरसल हमने ऐसी तंजीमों में शरकत नहीं किया है ना कभी
36:06हम शहर में मुंतकिल हो गए हैं और हम वाके बेतालुक हो गए हैं सबसे
36:10हम सब जाएंगे और हमारा बेचा भी बड़ा हो गया है
36:13वो भी अपनी मा को देखकर खुश होगा
36:15नहीं अच्छा है बहुत अच्छा सूचा तुमने मगर मैं यह बताओ
36:18यह बर सिर्फ एक सवाल है यह जो कुछ भी तुम बता रही हो
36:23फरहाद की जंसी वगरा तुस सब में शामिल नहीं ना
36:26अली क्या तुम पागल हो गए हो
36:28मैंने यह सब कुछ तंग्जीम की लड़कियों के साथ प्लान किया है
36:31मेरे और फरहाद के दिम्यान अब क्या तालुक हो सकता है
36:33अल्ला करे कि मैं फरहाद को दुबारा कभी अपनी जिंदगी में न देखो
36:37ठीक
36:39शलो गुड़नाइट
36:58कर लंच प्रेक में ठीक है न छीक यह अच्छ एक बात बताओ
37:06तुम्हें डर है कि मैं नहीं आओंगा तुम्हारे साथ
37:09नहीं मुझे पूरा यकीन है कि तुम जरूर आओगे
37:11फिर मिलेंगे
37:13फदा चैस
37:14या मेरे अल्ला मुझे सबर दे
37:28क्या वर्डर गई तुम क्या
37:36ऐसे आकर खड़े हो जाओ के तुम क्या करूंगी फिर मैं
37:40हाँ जिस तरह उसे खुदाफिस कहने में तुम मसरूफ थी
37:43तो तुम्हाला ऐसा डर्णा तो मामूली सी बात है
37:44और अगर तुम पीछे से पानी भी फेकती तो क्या मैं कुछ कहता तुम्हें
37:47हरी गेज नहीं क्योंकि वो आदमी माशालला पानी की तरह रोजाना आता है
37:50और रोजाना चला जाता है
37:51इसके इलावा हमारे पास बात करने को कुछ नहीं है क्या
37:54अच्छा तो ऐसा है
37:56लेकिन अभी तक तुम आ ने कुछ कहा है नहीं
37:58हमने तो बात अभी शूरू ही नहीं की
37:59हाँ
38:01हमारी एकी बात है
38:04हाँ एकी बात और वो तुम हो
38:05आकर हो क्या रही है
38:06क्या मतलब मेरी जान
38:09फ्यान अभर से वो हरकते शुरू मत करना
38:11देखो
38:13ये चो तुम्हारी अजीबों गरीब हरकत है और तुम्हारा ये रवई है
38:16मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा तो बंद कर दो ये सब को चब
38:18और मतलब क्या है सब का
38:20अचानक से ये दौमन हो जाना और अचानक से मेरी जान
38:22तो क्या मैं खुल कर बात करूं तुमसे
38:25ये ही चाता हूँ मैं तुमसे करो सुन रहा हूँ
38:28मैं तुम्हारे गिर घुम घुम कर ठक चुकी हूँ अली
38:30जबसे मैंने तुम्हें जाना है ना
38:34अपनी जिंदगी को तुम्हारी जिंदगी में ठाल लिया है
38:37अच्छा हो या बुरा, सही हो या गलत, जो करती हूँ तुम्हारे लिए करती हूँ
38:41हाँ तो मेरे लब और है भी कौन तुम्हारी जिंदिगी, मेरी भी हर चीज तुम्हारे लिए तु है
38:45तुम एक बाप हो, इस लिए तुम पहले मर्ट के लिए जीते हूँ
38:50तुम्हारी एक बड़ी जिम्मधारी तुम्हारा खान्दान है
38:53बढ़किस्मदिती से इसमें अलीना भी शामिल है
38:56तुम उन्हें संभालते हो
38:58यानि मैं कह सकती हूं कि तुम्हे खान्दान के लिए जीते हूं
39:02हाँ और कह भी सकते हैं कि कमपनी के लिए दी
39:05एक बड़ी कंपनी
39:06कितने लोगों को तंखा दीते हो?
39:08हजार?
39:09सत्रा सो एक तालिस तकरीब है
39:10सत्रा सो एक तालिस
39:12और उन सब लोगों में एक मैं भी हूँ
39:15यार खुदा के वास्ते तुम कहना है क्या रही हूँ
39:17मुझसे खुल कर बात करो रही की दफ़ा
39:18सुन तो रहूँ में
39:19देखो
39:20रुमैंटिक लाइफ को बेक तरफ रख देते हैं
39:23अपनी जिंदगी में कही आम चीज़े हैं
39:25जैसे के कामपनी के और मेरी जिंदगी के अली
39:27मेरी जिंदगी में और क्या है?
39:31मेरी जिंदगी में तुम्हारे लावा और क्या है अली?
39:33देखो, देखो जिस घर में मैं रह रही हूँ, इतने बड़े से घर में क्या है ये सब कुछ, मैं इस घर में क्यों रह रही हूँ, ये घर कितना बड़ा है कि इसकी जरूरत थी मुझे कभी, क्या मैं इस घर में कभी रहना चाहती थी, मैं सिर्फ तुम्हारे लिए, तुम्हा
40:03क्यों आमसा है यह सब कुछ मैं भी तो एक इंसान हूं ना मेरी भी तो कोई फीलिंग्स है मेरी जिंदेगी हवेशा क्यों तुम्हारे गिर्ट घुमती रहती है हां यार तो अगर ऐसा है तो उसमें घलत क्या है तुम्हारी जिंदेगी मेरे गिर्ट घुम रही तो उसमें घल
40:33तज़र्बा करके, तज़र्बा करके, तज़र्बा करके, तज़र्बा, चलो बहार निकले इन बातों से, क्या कहा तुमने?
41:03साफ कह दिया, कि मैं अब मदारी नहीं बन सकती, मेरी अपनी भी एक जिन्दगी है, क्या मेरी लगता जिन्दगी है, लेकिन इसका क्या मतलब है, बार बार बार बताने का क्या मतलब है, ये जुमले मेरी समझ में नहीं आते, तुम ज़रा सोचो, कि तुम्हारे गिर्ट घुम
41:33मेरे भाई उसकी फुजूल की बातें बिल्कुल नहीं समझ जा रही है
41:35यहां के लोग क्यों गिर्वाए उसने हैरते मुझे यार एक दिन मैंने उससे पता है क्या कहा था
41:40नूर साहबा यह जितनी मी मुश्किलात है मैंने खुद अपते सर पर डाली इन से मैं वजी दो और नहीं लडूँगा अब
41:44और देख लो मेरी यह कहने का सर पड़ा कि वो भाग रही है मुझसे इतना अजीब बिहेवियर मुझे समझ नहीं आ रहा है उसका और नहीं खुलकर बात कर रही है वो
41:50तुम क्यों खामोश बैटे हो खुदा के लिए कुछ तो बो जाहिद क्या है यह आकर सब है क्या
41:55यार मुझे क्या पता मेरे भाई यानि मैं क्या तुम दुनों की दर्मियान तरज्वान लगा बठा हूं
42:01तुम खुद उससे बात करन list कर नहीं रहा है और आकर मुझे कह रहा है क्या तरज्वा करूँ वो ओरते मेरी समझ में आती तो क्या बात होती
42:06ओहो
42:07देखो मुझे सब हैं मालूम
42:09मैं सब कुछ अची तरह समझ रहो है
42:11जो दोनों टेनर पर गयत रहा
42:12उसके बाद सही हुआ ही है सब कुछ
42:13वो जहीर बच्चा कुछ ज्याद ही हुशियार बन रहा है यहां कर
42:15यानि उसको
42:16यानि मेरे और नूर से मिलने से ऐसी कौन सी जलने
42:19जो को आग लगा रहा है हम दोनों के दर्मियान
42:20मुझे हिप्नोटाइस करने का सूच रहा था वो
42:22हिप्नोटाइस यार जाहिद
42:23वो रोज कुछ नया करता है
42:24नहीं नहीं
42:25अब तुम कुछ ज़्यादा ही ओवर हो रहे हो मैं तो बस
42:27ओहो
42:31बहन का फूर आ रहा है
42:33मुआरे बहन कॉल कर रही है
42:36तो क्या हम उसका ख्याल नहीं रखेंगे मेरे भाई
42:38हाँ
42:39हाँ रखना चाहिए अबे
42:41जी बोलो महनूर
42:43मैंने काम कर दिया
42:44ठीक है
42:47अच्छा सुनो
42:56ये जल्दी नहीं हो गया
42:57नहीं तो क्या मैं इंतजार करती
42:58नहीं नहीं ऐसी बात नहीं कर रहा है
43:00अच्छा कब और कहां आये गा Ben
43:02क्या आपको यकीन है कि
43:04आप ये काम कर पाएंगे मुश्किल तो नहीं
43:07क्यों तुमें शाक भरोसा नहीं है
43:09ने नी मेरा मतलब कि आपको ऐसे कामों का तजर्बा नहीं है न हम अली को बता देते हैं
43:14अरे अली से क्या तालुक है इसका आखर मैं भी तो अली का भाई हूं बलके बड़ा भाई हूं उसका चलो तुम त्यार हो जो मैं बस अभी तुम्हें पिक करने आ रहा हूं
43:22ठीक है अल्ला करें सारा काम चीक से हो जाए बहाई हूं मैं सबसे बड़ा भाई हूं मैं और अब बड़ा भाई बनने का वक्त आ गया है
43:45अनूर जी कहें जायद सारा जा रहा हूं मैं क्या वाकी में क्या वापस आएंगे आप आफिस में हाँ
43:53नहीं मालूम मुझे कुछ जुरूरी काम है देखेंगे क्यों आज मेरा कोई अहम प्रोग्राम तो नहीं था
43:57प्रोग्राम मैं लांज प्रेट में चली जाओंगी मैं सोच रही थी कि मैं वो ठीक है ठीक है बेशक चली जाना कोई मसला नहीं चलो बार देखेंगे वहां देखो समान समेट रही है अपना मैं तो हैरान हूँ इसे काम पर आकर रखा ही क्यो है अहे दफा करो यार दो दिन
44:27मूर साहिबा लबता है फिर कोई अमर्जनसी हो गई है लांज प्रेक में तो अभी आदर खंडा बाकी है किसी जरुए काम से जा रही होती है ये तो हमें पता है आप हमेशा जाही रही होती है जाहिद साब से जाज़त ले चुकी हूँ मैं समझकी तुम अपने अली साब से
44:57अब अब आफ आफ अब आफ आफ मैं निकल रहे हूं लेकि तुमने तो लेंच ब्रेक में कहा था
45:26वो में चल्दी फ्री हो गई ना बस ठीक है आजो अब तुम भी वहीं
45:30बहुत एकसाइटेट हो
45:32ठीक है तुम गाड़ी में वेट करो मैं भी आता हूँ
45:35ठीक है
45:35ये
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