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  • 1 day ago
Transcript
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00:30इन सब में कुछ न कुछ तो सम्बंद है।
01:00कि तुम उस मनी का तेज अपने अंदर समा पाए।
01:04वरना कोई आम इनसान इसको छूबी नहीं पता।
01:09ये सब आपस में जुड़े हैं बालक।
01:13क्योंकि अब मेरा समय आ चुका है।
01:15कि मैं मेरे प्रभूश्री राम से किये गए उस वादे को पूरा करू।
01:22मैंने कितने साल इस समय की प्रतीक्षा की है।
01:26और अब मेरी प्रतीक्षा पूरी हुई।
01:30लेकिन वो राक्षस है कौन।
01:32कली।
01:33कल युग का कली।
01:35झाल
01:36कली।
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