पटना में जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर से पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह की मुलाकात हुई। ज्योति सिंह ने चुनाव लड़ने की कोई बात नहीं की, बल्कि अपने साथ हुए अन्याय और परेशानियों के खिलाफ अपनी बात रखी। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह मुलाकात सिर्फ सामाजिक जिम्मेदारी और सुरक्षा के मद्देनज़र हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी परिवारिक मामलों में शामिल नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर सुरक्षा और मदद के लिए तैयार है।
00:00इनोंने चुनाव लड़ने की कोई बात नहीं करी है। चुनाव लड़ना, इकट पाना, मुझे ऐसा जो बाक्षित से लगा ये उनका उदेश से नहीं है। और उसको लेकर कोई बाक्षित नहीं हो रही है।
00:14इनको जो लग रहा है कि इनके साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। उसमें ये चाहती हैं कि इनके साथ जो हुआ कम से कम विहार की दूसरी महिलाओं के साथ नहीं हो आपको या आपके साथियों को अगर कोई डर लग रहा है तो आप बिल्कुल जानिए कि जनसराज पूर
00:44यह कोई बात है। आपके घर की महिला आपकी बेटी, आपकी वहन, आपकी पत्नी ठिकत पाने के लिए आपसे धगड़ा खरने लगेगी। बिहार की कोई भी महिला या कोई भी सहरी, कोई भी पूरुस।
00:56अगर उसको लगता है कि हमारे पास आने से, हमारे सामने बात रखने से उसको कुछ मदद मिल सकती है,
01:02तो हम सुनने के लिए बैठे हुए यहां पर.
01:04ये पिहार के एक सहरी के तोर पर, एक महिला के तोर पर यहां आई है,
01:10हम लोग उदेज सिंग जी जो पाटी के प्रेसिडेंट है
01:14किशोर कुमार परना जी और फिर सर्मा जी
01:17मैं चार लोग हम लोग इनकी बातों को हम लोगों ने सुना है
01:22सबसे पहले तो इनोंने चुनाव लड़ने की कोई बात नहीं करी है
01:27चुनाव लड़ना, इकट पाना, मुझे ऐसा जो बाक्षीत से लगा ये उनका उदेश ये नहीं है
01:35और उसको लेकर कोई बाक्षीत नहीं हो रही है
01:39ये बाक्षीत इन्होंने बस इतनी रखी है कि इनके साथ, इनके सब्दों में
01:45क्योंकि मैं तो जानता नहीं हूँ, हम लोग कोई वोट न्याले तो है नहीं
01:50लेकिन इनको जो लग रहा है कि इनके साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है
01:55उसमें ये चाहती हैं कि इनके साथ जो हुआ, कम से कम विहार की दूसरी महिलाओं के साथ नहों
02:04आपके बेटी बहन के साथ नहों, ये चाहती हैं कि जन्शुराज से इनको मदद विले, जन्शुराज इनके साथ खड़ा हो
02:13तो एक मट्रुकी मैंने इनको आस्वस्त किया है
02:17कि जो आपका परिवारिक मामला है, वो चाहे किसी का परिवारिक मामला हो
02:24उसमें जन सुराज या पसान की सोर की ना भूमिका कभी थी ना कभी आगे हो सकती है
02:28लेकिन अगर आपको सुरच्छा को लेकर या लोग कांतरिक जो मुल्य हैं
02:34इसमें हर नागरिक को हर सहरी को अपनी बात कहने का अधिकार है
02:37उसके लिए आपको डरने की ज़रुवत नहीं है
02:40आपको या आपके सात्यों को अगर कोई डर लग रहा है
02:44तो आप बिल्कुल जानिये की जन सुराज पूरी तरीके से आपके साथ ख़़ा रहेगा
02:49आप अपनी लडाई लड़िये नयापून तरीके से लड़िये
02:54आपस में आरोप प्रत्यारोप से नहीं होगा
02:57आप नयापून तरीके से अपनी लड़ाई लड़िये
03:01जो बात आपकी सही है उसके साथ हम लोग ख़़ए रहेंगे
03:04आपको कोई डराय नहीं कोई बुल्डोज न करें
03:07उसके लिए हम लोग इनके साथ ख़़ए है
03:09फिर वही बात अपनी कहने आई थी पावन सिंग्जी भी हमारे मित्र है
03:24पहले भी बात हुई है आज नहीं हुई है पावन सिंग्जी भी हमारे मित्र है
03:32बात करें उसे हैं हम क्यों हमारा देखिये उनका जो परिवारिक मामला है उस पर हम कुछ नहीं बोल सकते हैं
03:39नहीं हम पंचायत करते हैं उनकी पतनी अगर यहां आई है तो मेरी यह सोशल रिस्पॉंसिबिटी समाजी रिस्पॉंसिबिलिटी है
03:51कि पवन सिंग जी की पत्नी अगर यहां आई हैं तो मैं उनसे मिलू, उनसी बात मैंने सुनी, इन्हों ने ऐसी कोई बात कही नहीं, इन्हों ने कुछ मेरे से मांगा नहीं, इन्हों ने सिर्फ इतना कहा, कि अगर आपके बहन के तोर पर मेरे साथ अन्याय हो रहा है, तो आप
04:21तो मैं आप शनी एक मिनट, आप लोगों से भी आगरा कर रहा हूँ, किसी के घर की महिला के बारे में, किसी भी महिला के बारे में इस तरह का मोटीव करना, यह इसलिए कारे, टिकल पाने के लिए लोग अपना पर घर परिवार बुजारेगा कोई, यह कोई बात है, आपके घ
04:51इनका जो इनका जो मसला है वो चुनाओ के समय नहीं शुरू हुआ है वो पिछले दो-तीन साल से जो इन्होंने बताया पिछले दो-तीन साल का मसला है
05:06मेरे भाई अगर चुनाओ लडने का मन इन्होंने बना लिया तो वो उनका निर्ने है वो जन्सुराज का निर्ने है
05:21ठीकट यो हे बसांद के सोन खड़े होकर नहीं बाठते उसकी एक प्रक्रिया एक मेरे पास यह आी है बिहार की कोई महिला आसकती है जिसको लगता है
05:31कि उसको मेरे से कुछ मदद मिल सकती है वा सकती है तो ये भी आई है
05:34अगर कोई भी महिला बिहार की कोई भी महिला या कोई भी सारी कोई भी पुरूस
05:49अगर उसको लगता है कि हमारे पास आने से हमारे सामने बात रखने से
05:53उसको कुछ मदद मिल सकती है तो हम सुनने के लिए बैठे हुए यहां पर
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