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  • 10 hours ago
तालिबान के मंत्री मुत्ताकी की जयशंकर से मुलाकात के क्या हैं मायने?

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00:00तॉ तॉ तॉ तॉ तालिबान के विदेश मंत्री इसम भारत की दोरे पर हैं अमीर खान मुंत्र की जब भारत Turkish
00:13जब भारत आये हैँ हलाक आपको भी बता देग्暉क भारत को भारत देने आने डी दिये ।
00:17है लेकिन अफगानिस्तान के साथ भारत के रिश्ते हमेशा
00:20से बेहतर रहे हैं और UTS-MM AMERICA के छोड़ के जाने के
00:24बाद Taliban की वहां तरिम सरकार है और उस Taliban सरकार
00:27के साथ भारत के रिश्ते जो हैं धीरे-दीरे दीडे
00:29अफगानिस्तान में भारत का निवेश है और उसी निवेश को देखते हुए जब तालिबान के विदेश मंत्री मुंत्षी वाहर दौरे पर आए हैं तो उनके साथ संबंदों को आगे क्या एक कदम आगे बढ़ता है तालिबान के सरकार को मानिता देने के लिए क्या ऐसा हो�
00:59एक रिपोर्ट के जरी आपको समझते हैं, समझाते हैं पूरी स्थेती को
01:29पंदरा अगस्ट दो हजार इकीस ये वो तारीक थी जब इस्लामी कटरपंथी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर कबज़ा कर लिया
01:42तालिबानियों ने ना सिर्थ अफगान सरकार को खाड़ फेका, बल्कि अमेरिकी सैनिकों से भी अफगानिस्तान को खाली करवा लिया
01:48उस समय ऐसा लगा था कि अफगानिस्तान के दरवाजे भारत के लिए बंद हो गए हैं
01:52भारत को अपना काबूल दूतावास और अफगानिस्तान के दूसरे शहरों में मिशन बंद करना पड़ा था
01:57लेकिन ये सारी आशंकाएं गलत साबित हुई और दोनों देशों के बीच रिश्टे एक बार फिर मजबूती की तरफ बढ़ रहे हैं
02:04अगस 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान के विदेश मंतरी आमिर खान मुत्तकी एक हफ़ते की आत्रा पर भारत आये हैं
02:12इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर हूप वाइरल हो रहा है जिसमें एक तालिबानी अधिकारी अफगानिस्तान के एक चेक पॉइंट पर भारतिये से पहले कागजात मांगता है
02:21लेकिन जैसे ही भारतिय कहता है कि वो इंडिया से है, फिर तालिबानी अधिकारी भारतिय का पासपोर्ट भी नहीं देखता, बलकि वो कहता है, no problem, no passport, no इजाजत मामा, इंडिया अफगानिस्तान बिरादर
02:51अब यहीं से नई कहानी की शुरुआत होती है, सबसे पहले तो आपको बता दें कि तालिबान के विदेश मंतरी आमिर खान मुतकी सीधे रूस की आतरा से होते हुए भारत आये है, और बड़ी बात यह है कि भारत ने अमेरिकी राजपती डॉनल्ड टरंप की उस योजना का �
03:21आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को मॉसको में मॉसको फॉर्मैट कंसल्टेशन की बैठक हुई थी, जिसमें भारत, अफगानिस्तान, एरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उस्वेकिस्तान के प्रतिदी शामिल थे
03:35मुस्को फॉर्मेट के बयान में कहा गया किसी भी देश को अफगानिस्तान या उसके पडोसी देशों में अपनी सैने सुविधाय बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए
03:44क्योंकि ये शेत्रिय शांती और स्थिर्ता के लिए ठीक नहीं है
03:47यानि तालिबान के सपोर्ट में एक साथ नौदेश सीधे सीधे डॉलर्ड टरॉम्प के खिलाफ खड़े हो गए है
03:54वो भी उस वक्त जब डॉलर्ड टरॉम्प बार बार एक ही रट लगाय हुए है
03:59कि उन्हें अफगानिस्तान का बगराम एर बेस वापस चाहिए
04:02ट्रॉम्प ने 18 सितंबर को भी बिटिश पीम कीव स्टार्मर के साथ प्रेस कॉन्फरेंज में कहा
04:07कि हमने बागराम तालिबान को मुफ्त में दे लिया अब हम इसे बापस लेंगे
04:32और तो और ट्रॉम्प ने अपनी सोशल मीडिया साइट टूथ सोशल पर भी लिखा
04:38अगर अफगानिस्तान बगराम नहीं देगा तो बुरा अंजाम होगा
04:42ऐसे में तालिबानी विदेश मंतरी का भारत आना और भारत का बगराम एरबेस पर तालिबान का सपोर्ट करना
04:49सीधे सीधे डॉनल्ड टरॉम्प को आँखे दिखाने जैसा है
04:51अब आपको बताते हैं कि आखिर टरॉम्प क्यों बगराम एरबेस को किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं तो सुनिए
04:58बगराम एरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे बहत्वपूर्ण सैने ठिकाना रहा है
05:04यह अफगानिस्तान के सेंटर में हैं जहां से पूरे देश में आसानी से ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं
05:09साल 2001 में तालिबान शासन गिरने के बाद अमेरिका और नैटो सेनाउं ने बगराम को अपना सबसे बड़ा बेस बना लिया
05:16यहीं से अफगानिस्तान में आतंकबाद विरोधी और सैने अभियान चले थे
05:19यहां लंबा रनवे, एर टाफिक कंट्रोल और मरमत सुविधाय थी
05:23अमेरिका के लड़ाकों विमान, डोन और हेलिकॉप्टर यहीं से उड़ते थे
05:27बगराम में एक बड़ा डिटेंशन सेंटर भी था जहां अतंकी और संदिक्ट कैद किये जाते थे
05:31और 2021 में जब अमरिकी सेना ने अचानक इसे खाली किया तो यह तालिबान की बड़ी जीत मानी गई
05:39बगराम से अमरिकी सेना की वापसी जो बाइडिन सदकार के समय हुई अब टरम्प बाइडिन सदकार के इस पैसली की तंगड़ी आलोशना करते हैं
05:47और कहते हैं कि हम होते तो कभी बगराम को नहीं छोड़ते
05:51और इसका कारण है कि ट्रम्प बगराम एरबेस से चीन की निगरानी करना चाहते हैं
05:56तो अफगानिस्तान के खानिज संसाधरों तक भी पहुचना चाहते हैं
06:17तो आपको वो तस्वीरे भी याद रूमी की लोग जहाद में लटक करके जाना चाहते थे
06:34ऐसी स्थेती की भारत को अपने उतावास बंद करने पड़े थे
06:37अब एक बार भारत और अफगानिस्तान के रिष्टे जब बहतर हो रहे हैं
06:40तो उसमें मुश्किल सबसे ज़्यादा पाकिस्तान को हो रहे है और इसलिए बीती शाम जो काबूल में धामाको की खबर चुनाई पड़ी है
06:45तो ऐसे स्थिति में जब अफगानिस्तान में हम एक नया बदलाव देख रहे हैं
07:05अफगानिस्तान और भारत के बहतर रिष्टे देख रहे हैं तो क्या पाकिस्तान और अमेरिका के लिए एक सरदर्ब्त साबित हो सकता है
07:12एक वक्त वो भी हमें दिखाई पड़ता समझ में आता है
07:18जब अफगानिस्तान की जो सरकार थी
07:21अमेरिका ने वहाँ हमला किया
07:22सरकार को उखार वेका
07:24हामित करजई वहाँ पर आया
07:25अमेरिका वापस गया
07:26लोग लटक के जहाँ जो में अमेरिका भाग कर जाना चाहते थे
07:29और अब जब तालिबान का शासनत भागा एक वक्त था जब भारत को दूतावाज बंद करना पड़ा
07:34लेकिन आज उसके अगर तालिबान के जो विदेश मंतरियं भारत आ रहे हैं
07:38इन रिष्टों के माइने भारत के लिहाज से और खासकर इस पूरे इशिया च्छेतर में
07:43अगर देखें अमेरिका पाकिस्तान के नजरिये से तो इनके माइने क्या निकलेंगे
07:47बहुत मैटपून माइने हैं दरसल हमें समझना होगा कि तालिबान क्या बारत का दुश्मन है बिलकुल नहीं
07:56क्योंकि जब हमने देखा कि अगर अफगानिस्तान और बारत की बात की जाए
08:00तो सदियों से दोनों देशों के बीच मुझा खास तोर से तषकों से महतपून रिष्टे दोनों देशों के बीच रहे हैं
08:07जब ग्रियो चल रहा था अफगानिस्तान में तब पूरी तरह से बारत सरकार खड़ी थी अफगानियों के साथ
08:14हर तरक के मदद के लिए यहां तरक के मैं आपको बताओं आश्यतोश की सबसे बड़ी इमारत जो काबल में है संसद जो वहां का है वो बारत सरकार ने बनवाया था
08:25करीब 300 करोड रुपे खरिच करके और प्रधान मंतरी नरिंदर मोदी ने उसका उतकाटन किया जब अश्रफगनी की सरकार थी फिर जब अश्रफगनी की सरकार गरी अमरीका अफगानिस्तान छोड़के चला गया तब लग रहा था कि जो पहला वाला तालिबान का शासन है शा
08:55लोगों को आम माफिका की गोशना की और जितने भी युएस बेकर सरकार के फोजी थे या उसमें काम करने वाले लोग थे उनको उन्होंने वैलकम किया तो वो कही न कही एक बहुत बड़ा फैक्टर था और लोगों में जो बाई बना था तालिबान को लेकर खासतों से अफ
09:25तमागों, हमलों और गोली बारूद के लिए जाना जाता था लेकिन पिछले तीन साथ के दोरान पूरी तरह से जो वाईलनस है वो जमीन पर जीरो आ गई है ना ही डॉमेस्टिक वाईलनस अब हो रही है बहां पर और ना ही कोई आतंगवाद यहां तक कि I.S. I.S. जो की द
09:55बिना किसी उनके बदे कोई मदद के तो वो अफगानियों को एक एक को याद है और यही कारण है कि अगर इस वक्त भी हम बात करें जबकि तालिबान का वहां शासर चल रहा है जो चिकितसा है सबसे बड़े दो तीन हस्टाल वहां के तीन बड़े शहरों में हैं उन तीन हस
10:25पाकिस्तानियों के बारे में वो इतने इसान फरामोश नहीं होते हैं और उन्हें यह साब दिखा, जब युदमेक के दौरान भी में कई बार अफगानिस्तान गया तो वहां पर बिस अंदाज से भारतियों को पाकिस्तानियों के मकाबले में ने सर्फ इज़त की जाती है �
10:55जो कहीं न कहीं अफगानिस्तान को बड़ा जो पाकिस्तान को बहुत तिल मिला रहा है
10:59तो यही कारण है कि अगर हम देखें तो जो आज विदेश मंत्री के साथ शंकर के साथ बातित होनी है आमिर खान मुत्तकी की तो वो काफी महतपून है
11:09माना जा रहा है कि जिस अंदाज से पूरे परिस्सिवमन और बंदरा खास तरों से अगर हम बात करें चीना चीन के साथ इतनी दुश्मनी थी तब भी बारत ने व्यापार के हिद को लेकर कहीं न कहीं अमरीका के लिए एक चुनोती खड़ी कर दीगी
11:25क्योंकि हमारे पडोसी देश है अफगानिस्तान भी कोई दूर देश नहीं पडोसी देशी है तो यह काफी महतबून है और अफगानिस्तान की को भी जरूरत है बारत के साथ बहतर रिश्टे करने की वो चाहता है बारत उसकी मदद करे और पिछले दिनों जो बूकम बहु
11:55मदद के लिए सामने आया थो आने वाले दिनों में खास तोछी जिस अंदाज से पाकिस्तान और भारत के बीच में खटास चल रही है आपरेशन सिंदूर के बाद उस बीच अफगानिस्तान का बारत के साथ बहतर रिष्टे बनाना काफी महतबून भी है और कहीं न कहीं पाक
12:25जो दरिश किया है तालिबान सरकार में अफगानिस्तान पाकिस्तान की दलील है कि वो तहरीक तालिबान के लड़ाकों को वहां पर हमला निशाना बना रहा था लेकिन हमेशा से तालिबान ने किसी भी तरकी इंटरिनल जिसको हम कहें कि अंदरूनी मुदाख खलत जो पाकि
12:55सुधार ना आएगा चला ना आएगा और इसमें हमें किसी भी देश की खास तो उसके पाकिस्तान की कोई भी जो है अंदरूनी इंटर्फेर्न जो है वो बरदाश नहीं है
13:04बहुत शुक्रीर आश्रफाने तमाम जनकारे के लिए जाहिर है अफ़्गानिस्तान और भारत के बीच जो सुधरते रिष्टे हैं उससे आसिफ मुनीर को भी दिक्कते हैं अमेरिका को पागिस्तान को सबको दिक्कते हैं लेकिन अफगानिस्तान की भी धूशिश है कि उस
13:34क्या मैं अफगानिस्तान की लोग हिंदुस्तान में काम करते हैं, भारत अफगानिस्तान के रिष्टे सांस्कर्टी के रूप से भी देखें, कल्चरल रूप से, सिनमा के रूप से देखें, तो दश्कों पुरान हैं, लेकिन एक बार एक ऐसा वक्त भी आया, जब अमेरिका �
14:04अफगानिस्तान की विदेश मंतरी भारत दोरे पर आएं, आप कोई भी बता दे कि मुत्तकी वही नेता हैं, जिन्होंने पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, उसकी खुलकर निंदा भी की थी, इस आतंकी हमले के बार, जो अपने आप पाकिस्तान और अमेरिका के लिए ब�
14:34चोड़ जाता को इस रिपोर्ट के साथ की कैसे बारत और अफगानिस्तान के रिष्टे लगातार बहतर हो रहे हैं, आप देखते रहेंगे आज तक.
14:40मीडिया रिपोर्ट के मताबिक टरंप की चेतावनी के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि बगराम को दोबारा लेना आसार नहीं होगा, इसके लिए दस हजार से ज्यादा सैनिकों की जरूरत होगी, लेकिन मॉसको फॉर्मैट के बाद टरंप की मुश्किले और ब�
15:10इसलिए उन्हें भारत आने के लिए विशेश चूट लेनी पड़ी है, उपर से भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मानिता नहीं दी है, अभी तक दुनिया में रूस एक मात्र देश है, जिसने तालिबान को मानिता दी है, ऐसे में पाकिस्तान के फील बार्
15:40जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी
15:43इसके कुछी दिनों बाद माई महीने में भार्तिय विदेश मंतरी डॉक्टर एस जैशंकर और अमीर खान मुतकी के बीच फोन पर बात हुई
15:50और अब पांच महीने बाद दोनों की दिल्ली में मुलाकात होनी है
15:54ऐसे में पाकिस्तान में भी मुतकी के इस दोरे की चर्चा जोरो पर है
15:58क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आतंकियों और उनकी गत्विद्यों को लेकर भी टक्राब चल रहा है
16:03आपको बता दें कि सितंबर में पाकिस्तान के प्रधान मंतरी शहबाद शरीफ में कहा था
16:08कि आज मैं अफगानिस्तान को साफ संदेश देना चाहता हूँ
16:11कि वो पाकिस्तान और टी टी पी यानि तहरीके तालिबान पाकिस्तान में से किसी एक को चुने
16:16वहीं अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के सभी आरोपों को बेवजह बताया
16:23विदेश मंतरी अमीर खान मुतकी ने 7 अक्टूबर को मौस्कों में हुई बैठक में कहा था
16:28अफगानिस्तान में कोई भी आतंकी संगठंध सक्रिये नहीं है और नहीं वो किसी पडोबसी देश के लिए खत्रा है
16:34देखिये पाकिस्तान में हमेशा एक zero-sun policy से खेलने की कोशिश करी है भारत के खिलाफ।
16:41अब पाकिस्तान के साथ पाकिस्तान के रिष्टे हमेशा से खटे और कड़वे रहे हैं जो अब और खराब हो चुके है
17:11अब आसे मुनीर, शहबाद शरीफ और पाकिस्तान में बैठे आतंक के आपाओं को भारत और तालिबान की नजदीकिया रास नहीं आ रही हैं क्योंकि पाकिस्तान को लगता है कि अब उसके आतंक पर लगाम आसानी से लग सकती है
17:23इस बीच पाकिस्तान से एक नया खुलासा सामने आया है
17:26नई वीडियो फुटेज से पता चला है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईसाई ने लशकर तयबा और इस्लामिक स्टेट को रासान प्रांग के बीच सीधा गड जोड कर आया है
17:35पाकिस्तान बुरी तरह से डरा हुआ है उसे लग रहा है कि अगर एक और आपरेशन से दूर हो गया और उसमें तालिबान का साथ मिल गया तो पाकिस्तान में आतंक का हात्मा तै है
17:45दिल्ली से पड़ाय उपाध्याय के साथ आज तक वेरो
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