00:00दोस्तों जब बाणों की सया पर भिश्व पितामा लेठी हुए थे उस समय वो ओम नमो भगवती वासुदेवाय के मंत्र का जब कर रहे थे इस मंत्र का अर्थ क्या है दोस्तों जानि आप मैं भगवान वासुदेव भगवान स्री कृष्ण को नमन करता हूँ मैं पूरी भक
00:30की उनिती और भगवान की क्रिपा पानी के लिए बहुत प्रभावसाली माना जाता है ओम नमो भगवती वासुदेवाय का जो मंत्र है इसका ध्यात्मिक महत्य क्या है इससे क्या हमें फैदा होगा इस मंत्र से आईए ये भी बताता हूँ आपको पहला मन की सांती और मांसि
01:00होती है यह मंत्र भगवान श्री किष्ण या वासुदेव की भक्ति को प्रकट करता है नियमित जब्त से आत्मा में इस्वर के प्रति लगाव और स्रधा बढ़ती सकारात्मक उर्जा का संचार ओम से ब्रमांडिय उर्जा का संचार होता है सरीर और मन में सकारात्मक उर्�
01:30जीवन की कटनाईयों में साहस और धैर अध्यात्मिक सुरच्छा या मंत्र भैक्ति को नकारात्मक सक्तियों गूरी नजर और दुर्भागी से बजाता है मंत्र का रहस्य इसे दिल में 108 बार या कम से कम 11 बार जपना सुभ माना जाता है जब करते समय दिल से भक्ति और श्र
02:00विचार आपके गलत नहों एकदम ध्यान आपका इसी मंत्र पे धरवान पे हो या मंत्र सिर्व संप नहीं बलकि इस्वर के प्रति पूर्ण समर्पन और प्रेम का मात्यम इसे नियमित उचारां करने से जीवन में सांति सक्ति सुरच्छा और अध्यात्मिक विकास आता है �
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