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समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपनी मुलाकात पर कहा कि मुलाकात में क्या था यह हमारे और (अखिलेश यादव) बीच की बात है जिसे हम सार्वजनिक नहीं कर सकते लेकिन हां, उनकी अपनी जिम्मेदारी थी और मेरी रिश्तों की जिम्मेदारी थी क्योंकि उस परिवार से आधी सदी के रिश्ते हैं।
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Transcript
00:00नौ तारीफ कल है
00:01ये बात भी एक दिन बात साफ हो जाएगी
00:06कि मैं कहा पलाइन करने वाला था
00:08या नहीं था
00:09अब हम डाल के पंची तो हैं नहीं
00:12कभी इस डाल कभी इस डाल
00:14इसे बनाया है अपने
00:17फून पसीने से सीचा है
00:20चार सरकारे बनाई हैं
00:22बहुत कुछ होने के बावजूद भी
00:24आदमियत जिन्दा थी
00:26अब हैवानियत भी जिन्दा नहीं है
00:29ये फर्क है
00:31उस एमर्जंसी में
00:33और इस अंडिकलेर्ट एमर्जंसी
00:35मुलाकात रही और पहले से
00:37मुलाकात की तिला भी थी आपको
00:40अब क्या रही
00:41ये हमारे रूंके बीच की बात नहीं
00:45उनकी अपनी अखलाखी जिम्मदारी थी
00:47और
00:49मेरी रिष्टों की जिम्मदारी थी
00:51झाँ
00:51क्योंके आदी सदी के रिष्टे हैं
00:56उस वरी वार से
00:56इस अमल ने
00:58उन अफ़ाहों को विराम दिया है
01:01अब क्या रही ये हमारे रूंके बीच की बात है
01:10साजनरी तो की नहीं जाएगी
01:13लेकिन हम
01:14उनकी अपनी अखलाखी जिम्मदारी थी
01:18और
01:20मेरी रिष्टों की जिम्मदारी थी
01:22क्योंके आदी सदी के रिष्टे हैं उस वरी वार से
01:27इस अमल ने
01:29पुन अफ़ाओं को विराम दिया है
01:32और
01:34नौ तारीख कल है
01:38ये बात भी एक दिन बात साफ हो जाएगी
01:42कि मैं कहा पलाएं करने वाला था
01:44या नहीं था
01:46अब हम डाल के पंची तो हैं नहीं
01:50कभी उस डाल कभी उस डाल
01:52इसे बनाया है अपने
01:56फून पसीने से सीचा है चार सरकारे बनाईए है
02:00अब देखिए ये उनका अंदाज उनका हिसास है लेकिन ये तो सच है ना
02:15कि फाउंडर मेंबर्स में मैं अकेला ही जिन्दा हूँ
02:18अज़िस महिने का ये समय अब बहुत यूशर पीरियड था और ये लाइफ का पाई ये किस तरीके से पूरे आप ये अवस्वणिया पल रहेंगे और ये जो आप उस वक्त जल्ड़ अवेंगोंटी में आप उस वक्त दी जीए और अब में क्या परता आपको लगता है कि �
02:48तक एमरीजिसी का उसके बाद 27 महीनों का उसके बाद 23 महीनों का लेकिन ये 27 और 23 महीने इतने भारी हैं कि एमरीजिसी का कोई जखम कोई याद नहीं है
03:10और उसकी वज़ा ये है कि बहुत कुछ होने के बावजूद भी आदमियत जिन्दा थी
03:17अब हैवानियत भी जिन्दा नहीं है
03:20ये फर्क है उस अमर्जनसी में और इस अंडिकलेरड अमर्जनसी में
03:40झाल
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