मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज घोषित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ₹31,0628 करोड़ का पैकेज ला रही है, ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके। इसके अलावा रबी फसल की बुवाई के लिए ₹10,000 प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त मुआवज़ा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि किसान एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े हो सकें और खेती में मजबूती से लौटें।
00:00बाड आई है उस बाड में करीब 65 से 68 लाक हेक्टेर जमीन पर जो किसानों की फसल थी वो फसल बरबाद हुई है किसानों को अपने पाव पर खड़ा करने की कोशिश करेंगे करीब करीब हम लोग 17,675 करोड रुपया क्रॉप कम्पेंसेशन दे रहे हैं जिसमें NDRF के नौम क
00:30करते हैं उनके लिए होता है और करीब 5000 से 10,000 करोड रुपया ये इंशूरंस के माध्यम से हमारे किसानों को मिलेगा सरकार किसानों के पीछे खड़ा रेकर उनको रभी के लिए और अगले सीजन के लिए खड़ा कर पाए इस दुरुष्टी से हमने इस पैकेज के निर्मार
01:00किसानों की फसल थी वो फसल बरबाद हुई है कई अलग अलग प्रकार से किसानों का नुकसान हुआ है कई मवेशी बह कर गए है कहीं पर घरों का नुकसान हुआ है कुछ इंफरस्ट्रक्चर का नुकसान हुआ है अलग अलग अलग प्रकार से जमीन उनकी बह गई है तो ऐ
01:30उपर खड़ा करने की कोशिश करेंगे इस दुरुष्टी से करीब करीब राज्य सरकार के ओर से 31,628 करोड रुपे का एक पैकेज हमने गोशित किया है इस पैकेज में जो जिनकी मृत्ति हुई है उनको मदद है जखमी है उनको मदद है जो हस्पिटलाइजड है उनको मदद
02:00जो घर गिर गए उनको नए सिरे से घर बनाने के लिए मदद करेंगे उसके साथ-साथ जिनका घर का थोड़ा नुकसान हुआ है उनको भी हम लोग कमपेंसेशन दे रहे हैं जो मवेश्यों को रखने के लिए शेड होता है उसके लिए भी हम
02:18कुम्हें अगर वो दूद्दिने वाला जानवर हो तो उसके लिए अग इंगे ल्ह inaccuris
02:27लिजान वकश़ेетр को अब नीरा के कशन लिखा करने का निरने लिया है और जहां पर चैनिप‡
02:47और अब खेती लायक जमीन नहीं बची, वहाँ पर सौइल लाना पड़ता है, मिट्टी लानी पड़ती है, उसके लिए 47,000 रुपया कैस कंपेंसेशन और 3,000,000 रुपया नरेगा के माद्यम से हम लोग देने वाले हैं, ताकि वो किसान आने वाले दिनों में वापिस सौइल �
03:1717,675 करोड रुपया क्रॉप कंपेंसेशन दे रहे हैं, जिसमें NDRF के नॉम के हिसाब से 8,500 रुपया हेक्टर जो ड्राइलान फार्मिंग करते हैं, उनके लिए होता है, जहाँ पर थोड़ी सीचाई है, सीजनल, उनको 17,000 रुपया और जहाँ पर सीचाई उपलब्द है,
03:47बरबाद हुई है, तो ये लोग रभी में वापिस फसल ले पाई, इसलिए 10,000 रुपया हेक्टरी ये एक्स्ट्रा कंपेंसेशन हम उनको दे रहे हैं, तो एक प्रकार से अगर हम लोग देखें, तो जो इरिगेटेड हमारे फार्मर है, उनके लिए जो ये कंपेंसेशन है
04:17अगर हम लोग कंजर्विट्व एस्टिमेट लग ले, तब भी इनको हेक्टरी 15,000 से 17,000 रुपय मिल सकते हैं, और करीब 5,000 से 10,000 करोड रुपया, ये इंशूरंस के माध्यम से हमारे किसानों को मिलेगा, तो उसकी भी वेवस्ता हमने की है, कुल मिलाकर अगर हम लोग दे
04:47अलग-अलग प्रकार की उपाई हम लोग कर रहे हैं, इसके साथ-साथ, नॉर्मली जब अकाल पड़ता है, उस समय जो उपाई-योजना की जाती है, उन उपाई-योजनाओं को इस समय हमने लागू किया है, उसी जियार को इसके साथ हम लोगोंने लागू किया है, तो जिसम
05:17कि ए तो उसमें तो कोई वसुली का सवानी नहीं उठता है तो ऐसे कई बच्चों के लिए उनके जो परिक्षा शूलख है उसमें छूट देना है यह सारे उपाये हम लोगों ने किया है कुल मिला कर हमारा यह प्रयास है कि जो हमारे किसान है उन किसानों को हम लोग अपने
05:34पहरों पर वापिस खळा कर पाए तेखे किसानों को जो मानसिक रूप से
05:39तकलिफ होती है जो आर्किक रूप से तकलिफ होती है वो दोनों 100% उसका
05:45compensation कोई कर नहीं सकता लेकिन कम से कम सरकार किसानों के
05:49पीछे खड़ा रहे कर उनको रभी के लिए और अगले सीजन के लिए खड़ा कर पाए इस दुरुष्टी से हमने इस पैकेज के निर्मार किया है
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