Nobel Prize 2025: 2025 के नोबेल पुरस्कार में फिजिक्स का सम्मान मिला अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों को, जिन्होंने कंप्यूटर की स्पीड को "गोली की रफ्तार" जैसा बना दिया! इनके काम ने कंप्यूटिंग की दुनिया में क्रांति ला दी है फास्टर प्रोसेसिंग, सुपरकंडक्टर्स और बेहतर AI टेक्नोलॉजी का रास्ता खुला। जानिए कौन हैं ये वैज्ञानिक और कैसे इनके शोध ने तकनीक को नई ऊंचाई दी। इस वीडियो में देखें पूरी डिटेल्स, नोबेल जर्नी और भविष्य पर इसका असर।
00:04अमेरिका के किन तीन वैज्ञानिकों को फिजिक्स के लिए नोबेल पुरसकार
00:10क्या क्या बदलेगा?
00:132025 का भातिकी का नोबेल पुरसकार अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों
00:18जोन क्लाग, मिशेल एच, डेवोरेट और जोन एम मार्टिनस को दिया गया
00:23उन्होंने ये समन लेक्ट्रिक्स सर्किट में मैक्रोसकॉपिक क्वांटम मेकनिकल टर्नलिंग
00:28और उचा क्वांटिकरन से जुड़ी पूच के लिए प्राप्त किया
00:31उनकी ये खोच बहुत ही महत्वापूर्ण माने जा रही है
00:35क्योंकि इस से ये साबित हो गया कि क्वांटम मेकनिक्स जोके अब तक केवल
00:39सुक्ष्मकरनों जैसे के लेक्ट्रोन और परमानों तक सिमित थी
00:43अब उसे बड़े पैमाने पर बनाया जाएका
00:45इंसानी उपकरनों जैसे की इलेक्ट्रोनिक सर्किट में भी प्रियोग में लाया जाएका
00:50इस खोच ने क्वांटम कॉंप्यूटर और सुपर कर्णिक सर्किट जैसे एक शेत्रों को और उनके लिए नए रास्ते खोल दिये
00:58ये तकनिके भविश्य में तेज शक्तिशाली और स्मार्ट कॉंप्यूटर बनाने में मदद करेंगी
01:03ये काम वैज्यानिकों द्वारा वर्षियों से की जा रही उस कोशिश का हिस्सा है जिसमें वे क्वांटम सर्थान को प्रियोग शाला से बाहर निकाल कर वहवारिक जीवन में लाने की कोशिश कर रहे हैं
01:14रोयल स्वेडिस एकेडमी ओफ सैंसिस ने इस पुरस्कार की भूषणा की और इसके तहट तीनों वैज्यानिकों को 11 मिलियन स्वेडिश क्रोणा लगभग 10.3 करोड भारतिया रुपाए एक स्वन्ट पदक यानिकी गूर्ड मेडल और एक प्रमान पद सेटिफिकेट मिले
01:44और बहुत छोटे स्थर की प्रक्रियाओं को भी देख पाएंगे देख सकते हैं, समझ सकते हैं और नियांदरित कर सकते हैं
01:52नोबेल समिती ने इसे विज्ञान की शेत्र में एक बड़ा कदम बताया क्योंकि अब हम मान सकते हैं कि क्वांटम दुनिया के नियम केवल सैध्धांतिक नहीं रह गए
02:01बल्कि प्रियोग और उपकरणों के जर्गे उन्हें रोजमर्रा की तकनीक में इस्तिमाल किया जा सकता है
02:06इससे पहले दोहजार चौबीस में भौतिकी का नोबेल पुरसकार दोअन्य वैग्यानिकूं जान जे हौफफिल्ड और जेफरी हिंटन को दिया गया
02:15उनका काम कृतिम बुद्धिमता यानि की एई आई और भौतिकी के मेल पर आधारित रहा
02:21जान हौफिल्ड ने हौफिल्ड नेटपक नाम का एक मॉड्योल बनाया
02:24जिससे कंप्यूटरों को जानकारी याद रखने और पहचानने की एक शमता मिली
02:28वहीं जेफ्री हिंटन जिनने अर्टिफिशल इंटेलिजेंस का गौड़ फादर कहा गया
02:33उन्होंने बॉल्च मैन मशीन नाम की तकनीक विस्प सिथ की
02:36जिससे कंप्यूटर खुद से सीखने में सक्षम हुए और उनके शोधरे
02:40नियूरल नेटवर्क और डीप लर्निंग दिशा में बड़ी करान तिला दी
02:44जो कि आज आधुनिक AI सिस्टम की नीव बन चुका है
02:48इस तरह से 2024 और 2025 के नोबेल पुरसकार दू अलग अलग
02:53लेकिन बेहत एहम क्षेत्रों AI और क्वांटम भौतिकी में किये गए
02:57एदिहासिक कारियों को सम्मानित है, सम्मानित किया गया
03:01ये दोनों ही क्षेत्र आने वाले समय में विज्ञान और तकनीक की दुनिया को पूरी तरह बदल सकते हैं
03:061901 से लिकर 2024 तक ये पुरसकार 118 बार 226 विज़ेताओं को दिया गया
03:13और 2025 में ये परंपरा आगे बढ़ाते हुए तीन और भी महान वाग्यानिकों के साथ जुड़ गई है
03:21तीन महान और ऐसे वाग्यानिक जिन्होंने दुनिया को सचमच कुछ खास दिया
03:26उनको सम्मानित करने के लिए ये नोबेल पुरसकार दिया जाना है
03:31बहराल आप देश दुनिया से जुड़ी तमाम बड़ी खबरूं अपडीट और जानकारी के लिए बने रहे वान इंडिया के साथ शुक्रिया
Be the first to comment