00:00भरतपुर की उपजाओ धर्ती अब केवल गेहूं सरसों या बाजरे तक सीमित नहीं रही यहाँ अब सेहद और सम्रिद्धी दोनों की फसल लह लहा रही है
00:16जिले के गाउं बहेनिरा के प्रगती शील किसान भीम सिंग राणा ने पारंपरिक खेती से हट कर दक्षन भारत के सुपर फूड पिंक रतालू की पूरी तरह जाविक खेती अपनाई है जिसे वे प्यार से कहते हैं भोजन का डाइनमाइट
00:32भीम सिंग भरतपुर जिले के पहले और एक मात्र किसान है जिन्होंने इस पॉस्टिक फसल को इस्थानिय मिट्टी में सफलता पूर्वक उगाने का साहस दिखाया है
00:42मेरे को बिचार इसका तबाया कोविड टाइम में मैंने क्योंकि समय था इसलिए वीडियो वगरा देखना यूट्यूब पर तो बामन ये कला एक गाओं है और यह पढ़ता है आपका रासामन में यह है अपना रतालू जिसको फिंक याम कहते हैं और इस रतालू को हम लोग
01:12जो इसमें मौजुद ना हो इससे हमारे हर्ट ड है कोलिस्ट्रॉल कंटल होता है वजन भी अपना कंट्रॉल होता है इसमें आप मांनके चलो बीटामीन सी है बीटामीन 5 है पार � tard है आपना जो हाँ आ मैंने सीम के और आपना जू है यहाम पोतेसियوم मेंगनेसियम तो ची�
01:42भीम सिंग ने रादसमंद से रतालू का बीज 5,000 रुपे प्रती कुइंटल के हिसाब से मंगाया और एक बीगे के चौथाई हिस्से पर इसकी खेती शुरू की इसमें किसी भी तरह का रासाइनिक खाद या दवा नहीं डाली गई केवल देशी खाद, वर्मी कमपोस्ट और �
02:12इसमें केवल एक खर्चा आता है अपना इस्टेक्चर बनाने का उसके लिए किसान दो चार बांस लगा ले जिससे इसकी बेल चड़ाने के लिए वह क्काम आता है अगर बांस भी नहीं है तो ढहँचा की जो लकड़ी होती है वह मारी अमूमन हर जगह हो जाती है तो उस प
02:42किसान भीम सिंग ने बताया कि इस फसल की खुदाई दो बार होती है नवंबर में जब इसे सब्जी के रूप में बेचना हो और फरवरी में जब बीच तयार करना हो राणा इस साल अपनी फसल का एक हिस्सा बीच के रूप में रखेंगे ताकि अगले सीजन में इसे बढ�
03:12उनका लक्ष है कि भरतपुर में भी जैविक रतालू की पहचान बने
03:16भरतपुर से एटीवी भारत के लिए श्यामवेर सिंग की रिपोर्ट
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