Kartik Maas Kab Se Shuru 2025: कार्तिक मास अमावस्या से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तक चलता है। इस अवधि में प्रतिदिन स्नान का महत्व है, परंतु अमावस्या, पूर्णिमा, एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा का स्नान विशेष फलदायी माना गया है। कार्तिक स्नान का शुभारंभ (शरद पूर्णिमा के अगले दिन से): 8 अक्टूबर 2025, बुधवार कार्तिक मास का समापन (कार्तिक पूर्णिमा स्नान): 5 नवंबर 2025, बुधवार.Kartik Maas Kab Se Shuru 2025: Kartik Maas Start Date,Niyam,Snan Muhurat & Puja Vidhi
Kartik Maas Kab Se Shuru 2025: The month of Kartika begins on the new moon day and continues until the full moon day. Bathing every day is important during this period, but bathing on the new moon day, full moon day, Ekadashi day, and Kartika Purnima is considered especially fruitful. Commencement of Kartik Snan (from the next day of Sharad Purnima): October 8, 2025, Wednesday End of Kartik month (Kartik Purnima Snan): November 5, 2025, Wednesday
00:00मंगलम भगवाने विश्टनुहूं मंगलम गरुनध्धोजा मंगलम पुंडरी काक्षो मंगला ये तनोहरी प्यारे मित्रों जै शियराम जै माता दी मित्रों आज आप से चर्चा करते हैं कार्तिक इश्ट्नान प्रारंब कबशे हो रहे हैं सरत पूरिमा के दिन से कार्तिक �
00:30करने चाहिए इस विश्टे पे चर्चा करते हैं शूर्योदेश पहले उठना होता है किसी पवित्र नदी तालाप शरूवर में जाकर के इश्ट्नान करने की परंपरा बताई गई है यदि संभव हो तो ऐसा करना चाहिए यदि संभव ना हो तो भी सूर्योदेश पूर्�
01:00इस दोरान भगवान विश्ट्नु की पूजा, दीपदान, तुलशी की परिक्रमा, तुलशी को जल, राई, खटाई, प्याज, लहसुन और मांसाहार से पूर्ण रूपेण परहेच करना चाहिए
01:17कार्तिक मास कब से कब तक होता है, तो शरद पूर्णिमा से कार्तिक मास की प्रारंब होती है, और कार्तिक इश्ट्नान अर्थात कार्तिक पूर्णिमा तक यह पावन पर्व चलता है
01:33कार्तिक मास हिंदू कलेंडर के अनुशार आठवा महिना बताया गया है जो अंग्रेजी कलेंडर के अनुशार अक्टूबर या नौमबर में आता है
01:43इस दवरान क्या उपाय करना चाहिए
01:47पवित्र नदी में जा करके प्रति दिन इष्टनान करना चाहिए
01:51पहले नदी तालाप सरोर में श्नान करना, शंबव ना हो तो घर में ही गंगा जल मिला करके श्नान करना, तुल्शी मैया की पूजा करना, घर के पौधों में जल देना, घी का दीपक जलाना, सामकेश में तुल्शी मैया के पास में दीपक जलाना, परिक्रमा इत्यादी करना
02:21सुब माना जाता है भगवान विश्णू की पूजा भगवान विश्णू की बिसेश पूजा और अर्चना करने का भी समय कार्तिक का महना बताया गया
02:30जैसा मैंने आपको बताया आधिक जानकारी चाहिए आप संपर कर सकते हैं
02:38कार्तिक मास की कथा को जरूर स्रमण करिएगा और इसके साथ-साथ
02:42किसी भी तरह का कोई पूजन पार्ट एक गेनुष्ठान से रिलेटिव जानकारी चाहते हैं
Be the first to comment