बंगाल की खाड़ी में लगातार मौसम की बेरूखी देखने को मिल रही है. इससे आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में मछुआरे परेशान हैं. नावें बंदरगाह पर खड़ी रहती हैं और मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने नहीं जा पाते. एक मछुआरे अप्पन्ना ने बताया कि हमें मालिकों से एक रुपया भी नहीं मिलता. वे कहते हैं कि हम तुम्हें क्या दे रहे हैं? इस बार ज्यादा मछलियां नहीं मिलीं. इसलिए कोई कमाई नहीं हुई. हमारी आजीविका ऐसी ही है. हम गुजारा नहीं कर पा रहे हैं. बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं. बंदरगाहों पर वीरानी छाई है. मछुआरे और मछली पकड़ने के उद्योग से जुड़े दूसरे लोग रोजी-रोटी के लिए सरकार से वित्तीय मदद मांग रहे हैं.
00:00बंगाल के खाडी में लगातार मौसम की बेरुखी देखने को मिल रही है इससे आंध्रप्रदेश के विशाकपतनम में मछुवारे परेशान हैं नावें बंदरगाहा पर खड़ी जाती हैं और मछुवारे समुद्र में मछली पकड़ने नहीं जा पाते
00:30चुझे ऑड़ेवीरा आठके फिलले उडसो धरंटक वाइपो न तरल कर आंटक के वेडा से उते हैं और यह करंदी पोन्र लोई gefκंट शेट कोने इला अवारी है तरू ने अखान है
00:36foreign
00:48foreign
00:59personally
01:31मजवारे और मचली पकडने के उद्धियोग से जुड़े दूसरे लोग रोजी रोटी के लिए सरकार से वित्तिय मदद की मांग कर रहे हैं.
Be the first to comment