नई दिल्ली: 2025 को पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के दो साल पूरे हो जाएंगे. हिंसा में अब तक कम से कम 260 लोग जान गंवा चुके हैं. हालांकि अब राज्य में हिंसा काफी हद तक कम हो गई है, लेकिन कभी-कभार होने वाली घटनाएं शांति को भंग करती रहती हैं. हजारों लोग अब भी उस डर, दुख और अपने घरों को छोड़ने के गम को भुला नहीं पा रहे हैं जो उन्होंने झेला है.ये अब उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. हजारों लोग राज्य में ही अस्थायी तौर पर बनाए गए शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं.दो साल पहले अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हुए लोग अब अपने घरों में लौटने का इंतजार कर रहे हैं.यह भी पढ़ें- कनाडा की सत्ता में लिबरल पार्टी की वापसी, भारत से मजबूत संबंधों के पक्षधर मार्क कार्नी फिर से पीएम बनने के लिए तैयार
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