Cough Syrup Advisory : '2 साल से छोटे बच्चों को न दें कफ सीरप Health Ministry की एडवाइजरी
राजस्थान और मध्यप्रदेश में हाल ही में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबर सामने आई है. इस मामले के बाद राज्य सरकार ने सिरप की जांच की वहीं केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने कहा है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देना चाहिए.
Recent reports have surfaced of children dying after consuming cough syrup in Rajasthan and Madhya Pradesh. Following these incidents, the state governments have initiated investigations into the syrup, while the central government has issued an advisory. The government has stated that cough syrup should not be given to children under 2 years of age.
00:04बारा बच्चों की मौत के बाद सरकार ने जारी की एडवाईजरी
00:08जिहां MP के छिद्वाडा और आस्थान के भरतपुर वसीकर में किड्नी फेल से अब तक बारा मासूमों की मौत हो चुकी है
00:16कहा जा रहा है कि मौत की वज़ा कफ सिरफ है
00:19मासूमों की मौत का मामला पूरे देश में सुर्खियों में बना हुआ है
00:23इस बीच केंद्री स्वासमंत्रारे ने बच्चों में खांसे की दवा को लेकर एडवाईजरी जारी की है
00:28स्वासमंत्रारे ने सभी राज्यों के लिए एक एहम एडवाजरी जारी की है
00:31इसमें कहा गया है कि बच्चों को खांसी की दवा बहुत सोच समझ कर और सीमित रूप से दी जाए
00:37जैतर बच्चों में खांसी जुकाम अपने आप ठीक हो जाते हैं और इसके लिए दवा की जरूरत नहीं होती है
00:42दो साल से छोटे बच्चों को खांसी जुकाम की दवा बिल्कुल न दी जाए
00:46एड़वाजरी में आगे कहा गया है कि पांस साल से छोटे बच्चों को भी ये दवाएं आम तोर पर नहीं दी जाती है
00:52पांस साल से उपर के बच्चों को दवा तभी दी जाती है जब डॉक्टर ट्लिकल जाच करके ये जरूरी समझे
00:57वो भी कम मात्रा में, कम समय में और बिना जरूरी दवाओं के कॉंबिनीशन के साथ
01:02मंत्रारे ने कहा कि बच्चों की देख भाल में पहले घरेलू और गैर दवाई वाले उपाय किये जाएं
01:08वहीं बच्चों के कप सीरप देने पर भुपाल के शिशुरोग विशेशकी ने भी माना है
01:12कि चार साल से कम उम्र के बच्चों को कप सीरप नहीं देना चाहिए
01:16आए आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा
01:18कि नमस्ते मेरा नाम डॉक्टर राकिश मिश्रा है मैं शिशुरोग विशेशकी हूं मेरेकल ऑस्पिटल भुपाल में
01:28अभी जो दुर्भागिवश कुछ बच्चों की मृत्यू चिनवाड़ा जिले में हुई उस संदर्व में मैंने जो डॉक्टर से चर्चा किये और न्यूज को रिव्यू किया उससे यह समझ में आया मेरे कि
01:47कि इन बच्चों को काफी कुछ टाइम से करीब कुछ बच्चों को तो 15-20 दिन से सर्जी दुखाम था मतलब कुछ वाइरल इंफेक्शन चल रहा था इन बच्चों को और जब यह अस्पताल पहुंचे जिला अस्पताल तो इनकी तवियत काफी कराब थी
02:03और इनको जब पता लगा कि किड्नी इन इंफेक्शन और किड्नी इनकी काम नहीं कर रही थी इन बच्चों की और फिर इलाज के दौरान के पश्चाद इनकी मृत्त्य हो गई
02:18तो इसमें जो इन्होंने जब खोज की तो पता लगा कई सारे बच्चों के घर पे कुछ कफ सिरफ प्राप्त हुआ एक ही प्रकार का कफ सिरफ प्राप्त हुआ जिसके कारण यह संभावना जता ही जा रही है कि संभवता उसमें कोई ऐसा पतार था सामानिम दवाईयों के �
02:48तो नीठा बनाने के लिए ऐसी संभावना हो सकती है कि डायतलीन ग्लाइकॉल एक कथरनाक प्रकार का स्वीटनर है जो दवाओं में अगर हो तो किड्नी को डैमेज कर सकता है यह यह जांच का विशे है और सीमेंचो साब ने सिंद्वाडा के और प्रशासन ने उप्युक्
03:18कि बच्चों में खास्तोर से चार साल के से छोटे बच्चों में कभ सिरफ इत्यादी का उप्योग ना के बराबर करें डेक्स्ट्र में तो और फैन वाले कभ सिरफ चार साल के नीचे बेंड है और नाक की दवाई या भाप से और डॉक्टर की सलह से ही इलाज करें दवाई
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