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  • 1 week ago
Betaab is a 1983 Indian romance film written by Javed Akhtar, directed by Rahul Rawail and produced by Bikram Singh Dehal. The plot of the film was loosely based on William Shakespeare’s The Taming Of The Shrew. The film stars Sunny Deol and Amrita Singh in their debut roles along with Shammi Kapoor. The music was composed by Rahul Dev Burman. The inauguration of Betaab happened in 1981 in the presence of Dilip Kumar, Raj Kapoor, Dharmendra and Saira Banu. Betaab was a commercial success and went on to be one of the biggest hits of the year, emerging as the 2nd highest grossing Indian film of 1983.
Transcript
00:00ये फिल्म प्रेम और परिवार के बीच की सामाजे का समानता पर आधारित एक यादगार कहानी है।
00:30फिल्म का संगीत विख्यात संगीत का राहुल देव बर्मन ने रचा था, जो आज भी दर्शकों के बीच बहुत लोग प्रिय है। इस फिल्म का उदगाटन समारो वर्ष 1981 में हुआ था। उस समय भारतिय सिनेमा के कई बड़े और प्रतिष्टित चेहरे वहाँ उपस्तित �
01:00अधिक धन अरजित करने वाली भारतिय फिल्मों में दूसरे स्थान पर रही। इस फिल्म में केवल दो नए चेहरों को ही सफलता नहीं दिलाई, बलकि यह एक काल जई प्रेम कथा बन गई। दो युवाँ की प्रेम कहानी है, जो अपने परिवारों के बीच की सामाजिक �
01:30घाटी में रहता है, उनका घर उसी ने स्वयम अपने हाथों से बनाया है, ये घर एक बैती हुई छोटी नदी के किनारे एक छोटे से कस्बे के खेत मिस्तित है, ये द्रिश्य अतिंत सुंदर और प्राकृतिक लगता है, सनी के जीवन में ये सादगी हमेशा से नहीं थी,
02:00मित्रा का जीवन पूरी तरह बदल दिया, धन की दीवार और पुरानी मित्रता अविनाश का पूर शहर के सबसे धनी और प्रभावशाली विक्ती सरदार दिनेश सिंग गिर्जी के बहुत करीबी मित्र हुआ करते थे, दोनों की मित्रता बहुत गहरी थी, लेकिन जब सर�
02:30सरदार दिनेश सिंग गिर्जी की एक ही बेटी है, जिसका नाम रोमा है, रोमा को बचपन से ही बहुत लार प्यार मिला है, वो एक बिगड़ी हुई और अहनकारी योगती है, उसे हमेशा से यही आदत रही है कि उसके आसपास के सभी लोग उससे नीचे और कमतर हैं, वो �
03:00सामाजिक प्रतिष्ठा की खाई उनके बीच एक बड़ी दिवार बनकर खड़ी थी, कस्बे में नया आगमन कहानी में एक नया मोर तब आता है जब सरदार गिर्जी शहर से दूर, उसी कस्बे में एक नया घोडों का फॉरम खरीबते हैं, जहां सनी का खेट स्थित है, यह
03:30इतने सालों के बाद भी सनी तुरंत रोमा को पहचान लेता है, वो उस मासूम सहेली को याद करता है जिसके साथ उसने बचपन में खेला था, पर रोमा उसे बिलकुल नहीं पहचानती, वो उस सादे कपडो वाले गरीब युवक को अपने से दूर और अजन भी मानती है, �
04:00चुंकि दोनों के खेत और ठेकाने आसपास हैं, उनका आमना सामना होना एक निश्चित घटना बन जाती है, तकरार, पहचान और प्रेम का पुनरजन शुरू में हर मुलाकात एक जगड़े में बदल जाती है, रोमा का अहंकार और सनी का आत्म सम्मान आपस में तकराते है
04:30हिसा बनती है, ये तकरार, धीरे-धीरे, रोमा को सोचने पर मजबूर करती है, सनी का चेरा, उसका भोलापन और उसका आँखों में छुपा दर्द, ये सब रोमा के लिए कुछ परिचित लगते हैं, कई मुलाकातों और जगड़ों के बाद, रोमा को अचानक अहसास होता
05:00उनके बीच की दुश्मनी प्यार में बदलने लगती है, वे दोनों अपने बच्पन के प्यार और दोस्ती को फिर से जिन्दा करते हैं, वो पुरानी, मासूम नस्दी की, अब युवा प्रेम का रूप ले लेती है, प्रेम पर संकट और आगे की चनौती सनी और रोमा के �
05:30हाथ फैलाया हो और जो आज एक गरीब किसान की तरह जी रहा हो, सरदार गिर जी को जब इस प्रेम कहानी के बारे में पता चलता है, तो वो आक्रोशित हो उटते हैं, वो रोमा को सनी से दूर रखने के लिए हर संभव प्यास करते हैं, वो अपनी दौलत और ताक्त का उप
06:00जूद एक हो पाएंगे? फिल्म बेताब न केवल एक प्रेम कहानी है, बलकि यह इमानदारी, आत्मसम्मान और वर्ग भेत पर एक जोरदार टिपड़ी भी है, यह दिखाती है कि सच्चा प्रेम धन और प्रतिष्ठा से कहीं अधिक शक्तिशाली होता है, सनी देवल का ज�
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