जम्मू-कश्मीर की वादियों में इस बार फिर दशहरे की धूम गूंजने लगी है। श्रीनगर में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (KPSS) वर्ष 2007 से लगातार दशहरा उत्सव मना रही है, और इस साल भी तैयारियाँ पूरे जोश के साथ चल रही हैं। रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के भव्य पुतलों का निर्माण किया जा रहा है। रामलीला का मंचन होगा, पारंपरिक पूजा-पाठ के साथ आधुनिक साज-सज्जा का खास मिश्रण देखने को मिलेगा। यह पर्व अब केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि भाईचारे और सह-अस्तित्व का प्रतीक बन गया है। दशहरे के मौके पर अलग-अलग समुदायों के लोग एक साथ शामिल होकर यह संदेश देते हैं कि घाटी में शांति, सद्भाव और एकता की रोशनी हमेशा कायम रहेगी।
00:00जम्मू कश्मीर की गगन चुम्बी वादियों में इस बार दशहरे की गूंज कुछ और ही खास है
00:13श्री नगर में दशहरा उत्सव की तैयारियां जोरों पर है
00:16और सबसे दिल्चस्प बात ये है कि यहां दशहरा मनाने की परंपरा केवल आज से नहीं
00:22बल्कि साल 2007 से लगातार निभाई जा रही है
00:25कश्मीरी पंडित संगर्ष समिती यानि केपिएसस ने इस परंपरा की शुरुआत की थी
00:31उस समय शायद किसी ने सोचा भी नहीं था कि घाटी जिसे अकसर तनाव और सन्नाटे की तस्वीर के रूप में देखा जाता है
00:39वहीं पर राम लीला और रावन धन की आवाजें गूंजेंगी
00:42आज श्री नगर में दशहरा केवल एक त्योहार नहीं है बलकि यह एक संदेश बन चुका है
00:48भाईचारे, संस्कृती और सह अस्तित्वका
00:52यहां के स्थानिय संगठन मिलकर इस आयोजन को और भव्य बनाने में जुटे हुए है
00:58त्योहार का नजारा भी खास होता है
01:01एक तरफ पारंपरिक तरीके से पूजा, मंत्रोचारण और राम लीला के मंचन होते हैं
01:07वहीं दूसरी तरफ आधुनिक तरीकों से सजावट, रंग बिरंगी लाइट्स और युवाओं की भागिदारी इसे और आकरशक बना देती है
01:16रावन, मेघनाथ और कुम्भ करण के विशाल पुतले घाटी के आकाश को रौशन करने के लिए तयार किये जाते हैं
01:22कश्मीरी पंडितों के लिए दशहरा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बलकि अपनी जड़ों से जुड़ने और परंपरा को संजोकर रखने का माध्यम है
01:30इस बार भी परिवारों के साथ बच्चे रामायन के द्रिश्यों का मंचन देखते हैं और माबाप इस त्योहार को घाटी की नई पीड़ी को सौंपने में गर्व महसूस करते हैं
01:40अभी आप देख रहे हैं भी पूरे अभी जसनों स्टॉक पोंचा है क्योंकि अभी थोड़ा जो नैशनल हाइवे था उसमें थोड़ा प्राब्लम होती गाड़ रुकी थी लेकिन अभी आप पोंचे तो ठीक है शुकर उपर वाले का की टाइम पे पोंचा तो आज पूरी
02:10हमारा एक-एक सपोर्ट है जो पूने से हमें मिलता है पूने में गृूप है पूने पूने पूने बालन गृूप वो हमें पिछले तीन साल से इसमें स्पॉंसर कर रहे हैं और मैं उनका भी बहुत धन्यवाद करता हूँ यहां के अड्मिस्ट्रेशन का धन्यवाद करता ह
02:40हो चल रहे हैं तो होफिली सब कुछ ठीक होगा यह हमेश्य है शुर्ण कम् dementia
02:44परे भारिन स्टीगे तो यहां पे चल दी देंड है आप दिखा हमारे साथ &
02:48मुस्लमा नहीं एं जब तक मुस्लमा साथ नहीं हो जब तक कश्मीर मैं जो कश्मीर का
02:55लाई चाहरा है ना वो मेरे को नहीं लगता वरल्डे में कहीं पर होगा और
02:59उससे बेटर मिसाल जो कश्मीर में दिखती है और इससे बड़ी मिसाल तो ही बीर होगी तो हर साल होती है और कल भी
03:10करेंगे क्योंकि हमने लोकल रखा कोई यह पास वास कुछ नहीं यह फ्री एंट्री है तो उमीद है कि बहुत अच्छी खासी बीड होगी खासकर मैजार्टी कमुनिटी के मैजार्टी 99% मैजार्टी होती है इसमें एक दो परसंट हिंदू लोग होते हैं क्योंकि हम तो हमें �
03:40इसों बरदर हुडों और यह कमनल हार्वन हमें यहां पे नहीं चाहिए हमें बरदर हुड चाहिए और जो कश्मीर की जो बरदर हुड़े वो पूरे वर्ल्ड में मिसाल है तो उससे वही रहना चाहिए कश्मीर में
03:51स्थानिय मुस्लिम और अन्य समुदायों की भागीदारी भी इस आयोजन को और खास बना देती है
03:57यह तस्वीर साफ करती है कि त्योहार केवल धर्म का प्रतीक नहीं बलकि इंसानियत और एकता का उत्सव भी है
04:04यहां पर तो इनका दशेरे चार रहा है अब तो यह कल कम्सका अ� Koh 5 शे बजनाए जाये जाएगा
04:13रावन और हम तो हर साल इनके साथ आते हैं मदद करते हैं ये तो इनका पंड़ेजी का होता है यहां ये तहवार आप तो हम फी साल जो भी साल आता है हम हर साल इनके साथ मदद करते हैं मैं काजी गुन से आता हूँ यहां इनके लिए हलफ करने के लिए जी जी जी जी जी जी �
04:43बच्छन बच्छ खड़े रहते हैं जी हंज तो आज आप इसको बना रहे हैं आज दिन इनको बनाने लगेगा कल कम से कम बजे ये प्ट हो जाएगा तैर हो जाएगा फिर कल कम से कंप पंच छे बजे जला लेंगे राउन जी तो मिल जुल के हिंदु मुस्लिम जो भी यहां ह
05:13दशहरे के रंग श्री नगर की फिजाओं में एक नई खुशबू भरने को तैयार है
05:37घाटी का यह द्रिश्यर एक बार फिर पूरी दुनिया को बताएगा कि त्योहार दूरियाओं नहीं दिलों को जोडने का जरिया होते हैं
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