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Ravan Dahan Timing: Dussehra 2025 पर रावण दहन का सही समय और शुभ मुहूर्त जानना बेहद ज़रूरी है। विजयादशमी ( Vijayadashami) के इस पर्व पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रावण दहन शुभ मुहूर्त में करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इस वीडियो में जानें 2025 में दशहरा पर रावण दहन का सटीक समय, पूजा विधि और महत्त्व। सही समय पर रावण दहन करने से मिलती है विजय और समृद्धि का आशीर्वाद। वीडियो को पूरा देखें और अपने मित्रों के साथ ज़रूर शेयर करें।

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Transcript
00:00दशहरा पर रावर्ड दहन का शुभ मुहरत किस समय फूंके पुतला? पूजन का सही समय क्या है?
00:102 अक्टूबर 2025 को पूरे भारत में दशहरा यानि की विजय दश्मी का परव पूरी श्रधा और उत्सा के साथ मनाया जा रहा है
00:31ये परव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रदीक है और इस दिन सबसे प्रसिध प्रसंग भगवान श्री राम द्वारा रावण का वद है
00:42दशहरा के दिन रावण के पुदलों का दहन किया जाता है जो हमें याद दिलाता है कि चाहे बुराई कितनी भी बलवान हो अंद में जीत सच्चाई और धर्म की होती है
00:55पंचांके अनुसार इस वर्ष दश्मीति थी एक उक्टूबर को शाम साथ बचकर एक मिनट पर शुरू होकर दो उक्टूबर को शाम साथ बचकर दस मिनट पर समाप्त होगी
01:07यानि की दशहरा का पर्व आज 2 अक्टूबर को पूरे दिन शुब गार्टियों और पूजन के लिए उत्तम रहेगा
01:17दशहरा के दिन अस्त्रशर्ष्ट्र पूजन रावन दहन नई चीजें खरीदना बही खाते की पूजा और विशेश उपाय करने का महत्व माना गया है
01:27अस्त्रशर्ष्ट्र पूजन का शुब मुरत दोपहर एक बचकर 21 मिनट से तीन बचकर 44 मिनट तक रहेगा
01:36जिसमें लोग अपने आजार, हथियार या पेशे से जुड़ी चीजों की पूजा करते हैं
01:42मुख्य पूजन का समय दोपहर दो बचकर 9 मिनट से दो बचकर 56 मिनट तक है जो की कुल 47 मिनट का है
01:50और इस तोरान दीवी देवताओं का विशेश रूप से भगवान राम की पूजा की जाती है
01:57वहन या अन्य नई वस्तु खरीदने का उत्तम मुहरत सुबह 10 बचकर 41 मिनट से दो पहर एक बचकर 49 मिनट तक रहेगा
02:07रवण देहन का समय सुर्यास के बाद प्रदूश काल में होता है जो की आज शाम 6 बचकर 5 मिनट के बाद से शुरू हो जाएगा
02:17इसी समय रवण, मेखनाद और कुम्भकरण के पुतलों का देहन होगा
02:22पोजनवीधी की बात करें तो सबसे पहले सुभहसनान करके साफ कपड़े पहने, फिर गेहूं या चूने से दैशहरा की छोटी प्रतिमा बनाएं
02:32गाए के गोबर से नौगोले तयार करें और उन पर जो वद्दही लगाएं
02:38भगवान राम की जहांकी पर जो चड़ाएं और कुछ लोग विजय की कामना से अपने कान पर भी जो रखते हैं
02:46दो कटोरी गोबर से बना कर एक में सिख्ये और दूसरी में रोली, चावल, फूल, फल, वज़ो भरें, मूली, केला, गवारफली, गुड़ और चावल चड़ाएं
02:59इसके साथ ही धूब दीब चला कर पूचन करें
03:02जिन बही खाता और उसकी पूचा का विशेश महत्व है जिससे वर्ष भर आर्थिक स्थिर्ता बनी रहती है
03:10इसके साथ ही शमी के पौधे की पूजा कर शाम को उसके नीचे घी का दीपक चलाना शुब माना गया
03:17जिससे घर में सुख सम्रिद्धे आती है
03:20यदि कोई आर्थिक संकट से जूज रहा है तो इस दिन सुन्धर कांट या श्री राम चरितमानस का पाट करना बेहद लाबकारी माना जाता है
03:30दिश भर में ये पर्व विभन रूपों में मनाया जाता है
03:33कहीं राम लीला होती है तो कहीं दुरगा पूजा के समापन का दिन होता है
03:38ये पर्वधार में कास्था के साथ साथ संस्कृतिक एकता का प्रदीक है
03:44जो कि हमें साहस, धैर्या और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेर ना देता है
03:50अगरकर दशहरा के दिन शमुहरत का पालन करते हुए
03:54सभी आवश्यक पूजन, दान और संसकार करें
03:57रावन देहन के बाद अपने बढ़ू का आशिरवाद लेना ना भूलें
04:02जिससे आपके जीवन में सफलता, शान्ती और सम्रिधी का आवास हो
04:20झालन के बाद लेका आवश्यक पूलें
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