Dussehra 2025: लोग सुबह स्नान और ध्यान के बाद विधिपूर्वक भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं. इसी दिन रावण दहन की परंपरा भी है, जो यह दर्शाती है कि सत्य और धर्म हमेशा जीतते हैं. इसके अलावा, दशहरा के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने से जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली आती है. दशहरा हमें सिखाता है कि भलाई के रास्ते पर चलना और दूसरों की मदद करना जरूरी है.
00:00इस साल 2 अक्टूबर को विज़य दश्मी और दश्यरा मनाया जाएगा।
00:04सनातन धर में दश्यरा बहुत ही महतपून दिन माना जाता है।
00:07हर साल आश्विन शुकलेपक्ष की दश्मीतिती पर दश्यरा मनाया जाता है।
00:10इसी दिन मादुर्गा ने महिशा सुर नाम के दानव का सनहार किया था।
00:15भगवान राम ने दशारे के दिन लंका में रामण पर विजय हासिल की थी।
00:18इसलिए विजय अदश्मी पर बुराई पर अच्छाई की जीत के कारण रामण देहन की परंपरा है।
00:23साल दोहजार पच्छिस में सालों बाद दशारे के दिन दुरलत संयोग बन रहे है।
00:27पंचां के मुताबिक सुकर्मा योग, रवी योग और धृती योग का संयोग बन रहा है।
00:32इसके साथ ही उत्रा शाड़ा नक्षस्त्र और श्रमण नक्षस्त्र भी रहेगा।
00:36आईए जानते हैं इस दिन आपको क्या उपाई करने चाहें, जिससे घर में सुक, शान्ती और धन में व्रद्धी हो सके।
00:42लेकिन सबसे पहले जानते हैं दशारे के मुहरत क्या है।
01:06इसके साथ ही एक नारियल लेकर हनुमान चालिसा का दोहा, ना से रोग हरे सब पीरा, साथ बार पड़े, और रोगी के सिर के उपर से घुमा कर अंत में नारियल लाफन दहन में डालते हैं।
01:34ऐसा करने से बिमारियां दूर होती हैं।
01:36अगर आप कारुबार में तरकी चाहते हैं तो दशारे के दिन पीले कपड़े पहन कर नारियल मिठाई और जनेऊ किसी ब्रहमन को दान करें।
01:42इससे व्यवार में लाब और आर्थे की स्तिती मजबूत होती है।
01:46गुंडली में यदि शनी की साड़े साती या धहिया चल रही है तो दशारे के दिन शमी के पेड़ के नीचे तिल के तेल के ग्यारा दीपक जलाएं और प्रातना करें।
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