यह कहानी है एक छोटे बच्चे की, जो सोचता था कि भगवान केवल मंदिरों में रहते हैं। लेकिन उसके पिता ने उसे सिखाया कि सच्ची भक्ति भगवान को दिल से पुकारने में है। वह रोज़ अपने छोटे से दीपक के साथ भगवान से बात करता, और धीरे-धीरे उसका जीवन बदलने लगा।
💡 Moral: भगवान बाहर नहीं, हमारे अंदर हैं। सच्ची भक्ति वही है जब हम हर किसी में भगवान को देखना सीख जाएँ।
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